GSEB Class 10 Hindi Vyakaran भाववाचक संज्ञाएँ

   

Gujarat Board GSEB Solutions Class 10 Hindi Vyakaran भाववाचक संज्ञाएँ Questions and Answers, Notes Pdf.

GSEB Std 10 Hindi Vyakaran भाववाचक संज्ञाएँ

भाववाचक संज्ञा के बारे में प्रश्न इस प्रकार होंगे:

  • दिए हुए चार विकल्पों में से सही भाववाचक संज्ञा बताना।
  • दिए हुए वाक्य के चार शब्दों में से भाववाचक संज्ञा बताना।

व्यक्ति (प्राणी), वस्तु, स्थान या भाव का नाम सूचित करनेवाले शब्द को ‘संजा’ कहते हैं।

निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए :

  1. अशोक अमिता से पराजित हो गया।
  2. गेहूँ और सोने के भाव बढ़ रहे हैं।
  3. हमने गुजरात के गिरिवन में सिंह देखे।
  4. बचपन से ही उसके दिल में बड़ी-बड़ी आशाएँ थीं।

GSEB Class 10 Hindi Vyakaran भाववाचक संज्ञाएँ

पहले वाक्य में ‘अशोक’ एक राजा (पुरुष) का और ‘अमिता’ एक राजकुमारी (स्त्री) का नाम है। ये दोनों व्यक्ति हैं।
दूसरे वाक्य में गेहूं’ और ‘सोना’ दो अलग-अलग द्रव्यों के नाम हैं।
तीसरे वाक्य में ‘गुजरात’ व ‘गिरिवन’ स्थान विशेष को सूचित करते हैं। ‘सिंह’ एक प्राणी का नाम है।
चौथे वाक्य में ‘बचपन’ एक अवस्था (दशा) का नाम है और ‘आशा’ शब्द से मन का भाव सूचित होता है।
ये सारे शब्द किसी-न-किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, प्राणी, अवस्था या भाव के नाम हैं, इसलिए ये सब ‘संज्ञा’ शब्द हैं।

संज्ञाओं के प्रकार :

संज्ञाओं को पाँच वर्गों में बाँटा गया है। ये पांच वर्ग व्यक्ति, जाति, समूह, पदार्थ और भाव के आधार पर निश्चित किए गए हैं। इस वर्गीकरण के अनुसार संज्ञा पाँच प्रकार की होती है :

  1. व्यक्तिवाचक संज्ञा.
  2. जातिवाचक संज्ञा.
  3. समूहवाचक संज्ञा.
  4. द्रव्यवाचक या पदार्थवाचक संज्ञा और
  5. भाववाचक संज्ञा।

व्यक्तिवाचक संज्ञा : यह संज्ञा किसी विशेष व्यक्ति, प्राणी या स्थान का बोध कराती है। जैसे – राम (व्यक्ति), गिल्लू (प्राणी), अहमदाबाद (स्थान)। ये शब्द अपने वर्ग के किसी विशिष्ट नाम को सूचित करते हैं।

जातिवाचक संज्ञा : यह संज्ञा किसी वस्तु, प्राणी या स्थान के पूरे वर्ग का बोध कराती है। जैसे- मनुष्य, स्त्री, लड़का, लड़की, गाय, नदी, पहाड़, पुस्तक, शहर, गांव आदि जातिवाचक संज्ञाएं हैं।

समूहवाचक संज्ञा : यह संज्ञा वस्तु, मनुष्य, प्राणी के समूह का बोध कराती है।
जैसे – ढेर – किसी वस्तु का समूह
भौड़ – मनुष्यों का समूह
झुंड – पशुओं का समूह
इसी प्रकार गुच्छा, सेना, गड्डी, राशि आदि शब्द समूहवाचक संज्ञाएँ हैं।

द्रव्यवाचक या पदार्थवाचक संज्ञा :
यह संज्ञा धातुओं, खाद्यवस्तुओं, पेय पदार्थों या वस्त्राभूषण के पदार्थों का बोध कराती है।
जैसे – सोना, चाँदी, लोहा, तांबा (धातु)
गेहूं, चावल, दूध, तेल, पानी (खाद्य और पेय पदार्थ)
कपास, जूट, रेशम (वस्त्र)
धोती, साड़ी, कमीज (वस्त्राभूषण)
ये शब्द द्रव्यवाचक या पदार्थवाचक संज्ञाएं हैं।

भाववाचक संज्ञा :
यह संज्ञा मन के भावों, प्रसंगों और अवस्थाओं (दशाओं) का – बोध कराती है।
जैसे – सुख, दुःख, उत्साह, प्रसन्नता (भाव)
विवाह, जन्म, मरण (प्रसंग)
बचपन, जवानी, बुढ़ापा, बीमारी (अवस्था-दशा)

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जातिवाचक संज्ञा और भाववाचक संज्ञा में अंतर :

जातिवाचक संज्ञा व्यक्ति, प्राणी, वस्तु, स्थान की जाति सूचित करती है। जैसे- आदमी, कुत्ता, वृक्ष, बगीचा। जातिवाचक संज्ञाओं को हम देख और छू सकते हैं।

इसके विपरीत भाववाचक संज्ञा मन के भाव, जीवन की दशा, अवस्था तथा अदृश्य वस्तुओं को सूचित करती हैं। जैसे – हर्ष-उल्लास, उत्साह, उदासी (भाव); गरीबी, अमौरी, बीमारी (दशा), बचपन, जवानी, बुढ़ापा (अवस्था); हवा, आत्मा, ईश्वर आदि (अदृश्य वस्तुएं)।

भाववाचक संज्ञाओं का हम केवल अनुभव कर सकते हैं। उन्हें हम देख या छू नहीं सकते। लड़के को हम देख और छू सकते हैं, पर लड़कपन को हम देख और छू नहीं सकते।

भाववाचक संज्ञाओं का निर्माण :

जातिवाचक संज्ञा से बनी भाववाचक संज्ञाएँ :

नीचे दिए हुए वाक्यों में रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए :

‘अ’ : वह अब बच्चा नहीं है।
उसका बचपन बीत चुका है।

‘ब’ : तुम आदमी को देखते हो।
मैं आदमियत का पुजारी हूँ।

‘क’ : वह बड़ा पंडित है।
वह अपने पांडित्य के लिए प्रसिद्ध है।

‘अ’ विभाग के पहले वाक्य में ‘बच्चा’ जातिवाचक संज्ञा है। ‘बच्चा’ शब्द में पन’ प्रत्यय लगने से दूसरे वाक्य का ‘बचपन’ शब्द बना है। यह भाववाचक संज्ञा है।

‘ब’ विभाग के पहले वाक्य में ‘आदमी’ जातिवाचक संज्ञा है। ‘आदमी’ शब्द में ‘ईवत’ प्रत्यय लगने से दूसरे वाक्य में ‘आदमियत’ भाववाचक संज्ञा बनी है।
‘क’ विभाग के पहले वाक्य में ‘पंडित’ जातिवाचक संज्ञा है। इस संज्ञा में ‘त्य’ प्रत्यय लगाकर दूसरे वाक्य में ‘पांडित्य’ भाववाचक संज्ञा बनाई गई है।
इस प्रकार जातिवाचक संज्ञाओं में अलग-अलग प्रत्यय जोड़कर उनसे भाववाचक संज्ञाएं बनाई जाती हैं। जैसे –

जातिवाचक संज्ञा भाववाचक संज्ञा
लड़का लडकपन
पिता पितृत्व
मनुष्य मनुष्यता
बादशाह बादशाहत
इन्सान इन्सानियत

विशेषण से बनी भाववाचक संज्ञाएं :

नीचे दिए हुए वाक्यों के रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए :

‘अ’ : राम अच्छा लड़का है।
राम की अच्छाई से सभी परिचित हैं।

‘ब’ : हिमालय सबसे ऊंचा पर्वत है।
हिमालय अपनी ऊँचाई के लिए प्रसिद्ध है।

‘क’ : शादीलाल बहुत सज्जन थे।
शादीलाल की सज्जनता की सब तारीफ करते थे।

‘अ’ विभाग के पहले वाक्य में ‘अच्छा’ शब्द विशेषण है। वह राम नामक लड़के की विशेषता बताता है। दूसरे वाक्य में ‘अच्छा’ के साथ ‘आई’ प्रत्यय जोड़ने पर ‘अच्छाई’ शब्द बना है। ‘अच्छाई’ भाववाचक संज्ञा है।

‘ब’ विभाग के पहले वाक्य में “ऊंचा’ शब्द हिमालय पर्वत की विशेषता बताता है। इसलिए वह विशेषण है। दूसरे वाक्य में ‘ऊंचा’ शब्द में ‘आई’ प्रत्यय लगाकर ‘ऊंचाई’ शब्द बना है। “ऊंचाई’ भाववाचक संज्ञा है।

‘क’ विभाग के पहले वाक्य में ‘सजन’ शब्द शादीलाल नामक व्यक्ति की विशेषता बताता है। इस विशेषण शब्द में ‘ता’ प्रत्यय लगाने से ‘सज्जनता’ भाववाचक संज्ञा बनी है।

इस प्रकार विशेषण शब्दों में विभिन्न प्रत्यय जोड़कर उनसे भाववाचक संज्ञाएं बनाई जाती हैं।

कुछ अन्य उदाहरण भी देखिए :

विशेषण भाववाचक संज्ञा
अकेला अकेलापन
खुश खुशी
खूबसूरत खूबसूरती
मौजूद मौजूदगी
असल असलियत
तैयार तैयारी

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क्रिया से बनी भाववाचक संज्ञाएं:

नीचे दिए हुए वाक्यों के रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए :

‘अ’ : वह अच्छा कमाता है।
उसकी अच्छी कमाई है।

‘ब’ : पता नहीं, यहाँ से कब टेंगे?
पता नहीं, यहाँ से कब छुटकारा मिलेगा?

‘क’ : इतना चिल्लाते क्यों हो?
इतनी चिल्लाहट क्यों मचाते हो?

‘अ’ विभाग के पहले वाक्य में ‘कमाता’ क्रिया शब्द है। यह ‘कमाना’ धातु से बना है। दूसरे वाक्य में इसी धातु से ‘कमाई’ शब्द बना है। यह भाववाचक संज्ञा है। ‘कमाना’ धातु का अन्त्य वर्ण ‘ना’ हटाकर उसमें ‘आई’ प्रत्यय जोड़ने से ‘कमाई’ भाववाचक संज्ञा बनी है।

‘ब’ विभाग के पहले वाक्य में छूटेंगे’ क्रिया शब्द है। यह ‘छूटना’ धातु से बना है। ‘छूटना’ धातु का अन्त्य वर्ण ‘ना’ हटाकर उसमें ‘कारा’ प्रत्यय जोड़कर ‘छुटकारा’ भाववाचक संज्ञा बनी है।

‘क’ विभाग के पहले वाक्य में ‘चिल्लाते’ क्रिया शब्द है। यह “चिल्लाना’ धातु से बना है। ‘चिल्लाना’ धातु का अन्त्य वर्ण ‘ना’ हटाकर उसमें ‘आहट’ प्रत्यय जोड़कर ‘चिल्लाहट’ शब्द बनाया गया है। ‘चिल्लाहट’ भाववाचक संज्ञा है।

इस प्रकार जातिवाचक संज्ञा, विशेषण और क्रिया (धातु) में प्रत्यय लगाने से भाववाचक संज्ञा बनती है।

भाववाचक संज्ञा बनानेवाले मुख्य प्रत्यय और उनके उदाहरण नीचे दिए गए हैं:

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अन्य भाववाचक संज्ञाएँ

  • बढ़ना – बढ़ती
  • ज्यादा – ज्यादती
  • लाल – लालिमा
  • मीठा – मिठास
  • बेचना – विक्री
  • चलना – चाल
  • शिशु – शैशव
  • घेरना – घेराव
  • पीना – प्यास
  • भारत – भारतीयता

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महत्वपूर्ण भाववाचक संज्ञाएँ

  1. महिमा
  2. मनुष्यता
  3. प्रीति
  4. व्यथा
  5. आस्था
  6. देवत्व
  7. पीड़ा
  8. पौरुष
  9. चुनौती
  10. द्रोह
  11. चिकनाई
  12. मंत्रित्व
  13. मूर्खता
  14. क्रोध
  15. वास्तविकता
  16. नास्तिकता
  17. संस्कृति
  18. अध्ययन
  19. बारीकी
  20. जरूरत
  21. करामात
  22. शीघ्रता
  23. सुझाव
  24. लघुता
  25. आतंक
  26. हड़बड़ी
  27. प्रतीक्षा
  28. मस्ती
  29. एकाकीपन
  30. उल्लास
  31. धृष्टता
  32. परायापन

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