GSEB Solutions Class 12 Hindi Chapter 1 कृष्ण-भक्ति

Gujarat Board GSEB Std 12 Hindi Textbook Solutions Chapter 1 कृष्ण-भक्ति Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.

GSEB Std 12 Hindi Textbook Solutions Chapter 1 कृष्ण-भक्ति

GSEB Std 12 Hindi Digest कृष्ण-भक्ति Textbook Questions and Answers

स्वाध्याय

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दिए गए विकल्पों में से चुनकर लिखिए :

प्रश्न 1.
‘ओलूँरी’ का क्या अर्थ है :
(क) विरोधी
(ख) माफिक
(ग) कौतूहल
(घ) विनय
उत्तर :
(ख) माफिक

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प्रश्न 2.
किसके बिना मीरा को कुछ भी नहीं सुहाता?
(क) राम
(ख) कृष्ण
(ग) हरि
(घ) शंकर
उत्तर :
(ख) कृष्ण

प्रश्न 3.
कृष्ण अपने हाथों से गोपियों पर क्या डालते हैं?
(क) रंग
(ख) अबीर
(ग) गुलाल
(घ) चंदन-केसर
उत्तर :
(घ) चंदन-केसर

प्रश्न 4.
कान्ह के संग कौन विराजमान है?
(क) ग्वालबाल
(ख) यशोदा
(ग) स्यामा अर्थात् राधा
(घ) नंद
उत्तर :
(ग) स्यामा अर्थात् राधा

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए :

प्रश्न 1.
मीरा को किसने आने के लिए कहा है?
उत्तर :
मीरा को हरि ने आने के लिए कहा है।

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प्रश्न 2.
कृष्ण क्या कर रहे हैं?
उत्तर :
कृष्ण होली खेल रहे हैं।

प्रश्न 3.
कृष्ण के साथ कौन-कौन होली खेल रहा है?
उत्तर :
कृष्ण के साथ राधा और व्रज की युवा नारियाँ होली खेल रही हैं।

प्रश्न 4.
कृष्ण किस राग में गीत गा रहे हैं ?
उत्तर :
कृष्ण धमार राग में गीत गा रहे हैं।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में लिखिए :

प्रश्न 1.
मीरा का हृदय क्यों व्याकुल हो उठा है?
उत्तर :
मौरा को भगवान के बिना कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा है। मोरा को भगवान के दर्शन की प्यास है। वे भगवान के दर्शन की आशा लगाए बैठी हैं। पर अब तक उन्होंने दर्शन नहीं दिए हैं। इसलिए उनका हृदय व्याकुल हो उठा है।

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प्रश्न 2.
मीरा क्यों दुखी हैं ?
उत्तर :
मीरा भगवान के दर्शन की आशा लगाए बैठी हैं। वे सोचती हैं भगवान कब उन्हें दर्शन देते हैं। मीरा को भगवान के चरण कमलों के दर्शन की लगन लगी है। उन्हें भगवान के दर्शन नहीं हो पा रहे हैं, इसलिए वे दुःखी हैं।

प्रश्न 3.
कृष्ण कैसे होली खेल रहे हैं?
उत्तर :
कृष्ण युवा व्रज नारियों और प्राण-प्यारी राधा के साथ होली खेल रहे हैं। वे मुरली, डफ और चंग की ध्वनि पर धमार गीत गाते हुए तालियां बजा रहे हैं। वे अपने हाथों से चंदन और केसर छिड़क रहे हैं और अपनी मुट्टियों में लाल-लाल गुलाल भरकर सब पर डाल रहे हैं।

4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चार-पाँच पंक्तियों में लिखिए :

प्रश्न 1.
प्रथम पद का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
मीराबाई हरि के वियोग में व्याकुल हैं। वे कहती हैं कि हरि के बिना मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा है। भगवान परम स्नेही हैं। भगवान हमारे हैं और मैं भगवान की हूँ। बिना हरि के मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा है। भगवान ने दर्शन देने का वादा किया था। लेकिन अभी तक उन्होंने दर्शन नहीं दिया।

इसलिए मेरा हृदय, मेरे प्राण बहुत व्याकुल हो रहे हैं। हे भगवान, मेरे दर्शन की उम्मीद आप कब पूरी करेंगे और मुझे दर्शन देंगे। हे भगवान, आपके कमल रूपी चरणों में मेरा हमेशा ध्यान लगा रहता है। आपके दर्शन नहीं हो रहे हैं, इसलिए मैं दुःखी हूँ। मीरा कहती हैं कि हे प्रभु मुझे दर्शन दीजिए। आपके दर्शन पाकर मुझे जो आनंद प्राप्त होगा उसका वर्णन नहीं किया जा सकता।

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प्रश्न 2.
ब्रज में कृष्ण द्वारा होली खेलने का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
ब्रज में श्रीकृष्ण होली खेल रहे हैं। इस अवसर पर बांसुरी, चंग और डफ के अनोखे स्वर सुनाई दे रहे हैं। श्रीकृष्ण के साथ व्रज की युवा नारियों तथा प्राण-प्यारी राधाजी हैं। श्रीकृष्ण इस अवसर पर अपने हाथों से चंदन और केसर का छिड़काव कर रहे हैं। वे अपनी मुठियों में लाल-लाल गुलाल भरकर सब के ऊपर डाल रहे हैं। छैलछबीले सुंदर कन्हैया तालियां बजा-बजाकर धमार राग के गीत गा रहे हैं। इस तरह व्रज नारियों के साथ फाग खेलने से समूचे व्रज में गुलाल की भारी गर्द उड़ रही है। मीरा कहती हैं कि हे प्रभु, आप मन को मोह लेनेवाले हैं।

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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए:

प्रश्न 1.
कृष्ण अपने हाथ से क्या छिड़क रहे हैं?
उत्तर :
कृष्ण अपने हाथ से चंदन और केसर छिड़क रहे हैं।

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व्याकरण

निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची (समानार्थी) शब्द लिखिए :

  • हरि = श्रीकृष्ण
  • परम = अत्यंत, श्रेष्ठ
  • ओलूरी = माफिक
  • अति = बहुत
  • चरण = पैर
  • गिरधारी = श्रीकृष्ण
  • मुरली = वंशी
  • डफ = डफली
  • रसिक = रसिया
  • नवल = नवीन
  • रज = धूल

निम्नलिखित शब्दों के विलोम (विरुद्धार्थी) शब्द लिखिए :

  • दुःख × सुख
  • युवती × वृद्धा
  • रसिक × अरसिक
  • भारी × हल्का

निम्नलिखित तद्भव शब्दों के तत्सम रूप लिखिए :

  • काम – कर्म
  • धीरज – धैर्य
  • दरसण – दर्शन
  • कान्ह-कन्हैया
  • काज – कार्य

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निम्नलिखित शब्द में से प्रत्यय अलग कीजिए :

बनावट = बनना + आवट (प्रत्यय)

निम्नलिखित शब्द में से उपसर्ग अलग कीजिए :

दुर्दशा = दुस (उपसर्ग) + दशा

निम्नलिखित शब्दसमूहों के लिए एक-एक शब्द लिखिए :

  1. स्नेह करनेवाला – स्नेही
  2. गिरि को धारण करनेवाला – गिरिधारी
  3. व्रज में निवास करनेवाली स्त्री – वजनारी
  4. रस लेनेवाला – रसिक

निम्नलिखित अशुद्ध वाक्यों को शुद्ध करके फिर से लिखिए।

प्रश्न 1.

  1. हरि का बिना कुछ अच्छा नहीं लगती।
  2. राम हमारा है, हम राम का है।
  3. व्रज का युवतियाँ कृष्ण का संग होली खेल रहा है।
  4. गिरिधर नागर ही मोरा का प्रभु है।

उत्तर :

  1. हरि के बिना कुछ अच्छा नहीं लगता।
  2. राम हमारे हैं और हम राम के है।
  3. वज की युवतियाँ कृष्ण के संग होली खेल रही हैं।
  4. गिरिधर नागर हौ मीरा के प्रभु हैं।

कृष्ण-भक्ति Summary in Hindi

विषय-प्रवेश :

मीराबाई कृष्ण की दीवानी थीं। श्रीकृष्ण के प्रति उनका निश्छल प्रेम था। इसे मीरा ने अपने पदों में सुंदर ढंग से पिरोया है। पहले पद में मीरा हरि-दर्शन के लिए व्याकुल हैं। उन्हें हरि के कमल रूपी चरणों में लगन लगी है। हरि का दर्शन न हो पाने के कारण मीरा दुःखी हैं। उन्हें कुछ भी अच्छा नहीं लगता। दूसरे पद में मीराबाई ने गोपियों एवं राधा के साथ कृष्ण के होली खेलने का सुंदर वर्णन किया है।

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कविता का सरल अर्थ :

हरि बिन ……….. आणंद बरण्यू न जावै।

मीराबाई अपने आराध्य देव हरि के वियोग में व्याकुल हैं। वे कहती हैं कि हरि के बिना मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लगता है। भगवान परम स्नेही हैं। वे कहती हैं कि भगवान मेरे हैं और मैं भगवान की हूँ। मुझे हरि के बिना कुछ भी अच्छा नहीं लगता है। वे कहती हैं कि भगवान ने दर्शन देने का वादा किया था, पर उन्होंने अभी तक दर्शन नहीं दिए। इसलिए मेरा हदय अत्यंत बेचैन है। हे ईश्वर, मुझे दर्शन की प्रतीक्षा है। आप कब दर्शन देंगे। आपके कमल रूपी चरणों में मेरा मन लिप्त है। दर्शन न पाने से मुझे बहुत दुःख है। मीराबाई कहती हैं कि हे प्रभु, आप दर्शन दीजिए। आपका दर्शन पाने पर मुझे जो आनंद प्राप्त होगा, उसका वर्णन नहीं किया जा सकता।

होरी खेलत ………. मोहनलाल बिहारी।

मीराबाई वज में श्रीकृष्ण के होली खेलने का वर्णन कर रही हैं। वे कहती हैं कि श्रीकृष्ण होली खेल रहे हैं। इस अवसर पर मुरली, चंग और डफ जैसे अनोखे वाद्य बज रहे हैं। उनके व्रज की युवा नारियाँ होली खेल रही हैं। श्रीकृष्ण अपने हाथ से उठा-उठाकर चंदन और केसर छिड़क रहे हैं। वे अपनी मुट्टियों में लाल-लाल गुलाब भरकर चारों ओर सभी लोगों पर डाल रहे हैं। छल-छबीले सुंदर कृष्ण कन्हैया के साथ प्राण-प्यारी राधा हैं। वे तालियां बजाते हुए धमार रागवाला गीत गा रहे हैं। गोपियों के फाग खेलने से इतने गुलाल उड़ रहे हैं, जिससे लगता है व्रज में गुलाल की भारी गर्द उड़ रही हो। मीरा कहती हैं कि हे प्रभु, आप मन को मोह लेनेवाले हैं।

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कृष्ण-भक्ति शब्दार्थ :

  1. हरि – भगवान।
  2. बिन – बिना।
  3. कछु – कुछ।
  4. सुहावै – अच्छा लगता है।
  5. परम – अत्यंत।
  6. सनेही – स्नेह करनेवाले।
  7. नीति – नित्य।
  8. ओलरी – माफिक।
  9. आवै – आती है।
  10. आवण – आने के लिए।
  11. अजहुँ – अभी तक।
  12. जिउडा – हृदय, जी।
  13. अति – अत्यधिक।
  14. उकलावै – व्याकुल होता है।
  15. दरसण – दर्शन।
  16. आस – आशा।
  17. दरस – दर्शन।
  18. कैवल – कमल।
  19. लगनि – ध्यान लगना।
  20. नित – नित्य।
  21. आणंद – आनंद, खुशी।
  22. बरण्यू – बखान, वर्णन।
  23. होरी – होली।
  24. खेलत – खेलते हैं।
  25. गिरधारी – श्रीकृष्ण।
  26. मुरली – बाँसुरी।
  27. चंग – छोटे आकार का एक बाजा।
  28. न्यारी – अनोखा।
  29. छिरकत – छिड़कते हैं।
  30. अपने हाथ – खुद अपने हाथों से।
  31. चहूं – चारों।
  32. सबन – सब।
  33. पै – पर।
  34. डारी – डालकर।
  35. नवल – सुंदर।
  36. कान – कन्हैया, कृष्ण।
  37. स्यामा – राधा।
  38. धमार – होली के समय गाया जानेवाला गीत।
  39. कल – सुंदर, मनोहर।
  40. करतारी – ईश्वर, कर्ता (यहाँ अर्थ) ताली।
  41. जु – जो।
  42. रज – धूल।

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