Gujarat Board GSEB Solutions Class 9 Hindi Vyakaran वाक्य के प्रकार तथा वाक्यांतरण (1st Language) Questions and Answers, Notes Pdf.
GSEB Std 9 Hindi Vyakaran वाक्य के प्रकार तथा वाक्यांतरण (1st Language)
वाक्य के बारे में आप सीख चुके हैं कि वाक्य निश्चित क्रम में रखे गए सार्थक पदों का एक ऐसा समूह है जिसमें एक निश्चित पूर्ण अर्थ देने की क्षमता होती है। अर्थात्
- वाक्य पदों का समूह है। ये पद एक या एकाधिक हो सकते हैं।
- वाक्य में पद सार्थक होते हैं।
- वाक्य में पदक्रम निश्चित रहता है।
- इन पदों में अन्विति (मेल) होता है।।
- इन पदों को एक निश्चित अर्थ देने की क्षमता होता है।
भाषा वैज्ञानिक वाक्य के लिए योग्यता, आकांक्षा, अन्विति को आवश्यक मानते हैं। योग्यता के अंतर्गत शब्द की आर्थी योग्यता सार्थकता तथा व्याकरणिक योग्यता का समावेश है। जैसे –
1. रेहाना रोटी पीती है। – इस वाक्य में ‘पीती है’ क्रिया रूप व्याकरणिक दृष्टि से योग्य है, पर वाक्य को सार्थकता प्रदान नहीं करता क्योंकि रोटी खायी जाती है, पी नहीं जाती। शुद्ध वाक्य होगा – रेहाना रोटी खाती है या रेहाना दूध पीती है। आकांक्षा का अर्थ है इच्छा। वाक्य में आकांक्षा या इच्छा शेष नहीं होनी चाहिए। जैसे –
- झाडू लगाता है।
- किताब पढ़ती है।
- हँसता है।
इन तीनों वाक्यों में आकांक्षा हैं –
- कौन झाड़ लगाता है ?
- कौन पढ़ती है ?
- कौन हँसता है।
ये वाक्य पूर्ण तब होंगे जब इनकी आकांक्षा पूर्ण होगी।
- (xyz) झाडू लगाता है।
- xyz किताब पढ़ती है।
- xyz हँसता है।।
अन्विति – लिखते या बोलते समय प्रयोग होनेवाले शब्दों में परस्पर निकटता होना जरूरी है ताकि उनसे एक निश्चित अर्थ की प्रतीति हो सके। यानी पदक्रम तथा संनिधि का समावेश अन्विति में हो जाता है। कुछ विद्वान इन तीनों के स्थान पर सार्थकता, योग्यता, आकांक्षा, पदक्रम, आसत्ति या संन्निधि और अन्वय (अन्विति) को वाक्य की आवश्यकता या गुण मानते हैं।
वाक्य के प्रकार : वाक्य की संरचना तथा उसके अर्थ के आधार पर उसके अलग-अलग भेद किये जाते हैं। रचना के आधार पर वाक्य के भेद –
- सरल वाक्य
- संयुक्त (संसृष्ठ) वाक्य
- मिश्र वाक्य
सरल (साधारण वाक्य) में एक क्रिया तथा एक विधेय तथा एक उद्देश्य होता है।
जैसे –
- दीपिका पढ़ रही है।
- वर्षा हो रही है।
(2) अनेक स्वतंत्र उपवाक्यों का समूह जो अर्थ के लिए एकदूसरे पर आश्रित नहीं होते यौगिक या संयुक्त अथवा संसृष्ट (Compound) वाक्य कहलाता है; जैसे – मैं अत्यंत गुस्से में था, मन हुआ कि इसे पीट दूँ और पुलिस के हवाले कर दूँ।
इसमें चार स्वतंत्र वाक्यांश है –
- मैं अत्यंत गुस्से में था
- मन हुआ कि
- इसे पीट दूँ
- और पुलिस के हवाले कर दूँ।
(3) मिश्रित वाक्य (Complex Sentence)
मिश्रित वाक्य में एक प्रधान वाक्य तथा एक या अधिक आश्रित उपवाक्य होते हैं। इसे जटिल वाक्य भी कहा जाता है; जैसे –
उसने कहा कि मैंने जब इच्छा की, अपना काम किया।
यहाँ – उसने कहा … प्रधान उपवाक्य
कि अपना काम किया… संज्ञा उपवाक्य (प्रधान उपवाक्य की क्रिया कहा का कर्म)
जब इच्छा की … क्रियाविशेषण उपवाक्य (दूसरे वाक्य की क्रिया की विशेषता बताता है।)
अर्थ की दृष्टि से वाक्य के भेद –
- विधिवाचक वाक्य – इससे किसी बात के करने या होने का बोध होता है, जैसे – रमण लिखता है। सूर्य अस्त हो रहा है। इसे साधारार्णक या विधानवाचक वाक्य भी कहा जाता है।
- निषेधवाचक वाक्य – इससे किसी बात के न होने का बोध होता है; जैसे रोबिना नहीं आई। पीटर को बैंक से कर्ज नहीं मिला। इसे नकारात्मक वाक्य भी कहा जाता है।
- प्रश्नवाचक वाक्य – जिस वाक्य से प्रश्न पूछे जाने का बोध हो, उसे प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं; जैसे –
- बबीता किस कक्षा में पढ़ती है ?
- मजदूर क्या कर रहा है ? इसे प्रश्नार्थ वाक्य में कहते हैं।
- आज्ञावाचक वाक्य – जिस वाक्य में किसी तरह की आज्ञा या अनुमति का बोध हो, उसे आज्ञावाचक वाक्य कहते हैं; जैसे –
- अपना घरकाम पूरा करो।
- विद्यार्थीगण, ईमानदारी से पढ़ाई करें।, इसे आज्ञार्थ या विधिवाचक वाक्य भी कहते हैं।
- इच्छावाचक वाक्य – इसमें किसी प्रकार की इच्छा या शुभकामना का बोध होता है;
जैसे –- परीक्षा में आपको सफलता मिले।
- शतायु हो।
- संदेहवाचक वाक्य – यहाँ वाक्य में किसी कार्य, कर्ता या कर्म को लेकर संदेह हो वहाँ संदेहवाचक वाक्य होता है; जैसे –
- क्या पता नहीं, रमेश पढ़ता है या नहीं। शायद रमेश पढ़ता होगा।
- संकेतवाचक वाक्य – इसमें एक कार्य या बात का होना किसी दूसरी बात या कार्य के होने या न होने पर निर्भर होता है; जैसे –
- यदि पानी बरसेगा तो फसल अच्छी होगी।
- अगर तुम मेहनत करोगे तो अच्छे अंक प्राप्त होंगे।
- विस्मयादिबोधक वाक्य – जिस वाक्य में विस्मय, भय, हर्ष, शोक, घृणा आदि का भाव प्रकट होता है, उसे विस्मयादिबोधक या उद्गारवाचक वाक्य कहते हैं; जैसे –
- वाह ! क्या सुंदर छक्का मारा।
- अहा ! कितना सुंदर दृश्य है !
इस तरह के वाक्य में अहा, आह, ओह, वाह, शाबाश, अरे, छिः शब्द उद्गार चिह्न के साथ आते हैं। इसे मनोवेगात्मक वाक्य भी कहते हैं।
अभ्यास के लिए –
1. नीचे दिए गए वाक्य अर्थ की दृष्टि से किस प्रकार के हैं, वाक्य के सामने नाम लिजिए –
(1) दो बैलों की कथा –
(i) ‘बैल नहीं हैं उस जनम के आदमी हैं।’ | विधानवाचक |
(ii) ‘थोड़ी-सी खली क्यों नहीं डाल देता बे? | प्रश्नवाचक |
(iii) ‘चुराकर चारा डाल आ।’ | आज्ञार्थ |
(iv) मुझे मारेगा, तो मैं भी एक-दो को गिरा दूंगा। | उद्गारबोधक |
(v) ‘नहीं। हमारी जाति का यह धर्म नहीं है।’ | निषेधवाचक |
(2) ल्हासा की ओर –
(i) ‘आजकल बहुत-से फौजी मकान गिर चुके हैं।’ | विधानवाचक |
(ii) ‘दूसरे दिन हमने भारियाँ ढूँढ़ने की कोशिश की, किन्तु कोई न मिला।’ | निषेधवाचक |
(iii) ‘मेरा कसूर नहीं है मित्र ! देख नहीं रहे हो कैसा घोड़ा मुझे मिला है !’ | उद्गारबोधक |
(iv) ‘पहाड़ की चढ़ाई थी, पीठ पर सामान लादकर कैसे चलते ?’ | प्रश्नवाचक |
(3) उपभोक्तावाद की संस्कृति
(i) ‘उपभोग-भोग ही सुख है।’ | विधानवाचक |
(ii) ‘इस उपभोक्ता संस्कृति का विकास भारत में क्यों हो रहा है ?’ | प्रश्नवाचक |
(iii) ‘जीवन की गुणवत्ता आलू के चिप्स से नहीं सुधरती।’ | निषेधवाचक साँवली |
संस्कृति की याद
(i) ‘वृंदावन कभी कृष्ण की बाँसुरी के जादू से खाली हुआ है क्या !’ | उद्गार बोधक |
(ii) ‘सालिम अली के माथे पर चढ़ी दूरबीन, उनकी मौत के बाद ही तो उतरी थी।’ | विधानवाचक |
(iii) ‘आज सलीम अली नहीं हैं।’ | निषेधवाचक |
(iv) ‘मेरी आँखें नम हैं, सलिम अली, तुम लौटोगे ना !’ | इच्छावाचक |
(5) नाना साहब की पुत्री देवी मैना को …
(i) ‘क्या आप कृपाकर इस महल की रक्षा करेंगे ?’ | प्रश्नवाचक |
(ii) ‘मैं जिस सरकार का नौकर हूँ, उसकी आज्ञा नहीं टाल सकता।’ | निषेधवाचक |
(iii) ‘अंग्रेज सरकार की आज्ञा से मैंने तुम्हें गिरफ्तार किया।’ | विधानवाचक |
(iv) ‘ओह ! यह नाना की लड़की मैना है !’ | विस्मयादिबोधक |
(6) प्रेमचंद के फटे जूते
(i) ‘यह मुसकान नहीं, इसमें उपहास है, व्यंग्य है !’ | विस्मयादिबोधक |
(ii) ‘तुम परदे का महत्त्व ही नहीं जानते, हम परदे पर कुर्बान हो रहे है !’ | विधानवाचक |
(iii) ‘तुम महान कथाकार, उपन्यास सम्राट, युग- प्रवर्तक, जाने क्या-क्या कहलाते थे, मगर फोटो में भी तुम्हारा जूता फटा हुआ है !’ | विस्मयादिबोधक |
(iv) ‘चक्कर लगाने से जूता फटता नहीं है, घिस जाता है।’ | निषेधवाचक |
(v) ‘तुम्हारी यह व्यंग्य मुसकान मेरे हौसले पस्त कर देती है।’ | विधानवाचक |
7. मेरे बचपन के दिन
(i) ‘पिताजी ने अंग्रेजी पढ़ी थी, हिन्दी का कोई वातावरण नहीं था।’ | निषेधवाचक |
(ii) ‘वहाँ छात्रावास के हर एक कमरे में चार छात्राएँ रहती थी।’ | विधानवाचक |
(iii) ‘सुभद्राजी ने कहा, ‘और जाओ दिखाने !’ | उद्गगारबोधक |
(iv) “एक दिन उन्होंने कहा, ‘महादेवी, कविता लिखती हो ?’ | प्रश्नवाचक |
(v) ‘आगे चलकर तुम और अच्छी कविताएँ लिखो।’ | इच्छावाचक |
8. एक कुत्ता और एक मैना
(i) ‘दर्शनार्थी लेकर आए हो क्या ?’ | प्रश्नवाचक |
(ii) “हम लोग कुत्ते के आनंद को देखने लगे।’ | विधिवाचक |
(iii) (ऊह. बेचारे आ गए हैं, तो रह जाने दो।) क्या कर लेंगे !’ | उद्गारबोधक |
(iv) ‘भले मानस गोबर के टुकड़े तक अंदर लाना नहीं भूलते।’ | निषेधवाचक |
स्वयं हल कीजिए
1. नीचे दिए गए वाक्यों के सामने अर्थ की दृष्टि से उनके प्रकार लिखिए :
1. वह आपके लिए नहीं पका सकती। ………………………………………………….
2. हैं, रमेश पढ़ने में मेहनत कर रहा है। ………………………………………………….
3. विमला, चलो पढ़ो। ………………………………………………….
4. शायद कल छुट्टी हो। ………………………………………………….
5. यदि अंधेरा हो जाएगा तो वह डरेगी। ………………………………………………….
6. इशिता नहीं पढ़ती है। ………………………………………………….
7. क्या कल प्रधानमंत्री आनेवाले हैं ? ………………………………………………….
8. कल शहर में आम सभा होगी। ………………………………………………….
वाक्यांतरण
वाक्यांतरण – वाक्य में कर्ता, कर्म तथा क्रिया को बदले बिना एक प्रकार के वाक्य को दूसरे प्रकार में बदलना वाक्यांतरण कहलाता है। आइए, एक उदाहरण इसे समझें।
(1) साधारणार्थक या विधानवाचक | वहीदा नाचती है। |
(2) प्रश्नवाचक | क्या वहीदा नाचती है ? |
(3) निषेधवाचक | वहीदा नहीं नाचती। |
(4) आज्ञावाचक | वहीदा, नाच। |
(5) इच्छावाचक | वहीदा नाचा करे। |
(6) संदेहवाचक | वहीदा नाचती है या नहीं। शायद वहीदा नाचती होगी। |
(7) संकेतवाचक | यदि वहीदा अभ्यास करे तो अच्छी नर्तकी बन सकती है। |
(8) विस्मयादिबोधक | अरे ! वहीदा नाचती है ! |
अभ्यास के लिए
1. विभा पढ़ती है। इस वाक्य का रूपांतर सभी प्रकारों में कीजिए।
विधानवाचक वाक्य | विभा पढ़ती है। अब इसके रूपांतरण देखिए। |
(1) प्रश्नवाचक | क्या विभा पढ़ती है ? |
(2) निषेधवाचक | विभा नहीं पढ़ती है। |
(3) आज्ञावाचक | विभा पढ़ो। |
(4) इच्छावाचक | विभा पढ़ती रहे। |
(5) संदेहवाचक | शायद विभा पढ़ती होगी। |
(6) संकेतवाचक | विभा पढ़े तो अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हो। |
(7) विस्मयादिबोधक | अरे ! विभा पढ़ा करती है ! |
2. निम्नलिखित वाक्यों को निर्देशानुसार बदलिए :
प्रश्न 1.
हीरा-मोती ने पगहा तुड़ा लिया। (प्रश्नवाचक वाक्य)
उत्तर :
क्या हीरा-मोती ने पगहा तुड़ा लिया ?
प्रश्न 2.
घोड़ा तेज चल रहा था। (निषेधवाचक)
उत्तर :
घोड़ा धीरे-धीरे नहीं चल रहा था।
प्रश्न 3.
चलो, सब मैदान में चलो। (इच्छावाचक)
उत्तर :
चलिए, सब मैदान में चले।
प्रश्न 4.
शायद रमेश ने पाठ पूरा कर लिया होगा। (प्रश्नवाचक)
उत्तर :
क्या रमेश ने पाठ पूरा कर लिया ?
प्रश्न 5.
गुरुदेव बड़े आनंद में हैं। (विस्मयादिबोधक)
उत्तर :
वाह ! गुरुदेव कितने आनंद में हैं।
प्रश्न 6.
उन्हें कोई भारिया नहीं मिला। (प्रश्नवाचक)
उत्तर :
क्या उन्हें कोई भारिया मिला ?
प्रश्न 7.
क्या निशा को क्रिकेट खेलना पसंद है ? (विधान वाक्य)
उत्तर :
निशा को क्रिकेट खेलना पसंद है।
प्रश्न 8.
हेतल, चित्र बनाओ। (संदेहवाचक)
उत्तर :
हेतल चित्र बनाती है या नहीं या शायद हेतल चित्र बनाती होगी।
प्रश्न 9.
वाह ! समीर कहानियाँ लिखता है ! (इच्छावाचक)
उत्तर :
समीर कहानियाँ लिख्ने।
प्रश्न 10.
परिश्रम करने से सफलता मिलती है। (संकेतार्थ वाक्य)
उत्तर :
अगर परिश्रम करते हैं तो सफलता मिलती है।
स्वयं हल करें :
निर्देशानुसार वाक्य परिवर्तन कीजिए :
- क्षीण वपु गुरुदेव के लिए सीढ़ियों पर चढ़ना असंभव था। (विस्मयादिबोधक)
- सुस्मिता खेलती रहे। (विधानवाक्य)
- क्या सुंदर दृश्य है ? (विस्मयादिबोधक)
- मेरी भाषा पुस्तकीय है। (प्रश्नवाचक)
- देश प्रगति कर रहा है। (इच्छावाचक)
- यदि वर्षा होगी तो फसल होगी। (संदेहवाचक)
- इब्राहिम फुटबाल अच्छा खेलता है। (संकेतवाचक)