Gujarat Board GSEB Hindi Textbook Std 9 Solutions Chapter 8 गुलमर्ग की खिड़की से एक रात Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.
GSEB Std 9 Hindi Textbook Solutions Chapter 8 गुलमर्ग की खिड़की से एक रात
Std 9 GSEB Hindi Solutions गुलमर्ग की खिड़की से एक रात Textbook Questions and Answers
स्वाध्याय :
निम्नलिखित प्रश्नों के एक-एक वाक्य में उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
गुलमर्ग का भौगोलिक वातावरण कैसा है?
उत्तर :
गुलमर्ग ऊंचाई पर पहाड़ियों से घिरा हुआ ठंडा स्थान है।
प्रश्न 2.
लेखक ने गुलमर्ग के साथ व्यक्ति की आत्मीयता बढ़ने का क्या कारण बताया है?
उत्तर :
लेखक ने गुलमर्ग के अपार आकर्षण को उसके साथ व्यक्ति की आत्मीयता बढ़ने का कारण बताया है।
प्रश्न 3.
खिड़की के पास खड़ा लेखक बरसाती घटा को देखकर किस बात की प्रतीक्षा करने लगा?
उत्तर :
खिड़की के पास खड़ा लेखक बरसाती घटा को देखकर इस बात की प्रतीक्षा करने लगा कि वह (घटा) उस तक पहुंचे और उसे अपने में लपेट ले।
प्रश्न 4.
तूफ़ान के एकाएक रूक जाने पर लेखक को कैसा अनुभव हुआ?
उत्तर :
तूफान के एकाएक रुक जाने पर लेखक को ऐसा अनुभव हुआ जैसे उसका दम घुटने लगा हो।
प्रश्न 5.
लेखक को किस बात का अफसोस हुआ?
उत्तर :
लेखक को इस बात का अफसोस हुआ कि वह बरसाती घटा उसके बराबर नहीं हो सकी।
प्रश्न 6.
लेखक ने गुलमर्ग की पगडण्डियों के लिए क्या उपमा दी?
उत्तर :
लेखक ने गुलमर्ग की पगडंडियों के लिए पतली-पतली नरम बाँहों की उपमा दी।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के दो-दो वाक्यों में उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
गुलमर्ग से विदा होते समय सैलानियों को कैसा अहसास होता है?
उत्तर :
गुलमर्ग में रहते हुए सैलानियों को उससे गहरी आत्मीयता हो जाती है। इसलिए वहाँ से विदा लेते समय उन्हें अपने आपसे बिछुड़ने का अनुभव होता है।
प्रश्न 2.
लेखक ने गुलमर्ग के दिन को वाचाल क्यों कहा?
उत्तर :
गुलमर्ग में रात आते ही सबकुछ खामोश हो जाता है। दिन में सैलानियों के कारण वहाँ बहुत चहल-पहल रहती है। इसलिए लेखक ने गुलमर्ग के दिन को वाचाल कहा।
प्रश्न 3.
सैलानी कब और क्यों सिहर जाते हैं.?
उत्तर :
सैलानी बर्फबारी होने पर अत्यंत ठंडक के कारण सिहर जाते हैं।
प्रश्न 4.
लेखक की प्रतीक्षा असफल क्यों हुई?
उत्तर :
लेखक तूफानी हवा के साथ आ रही बरसती घटा से घिर जाने की प्रतीक्षा कर रहा था। लेकिन तूफान रुक जाने से घटा उस तक नहीं पहुंची। इसलिए लेखक की प्रतीक्षा असफल हुई।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के पाँच-छः वाक्यों में उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
लेखक ऐसा क्यों कहता है कि गुलमर्ग को कभी पूरा देखा नहीं जा सकता?
उत्तर :
गुलमर्ग में रहकर वहाँ के साथ व्यक्ति की आत्मीयता बहुत गहरी हो जाती है। यहाँ तक कि व्यक्ति अपने आपको वहाँ के सपाट मैदान का एक हिस्सा समझने लगता है। वहाँ के जिस. परिसर में व्यक्ति रहता है, वह उसके भीतर समा जाता है। आत्मीयता का कोई ओर-छोर नहीं होता। इसलिए लेखक को लगता है कि गुलमर्ग को कभी पूरा देखा नहीं जा सकता।
प्रश्न 2.
‘दिन में गुलमर्ग की शोभा’ का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर :
दिन में गुलमर्ग का हरा-भरा रूप आँखों को मुग्ध कर देता है। धरती से लेकर आकाश तक हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है। हरी घास के बीच तरह-तरह के रंग-बिरंगे फूल खिलते हैं। वातावरण में नई-नई कोपलें फूट आती हैं। सैलानी घुड़सवारी का आनंद लेते नजर आते हैं। हर क्षण नए अनुभव और रोमांच की सृष्टि होती है। आकाश में बादलों के नन्हे-नन्हे द्वीप तैरते दिखाई देते हैं। पगडंडियाँ भेड़-बकरियों के रेवड़ों से ढक जाती हैं। इस तरह दिन में गुलमर्ग की शोभा देखने लायक होती है।
प्रश्न 3.
प्रकाश, बादल तथा हवा के कारण गुलमर्ग दर्शन में आए रोमांच का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
गुलमर्ग प्रकृति की क्रीडास्थली है। बर्फ से ढके पहाड़ों पर सूर्य का प्रकाश सुनहली आभा प्रकट करता है। आकाश से बरसते बर्फ के पारदर्शक कण प्रकाश में उज्ज्वल हो उठते है। बादलों के समूह आकाश में ऐसे विचरते हैं जैसे नन्हे-नन्हे द्वीप इधर-उधर भटक रहे हों। सुहावनी लगनेवाली हवा एकाएक तूफान का रूप ले लेती है, तेज हवा के साथ बरसाती घटाएँ तेजी से आगे बढ़ती हैं। बीच-बीच में बिजली भी कौंधने लगती है। इस प्रकार प्रकाश, बादल और हवा के कारण गुलमर्ग एक अनोखे रोमांच से भर जाता है।
4. पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए :
प्रश्न 1.
गुलमर्ग में सपने फूलकर उगते हैं- हरियाली के आर-पार, लाल-लाल छतों के ऊपर आकाश में।
उत्तर :
गुलमर्ग के रंगीन फूल रंगीन और सुंदर सपनों की तरह होते हैं। हरी-भरी घास पर दूर-दूर तक फूल ही फूल दिखाई देते हैं। लाल रंग की छतों पर भी फूल नजर आते हैं।
प्रश्न 2.
रंगीन बिन्दुओं का पूरा विस्तार एक बार सिहर जाता है. और अपने को समेटने लगता है।
उत्तर :
मौसम सुहावना था। हरी घास पर बैठे रंग-बिरंगे कपड़े पहने हुए तरह-तरह के सैलानी सुहावने वातावरण का आनंद ले रहे थे। तभी बूंदें गिरने लगी और सैलानी उठ-उठकर सुरक्षित जगहों में जाने लगे।
5. ‘हरियाली का सपना कुहासे के फूल में बदल जाता है.’ – यह दृश्य किस समय का है?
प्रश्न 1.
‘हरियाली का सपना कुहासे के फूल में बदल जाता है.’ – यह दृश्य किस समय का है?
(अ) प्रातःकाल
(ब) दोपहर
(क) सायंकाल
(ड) अर्धरात्रि
उत्तर :
(क) सायंकाल
6.
प्रश्न 1.
उचित उपसर्ग जोड़कर उनके विरुद्धार्थी शब्द बनाइए :
- साधारण
- मान
- उदार
- रंग
- स्मृति
उत्तर :
- असाधारण
- अपमान
- अनुदार
- बेरंग
- विस्मृति
प्रश्न 2.
उचित प्रत्यय जोड़कर विशेषण शब्द बनाइए :
- सुरमा
- बरसात
- तूफ़ान
- चमक
- विस्फोट
उत्तर :
- सुरमई
- बरसाती
- तूफानी
- चमकीला, चमकदार
- विस्फोटक
प्रश्न 3.
उचित प्रत्यय जोड़कर संज्ञा बनाइए :
- लाल
- खामोश
- कमजोर
- आकर्षक
उत्तर :
- लालिमा
- खामोशी
- कमजोरी
- आकर्षण
7. वाक्य में प्रयोग कीजिए :
प्रश्न 1.
1. विस्फोट – ………..
2. आकर्षण – ………..
3. पारदर्शक – ………..
4. रोमांचक – ………..
उत्तर :
1. विस्फोट – किसी पदार्थ का तेज आवाज़ के साथ फटना
वाक्य : बम विस्फोट से आसपास के मकान हिल उठे।
2. आकर्षण – खिचाव
वाक्य : तितलियों को फूलों का बड़ा आकर्षण रहता है।
3. पारदर्शक – आरपार दिखलाई देनेवाला
वाक्य : घना कोहरा अब पारदर्शक होने लगा है।
4. रोमांचक – रोंगटे खड़े कर देनेवाला
वाक्य : जादूगर ने बड़े रोमांचक खेल दिखाए।
GSEB Solutions Class 9 Hindi गुलमर्ग की खिड़की से एक रात Important Questions and Answers
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए :
प्रश्न 1.
पहली बार गुलमर्ग को देखने में लेखक को कितना समय लगा था?
उत्तर :
पहली बार गुलमर्ग को देखने में लेखक को एक घण्टे का समय लगा था।
प्रश्न 2.
गुलमर्ग की कौन-सी रात लेखक नहीं भूलेगा?
उत्तर :
गुलमर्ग की बरसती घटावाली रात लेखक नहीं भूलेगा।
प्रश्न 3.
हरियाली का सपना किसके फूल में बदल जाता है?
उत्तर :
हरियाली का सपना कुहासे के फूल में बदल जाता है।
विभाग 1: गद्यलक्षी
सही विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
प्रश्न 1.
- गुलमर्ग में सपने …….. बनकर उगते हैं। (फूल, शूल)
- सूरज चमकेगा तो फूल में से नया ………. जन्मेगा। (चेहरा, सपना)
- गुलमर्ग में व्यक्ति सिर्फ ….. खेलने नहीं जाता। (गोल्फ, फुटबॉल)
- गुलमर्ग एक ………. सपाट मैदान है। (बंद, खुला)
- …………… पर शाम से ही कोहरा छाने लगता है। (वृक्षों, पहाड़ों)
उत्तर :
- फूल
- सपना
- गोल्फ
- खुला
- पहाड़ों
निम्नलिखित विधान ‘सही’ हैं या ‘गलत’ यह बताइए :
प्रश्न 1.
- गुलमर्ग एक खुला सपाट मैदान ही है।
- गुलमर्ग में लाल-लाल छत्तों के ऊपर भी हरियाली है।
- शाम होते ही हरियाली कुहासे में हैकने लगती है।
- लोग केवल गोल्फ खेलने के लिए ही गुलमर्ग नहीं आते।
उत्तर :
- गलत
- सही
- सही
- सही
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक शब्द में लिखिए :
प्रश्न 1.
- लेखक को पहली बार गुलमर्ग की यात्रा कैसी लगी?
- ऊँचे-ऊँचे वृक्षों के कारण लेखक को आकाश कैसा लगता है?
- शाम होते ही गुलमर्ग में क्या शुरू हो जाता है?
- सूर्योदय होते ही रात की खामोशी किसमें बदल जाती है?
उत्तर :
- साधारण
- हरा
- बर्फबारी
- चहल पहल में
सही वाक्यांश चुनकर निम्नलिखित विधान पूर्ण कीजिए :
प्रश्न 1.
परिचित होकर भी गुलमर्ग सदा ……..
(अ) अपरिचित-सा लगता है।
(ब) पराया-सा लगता है।
(क) सुनसान-सा लगता है।
उत्तर :
परिचित होकर भी गुलमर्ग सदा अपरिचित-सा लगता है।
प्रश्न 2.
लेखक बरसती घटा से घिर नहीं पाया, क्योंकि …….
(अ) वह उसे देखकर डर गया था।
(ब) पटा पहले ही बरसने लगी थी।
(क) तूफानी हवा रुक जाने से घटा उस तक नहीं पहुंच पाई।
उत्तर :
लेखक बरसती घटा से घिर नहीं पाया, क्योंकि तूफानी हवा रुक जाने से घटा उस तक नहीं पहुंच पाई।
निम्नलिखित प्रश्नों के साथ दिए गए विकल्पों से सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
गुलमर्ग में सपने क्या बनकर उगते हैं?
A. काँटे
B. पौधे
C. बीज
D. फूल
उत्तर :
D. फूल
प्रश्न 2.
गुलमर्ग में व्यक्ति केवल यह खेलने नहीं आता।
A. क्रिकेट
B. गोल्फ
C. फुटबॉल
D. बेडमिंटन
उत्तर :
B. गोल्फ
प्रश्न 3.
सैलानियों की पंक्तियाँ क्या दौड़ाती नजर आती हैं?
A. मेड़ें
B. बकरियाँ
C. घोड़े
D. पतंगें
उत्तर :
C. घोड़े
प्रश्न 4.
हरियाली का सपना किसके फूल में बदल जाता है?
A. कुहासे के
B. गुलाब के
C. चंपा के
D. गेंदा के
उत्तर :
A. कुहासे के
प्रश्न 5.
सूरज चमकेगा तो फूल में से …….
A. खुशबू का सैलाब बहेगा।
B. परी का चेहरा झाँकेगा।
C. नया सपना जन्मेगा।
D. नई सुबह निकलेगी।
उत्तर :
C. नया सपना जन्मेगा।
प्रश्न 6.
मैं खुश था कि थोड़ी देर में ……..
A. ये बादल गरजेंगे
B. हवा का रूख बदल जाएगा
C. तूफान थम जाएगा
D. ये बूंदें मेरे ऊपर बरसेंगी
उत्तर :
D. ये बूंदें मेरे ऊपर बरसेंगी
विभाग 2 : व्याकरणलक्षी
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए :
प्रश्न 1.
- एहसास
- मुग्ध
- बेबस
- द्वीप
- वाचाल
- सहसा
- कुहासा
- रेवड़
- कहर
- आत्मीयता
- ठिठकना
- जोम
उत्तर :
- अनुभव
- मोहित
- असहाय
- टापू
- मुखर
- अचानक
- कोहरा
- झंड
- अत्याचार
- अपनापन
- रुकना
- जोर
निम्नलिखित शब्दों का संधि-विग्रह करके लिखिए :
प्रश्न 1.
- प्रतीक्षा
- वातावरण
- यद्यपि
- सर्वोत्तम
उत्तर :
- प्रतीक्षा = प्रति + ईक्षा
- वातावरण = बात + आवरण
- यद्यपि = यदि + अपि
- सर्वोत्तम = सर्व + उत्तम
निम्नलिखित प्रत्येक वाक्य में से भाववाचक संज्ञा पहचानकर लिखिए:
प्रश्न 1.
- लेखक पर बरसाती बूंदें गिरने पर उन्हें खुशी हुई।
- गुलमर्ग के साथ व्यक्ति की आत्मीयता धीरे-धीरे गहरी हो जाती है।
- मैदान सुरमई आभा ओढ़ लेता है।
- लेखक की प्रतीक्षा असफल हो गई।
- आकाश में सर्वत्र लालिमा छाई हुई थी।
- उसके शरीर में धीरे-धीरे कमज़ोरी आती गई।
- रात की खामोशी उसे डरा रही थी।
उत्तर :
- खुशी
- आत्मीयता
- आभा
- प्रतीक्षा
- लालिमा
- कमज़ोरी
- खामोशी
निम्नलिखित प्रत्येक वाक्य में से विशेषण पहचानकर लिखिए ।
प्रश्न 1.
- गुलमर्ग का भौगोलिक वातावरण सबको भाता है।
- कश्मीर का सुंदर प्राकृतिक स्थान है, गुलमर्ग।
- रंगीन बिन्दुओं का पूरा विस्तार एक बार सिहर जाता है।
- मैदान सुरमई आभा ओढ़ लेता है।
- आँखें मुग्ध होकर देखती रहती हैं।
- मुझे यह मेहमान परिचित लगता है।
- वर्षाऋतु में सावन बरसाती महीना है।
- थैला विस्फोटक पदार्थों से भरा था।
- सारे पत्थर यहाँ चमकीले हैं।
- पत्थर, लकड़ी, कोच में कांच पारदर्शक है।
उत्तर :
- भौगोलिक
- सुंदर
- रंगीन
- सुरमई
- मुग्ध
- परिचित
- बरसाती
- विस्फोटक
- चमकीले
- पारदर्शक
निम्नलिखित शब्दसमूह के लिए एक शब्द लिखिए :
प्रश्न 1.
- जहाँ तीन रास्ते मिलते हों ..
- हर्षित करनेवाली
- अपनी ओर खींचनेवाला
- जिसकी कल्पना न की जा सके
उत्तर :
- तिराहा
- रोमांचक
- आकर्षक
- अकल्पनीय
निम्नलिखित शब्दों के उपसर्ग पहचानकर लिखिए :
प्रश्न 1.
- विस्मरण
- अस्मरणीय
- अनुभव
- आकर्षण
- असफल
- बेबस
- बेरंग
- प्रतीक्षा
- सुरक्षा
- अपरिचित
- अनुदार
- विस्फोटक
- आयोजन
- अकल्पनीय
उत्तर :
- विस्मरण – वि + स्मरण
- अस्मरणीय – अ + स्मरणीय
- अनुभव – अनु + भव
- आकर्षण – आ + कर्षण
- असफल – अ + सफल
- वेबस – बे + बस
- बेरंग – बे + रंग
- प्रतीक्षा – प्रति + इक्षा
- सुरक्षा – सु + रक्षा
- अपरिचित – अ + परिचित
- अनुदार – अन् + उदार
- विस्फोटक – वि + स्फोटक
- आयोजन – आ + योजन
- अकल्पनीय – अ + कल्पनीय
निम्नलिखित शब्दों के प्रत्यय पहचानकर लिखिए :
प्रश्न 1.
- स्मरणीय
- अनुभवी
- प्राकृतिक
- लेखक
- आकर्षक
- आत्मीयता
- बर्फबारी
- बम्बबारी
- खामोशी
- तूफ़ानी
- बरसाती
- उदासीन
- रंगीन
- रोमांचक
- खुशी
- लालिमा
- कमज़ोरी
- भौगोलिक
- विस्फोटक
- चमकीला
- अकल्पनीय
- खींचनेवाला
- चमकदार
- दर्शनीय
उत्तर :
- स्मरणीय – स्मरण + इय
- अनुभवी – अनुभव + ई
- प्राकृतिक – प्रकृति + इक
- लेखक – लेख + क
- आकर्षक – आकर्ष + क
- आत्मीयता – आत्म + ईय + ता
- बर्फबारी – बर्फ + बारी
- बम्बबारी – बम्ब + बारी
- खामोशी – खामोश + ई
- तूफानी – तूफान + ई
- बरसाती – बरसात + ई
- उदासीन – उदास + इन
- रंगीन – रंग + ईन
- रोमांचक – रोमांच + क
- खुशी – खुश + ई
- लालिमा – लाल + इमा
- कमज़ोरी – कमज़ोर + ई
- भौगोलिक – भूगोल + इक
- विस्फोटक – विस्फोट + क
- चमकीला – चमक + ईला
- अकल्पनीय – अकल्पन + ईय
- खींचनेवाला – खिचना + वाला
- चमकदार – चमकना + दार
- दर्शनीय – दर्शन + ईय
गुलमर्ग की खिड़की से एक रात Summary in Gujarati
ગુજરાતી ભાવાર્થ :
પહેલી મુલાકાતઃ પહેલી વખત ગુલમર્ગ જતાં લેખકને ત્યાં કંઈ પણ આકર્ષક લાગ્યું નહોતું. ત્યાં ફક્ત એક ખુલ્લું સપાટ મેદાન અને દેવદારનાં વૃક્ષોનો સમૂહ હતાં.
મહિનાઓ ત્યાં રહ્યા પછી પછી કેટલાક મહિનાઓ ત્યાં રહ્યા પછી લેખકને ગુલમર્ગ પ્રત્યે આત્મીયતા બંધાઈ. તેમને લાગવા માંડ્યું કે તેઓ પણ ત્યાંના સપાટ મેદાનનો એક ભાગ છે. ત્યાંનાં પ્રાકૃતિક દશ્યો તેમને પોતાનામાં સમાયેલાં લાગવા માંડ્યાં. લેખક કહે છે કે, ગુલમર્ગમાં રહ્યા પછી જ્યારે વ્યક્તિ ત્યાંથી વિદાય થાય છે, ત્યારે તેને પોતે પોતાનાથી વિખૂટો પડતો હોય એવું લાગે છે.
ગુલમર્ગની પ્રાકૃતિક શોભાઃ ગુલમર્ગમાં ભરપૂર હરિયાળી છે. નીચે લીલુંછમ ઘાસ છે. લાલ લાલ છતની ઉપર પણ હરિયાળી છે અને ઊંચાં ઊંચાં વૃક્ષોને લીધે આકાશ પણ લીલુંછમ દેખાય છે. હરિયાળીની વચ્ચે અવનવા રંગોનાં ફૂલો ખૂબ સુંદર લાગે છે. દરેક ક્ષણે એક નવો અનુભવ થાય છે અને નવા રોમાંચનું સર્જન કરે છે. લોકો લીલા ઘાસ પર બેસવાનો આનંદ લે છે. પર્યટકો ઘોડેસવારીની મજા માણે છે.
ગુલમર્ગની સાંજ સાંજ થતાં થતાં ગુલમર્ગમાં બરફ વરસવાનું શરૂ થઈ જાય છે. ઘાસ પર બેઠેલાં, ભાત-ભાતનાં વસ્ત્રો પહેરેલાં લોકો ઊઠીને ચાલવા માંડે છે. હરિયાળી ધુમ્મસથી ઘેરાઈ જાય છે. મેદાન ઉપર અંધારું છવાઈ જાય છે. ધુમ્મસમાં પગદંડીઓ પાતળી પાતળી બાંયો જેવી દેખાય છે.
દિવસે સૂર્યોદય થતાં સવારે સૂરજ ઊગતાં જ આખું દશ્ય બદલાઈ જાય છે. આકાશમાં વાદળ વિહરતાં નજરે પડે છે. બકરાંઘેટાંનાં ટોળાંથી પગદંડીઓ છવાઈ જાય છે. રાતની શાંતિ કોલાહલમાં બદલાઈ જાય છે.
એક રાતનો અવિસ્મરણીય અનુભવ: એક રાતે લેખક હોટલની બારી પાસે ઊભા હતા. દૂર સામેથી એક વરસાદી ઘટા તેમના તરફ આવી રહી હતી. લેખક ઇચ્છતા હતા કે, તે ઘટા તેમની પાસે આવીને તેમને લપેટી લે. હવા તોફાની હતી અને વાદળોની ગર્જના પણ વીજળી સાથે ચમકી રહી હતી. લેખક વરસાદી ઘટાનો આનંદ લેવા ઇચ્છતા હતા, પરંતુ તોફાન શમી ગયું અને લેખકની ઇચ્છા અધૂરી રહી ગઈ.
પોતપોતાનું આકર્ષણઃ લેખક કહે છે કે, ગુલમર્ગનું કોઈ ને કોઈ આકર્ષણ લોકોને ત્યાં ખેંચી લાવે છે. લોકો ફક્ત ગોલ્ફ રમવા માટે જ ત્યાં આવતા નથી.
गुलमर्ग की खिड़की से एक रात Summary in English
The First Visit: First time when the writer went to Gulmarg, he did not feel any attractive there. There were only an open plain ground and the masses of devdar (pine) trees.
After living there for months : After living there for months, the writer had intimacy with Gulmarg He felt that he was one of the parts of the plain ground. He felt that the natural scenes have accomodated in him. The writer says that after living in Gulmarg when a person leaves, he feels that he has separated from him.
The natural beauty of Gulmarg : There is full of greenary in Gulmarg. Below, there is green grass. There is greenary on the red roofs. The sky is also looks green because of very tall trees. Among the greenary the colourful flowers look very beautiful. We have a new experience every moment and that creats a new thrill. People enjoy sitting on green grass. The travellers enjoy horse-riding.
Evening of Gulmarg: It begins snow-fall in the evening at Gulmarg People sitting on grass, having colourful dresses, get up and begin to walk. The greenary is surrounded by fog. The ground is covered with darkness. In the fog the trails look like thin sleeves.
At sunrise: When the sunrises in the morning, the whole scene is changed. We see clouds running in the sky. The trails are covered with the flock of sheep. The peaceful night changes into noise.
An unforgetful experience of a night : One night the writer was standing near a window in a hotel. The heavy rain was coming towards him from a distance. The writer wished the rain come to him and cover him. It was a stormy air. The clouds were thundering and lightening The writer wanted to enjoy the rain, but the storm became calm and the writer’s desire remained unfulfilted.
Everyone has his own attraction: The writer says that some kind of attraction pulls the people there in Gulmarg People do not come there only to play golf.
गुलमर्ग की खिड़की से एक रात Summary in Hindi
विषय-प्रवेश :
गुलमर्ग कश्मीर का एक सुंदर प्राकृतिक स्थान है। प्रस्तुत लेख में बड़ी आत्मीयता से लेखक ने वहाँ की प्राकृतिक शोभा और वहाँ के अपने अनुभवों के बारे में बताया है।
पाठ का सार :
पहली मुलाकात : पहली बार गुलमर्ग जाने पर लेखक को वहाँ कुछ भी आकर्षक नहीं लगा था। बस वहाँ था एक खुला सपाट मैदान __ और देवदार वृक्षों के घने झुरमुट।
महीनों वहाँ रहने के बाद : कुछ महीने वहाँ रहने के बाद गुलमर्ग से लेखक की आत्मीयता हो गई। उसे लगने लगा जैसे वह भी वहाँ के सपाट मैदान का एक हिस्सा है। वहाँ के प्राकृतिक दृश्य उसे अपने में समाए हुए प्रतीत हुए। लेखक कहता है कि गुलमर्ग में रहने के बाद जब व्यक्ति वहाँ से विदा लेता है तो उसे अपने आपसे बिछुड़ने जैसा अनुभव होता है।
गलमर्ग की प्राकृतिक शोभा : गुलमर्ग में हरियाली की भरमार है। नीचे हरी घास है, लाल-लाल छतों के ऊपर भी हरियाली है और ऊँचे-ऊँचे वृक्षों के कारण आकाश भी हरा लगता है। हरियाली के बीच नए-नए रंग के फूल देखते ही बनते हैं। हर क्षण एक नया अनुभव होता है और नए रोमांच की सृष्टि होती है। लोग हरी-भरी घास पर बैठने का आनंद लेते हैं। सैलानी घुड़सवारी का मज़ा लेते हैं।
गुलमर्ग की शाम : शाम होते-होते गुलमर्ग में बर्फबारी शुरू हो जाती है। घास पर बैठे हुए तरह-तरह के वस्त्र पहने लोग उठकर जाने लगते हैं। हरियाली कुहासे में ढकने लगती है। मैदान पर अंधेरा छाने लगता है। धुंध में पगडंडियाँ पतली-पतली बाँहों जैसी दिखाई देती हैं। दिन में सूर्योदय होने पर सुबह सूरज निकलने पर पूरा दृश्य बदल जाता है। आकाश में बादल सैर करते नजर आते हैं। भेड़ों और बकरियों के रेवड़ों से पगडंडियाँ भर जाती हैं। रात की खामोशी चहलपहल में बदल जाती है।
एक रात का अविस्मरणीय अनुभव : एक रात लेखक अपने होटल की खिड़की में खड़ा था। दुर सामने से एक बरसती घटा उसकी ओर बढ़ती आ रही थी। लेखक चाहता था कि वह घटा उस तक पहुंचकर उसे अपने में लपेट ले। हवा तूफानी थी और बादलों की गर्जना के साथ बिजली भी चमक रही थी। लेखक बरसती घटा का आनंद लेना चाहता था। लेकिन तूफान रुक गया और लेखक की इच्छा पूरी नहीं हो पाई।
अपना-अपना आकर्षण : लेखक कहता है कि गुलमर्ग का कोई-न-कोई आकर्षण लोगों को यहाँ खींच लाता है। लोग केवल गोल्फ खेलने के लिए ही यहां नहीं आते।
गुलमर्ग की खिड़की से एक रात शब्दार्थ :
- उदासीन – अनमना।
- झुरमुट – पेड़-पौधों का समूह।
- एहसास – अनुभव।
- आत्मीयता – अपनापन।
- मुग्ध – मोहित।
- कोंपल – नई पत्ती।
- पोर्टिको – बरामदा।
- सैलानी – घूमने के लिए आए हुए लोग।
- सहसा – अचानक।
- कुहासा – कोहरा।
- धुंध – हवा में उड़ती हुई धूल, अंधेरा।
- बेबस – असहाय।
- पगडंडी – लोगों के लगातार चलने से अपने आप बना रास्ता।
- द्वीप – टापू।
- रेवड़ – समूह।
- वाचाल – मुखर, बातूनी।
- हालाँकि – यद्यपि।
- ठिठकना – रुकना।
- दम तोड़ना – मर जाना।
- जोम – जोर।
- मुद्दत – काफी समय।