GSEB Class 9 Hindi Rachana कहानी-लेखन

Gujarat Board GSEB Hindi Textbook Std 9 Solutions Rachana कहानी-लेखन Questions and Answers, Notes Pdf.

GSEB Std 9 Hindi Rachana कहानी-लेखन

निम्नलिखित रूपरेखा के आधार पर कहानी लिखकर शीर्षक और सीख लिखिए :

प्रश्न 1.
एक राजा – लड़ाई में हारना -शत्रु का भय – गुफा में छिपना – छत पर चढ़ने के लिए मकड़ी का प्रयत्न -अनेक बार चढ़ना -गिरना -अंत में सफलता – राजा में हिम्मत आना – साहस जुटाना – फिर चढ़ाई करना -जीतना – सीख।
उत्तर:

प्रयत्न से सफलता

एक राजा था। वह था तो बहुत पराक्रमी पर उसके पास सैन्यबल अधिक न था। पड़ोसी राज्य के राजा ने उसकी इस कमजोरी से लाभ उठाने का निश्चय किया। उसने उस पर हमला कर दिया। घमासान लड़ाई के बाद पहला राजा हार गया। उसे अपने राज-पाट से हाथ धोना पड़ा।

पराजित राजा शत्रु के भय से जंगल में भाग गया। वहीं एक पहाड़ की गुफा में उसने शरण ली। एक दिन वह उस गुफा में चिन्तित होकर बैठा था। इसी समय उसकी दृष्टि गुफा की दीवार पर चढ़ती हुई एक मकड़ी पर पड़ी। वह मकड़ी गुफा की छत पर पहुंचना चाहती थी, लेकिन कुछ ऊपर चढ़कर फिर नीचे गिर पड़ती थी। मकड़ी ने कई बार प्रयत्न किया, पर उसे सफलता न मिली। प्रत्येक बार वह नीचे गिर पड़ती थी। इतने पर भी मकड़ी ने हिम्मत नहीं हारी। अंत में उसने पूरी हिम्मत लगाकर ऊपर चड़ना शुरू किया और वह छत पर चढ़ गई!

मकड़ी की इस हिम्मत और सफलता ने राजा को चकित कर दिया। उसे एक नई दृष्टि मिल गई। उसकी रगों में भी साहस का संचार हुआ। उसकी निराशा और चिता छूमंतर हो गई। वह फिर अपने राज्य में लौटा और गुप्त रूप से सैन्य जमा करने लगा। फिर उसने पूरी शक्ति से शत्रु राजा पर चढ़ाई कर दी। उसने आत्मविश्वास से युद्ध किया और वह जीत गया। शत्रु राजा मारा गया और उसकी बची हुई सेना दुम दवाकर भाग गई। इस प्रकार राजा को अपना राज्य तो मिला ही, शत्रु का राज्य भी मिल गया।

सीख : सचमुच, छोटे-छोटे जीवों से भी हम बहुत कुछ सीख सकते हैं। निष्फलता मिलने पर भी प्रयत्न जारी रखने से अंत में सफलता जरूर मिलती है।

GSEB Class 9 Hindi Rachana कहानी-लेखन

प्रश्न 2.
चार चोरों का मिलकर धन चुराना – बंटवारा करने के लिए जंगल में जाना – भूख लगना -दो चोरों का मिठाई खरीदने के लिए नगर में जाना – नीयत बिगड़ना -मिठाई में जहर मिलाना – इधर जंगल में दोनों चोरों के मन में भी पाप – मिठाई लानेवालों को मार डालने की युक्ति – हाथ-मुंह धुलाने के लिए दोनों को कुएँ पर ले जाना-कुएं में ढकेल देना -मिठाई खाकर बाकी के दो चोरों का भी मर जाना-सीख।
उत्तर:

जैसा करोगे, वैसा पाओगे अथवा
जैसी करनी, वैसी भरनी

एक रात चार चोरों ने मिलकर एक सेठ के घर में चोरी की। चोरी में उन्हें बहुत-सा धन मिला। उस धन का बंटवारा करने के लिए वे जंगल में गए।

चोरों को बहुत जोर की भूख लगी थी। सुबह होने ही वाली थी। उनमें से दो चोर मिठाई खरीदने के लिए शहर की ओर रवाना हुए। रास्ते में उन दोनों की नीयत बिगड़ गई। उन्होंने सोचा कि जंगल में बैठे हुए दोनों चोरों को मारकर सारा माल हम हजम कर लें। इस इरादे से उन्होंने मिठाई खरीदकर उसमें से कुछ खाई और बाकी बची हुई मिठाई में जहर मिला दिया।

इधर जंगल में बैठे दोनों चोरों के मन में भी ऐसा ही बुरा विचार आया। मिठाई खरीदने के लिए शहर में गए अपने दोनों साथियों को उन्होंने मार डालने की तरकीब सोची। जैसे ही वे दोनों मिठाई लेकर आए, वे हाथ-मुंह धुलाने के बहाने उन्हें कुएं पर ले गए और मौका पाकर उन्होंने दोनों को कुएँ में ढकेल दिया। दोनों चोर कुएं में डूबकर मर गए।

इसके बाद दोनों चोरों ने पेट भरकर मिठाई खाई। थोड़ी ही देर में मिठाई का जहर उनके सारे शरीर में फैल गया। देखते-ही-देखते उन दोनों के भी प्राण निकल गए!

सीख : जो जैसा करता है, उसे वैसा ही फल मिलता है। बुरे काम का परिणाम बुरा ही होता है।

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