GSEB Solutions Class 11 Hindi Chapter 3 पुरानी चीजों के पक्ष में

Gujarat Board GSEB Hindi Textbook Std 11 Solutions Chapter 3 पुरानी चीजों के पक्ष में Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.

GSEB Std 11 Hindi Textbook Solutions Chapter 3 पुरानी चीजों के पक्ष में

GSEB Std 11 Hindi Digest पुरानी चीजों के पक्ष में Textbook Questions and Answers

स्वाध्याय

1. सही विकल्प चुनकर निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

प्रश्न 1.
इनमें से किसकी कहानियाँ पुरानी हैं. ?
(क) चाची
(ख) मास्टरजी
(ग) नानी
(घ) एक भी नहीं
उत्तर :
इनमें से नानी की कहानियाँ पुरानी हैं।

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प्रश्न 2.
कम्प्यूटर और सेटेलाईट के युग में आज भी सड़कों पर क्या दौड़ रही है ?
(क) साइकिल
(ख) मोटरकार
(ग) बैलगाड़ी
(घ) इनमें से एक भी नहीं
उत्तर :
कम्प्यूटर और सेटेलाइट के युग में आज भी सड़कों पर साइकिल दौड़ रही है।

प्रश्न 3.
‘दूब’ किसका प्रतीक है ?
(क) हत्यारों
(ख) संगठितता
(ग) विनम्रता
(घ) सरलता
उत्तर :
‘दूब’ विनम्रता का प्रतीक है।

प्रश्न 4.
सारे विवाद का केन्द्र स्थान कौन-सी बात है ?
(क) सच
(ख) झूठ
(ग) सच और झूठ दोनों
(घ) एक भी नहीं
उत्तर :
सारे विवाद का केन्द्र स्थान सच और झूठ दोनों है।।

प्रश्न 5.
‘कुछ पुरानी चीजों के पक्ष में’ कविता में कवि का रुझान किन चीजों की ओर है ?
(क) आध्यात्मिकता
(ख) सामाजिकता
(ग) पुरानापन
(घ) नयापन
उत्तर :
‘पुरानी चीजों के पक्ष में’ कविता में कवि का रुझान पुरानापन की ओर है।

2. निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए :

प्रश्न 1.
कुछ पुरानी चीजों के पक्ष में कविता में कवि ने किन चीजों के मद्देनजर अपनी बात कही है ?
उत्तर :
‘पुरानी चीजों के पक्ष में’ कविता में कवि ने उन चीजों के मद्देनजर अपनी बात कही है, जो पुरानी होकर भी हर वक्त काम आती रहती हैं।

प्रश्न 2.
बीमार पड़ने पर आज भी क्या काम आता है?
उत्तर :
बीमार पड़ने पर आज भी दादी के घरेलू नुस्खे काम आते हैं।

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प्रश्न 3.
कुछ पुरानी चीजों के पक्ष में आधुनिकता की परिचायक कौन-सी चीजें हैं.?
उत्तर :
कुछ पुरानी चीजों के पक्ष में झूठ और सच, अहिंसा, विनम्रता और कुछ पुरानी समझदारियाँ जैसी चीजें आधुनिकता की परिचायक हैं।

प्रश्न 4.
कवि राजेश जोशी कौन-सी चीज स्मृतियों में शेष रहने की बात कहते हैं, ?
उत्तर :
कवि राजेश जोशी थोड़ी-सी टीस और थोड़ी-सी मिठास स्मृतियों में शेष रहने की बात कहते हैं।

3. निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर पाँच छः वाक्य में दीजिए :

प्रश्न 1.
सड़कों पर आज भी साइकिल क्यों चलाई जाती है ?
उत्तर :
दुनिया में बदलाव आता रहता है, फिर भी कुछ पुरानी चीजें कभी नहीं बदलती। साइकिल बहुत पुरानी सवारी है। इसके बावजूद उसका प्रयोग आज भी हो रहा है। उसकी उपयोगिता कम होने के बजाय बढ़ती जा रही है। उसमें न पेट्रोल का खर्च है, न डीज़ल का और न गैस का। पार्किंग का झंझट भी उसमें नहीं है। इसलिए सब प्रकार से सविधाजनक होने के कारण सड़कों पर आज भी साइकिल चलाई जाती है।

प्रश्न 2.
लोगों को हिंसा की बजाय सरल जीवन क्यों पसंद है ?
उत्तर :
हिंसा मनुष्य की स्वाभाविक वृत्ति नहीं है। वह क्षणिक आवेश है। सामान्य रूप से मनुष्य अहिंसक रहता है। समाज में रहने के कारण उसके व्यवहार में अहिंसा की प्रधानता होती है। प्रेम, सहयोग, सहकार, मेल-जोल ये मनुष्य की स्वाभाविक वृत्तियाँ हैं। इन्हीं से जीवन में सुख, शान्ति से रहा जा सकता है। इसलिए लोगों को हिंसा के बजाय सरल जीवन ही पसंद है।

4. आशय स्पष्ट कीजिए :

प्रश्न 1.
‘विनम्रता कोई कायरता नहीं ।’
उत्तर :
विनम्रता मनुष्य के श्रेष्ठ गुणों में से एक है। बड़े-बड़े कार्य विनम्रता से संपन्न हो जाते हैं। विनम्रता के समक्ष क्रूरता को भी झुकना पड़ता है। शर्त यह है कि विनम्र व्यक्ति सबल हो। निर्बल व्यक्ति की विनम्रता से विनम्रता को नहीं मापा जा सकता। सबल व्यक्ति की विनम्रता को कभी कायरता नहीं कहा जा सकता। महात्मा गांधीजी की विनम्रता इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है।

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प्रश्न 2.
‘बनिस्बत हिंसा के एक सादा सरल जीवन ज्यादा काम आता है लोगों को !’
उत्तर :
हिंसा समस्या का समाधान नहीं है। हिंसा से कोई भी समस्या सुलझने की अपेक्षा और जटिल हो जाती है। सादा और सरल जीवन प्राचीन सभ्यता की देन है। उसका अस्तित्व सदा रहनेवाला है। उसी से मनुष्य सुख, शांति और चैन से अपना जीवननिर्वाह कर सकता है।

5. इस कविता में प्रयुक्त आगत (विदेशी) शब्दों को छाँटकर लिखिए।

प्रश्न 1.
इस कविता में प्रयुक्त आगत (विदेशी) शब्दों को छाँटकर लिखिए।

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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में लिखिए :

प्रश्न 1.
सच और झूठ के बारे में कवि क्या कहते हैं?
उत्तर :
कवि कहते हैं कि सच की महिमा प्राचीन काल से आज तक है। इसी तरह झूठ का प्रयोग भी बहुत पहले से होता आया है। दुनिया के बहुत बदल जाने के बावजूद इनकी उपयोगिता अभी भी बनी हुई है।

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प्रश्न 2.
पुरानी समझदारियां कैसी बची रहती हैं?
उत्तर :
दुनिया में नए बदलाव आने के साथ ही लोग तरह-तरह की नई मुर्खताएं भी कर रहे हैं। तरह-तरह के लड़ाई-झगड़े, युद्ध-विग्रह इन्हीं मूर्खताओं के परिणाम हैं। फिर भी आपसी प्रेम, मानवीय संस्कार और नीति-न्याय के नाम पर विवेक-बुद्धि के रूप में पुरानी समझदारियाँ बची रहती हैं।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए :

प्रश्न 1.
किनकी स्मृतियाँ आज भी बनी हुई है?
उत्तर :
नदियों के किनारे बसी हुई प्राचीन सभ्यताओं की स्मृतियाँ आज भी बनी हुई हैं।

व्याकरण

शब्दों में से प्रत्यय अलग कीजिए :

  • सभ्यता – ता
  • संगठित – इत
  • कायरता – ता
  • आधुनिक – इक
  • अहमियत – इयत
  • प्रचलित – इत
  • समझदारी – ई
  • विनम्रता – ता
  • उपयोगिता – इता

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शब्दों में से उपसर्ग अलग कीजिए :

  • विनम्रता – वि
  • संगठित – सम्
  • टीस = कसक
  • मूर्खता = बेवकूफी

समानार्थी शब्द लिखिए :

  1. मुबाहिस = वितर्क
  2. कायरता = भीरुता

विरुद्धार्थी शब्द लिखिए :

  1. पुरानी × नई
  2. सच × झूठ
  3. कायर × वीर
  4. स्मृति × विस्मृति
  5. सरल × कठिन
  6. मिठास × कड़वाहट

पुरानी चीजों के पक्ष में Summary in Gujarati

ભાવાત્મક અનુવાદ :

આ દુનિયા પરિવર્તનશીલ છે. દુનિયામાં નિત્ય નવાં પરિવર્તનો થતાં રહે છે. લોકો નવી નવી વસ્તુઓને આનંદથી અપનાવે પણ છે, પરંતુ પ્રાચીન અને સારી વસ્તુઓનો તેઓ ત્યાગ કરતા નથી. પ્રાચીન વસ્તુઓ આધુનિક યુગમાં પણ લોકોને હંમેશાં કામ આવતી રહે છે. નાનીની જ્ઞાનપ્રદ વાર્તાઓ અને દાદીના ઘરગથ્થુ નુસખાઓ ક્યારેય પ્રાચીન થતા નથી કે થશે નહિ. તે દરેક યુગમાં લોકોને કામ આવતા રહેશે. એવી જ રીતે સદીઓથી પ્રાચીન પર્વતો અને તેના કિનારે વસેલી પ્રાચીન સભ્યતા પણ કદી નાશ પામતી નથી. તે લોકોને હંમેશાં યાદ રહેશે અને દરેક યુગમાં કામ આવતી રહેશે.

આજનો યુગ કમ્યુટર અને સેટેલાઇટનો યુગ છે. મોટા ભાગનાં કાર્યો આ બંનેની મદદથી સિદ્ધ થાય છે. આમ છતાં કેટલીક પ્રાચીન વસ્તુઓનું મહત્ત્વ આજે પણ પહેલાં જેટલું જ છે, ઉદાહરણરૂપે સાઇકલ, સાઇકલ ભલે પ્રાચીન યુગની હોય, પરંતુ આજે પણ તે ખર્ચ વિનાની સવારી છે. તે હજારો સડક પર દોડનારું લોકોનું મનપસંદ વાહન છે. એટલું જ નહિ, સત્ય બોલવું તે પહેલાં સારું મનાતું હતું.

તેની સાથે ખોટું પણ સત્ય જેટલું જ પ્રાચીન છે. નવા જમાનામાં પણ આ બંને પોતાના પ્રાચીન રૂપમાં પ્રચલિત છે અને સમયે સમયે આજે પણ આ બંને વખત આવે લોકોના ખપમાં આવે છે. સાદું અને સરળ જીવન પ્રાચીન સભ્યતાની દેન છે. તેનું અસ્તિત્વ આજે પણ વિદ્યમાન છે. જો આધુનિક યુગના હિંસાપ્રધાન વાતાવરણમાં તેની તુલના કરવામાં આવે તો સાદુ સરળ જીવન લોકોને વધારે કામ આવે છે.

ક્રૂરતા અને વિનમ્રતાની વચ્ચે વિનમ્રતા શ્રેષ્ઠ છે; એ વાતનો દરેક વ્યક્તિ સ્વીકાર કરે છે, છતાં હિંસાનો શોર વધારે છે. એ એટલા માટે કે હત્યારાઓ વધારે સંગતિ હોય છે. વિનમ્રતામાં શોરને માટે કોઈ જગ્યા નથી. શોરનો પ્રવેશ થતાં વિનમ્રતા રહેતી નથી. એ વાત કવિ વૃક્ષ અને દૂર્વાના માધ્યમથી સમજાવે છે અને કહે છે કે થડ પર ઊભેલાં વૃક્ષો હવા આવતાં ખૂબ શોર મચાવે છે પરંતુ તૂટીને પડી પણ જાય છે.) પરંતુ નરમ દૂર્વા હવા લાગવા છતાં શોર મચાવતી નથી (અને હવા દૂર્વાનું કંઈ પણ બગાડી શકતી નથી.) વિનમ્રતા વ્યક્તિનું ભૂષણ છે, તેને કાયરતા કહી શકાય નહિ. નવા જમાનાની જાત જાતની મૂર્ખતા છતાં પ્રાચીન સમજણ હંમેશાં શેષ રહે છે. તે જ લોકોને કામ આવે છે. યાદ રહી જાય છે, થોડી થોડી ખાટી-મીઠી વાતો.

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पुरानी चीजों के पक्ष में Summary in Hindi

विषय-प्रतेश :

आधुनिक भागदौड़, नई-नई वैज्ञानिक उपलब्धियों तथा क्रूरता के माहौल में प्राचीन मान्यताएँ, प्राचीन वस्तुएं तथा प्राचीन जीवन-दर्शन अपना अलग और शाश्वत महत्त्व रखते हैं। इस कविता में मनुष्यता को बचाए रखने का प्रबल संघर्ष परिलक्षित होता है।

कविता का सरल अर्थ :

कितनी ही बदल…….. बसी सभ्यताओं की।

यह दुनिया परिवर्तनशील है। दुनिया में नित नए परिवर्तन होते रहते हैं। लोग नई-नई चीजों को शौक से अपनाते भी हैं, पर पुरानी और अच्छी चीजों को वे त्याग नहीं देते। पुरानी चीजें आधुनिक युग में भी हमेशा लोगों के काम आती रहती हैं। नानी की ज्ञानप्रद कहानियाँ और दादी के इलाज के घरेलू नुस्खे न कभी पुराने हुए हैं न कभी पुराने होंगे। वे हर युग में लोगों के काम आते रहेंगे। इसी तरह सदियों पुराने पर्वत और उनके किनारे बसी-रची प्राचीन सभ्यता भी कभी नष्ट नहीं हो सकती। उसकी याद लोगों को हमेशा रहेगी और वह हर युग में उनके काम आती रहेगी।

कम्प्यूटर और ……. आता है लोगों के!

आधुनिक युग कम्प्यूटर और सेटेलाइट का युग है। अधिकांश कार्य आज इन दोनों के सहयोग से संपन्न हो रहे हैं। इसके बावजूद कुछ पुरानी चीजों की अहमियत आज भी पहले जैसी है। उदाहरण के रूप में साइकिल। साइकिल भले ही पुराने युग की हो, पर आज भी वह बिना खर्च की सवारी है। वह हजारों सड़कों पर दौड़नेवाला लोगों का मनपसंद वाहन है। इतना ही नहीं, सच बोलना पहले भी अच्छा माना जाता था।

इसके साथ ही झूठ भी सच जितना ही पुराना है। नए जमाने में भी ये दोनों अपने प्राचीन रूप में प्रचलित है और समय-समय आज भी ये वक्त आने पर लोगों के काम आते हैं। सादा और सरल जीवन प्राचीन सभ्यता की देन रहा है। उसका अस्तित्व आज भी उसी तरह विद्यमान है। यदि आधुनिक युग के हिंसा-प्रधान वातावरण से उसकी तुलना की जाए, तो सादा-सरल जीवन लोगों के ज्यादा काम आता है।

हत्यारों का ……. थोड़ी-सी मिठास!

करता और विनम्रता में से विनम्रता श्रेष्ठ है- यह बात हर व्यक्ति स्वीकार करता है, पर हिंसा का शोर अधिक है। ऐसा इसलिए है कि हत्यारे अधिक संगठित होते हैं। विनम्रता में शोर के लिए कोई स्थान नहीं होता। शोर का प्रवेश होने पर विनम्रता नहीं रहती। यह बात कवि वृक्ष और दूब के माध्यम से समझाते हुए कहते हैं कि तनकर खड़े हुए वृक्ष हवा लगने पर बहुत शोर मचाते हैं (पर टूटकर गिरते भी है)।

पर लोचदार दूब हवा लगने पर कभी शोर नहीं मचाती (और हवा दूब का कुछ भी नहीं बिगाड़ पाती)। विनम्रता व्यक्ति का भूषण है, इसे कायरता नहीं कहा जा सकता। नए जमाने की तरह-तरह की मूर्खताओं के बावजूद पुरानी समझदारी हमेशा बची रहती है। वही लोगों के काम आती है। यादों में शेष रह जाती है थोड़ी-थोड़ी खट्टी-मीठी बातें।

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पुरानी चीजों के पक्ष में शब्दार्थ :

  • नुस्खे – कागज पर लिखी गई दवा और उसकी सेवनविधि।
  • सदियों – सौ वर्ष का समूह।
  • स्मृतियाँ – यादें।
  • सेटेलाइट – उपग्रह।
  • बहस-मुबाहिसे – तर्क-वितर्क, खंडन-मंडन।
  • बनिस्बत – की अपेक्षा, के बदले।
  • दुब – एक प्रकार की लोचदार घास।
  • विनम्रता – नम्रता।
  • कायरता – भीरुता, बुजदिली।
  • टीस – रह-रहकर उठनेवाली पीड़ा।

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