GSEB Solutions Class 11 Hindi Aaroh Chapter 9 भारत माता

   

Gujarat Board GSEB Std 11 Hindi Textbook Solutions Aaroh Chapter 9 भारत माता Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.

GSEB Std 11 Hindi Textbook Solutions Aaroh Chapter 9 भारत माता

GSEB Class 11 Hindi Solutions भारत माता Textbook Questions and Answers

अभ्यास

पाठ के साथ 

प्रश्न 1.
नेहरू जी भारत की चर्चा कब और किससे करते थे ?
उत्तर :
भारत की चर्चा नेहरू जी आजादी से पूर्व बड़े-बड़े सभा सम्मेलनों में जाने पर किसानों की सभा में करते थे। वे किसानों से भारत के बारे में बतलाते हुए कहते हैं कि हिन्दुस्तान का नाम भारत इस देश के संस्थापक भरत के नाम से निकला हुआ है। भारत शब्द संस्कृत भाषा का है। यह देश अनेक प्रांतों में बँटा होकर भी एक है। ऐसे अखंड भारत को अंग्रेजों की चुंगल से छुड़ाने के लिए उन्हें प्रेरित करते थे।

प्रश्न 2.
नेहरू जी भारत के सभी किसानों से कौन-सा प्रश्न बार-बार करते थे ?
उत्तर :
नेहरू जी भारत के सभी किसानों से निम्नलिखित प्रश्न बार-बार करते थे –
(क) वे भारत माता की जय से क्या समझते हैं ?
(ख) यह भारत माता कौन है ?
(ग) यह धरती कौन-सी है जिसे वे भारत माता कहते हैं – गाँव की, जिले की, सूबे की या पूरे हिंदुस्तान की …….. ?

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प्रश्न 3.
दुनिया के बारे में किसानों को बताना नेहरू जी के लिए क्यों आसान था ?
उत्तर :
नेहरू जी कांग्रेस के एक सक्रिय नेता थे। उन्होंने देश और विदेश का भ्रमण किया था। वे अपने भाषणों में किसानों को दुनियाभर की जानकारी देते थे। उनके लिए दुनिया के बारे में कुछ कहना, समझाना या जानकारी देना सरल था। क्योंकि भारत के किसान हमारे पौराणिक महाकाव्यों, पुराण कथाओं आदि से परिचित थे, कई लोगों ने तो देश के चारों कोनों में स्थित तीर्थधामों की यात्रा भी की थी।

कुछ सिपाहियों ने प्रथम विश्वयुद्ध में भाग लिया था। कुछ लोगों ने विदेशों में नौकरियाँ की थी। 1930 की जो आर्थिक मंदी पैदा हुई थी इसलिए भी दूसरे मुल्कों के बारे में उन्हें जानकारी थी। अतः किसानों को बताना आसान था।

प्रश्न 4.
किसान सामान्यत: भारत माता का क्या अर्थ लेते थे ?
उत्तर :
किसान सामान्यतः ‘भारत माता’ का अर्थ – धरती से लेते थे। नेहरू जी ने उन्हें समझाया कि उनके गाँव, जिले, नदियों, पहाड़, जंगल, खेत, करोड़ों भारतीय सभी भारतमाता है।

प्रश्न 5.
भारत माता के प्रति नेहरू जी की क्या अवधारणा है ?
उत्तर :
भारत माता के प्रति नेहरू जी ने अपनी सहज, सरल और सचोट अवधारणा स्पष्ट करते हुए कहा कि यहाँ की धरती, पहाड, जंगल, खेत-खलिहान आदि के साथ-साथ इस देश के करोड़-करोड़ों लोग भी भारतमाता हैं।

प्रश्न 6.
आजादी से पूर्व किसानों को किन समस्याओं का सामना करना पड़ता था ?
उत्तर :
आजादी से पूर्व देश का किसान अनेक प्रकार की समस्याओं से घिरा हुआ था। जैसे कि – गरीबी के कारण पूँजीपतियों, जमींदारों और महाजनों के द्वारा मन-माने ढंग से आर्थिक शोषण, कड़े लगान और ऊँचे ब्याज के कारण ये आर्थिक रूप से बदहाल थे। पुलिस का अत्याचार चरमसीमा पर था, उधर विदेशी शासन का जोर-जुल्म और अत्याचार भी कम नहीं था।

पाठ के आस-पास

प्रश्न 1.
आज़ादी से पहले भारत-निर्माण को लेकर नेहरू के क्या सपने थे ? क्या आज़ादी के बाद वे साकार हुए ? चर्चा कीजिए।
उत्तर :
आजादी से पूर्व भारत-निर्माण को लेकर पं. नेहरू ने अनेक सपने देखे थे। जैसे कि – देश से गरीबी दूर करना, युवा को रोजगार देना, किसानों को जमींदारों और महाजनों के शोषण से मुक्त कराना, कल – कारखानों का विकास एवं औद्योगिक क्रान्ति लाना, तकनीकी शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना, हरित क्रान्ति लाना, सांप्रदायिक सौहार्द बढ़ाना, सामाजिक समरसता बढ़ाना, साक्षरता अभियान चलाना आदि। पं. नेहरू के ये सपने आजादी के बाद पूर्णतः साकार नहीं हुए, राजनीतिक प्रपंच, भ्रष्टाचार, बढ़ती जनसंख्या, सीमित साधन, सरकारी अनिच्छा आदि कारणों से नेहरू के सपने पूर्ण रूप से साकार नहीं हुए।

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प्रश्न 2.
भारत के विकास को लेकर आप क्या सपने देखते हैं ?
उत्तर :
भारत के विकास को लेकर मैं कई सपने देखता हूँ। जैसे कि –
देश में सामाजिक समरसता बढ़े, जातिगत भेद-भाव खत्म हो, रोटी, कपड़ा और मकान जैसी बुनियादी आवश्यकताओं से कोई वंचित न रहे। शिक्षा का इतना प्रचार-प्रसार हो कि कोई अशिक्षित न रहे। देश में गरीबी दूर हो, हर हाथो को काम मिले – कोई बेकार न रहे, औद्योगिक विकास हो, किसानों की हालत सुधरे, खेती का विकास हो, तकनीकी विकास हो, आपसी भाईचारा और शांति का माहौल स्थापित हो !

प्रश्न 3.
आपकी दृष्टि में भारतमाता और हिंदुस्तान की क्या संकल्पना है ? बताइए।
उत्तर :
मेरी दृष्टि में भारतमाता और हिन्दुस्तान की संकल्पना एक-सी है। भारतमाता और हिन्दुस्तान अर्थात् भारत कि भौगोलिक सीमा – उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूर्व से लेकर पश्चिम तक फैला हुआ भारत वर्ष कि जिसमें उसके नदी-नालें, पर्वत-पठार, खेत-खलिहान, वन-उपवन, सभ्यता-संस्कृति, रहन-सहन, खान-पान, वेश-भूषा तथा यहाँ के करोड़ों करोड़ निवासी ही सही मायने में भारत वर्ष है, हिन्दुस्तान है !

प्रश्न 4.
वर्तमान समय में किसानों की स्थिति किस सीमा तक बदली है ? चर्चा कर लिखिए।
उत्तर :
वर्तमान समय में किसानों की स्थिति पूर्ण रूपेण से नहीं बदली हैं, मगर पहले कि तुलना में बहुत कुछ बदलाव आया हैं। ‘जोते उसकी जमीन’ जैसे कानून की वजह से किसान अपने खेतों के मालिक बने हैं। उन्हें किसी को लगान नहीं देना पड़ता। बीज खरीद के लिये सरकारी सहायता मिलती है। अतिवृष्टि या अनावृष्टि के समय सरकार की ओर से किसानों को मुआवजा मिलता हैं।

फसलों की खरीदी के लिये सरकार न्यूनतम मूल्य घोषित करती है, बुआई से कटाई तक के सारे साधनों – श्रेष्ठ बीज, खाद, कीटनाशक दवाईयाँ, बीजली, ट्रेक्टर एवं अन्य साधनों पर सरकार बड़ी मात्रा में सबसिडी देती है, कभी-कभी ऋण माफ कर देती है। किसान आज खेती के साथ-साथ कुटीर उद्योग, पशुपालन, मत्स्य उद्योग, दुध उत्पादन जैसे कार्य भी करता है। किन्तु किसानों की खुशहाली के लिये अब भी बहुत कुछ करना बाकी है।

प्रश्न 5.
आजादी से पूर्व अनेक नारे प्रचलित थे। किन्हीं दस नारों का संकलन करें और संदर्भ भी लिखें।
उत्तर :

  • वंदे मातरम् – बंकिमचंद्र चटर्जी – आजादी के समय क्रांतिकारियों का मंत्र।
  • तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा – सुभाषचंद्र बोस – सशस्त्र क्रांति का आह्वान।
  • इन्कलाब जिंदाबाद – क्रांति को बढ़ावा देने हेतु।
  • अंग्रेजों भारत छोड़ो – देश की आजादी के लिए।
  • करों या मरो – महात्मा गाँधी – भारत छोड़ो आंदोलन।
  • स्वतंत्रता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है – तिलक – अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल।
  • दिल्ली चलो – सुभाषचंद्र बोस – अंग्रेजों को सत्ता से बाहर करना।
  • साइमन वापस जाओ – लाला लाजपत राय – साइमन कमीशन का बहिष्कार।।
  • हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तान – प्रताप नारायण मिश्र – राष्ट्रीय एकता हेतु।
  • स्वदेशी अपनाओ – एनी बेसेंट – विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए।

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भाषा की बात

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए शब्दों का पाठ के संदर्भ में अर्थ लिखिए।
दक्खिन, पश्चिम, यक-साँ, एक-जुज, ढढ्ढे
उत्तर :

  • दक्खिन – दक्षिणी प्रांत – केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश
  • पच्छिम – पश्चिमी प्रांत – गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान।
  • यक-साँ – एक जैसा
  • एक-जुज – एक अंश
  • ढढ्ढे – बोड़ा

प्रश्न 2.
नीचे दिए गए संज्ञा शब्दों के विशेषण रुप लिखिए।
आजादी, चमक, हिन्दुस्तान, विदेश, सरकार, यात्रा, पुराण, भारत

  • संज्ञा विशेषण
  • आज़ादी – आजाद
  • चमक – चमकीला
  • हिंदुस्तान – हिन्दुस्तानी
  • विदेश – विदेशी
  • सरकार – सरकारी
  • यात्रा – यात्री
  • पुराण – पौराणिक
  • भारत – भारतीय

Hindi Digest Std 11 GSEB भारत माता Important Questions and Answers

पाठ के साथ

प्रश्न 1.
लेखक किसानों को हिंदुस्तान की एकता बताना जरूरी समझता है, क्यों ?
उत्तर :
लेखक किसानों को हिंदुस्तान की एकता बताना जरूरी सनाता है क्योंकि लेखक का मानना है कि अधिकांश किसान गाँव में रहते हैं और गाँव के लोगों की सोच सीमित होती है। वे हिंदुस्तान का सही अर्थ नहीं समझते थे। इसलिए पं. नेहरू उन्हें अखंड भारत की परिभाषा सरल शब्दों में समझाते थे। वे उन्हें यह भी बताते थे कि इस देश के सारे किसान एक-सी समस्या से जूझ रहें हैं, भारतमाता का तात्पर्य इस देश की करोड़-करोड़ जनता।

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प्रश्न 2.
लेखक के विचारों में ‘भारत माता की जय’ का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
“भारत माता की जय’ का सार्थक, सटीक और सचोट अर्थ स्पष्ट करते हुए कहा है कि ‘भारत माता’ का अर्थ है इस देश के करोड़ों लोग और ‘भारत माता की जय’ का अर्थ है इस देश के करोड़ों-करोड़ लोगों की जय। लेखक की सारगर्भित शैली एवं विराट राष्ट्रप्रेम सहज ही प्रेरित-प्रोत्साहित करते हैं।

प्रश्न 3.
‘भारत माता’ पाठ का केन्द्रीय भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
प्रस्तुत पाठ पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखित ‘हिन्दुस्तान की कहानी’ का पाँचवाँ अध्याय है। प्रस्तुत पाठ में पं. नेहरू ने बताया है कि भारतवर्ष एक विशाल देश है, जो अनेक प्रांतों में बँटा होकर भी एक है। ‘अनेकता में एकता’ भारत की विशेषता है। सभी प्रांत के लोग आपस में भावनात्मक एकता से जुड़े हुए हैं।

लेखक ने अपने देश-विदेश के दौरों का हवाला देकर कई महत्त्वपूर्ण बातें कही है। जिसमें भारत माता’ और ‘भारत माता की जय’ का सार्थक, सटीक और सचोट अर्थ स्पष्ट करते हुए कहा है, कि ‘भारत माता’ का अर्थ है इस देश के करोड़ों लोग और भारत माता की जय का अर्थ है – इस देश के करोड़ों – करोड़ लोगों की जय। लेखक की सारगर्भित – शैली एवं विराट राष्ट्रप्रेम सहज ही प्रेरित – प्रोत्साहित करते हैं।

प्रश्न 4.
ग्रामीण एवं शहरी इलाकों में लेखक के भाषणों का विषय भिन्न रहता था। क्यों ?
उत्तर :
लेखक कांग्रेस के सक्रिय नेता थे। वे देशभर में घूमा करते थे, जगह-जगह पर अपने भाषण देते थे। वे गाँवों में अलग प्रकार का भाषण देते थे। शहरी इलाके में उनके भाषणों का विषय अलग होता था। उनका मानना था कि शहरी एवं ग्रामीणजनों की समस्यायें भिन्न हैं। शिक्षा और समझदारी का दायरा भी दोनों का भिन्न हैं, अतः उनके भाषणों का विषय भी भिन्न रहता था।

शहर में लोग अधिक पढ़े-लिखे और समझदार होते थे। इसलिए वहाँ लेखक अपने भाषणों में विकास या स्वतंत्रता जैसी बाते करते थे। ग्रामीण इलाके में पं. नेहरू उन्हें विदेशों के उदाहरण देते उन्हें भारत माता का अर्थ बतलाते, देश की एकता एवं अखंडता की बातें करते तथा उन्हें यह भी समझाने का प्रयास करते कि आप इस देश का ही एक हिस्सा है, आपसे ही हिन्दुस्तान बना है।

एक-दो बाक्यों में उत्तर दीजिए।

प्रश्न 1.
जवाहरलाल नेहरू का जन्म कब और कहाँ हुआ था ?
उत्तर :
जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर, 1889 को इलाहाबाद (उ. प्र.) के एक संपन्न परिवार में हुआ था।

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प्रश्न 2.
जवाहरलाल नेहरू के पिता का क्या नाम था ?
उत्तर :
जवाहरलाल नेहरू के पिता का नाम मोतीलाल नेहरू था।

प्रश्न 3.
नेहरू की प्रारंभिक तथा उच्च शिक्षा कहाँ पर हुई थी ?
उत्तर :
नेहरू की प्रारंभिक शिक्षा घर पर तथा उच्च शिक्षा इंग्लैंड में हैरो तथा कैम्ब्रिज में हुई थी।

प्रश्न 4.
नेहरू के प्रधानमंत्री बनने के पश्चात् नेहरू जी ने देश के विकास के लिए क्या-क्या किया ?
उत्तर :
प्रधानमंत्री बनने के पश्चात् नेहरू ने देश के विकास के लिए कई योजनाएँ बनाई, जिनमें आर्थिक और औद्योगिक प्रगति तथा वैज्ञानिक अनुसंधान से लेकर साहित्य, कला, संस्कृति आदि क्षेत्र शामिल थे।

प्रश्न 5.
नेहरू अपनी बातचीत में किन-किन देशों के कशमकशों का जिक्र करते थे ?
उत्तर :
नेहरू अपनी बातचीत में चीन, स्पेन, अबीसिनिया, मध्य यूरोप, मिस्र और पश्चिमी एशिया में होनेवाले कशमकशों का जिक्र करते थे।

प्रश्न 6.
नेहरू के पिता पेशे से क्या थे ?
उत्तर :
नेहरू के पिता पेशे से इलाहाबाद के बहुत बड़े वकील थे।

प्रश्न 7.
जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु कब हुई ?
उत्तर :
जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु 27 मई, सन 1964 ई. को हुई।

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प्रश्न 8.
जवाहरलाल नेहरू का विवाह कब और किसके साथ हुआ था ?
उत्तर :
जवाहरलाल नेहरू का विवाह ई. सन् 1916 में श्रीमती कमलादेवी के साथ हुआ था।

योग्य विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।

प्रश्न 1.
जवाहरलाल नेहरू की माता का नाम ………… था।
(A) स्वरूपरानी
(B) कस्तुरबा
(C) विमलादेवी
(D) विजयीदेवी
उत्तर :
(A) स्वरूपरानी

प्रश्न 2.
जवाहरलाल नेहरू की पत्नी का नाम …………. था।
(A) सुसमा
(B) कमला
(C) पूनम
(D) सोनम
उत्तर :
(B) कमलादेवी

प्रश्न 3.
नेहरू जी ………….. पक्ष में शामिल होकर उनके महान और प्रमुख नेता बने।
(A) बहुजन समाजवादी पार्टी
(B) आमआदमी पार्टी
(C) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
(D) भाजपा
उत्तर :
(C) कांग्रेस

प्रश्न 4.
जवाहरलाल नेहरू जी को बच्चे …………. कहकर बुलाते थे।
(A) नेहरू गुरुजी
(B) नेहरू मास्टरजी
(C) नेहरू चाचाजी
(D) नेहरू मुंशीजी
उत्तर :
(C) चाचा नेहरू

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प्रश्न 5.
नेहरू ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्वशांति और ………….. के सिद्धांतों का प्रचार किया।
(A) सत्य
(B) अहिंसा
(C) पंचशील
(D) गांधी
उत्तर :
(C) पंचशील

प्रश्न 6.
जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को ……….. के रूप में मनाया जाता है।
(A) बालदिवस
(B) योगदिवस
(C) खेलदिवस
(D) पर्यावरण दिवस
उत्तर :
(A) बालदिवस

ससंदर्भ व्याख्या कीजिए।

प्रश्न 1.
‘भारत माता दरअसल यही करोड़ों लोग हैं, और ‘भारत माता की जय’ से मतलब हुआ इन लोगों की जय का।’
उत्तर :
संदर्भ : प्रस्तुत गद्यांश पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखित ‘हिन्दुस्तान की कहानी’ के पाँचवें अध्याय से लिया गया है। यह कथन पंडित नेहरू ने किसानों को भारतमाता का तात्पर्य समझाते हुए किया है।

व्याख्या : इस गद्यांश में पं. नेहरू ने ‘भारतमाता’ एवं ‘भारत माता की जय’ का अर्थ अत्यंत सहज, सरल एवं सचोट रूप में प्रस्तुत किया है। पं. नेहरू जब देश के विभिन्न प्रदेशों में जनता के बीच जाते थे तब जनता उनके अभिवादन में नारे लगाते – ‘भारत माता की जय’। तब पं. नेहरू उन्हें इस नारे का अर्थ पूछते। उचित उत्तर न मिलने पर वे इस नारे का अर्थ स्पष्ट करते हुए कहते कि – ‘भारत माता’ का अर्थ है – इस देश के करोड़ों – करोड़ लोग और ‘भारत माता की जय’ का अर्थ है – इस देश के करोड़ों-करोड़ लोगों की जय।’

विशेष :

  • भारत माता’ शब्द की व्यापक संकल्पना स्पष्ट हुई है।
  • लेखक की देशप्रेम की भावना प्रस्तुत हुई है।
  • भाषा सहज-सरल है।

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अपठित गद्यांश

आदमी जैसा है, वैसा ही न रहे, वह बदले, यह चिंता केवल आधुनिक साहित्य की ही नहीं है। प्राचीन साहित्य में भी वह रही, मध्यकालीन साहित्य में भी मिलती है – पुराने यूनान-रोम में भी और भारतीय साहित्य में भी थी। मनुष्य को बदलने के दो रूप हो सकते हैं। एक तो यह कि जैसा भी हमारा जीवन चल रहा है, जो भी हमारी दृष्टि है, अनुभव की हमारी प्रणाली है, अपने अनुभवों को मुल्यवत्ता देने की, अपनी अनुभूति को महान बनाने की जो भी हमारी क्षमता है उसे अगर हम भीतर से बदल दे तो मनुष्य बदल जाएगा।

यही चिंता अक्सर साहित्य में व्यक्त हुई है। किंतु फ्रांसीसी क्रांति का एक और असर हुआ, उससे ऐसा लगा कि यह जो मनुष्य को भीतर से बदलने का हमारा प्रयास रहा है, वह अधूरा चला गया कि बारंबार प्रयास करने के बावजूद भी मनुष्य नहीं बदला – या कि कुछ लोग केवल भीतर से बदल जाते हैं बाकी लोग नहीं , बदलते।

उपर्युक्त गद्यांश को पढ़कर नीचे पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।

प्रश्न 1.
साहित्य में कौन-सी चिंता सार्वकालिक तथा सार्वत्रिक है ? समझाइए।
उत्तर :
साहित्य में यह चिंता सार्यकालिक तथा सार्वत्रिक है कि मनुष्य जैसा है वैसा ही न रहे, बल्कि उसमें वांछित परिवर्तन हो। यह चिंता प्राचीन, मध्यकालीन तथा आधुनिक तीनों कालों के साहित्य में देखी जा सकती है। इसलिए यह सार्वकालिक है। साथ ही यह चिंता केवल पूर्वी देशों (भारत) की ही नहीं, बल्कि पाश्चात्य देशों (रोम) की भी रही है, अतः यह सार्वत्रिक है।

प्रश्न 2.
‘आदमी जैसा है, वैसा ही न रहे’ का क्या तात्पर्य है ?
उत्तर :
मूलतः आदमी भी मूलतः प्राणी ही है, किन्तु साहित्य की चिंता यह है कि उसके प्राणीसुलभ गुणों का मानवता की दृष्टि से सर्वोपयोगी रूपांतरण हो, उसमें जीवनमूल्यों तथा नैतिक मान विकसित हों, ताकि वह सामाजिक बने केवल सामान्य प्राणी न रहे।

प्रश्न 3.
मनुष्य भीतर से कब बदल जाएगा ?
उत्तर :
यदि हम जैसा हमारा जीवन चल रहा है, जो भी हमारी जीवन दृष्टि है, जो भी हमारे अनुभव की प्रणालियाँ हैं, अपने अनुभवों : को मूल्यवत्ता देने तथा अपने अनुभूति को महान बनाने की जो हमारी क्षमता है, उन्हें बदल दें तो मनुष्य भीतर से भी बदल जाएगा।

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प्रश्न 4.
फ्रांसीसी क्रांति से हमें मनुष्य के परिवर्तन के विषय में क्या पता चला ?
उत्तर :
फ्रांसीसी क्रांति से हमें ऐसा लगा कि मनुष्य को भीतर से बदलने का हमारा प्रयास अधूरा रह गया। बारंबार कोशिशों के बावजूद केवल कुछ लोग अंदर से बदले बाकी लोग नहीं। अतः परिवर्तन सर्वव्यापी नहीं बन सका।

प्रश्न 5.
‘अक्सर’ के लिए तत्सम शब्द बताइए।
उत्तर :
अक्सर के लिए तत्सम हिन्दी शब्द प्रायः या बहुधा।

प्रश्न 6.
यूनान-रोम में कौन-सा समास है, विग्रह करके बताइए।
उत्तर :
यूनान-रोम यूनान तथा रोम सहित अन्य पश्चिमी देश – बंद समास

भारत माता Summary in Hindi

लेखक परिचय :

जीवन परिचय : जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर, 1889 में इलाहाबाद के एक संपन्न परिवार में हुआ था। उनके पिता मोतीलाल नेहरू तथा इनकी माता स्वरूपरानी नेहरू थी। उनके पिता इलाहाबाद के बड़े वकील थे। नेहरू की प्रारंभिक शिक्षा घर – पर तथा उच्च शिक्षा इंग्लैंड में हैरो तथा कैम्ब्रिज में ट्रिनटी कॉलेज में हुई।

वहीं से वकालत की पढ़ाई की लेकिन नेहरू पर गांधी जी का बहुत प्रभाव पड़ा। उनकी पुकार पर वे पढ़ाई छोड़कर आजादी की लड़ाई में जुट गए। आगे चलकर सन् 1929 में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन के अध्यक्ष बने और पूर्ण स्वतंत्रता की माँग की। नेहरू का झुकाव समाजवाद की ओर भी रहा।

जवाहरलाल नेहरु भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने और स्वतंत्रता के पहले और बाद में भारतीय राजनीति के मुख्य केंद्रबिंदु थे। ये महात्मा गांधी के सहायक के तौर पर भारतीय स्वतंत्रता अभियान के मुख्य नेता थे जो अंत तक भारत को स्वतंत्र बनाने के लिए लड़ते रहे और स्वतंत्रता के बाद भी अपनी मृत्यु तक देश की सेवा की। उन्हें आधुनिक भारत का निर्माता माना जाता था। पंडित होने के कारण उन्हें पंडित नेहरू भी कहा जाता था। जबकि बच्चों से उनके लगाव के कारण बच्चे उन्हें ‘चाचा नेहरू’ के नाम से जानते थे। चाचा नेहरू के जन्मदिन को बालदिवस के रूप में मनाया जाता है।

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रचनाएँ –

नेहरूजी उच्च कोटि के लेखक भी थे। इन्होंने अंग्रेजी में लिया। इनकी रचनाओं का हिंदी सहित अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है। इनकी रचनाएँ निम्नलिखित हैं – मेरी कहानी (आत्मकथा), विश्व इतिहास की झलक, हिन्दुस्तान की कहानी, पिता के पत्र 1-पुत्री के नाम, (हिन्दी अनुवाद) हिंदुस्तान की समस्याएँ, स्वाधीनता और उसके बाद राष्ट्रपिता, भारत की बुनियादी एकता, लड़खड़ाती .. दुनिया आदि (लेखों और भाषणों का संग्रह)।

पंडित जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। उन्होंने देश के सर्वागी विकास के लिए अनेक योजनाएँ बनाई। वे शांति, अहिंसा और मानवता के अग्रदूत थे। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्वशांति और पंचशील के सिद्धांतों के प्रचार-प्रसार के लिए आपको सदैव याद किया जायेगा। पंडित जवाहरलाल नेहरू का निधन सन् 1964 में हुआ था।

प्रस्तुत पाठ पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखित ‘हिन्दुस्तान की कहानी’ का पाँचयाँ अध्याय है। प्रस्तुत पाठ में पं. नेहरू ने बताया है कि भारत वर्ष एक विशाल देश है, जो अनेक प्रांतों में बँटा होकर भी एक है। ‘अनेकता में एकता भारत की विशेषता है। सभी प्रांत के लोग आपस में भावनात्मक एकता से जुड़े हुए हैं।

लेखक ने अपने देश-विदेश के दौरों का हवाला देकर कई महत्त्वपूर्ण बातें कही है। जिसमें “भारत माता’ और ‘भारत माता की जय’ का सार्थक, सटीक और सचोट अर्थ स्पष्ट करते हुए कहा है, कि ‘भारत माता’ का अर्थ है इस देश के करोड़ों लोग और भारत माता की जय का अर्थ है – इस देश के करोड़ों-करोड़ लोगों की जय। लेखक, – की सारगर्भित शैली एवं विराट राष्ट्रप्रेम सहज ही प्रेरित प्रोत्साहित करता हैं।

पाठ का सारांश :

प्रस्तुत पाठ पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखित ‘हिन्दुस्तान की कहानी’ का पाँचयाँ अध्याय है। प्रस्तुत पाठ में पं. नेहरू ने बताया है कि भारत वर्ष एक विशाल देश है, जो अनेक प्रांतों में बँटा होकर भी एक है। ‘अनेकता में एकता’ भारत की विशेषता है।

पं. नेहरू अपने भाषणों में हिन्दुस्तान की एकता और अखण्डता के बारे में बतलाते हुए कहते हैं कि देश का एक हिस्सा दूसरे से अलग होते हुए भी हिन्दुस्तान एक था। स्वराज्य का भी जिक्र करते।

पं. नेहरू देश के भिन्न-भिन्न भू-भागों में यात्रा करते तब सभा सम्मेलनों में देश के किसान उनसे एक से सवाल पूछते। क्योंकि देश के सारे किसानों की समस्याएँ एक-सी थीं। ये अनेक देशों की यात्राओं का जिक्र भी करते हैं। अमरिका की तरक्की। सन् 30 के बाद की आर्थिक मंदी आदि का जिक्र भी करते हैं। दूसरे मुल्कों के बारे में वे जो हवाला देते थे लोग यहाँ की स्थितियों को आसानी से समझ जाते।

लेखक जब किसी बड़े समारोह में जाते वहाँ के लोग उनके स्वागत में ‘भारत माता की जय !’ का नारा लगाते। तब लेखक उनसे पूछ बैठते है कि यह भारत माता कौन है ? जिसकी आप जय चाहते हो। कोई भारत माता का आशय धरती से जोड़ता, तो कोई अपने अपने गाँव, जिला, प्रांत यह सारे हिन्दुस्तान की धरती से जोड़ता।

आखिर में लेखक स्वयं ‘भारत माता’ और ‘भारत माता की जय’ का सार्थक, सटीक और सचोट अर्थ स्पष्ट करते हुए कहा है, कि ‘भारत माता’ का अर्थ है इस देश के करोड़ों लोग और ‘भारत माता की जय’ का अर्थ है – इस देश के करोड़ों-करोड़ लोगों की जय। लेखक की सारगर्भित शैली एवं विराट राष्ट्रप्रेम सहज ही प्रेरित – प्रोत्साहित करते हैं।

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शब्दार्थ :

  • अकसर – प्रायः
  • संस्थापन – स्थापना करनेवाला
  • गिजा – खुराक
  • महदूद – सीमित
  • यक-साँ – एकसमान
  • धुर – और परे
  • महाजन – ब्याज पर धन देनेवाले
  • सूद – ब्याज
  • हासिल – प्राप्त
  • अचरज – हैरानी
  • मंदी – व्यापार में कमी
  • हवाले – संदर्भ
  • जवाब न बन पाना – उत्तर न दे पाना
  • सूबा – प्रदेश
  • आँखों में चमक आना – खुशी मिलना
  • जुज़ – खंड, भाग, अंश
  • दरअसल – वास्तव में
  • जलसा – समारोह
  • सयाने – समझदार
  • नजरिया – सोचने का तरीका, दृष्टिकोण
  • मसला – मुद्दा, समस्या
  • स्वराज्य – अपना शासन
  • शिकंजा – कसनेवाला औजार
  • लगान – खेती की जमीन पर बुवाई का कर
  • जुल्म – अत्याचार
  • कशमकश – ऊहापोह, पशोपेश
  • तब्दीली – बदलाव
  • मुल्क – देश
  • ताज्जुब – हैरानी, आश्चर्य
  • किसानी – खेती
  • अजीज – प्रिय
  • ढढ्ढे – बोझ
  • हट्टे-कट्टे – हष्ट-पुष्ट, स्वस्थ, मज़बूत कद-काठीवाला
  • धावा – आक्रमण, हमला

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