GSEB Solutions Class 11 Hindi Chapter 13 कदम मिलाकर चलना होगा

   

Gujarat Board GSEB Hindi Textbook Std 11 Solutions Chapter 13 कदम मिलाकर चलना होगा Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.

GSEB Std 11 Hindi Textbook Solutions Chapter 13 कदम मिलाकर चलना होगा

GSEB Std 11 Hindi Digest कदम मिलाकर चलना होगा Textbook Questions and Answers

स्वाध्याय 

1. निम्नलिखित दिए गये विकल्पों में से सही चुनकर प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

प्रश्न 1.
कवि किसमें पलने की बात करता है?
(क) अरमानों
(ख) तूफानों
(ग) वीरानों
(घ) पीड़ाओ
उत्तर :
कवि पीड़ाओं में पलने की बात करता है।

प्रश्न 2.
सब कुछ न्योछावर करके कुछ न मांगना कैसा गुण है?
(क) पावक
(ख) संत
(ग) पावन
(घ) पावस
उत्तर :
सब कुछ न्योछावर करके कुछ न माँगना पावस गुण है।

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प्रश्न 3.
हमें दूसरों के लिए क्या अर्पण करना होगा?
(क) प्यार
(ख) यौवन
(ग) जीवन
(घ) तन-मन
उत्तर :
हमें दूसरों के लिए तन-मन अर्पण करना होगा।

प्रश्न 4.
कवि ने मनोरथों को कैसा मानने के लिए कहा है?
(क) समान
(ख)असमान
(ग) उन्नत
(घ)निम्न
उत्तर :
कवि ने मनोरथों को समान मानने के लिए कहा है।

2. निम्नलिखित प्रश्नों के एक-एक वाक्य में उत्तर दीजिए :

प्रश्न 1.
प्रलय की घोर घटाओं का क्या अर्थ है ?
उत्तर :
प्रलय की घोर घटाओं का अर्थ है- ऐसा भयंकर वातावरण जिसमें आगे बढ़ना मुश्किल लगता हो।

प्रश्न 2.
हमे पीड़ाओं से मुक्ति पाने के लिए क्या करना होगा?
उत्तर :
हमें पीड़ाओं से मुक्ति पाने के लिए हमें साहस और बहादुरी के साथ जीने के लिए तैयार होना पड़ेगा।

प्रश्न 3.
क्षणिक जीत या दीर्घ हार से कवि का क्या तात्पर्य है?
उत्तर :
क्षणिक जीत या दीर्घ हार से कवि का तात्पर्य है कि हमें न मामूली जीत से खुश होना है और न लम्बे समय तक हारने पर आशा तथा धैर्य गवाना है।

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प्रश्न 4.
यात्री का ध्येय क्या है?
उत्तर :
यात्री का ध्येय अपना सब कुछ न्योछावर करने की भावना से प्रगति-पथ पर निरंतर आगे बढ़ना है।

प्रश्न 5.
परोपकार के लिए हमे जीवन को कहाँ गलाना-जलाना होगा?
उत्तर :
परोपकार के लिए हमें जीवन को वहाँ गलाना-जलाना होगा, जहाँ जीवन की सैकड़ों आहुतियाँ दी जा रही हों।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के दो-तीन वाक्यों में उत्तर दीजिए :

प्रश्न 1.
पँवो के तले अंगारे का अर्थ बताइए?
उत्तर :
कोई बड़ा काम करने के लिए नाकों चने चबाने पड़ते हैं। मार्ग में अनेक अडचने और बाधाएं आती हैं। इनका सामना करने के लिए मनुष्य को तरह-तरह के कष्ट उठाने पड़ते हैं। पाँवों के तले अंगारे का अर्थ कार्य सिद्ध करने के लिए किए जानेवाले इन्हीं अथक प्रयासों और कष्टों से है।

प्रश्न 2.
कवि अरमानों के बारे मे क्या कहता है?
उत्तर :
मनुष्य के कई तरह के अरमान होते हैं। वह जीवन में बहुत कुछ करना और पाना चाहता है। पर हम सबको साथ लेकर उन्नति के मार्ग पर अग्रसर होगें, तो हमारे सामने सामूहिक हित की बात होगी। इस महान कार्य की पूर्ति के लिए हमें व्यक्तिगत अरमानों को सार्वजनिक अरमानों में विलीन कर देना होगा। अर्थात् निजी अरमान को त्याग देना होगा।

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प्रश्न 3.
प्रगति के बारे में क्या कहते हैं?
उत्तर :
प्रगति के बारे में कवि कहते हैं कि इसके लिए हमें निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। हमें कभी इस बात पर ध्यान नहीं देना चाहिए कि उसकी शुरूआत कब करनी चाहिए और वह कब समाप्त होगी। इसके लिए यह चिंता नहीं करनी चाहिए कि उसमें कितनी मेहनत करनी पड़ेगी।

4. निम्नलिखित प्रश्नों के पाँच-छ: वाक्यों में उत्तर दीजिए :

प्रश्न 1.
कवि कदम मिलाकर चलने के लिए क्यों कहते हैं ?
उत्तर :
हमारे देश में अनेक भिन्नताएँ हैं। अनेक राजनीतिक दल हैं। सबके अपने-अपने विचार हैं। लेकिन देश की उन्नति करनी है, तो इन भिन्नताओं को भूलना होगा। सबको एक होकर देश के बारे में सोचना होगा। जब तक एकता की भावना नहीं होगी तब तक हम एकसाथ लक्ष्य की ओर नहीं बढ़ सकेंगे। इसलिए कवि देशवासियों को कदम मिलाकर चलने के लिए कहते हैं।

प्रश्न 2.
‘पावस बनकर ढलना होगा’ का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
पावस प्रकृति का परोपकारशीलता का रूप है। बादल सबका भला करने की भावना से बरसते हैं। पावस का उदाहरण देने में कवि का आशय देश के युवकों को बादल की तरह बनने का संदेश देना है। कवि चाहते हैं कि हमारे युवक अपने स्वार्थ भूलकर देश के पीड़ितों की पीड़ा दूर करने में लग जाएं। वे बिना किसी आकांक्षा के अपने जीवन को देश पर न्योछावर कर दें।

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प्रश्न 3.
काव्य में व्यक्त राष्ट्र-प्रेम का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
कवि को अपने राष्ट्र से गहरा प्रेम है। उसकी प्रबल इच्छा है कि किसी भी तरह उसके देश की उन्नति हो, उसके देशवासी आगे बढ़ें। भले इसके लिए कितने भी बलिदान देने पड़ें। हम कंटीली राह पर चलने से न घबराएं। हम अपनी व्यक्तिगत इच्छाओं को महत्त्व न देकर केवल अपने राष्ट्र के विकास की बात सोचें। इस प्रकार ‘कदम मिलाकर चलना होगा’ काव्य में राष्ट्रप्रेम की सुंदर अभिव्यक्ति हुई है।

प्रश्न 4.
कदम मिलाकर चलन में कौन सी कठिनाइयाँ झेलनी पड़ती है?
उत्तर :
कदम मिलाकर चलने में प्रलय की-सी घोर घटाओं में आगे बढ़ना पड़ता है। पाँव के नीचे तेज धूप अंगारों की तरह लगती है। पहाड़ जैसी विपत्तियों का सामना करना पड़ता है। अपने मान-सम्मान का भेद भूलना पड़ता है। घोर घृणा और पवित्र प्रेम का अंतर विस्मृते करना पड़ता है। अपने अरमानों की कुर्बानी देनी पड़ती है। इस प्रकार कदम मिलाकर चलने में तरह-तरह की कठिनाइयाँ झेलनी पड़ती हैं।

GSEB Solutions Class 11 Hindi कदम मिलाकर चलना होगा Important Questions and Answers

व्याकरण

समानार्थी शब्द लिखिए :

  • बाधा = रुकावट, विघ्न
  • ज्वाला = लपट
  • रुदन = रुलाई
  • बलिदान = शहादत
  • उन्नत = ऊँचा
  • घृणा = नफरत
  • अरमान = इच्छा
  • मनोरथ = कामना
  • पावस = वर्षा
  • नीरवता = शांति

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विरुद्धार्थी शब्द लिखिए :

  1. आग × पानी
  2. हास्य × रुदन
  3. अपमान × सम्मान
  4. उन्नत × अवनत
  5. उजाला × अंधेरा
  6. घृणा × प्रेम
  7. आकर्षक × अनाकर्षक
  8. सम्मुख × विमुख
  9. इति × अथ
  10. समान × असमान
  11. सफल × असफल
  12. नीरवता × कोलाहल
  13. हार × जीत
  14. काटा × फूल

शब्दों में से उपसर्ग अलग कीजिए :

  • प्रलय – प्र
  • असंख्यक – अ
  • अपमान – अप
  • सम्मान – सम्
  • उन्नत – उत्
  • सम्मुख – सम्
  • प्रगति – प्र
  • प्रखर – प्र
  • सुस्मित – सु
  • असफल – अ
  • परहित – पर
  • नीरव – नी

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शब्दों में से प्रत्यय अलग कीजिए :

  1. हास्य – य
  2. क्षणिक – इक
  3. आकर्षक – अक
  4. हर्षित – इत
  5. नीरवता – ता
  6. उन्नति – इ
  7. कठिनाई – आई
  8. देशवासी – इ
  9. अर्पित – इत
  10. असफलता – ता
  11. सम्मानित – इत
  12. समाप्ति – इ

कदम मिलाकर चलना होगा Summary in Gujarati

ભાવાત્મક અનુવાદ :

કવિ દેશવાસીઓને ઉન્નતિના માર્ગ પર આગળ વધવાનું આહ્વાન કરે છે. તેઓ કહે છે કે ઉન્નતિના માર્ગમાં ભલે ગમે તેટલી મુશ્કેલીઓ આવે, ભલે પ્રલય કેમ ન આવે, આપણા માર્ગમાં અંગારા જ કેમ ન છવાયા હોય, મસ્તક પર આગની જ્વાળાઓ જ કેમ ન વરસતી હોય, આપણે એ બધાનો સામનો કરવાનો છે. આપણા હાથ પર રાજીખુશીથી આગ લગાડીને ઝઝૂમવાનું છે. આપણે એકસાથે કદમ મિલાવીને આગળ વધવાનું છે.

આપણે પોતાની જાતને દરેક સ્થિતિમાં ઢાળવાની છે. કવિ કહે છે કે ભલે આનંદ-પ્રમોદનું વાતાવરણ ભોગવવાનું હોય, ભલે દુઃખ સહન કરવાનું હોય અથવા ભલે તોફાન આવે અથવા જાન કુરબાન કરવાની સ્થિતિ આવી પડે. ભલે ધાન્યથી લીલીછમ ધરતીનું સુખ ભોગવવા મળે અથવા ઉજ્જડ સ્થિતિમાં દુઃખ ભોગવવા પડે, અપમાન સહન કરવો પડે અથવા સમ્માનિત થવાનો અવસર પ્રાપ્ત થાય, ગમે તેવી સ્થિતિ હોય, આપણે દરેક હાલતમાં સાહસ અને બહાદુરીથી તેનો સામનો કરવો જોઈએ, આપણે હંમેશાં કષ્ટકલેશ સહન કરતાં જીવવા માટે તૈયાર રહેવાનું છે. આપણે એકસાથે મળીને આગળ વધવું પડશે.

આપણો માર્ગ અજવાળાથી છવાયેલો હોય અથવા સામે અંધારું હોય; ભલે સામાન્ય સ્થિતિ હોય અથવા વિપત્તિઓનો પહાડ ખડકાઈ જાય, ધૃણાપાત્ર બનવું પડે કે પુત્રવત્ પ્રેમ પ્રાપ્ત થાય; પળ-બે પળ માટે જીતનું સુખ મળે અથવા લાંબા સમય સુધી હારનો સામનો કરવો પડે. આપણે તેની પરવા ન કરવી જોઈએ. આપણે આપણા અરમાનોનું બલિદાન કેમ ન આપવું પડે, પરંતુ આપણે એકસાથે મળીને પ્રગતિના માર્ગ પર આગળ વધવાનું છે.

કવિ કહે છે કે જો ઉદેશ્ય આપણી આંખ સામે હોય, તો આપણે નિરંતર પ્રગતિ કરતા રહેવું જોઈએ એની શરૂઆત અને અંતનો વિચાર આપણે ન કરવો જોઈએ. આપણા મુખ પર થાકનું નામોનિશાન ન જોઈએ. આપણે માટે સફળતા અને અસફળતા બને એકસમાન હોવી જોઈએ. આપણે આપણું સર્વસ્વ કુરબાન કરીને કોઈ પણ પ્રકારની કશી આકાંક્ષા ન રાખવી જોઈએ, આપણે વર્ષાઋતુની જેમ સૌ પર સર્વસ્વ કુરબાન કરતા રહેવું જોઈએ. આપણે સૌ લોકો સાથે કદમ મિલાવીને ચાલવું જોઈએ.

કવિ કહે છે કે આપણે કાંટાઓથી છવાયેલું જીવન જીવવું પડશે. આપણે જીવનમાં આવતાં દુ:ખોની પરવા કરવાની નથી. આપણને પ્રેમ-સ્નેહ શૂન્ય જીવન ભલે જીવવું પડે, પરંતુ આપણે ફરિયાદ કર્યા વિના આગળ વધવાનું છે. આપણે પોતાનું તન-મન બીજાઓના ભલા માટે કુરબાન કરવાનું છે. આપણે એકસાથે કદમ મિલાવીને ચાલવાનું છે. ભલેને તેને માટે પોતાના જીવનનો ત્યાગ કરવો પડે.

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कदम मिलाकर चलना होगा Summary in Hindi

विषय-प्रवेश :

प्रस्तुत कविता के रचयिता हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी हैं। उन्होंने इस कविता में देशवासियों का आहवान किया है कि वे उन्नति और प्रगति के मार्ग पर एक-दूसरे के साथ मिलकर आगे बढ़ें। इसके लिए उन्हें अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा, पर वे उसकी चिंता न करें। उन्हें अपना सब कुछ न्योछावर करना पड़े, तो भी वे प्रगति के मार्ग पर बढ़ने से न हिचकें।

मुहावरे-अर्थ और वाक्य-प्रयोग :

आग लगाकर, जलना-स्वयं नष्ट होना
वाक्य : अन्याय का विरोध करने के लिए हमें आग लगाकर जलने से भी नहीं चूकना चाहिए।

पीड़ाओं में पलना – दुःख सहकर बड़ा होना
वाक्य : हमारे देश में अनेक असहाय लोग पीड़ाओं में पले हैं।

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कविता-का सरल अर्थ :

बधाएं आती हैं …….. कदम मिलाकर चलना होगा।

कवि देशवासियों से उन्नति के मार्ग पर बढ़ने का आह्वान करते हैं। वे कहते हैं कि उन्नति के मार्ग में चाहे कितनी भी बाधाएँ आएँ, चाहे प्रलय ही क्यों न आ जाए, हमारे मार्ग में अंगारे ही क्यों न बिछे हों, सिर पर आग की लपटें ही क्यों न बरस रही हों, हमें इनका सामना करना होगा और अपने हाथों में खुशी-खुशी आग लगाकर हमें जूझना होगा। हमें एकसाथ मिलकर आगे बढ़ना होगा।

हास्य-रुदन में ….. कदम मिलाकर चलना होगा।

हमें अपने आप को हर स्थिति में ढालना होगा। कवि कहते हैं कि चाहे हंसी-खुशी का माहौल हो अथवा कष्ट झेलने यानी गम का, चाहे तूफान आएं या जान निछावर कर देने की स्थिति उत्पन्न हो, चाहे शस्य श्यामला धरती का सुख भोगने को मिले अथवा उजाड़ स्थिति में कष्ट सहना पड़े, अपमान सहन करना पड़े या सम्मानित होने का अवसर प्राप्त हो, कैसी भी स्थिति हो हमें हर हाल में साहस और बहादुरी के साथ उसका सामना करना चाहिए। हमें हमेशा कष्ट-क्लेष सहते हए जीने के लिए तैयार रहना चाहिए। हमें एकसाथ मिलकर आगे बढ़ना होगा।

उजियारे में, अंधकार में, ……. कदम मिलाकर चलना होगा।

हमारा मार्ग उजालों से भरा हुआ हो अथवा सामने अंधेरा हो, चाहे सामान्य स्थिति हो अथवा विपत्तियों का पहाड़ फाट पड़े, घृणा
का पात्र बनना पड़े, या फिर पुत्र जैसा प्यार प्राप्त हो, पल दो पल के लिए जीत का सुख मिले.अथवा दीर्घकाल तक हार का सामना करना पड़े। हमें इनकी परवाह नहीं करनी चाहिए। चाहे हमें अपने अरमानों की बलि ही क्यों न देनी पड़े पर हमें एकसाथ मिलकर प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ना होगा।

सम्मुख फैला अगर ……. कदम मिलाकर चलना होगा।

कवि कहते हैं कि यदि उद्देश्य हमारे समक्ष हो, तो हमें निरंतर प्रगति करते रहना चाहिए। उसमें आरंभ और समाप्ति का ख्याल हमें नहीं करना चाहिए। हमें सदा प्रसन्न रहना चाहिए और अपने चेहरे पर श्रम से थकान का नामोनिशान नहीं लाना चाहिए। हमारे लिए सफलता और असफलता दोनों एक जैसी होनी चाहिए। हमें अपना सब कुछ निछावर करके किसी तरह की कोई आकांक्षा नहीं रखनी चाहिए। हमें वर्षाऋतु की तरह सब पर सब कुछ निछावर करते रहना होगा। हमें सब लोगों के साथ कदम मिलाकर चलना होगा।

कुछ काँटों से ……… कदम मिलाकर चलना होगा।

कवि कहते हैं कि हमें काँटों भरा जीवन जीना होगा। हमें जीवन में आनेवाले दुःखों की परवाह नहीं करना है। हमें प्यार-स्नेह से रहित जीवन भले ही जीना पड़े, पर हमें बिना शिकायत किए आगे बढ़ना है। हमें अपना तन-मन दूसरों की भलाई के लिए निछावर कर देना होगा। हमें एकसाथ कदम मिलाकर चलना होगा, भले ही इसके लिए हमें अपना जीवन क्यों न त्याग देना पड़े।

GSEB Solutions Class 11 Hindi Chapter 13 कदम मिलाकर चलना होगा

कदम मिलाकर चलना होगा शब्दार्थ :

  • बाधाएं – विघ्न, रुकावटें।
  • प्रलय – लय का प्राप्त होना, नष्ट।
  • घोर – भयंकर विकराल।
  • ज्वालाएँ – लपटें।
  • तूफान – बहुत तेज आँधी।
  • असंख्यक – अनगिनत।
  • वीरानों – सुनसान स्थानों।
  • उन्नत – ऊंचा।
  • उजियारे – उजाले।
  • कहार – किनारे।
  • क्षणिक – क्षणभर की।
  • दीर्घ – लंबी।
  • अरमान – लालसा, चाह।
  • ध्येय – उद्देश्य।
  • चिरंतन – शाश्वत।
  • हर्षित – प्रसन्न, खुश।
  • श्रम श्लथ – मेहनत से थका हुआ।
  • प्रखर – तेज।
  • नीरवता – जिसमें कोई शब्द न हो, नि:शब्द।
  • अर्पित – दिया हुआ।
  • आहुति – यज्ञ का द्रव्य।

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