GSEB Class 12 Hindi प्रयोजनमूलक हिन्दी सूचना प्राद्योगिकी

Gujarat Board GSEB Hindi Textbook Std 12 Solutions प्रयोजनमूलक हिन्दी सूचना प्राद्योगिकी Questions and Answers, Notes Pdf.

GSEB Std 12 Hindi प्रयोजनमूलक हिन्दी सूचना प्राद्योगिकी

स्वाध्याय

1. निम्नलिखित प्रश्नों के एक-दो वाक्यों में उत्तर लिखिए :

प्रश्न 1.
सूचना प्रौद्योगिकी का क्या अर्थ है ?
उत्तर :
सूचना का अर्थ है – जानकारी या ज्ञान तथा प्रौद्योगिकी का अर्थ है – तकनीक। सूचना प्रौद्योगिकी का अर्थ है – जानकारी या ज्ञान की तकनीक।

प्रश्न 2.
कंम्प्यूटर से क्या आशय है?
उत्तर :
कम्प्यूटर को दिमाग का मशीनी रूप कहा जाता है। पहले कम्प्यूटर का मतलब होता था गणना करनेवाला। आधुनिक रूप में कम्प्यूटर तेज गति और निश्चितता के साथ जटिल से जटिल काम कर सकता है।

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प्रश्न 3.
सॉफ्टवेयर किसे कहते हैं?
उत्तर :
सॉफ्टवेयर कम्प्यूटर का अभिन्न अंग है। यह कई तरह के प्रोग्रामों का सेट है, जो कम्प्यूटर को काम करने योग्य बनाता है। विशेष प्रकार के कार्य सम्पन्न करने के लिए विकसित प्रोग्राम ही सॉफ्टवेयर है।

प्रश्न 4.
हार्डवेयर किसे कहते हैं?
उत्तर :
हार्डवेयर कम्प्यूटर की मशीन होता है। इसमें कम्प्यूटर का मॉनीटर, कुंजीपटल, केंद्रीय संसाधन इकाई, माउस तथा मुद्रक आदि का समावेश होता है।

प्रश्न 5.
ब्राउजर किसे कहते हैं?
उत्तर :
ब्राउजर एक सॉफ्टवेयर है। यह हमें वर्ल्ड वाइड वेब तक पहंचने में मदद करता है। अपने कम्प्यूटर पर ब्राउजर के चिहन पर क्लिक करने पर हम इंटरनेट से जुड़ जाते हैं।

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पाँच-पाँच वाक्य में लिखिए :

प्रश्न 1.
नवीनतम इलैक्ट्रोनिक उपकरणों के विकास से सूचना और संचार क्षेत्र में एक नई क्रांति आ गई है, कैसे ?
उत्तर :
सूचना का अर्थ है- जानकारी और प्रौद्योगिकी का अर्थ है – तकनीक। इंटरनेट पर आज हर विषय और हर मसले (समस्या) पर सूचना उपलब्ध है। यह हर तरह के सरकारी नियंत्रण और भौगोलिक सीमाओं से मुक्त है। अब मोबाइल फोन तथा टेलीविजन जैसे उपकरणों पर भी इंटरनेट एक्सेस किया जा सकता है। इसी तरह इंट्रानेट, डब्ल्यू.डब्ल्यू.डब्ल्यू. तथा ई-मेल जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण अपने-अपने ढंग से सूचना तथा संचार क्षेत्र में नई क्रांति ले आए हैं।

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प्रश्न 2.
कंम्प्यूटर को मानव मस्तिष्क का मशीन रूप क्यों कहा जाता है?
उत्तर :
कम्प्यूटर आज बहुत विकसित हो चुका है। आज इसमें प्रयुक्त किए जानेवाले शब्दों, आंकड़ों, संख्याओं तथा चित्रों को उसके स्मृतिकोश में संचित किया जा सकता है। आज यह जटिल से जटिल कार्य कर सकता है। हम जिन कम्प्यूटरों को देखते हैं, उन्हें पर्सनल कम्प्यूटर कहते हैं। अब तो लैपटॉप तथा पामटॉप जैसे कम्प्यूटर के छोटे रूप भी आ गए हैं। पामटॉप को तो हथेली पर रखकर काम किया जा सकता है। इस प्रकार कम्प्यूटर आज मानव-मस्तिष्क का मशीन रूप बन गया है।

प्रश्न 3.
आज के युग को इंटरनेट युग क्यों कहा जाता है ?
उत्तर :
इंटरनेट दुनियाभर में फैले कम्प्यूटरों को जोड़कर बनाया गया नेटवर्क है। यह स्वयं अपने आप में एक दुनिया है, जिसमें हर विषय पर सूचना उपलब्ध है। इस पर किसी तरह का सरकारी नियंत्रण और भौगोलिक सीमाओं का दबाव नहीं है। अब मोबाइल फोन टेलीविजन जैसे उपकरणों पर भी इंटरनेट एक्सेस किया जा सकता है। इंटरनेट से सूचना पाना और भेजना बहुत आसान बन गया है। इसलिए आज के युग को इंटरनेट युग कहा जाता है।

3. निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए ।

प्रश्न 1.
इंट्रानेट
उत्तर :
इंट्रानेट वह माध्यम है, जिसके द्वारा सरकार और कंपनियों के विभिन्न आफिसों के बीच नेटवर्क बना रहता है। इंट्रानेट इंटरनेट का छोटा रूप है। इसका उपयोग किसी खास संस्थान की जरूरतों को पूरा करने के लिए ही किया जाता है।

प्रश्न 2.
डब्लूडब्लूडब्लू
उत्तर :
इसका पूरा नाम है- वर्ल्ड वाइड वेब। इसके द्वारा हम अपनी पसंद के साइट तक पहुँच सकते हैं। इसमें हम चीजें पढ़ सकते हैं, चित्र देख सकते हैं और आवाज भी सुन सकते हैं। परंतु यह इंटरनेट की तरह व्यापक नहीं है।

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प्रश्न 3.
ई-मेल
उत्तर :
ई-मेल पत्र भेजने की द्रुतगामी इलेक्ट्रॉनिक विधि है। इससे कोई भी संदेश पलक झपकते दुनिया में कहीं भी पहुंच सकता है। इसके साथ चित्र और आवाजवाली फाइलें भी भेजी जा सकती हैं। कई वेब साइटें मुफ्त ई-मेल सेवा पेश करती हैं। इसके अंतर्गत आप अपनी एक ई-मेल पहचान बना सकते हैं और उस पर संदेश भेज सकते हैं।

प्रश्न 4.
फैक्स
उत्तर :
इसे फैक्सीमाइल भी कहते हैं। इससे रेडियो तरंगों या टेलीफोन लाइनों द्वारा लिखित जानकारी को एक जगह से दूसरी जगह उसी रूप में भेजा या प्राप्त किया जा सकता है। साधारण फैक्स मशीन से सूचना भेजने पर वह उसे स्कैन कर लेती है और टेलीफोन नेटवर्क से दूसरी फैक्स मशीन तक भेज देती है। अब इंटरनेट से भी फैक्स भेज सकते हैं।

सूचना प्राद्योगिकी Summary in Hindi

विषय-प्रवेश :

आज के जमाने में सूचना एवं प्रौद्योगिकी का बोलबाला है। हमें अपने अनेक कार्यों में सूचना एवं प्रौद्योगिकी का सहारा लेना पड़ता है। सूचना का अर्थ है जानकारी या ज्ञान तथा प्रौद्योगिकी का अर्थ है तकनीक। सूचना एवं प्रौद्योगिकी के तीन महत्त्वपूर्ण घटक होते हैं सूचना (इन्फर्मेशन), डेटा (आंकड़ें) तथा ज्ञान (नॉलेज)। प्रस्तुत पाठ में सूचना एवं प्रौद्योगिकी के इन घटकों के विभिन्न उपयोगी उपादानों से परिचित कराया गया है। इन्हें ध्यान से पढ़िए और समझिए।

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पाठ का सार :

कम्प्यूटर : कम्प्यूटर को दिमाग का मशीनी रूप कहा जा सकता है। कम्प्यूटर आज बहुत विकसित हो चुका है। आज इसमें प्रयुक्त किए जानेवाले शब्दों, आंकड़ों, संख्याओं तथा चित्रों को उसके स्मृतिकोश में संचित किया जा सकता है। आज यह जटिल से जटिल कार्य कर सकता है। हम जिन कम्प्यूटरों को देखते हैं, इन्हें पर्सनल कम्प्यूटर कहते हैं। लैपटॉप तथा पामटॉप कम्प्यूटर के छोटे रूप हैं। पामटॉप को तो हथेली पर रखकर काम किया जा सकता है।

सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर : ये दोनों शब्द बहुत प्रचलित हैं। हार्डवेयर को मशीन कहा जा सकता है। इसमें मॉनीटर, कुंजीपटल, केंद्रीय संसाधन इकाई, माउस तथा मुद्रक का समावेश है। सॉफ्टवेयर कई प्रकार के प्रोग्रामों का सेट होता है। ये कम्प्यूटर को काम करने के योग्य बनाते हैं। विशेष प्रकार के कार्य सम्पन्न करने के लिए विकसित प्रोग्राम ही सॉफ्टवेयर है। ये दो प्रकार के होते है : (1) सिस्टम सॉफ्टवेयर और (2) एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर। सिस्टम सॉफ्टवेयर का संबंध डॉस, विडोस, युनिक्स आदि से तथा एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर का संबंध पुस्तक प्रकाशन, शब्द संसाधन तथा आंकड़ा संसाधन से है।

फ्लॉपी : फ्लॉपी डिस्क कम्प्यूटर में एकत्र आंकड़ों और सूचनाओं को एकत्र करने का काम करती है। इसके द्वारा एक कम्प्यूटर से आंकड़े इसमें स्टोर कर दूसरे कम्प्यूटर में ले जाकर उसे देखा जा सकता है। सीडी रोम : इसका पूरा नाम काम्पैक्ट डिस्क रोम ओनली मेमोरी है। इसमें काफी अधिक सूचना एकत्र की जा सकती है। इसमें एकत्र सूचना को कम्प्यूटर पर केवल पढ़ा जा सकता है। पहले इसका आकार 12 इंच का था। अब यह 12 से.मी. की छोटी डिस्क होती है।

इंटरनेट : इंटरनेट दुनियाभर के कम्प्यूटरों को जोड़कर बनाया गया नेटवर्क है। इंटरनेट पर हर विषय और मसले पर सूचना उपलब्ध है। इस पर किसी तरह का सरकारी नियंत्रण और भौगोलिक सीमाओं का दबाव नहीं है। इसके कारण सूचना के आदान-प्रदान में क्रांति आ गई है। अब मोबाइल
फोन तथा टेलीविजन जैसे उपकरणों पर भी इंटरनेट एक्सेस किया जा सकता है। इंटरनेट को कोई भी एक्सेस कर सकता है।

इंट्रानेट : सरकार और कंपनियों के विभिन्न आफिसों के आपसी नेटवर्क को इंट्रानेट कह सकते हैं। इंट्रानेट इंटरनेट का छोटा रूप है। फर्क इतना ही है कि इंटरनेट को कोई भी एक्सेस कर सकता है, जबकि इंट्रानेट किसी खास संस्थान की जरूरतों को पूरा करने के लिए होता है।

डब्ल्यू.डब्ल्यू.डब्ल्यू. : डब्ल्यू.डब्ल्यू.डब्ल्यू. का पूरा नाम है- वर्ल्ड वाइड वेब। यह दुनियाभर में फैला हुआ जाल है। इसके द्वारा हम इंटरनेट पर अपनी मनचाही साइट पर पहुंच सकते हैं। इसमें हम चीजें पढ़ सकते हैं, चित्र देख सकते हैं और आवाज भी सुन सकते हैं। लेकिन वर्ल्ड वाइड वेब और इंटरनेट दोनों एक नहीं हैं। इंटरनेट कई तरह के वर्ल्ड वाइड वेब्ज का मिला-जुला रूप है और बहुत व्यापक है।

ई-मेल : ई-मेल पत्र भेजने की द्रुतगामी इलेक्ट्रॉनिक विधि है। इससे कोई भी संदेश पलक झपकते दुनिया में कहीं भी पहुंच सकता है। ई-मेल के साथ चित्र और आवाजवाली फाइलें भी भेजी जा सकती हैं। कई वेब साइटें मुफ्त ई-मेल सेवा पेश करती हैं। इसके अंतर्गत आप अपनी एक ई-मेल पहचान बनाते हैं और उस खास साइट यानी पहचान पर संदेश भेजा जा सकता है।

एच.टी.एम.एल. : एच.टी.एम.एल. का मतलब है – हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज। इस कम्प्यूटरी जबान का उपयोग वर्ल्ड वाइड वेब पर डेटा पेश करने के लिए किया जाता है।

एच.टी.टी.पी. : एच.टी.टी.पी. का अर्थ है – हाइपर टेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल। इस सिस्टम का उपयोग वर्ल्ड वाइड वेब से डॉक्यूमेंट मंगाने और भेजने के लिए होता है।

ऑपरेटिंग सिस्टम : यह एक ऐसा प्लेटफार्म होता है, जो आपके कम्प्यूटर पर विभिन्न सॉफ्टवेयर और प्रोग्राम चलाने में मदद करता है।

बाउजर : यह एक सॉफ्टवेयर है। यह हमें वर्ल्ड वाइड वेब तक पहुंचने में मदद करता है। अपने कम्प्यूटर पर ब्राउजर के चिह्न पर क्लिक करने पर हम इंटरनेट से जुड़ जाते हैं।

सर्च इंजन : इंटरनेट विशाल सागर के समान होता है। इसमें तरह-तरह की सूचनाएं होती हैं। मनपसंद जानकारी ढूंढना इसमें बहुत कठिन काम होता है। सर्च इंजन मनपसंद जानकारी ढूंढकर लाने का काम करता है। वैसे सभी वेब साइटों में सर्च इंजनों की व्यवस्था होती है। गूगल, लाइकोस तथा आस्क जैसी खास वेब साइट सर्च इंजन का काम करती हैं। सर्च इंजन में वांछित विषय से संबंधित शब्द लिखना होता है। वह वर्ल्ड वाइड वेब से सारी जानकारी खोज लाता है।

ई-कामर्स : ई-कामर्स का मतलब है – इलेक्ट्रॉनिक कामर्स। इससे कम्प्यूटर पर बैठे-बैठे कारोबार करना संभव हो गया है। ई-कामर्स दो तरह का होता है : (1) बी2बी – यानी बिजनेस टु बिजनेस। इसके द्वारा दो कंपनियां आपस में कारोबार करती हैं। (2) बी2सी- यानी बिजनेस ट कस्टमर। इसके द्वारा कंपनियां इंटरनेट के जरिए आम लोगों को सामान बेचती हैं।

ब्राडबैंड : इस समय इंटरनेट से मिलनेवाली सूचनाओं, चित्रों तथा आवाजवाली फाइलों को कम्प्यूटर पर प्राप्त करने में बहुत समय लगता है। बाडबैंड के द्वारा बहुत तेजी से हम इंटरनेट एक्सेस कर सकेंगे। पूरे विश्व में इस दिशा में काम हो रहा है।

बैंडबिइथ : बैंडविड्थ का अर्थ है- किसी नेटवर्क कनेक्शन की क्षमता। इससे यह पता चलता है कि उस नेटवर्क में डेटा का प्रवाह कितनी तेजी से होता है।

वायरस : वायरस से कम्प्यूटर का ऑपरेटिंग सिस्टम तबाह हो जाता है। वायरस एक तरह का घुसपैठिया कम्प्यूटर प्रोग्राम होता है। यह टेलीफोन लाइन, फ्लॉपी अथवा डिस्क के माध्यम से घुसपैठ करता है। आजकल ई-मेल के माध्यम से वायरस भेजे जाने लगे हैं।

आई.एस.पी. : आई.एस.पी. का पूरा नाम है- इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर। यह कंपनी इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराती है। ये कंपनियाँ आप्टिक फाइबर, टेलीफोन लाइन अथवा केबल के माध्यम से सेवा उपलब्ध कराती हैं। कई आई.एस.पी. ने फ्री सेवा भी शुरू की है।

ए.एस.पी. : ए.एस.पी. का पूरा नाम है – एप्लिकेशन सर्विस प्रोवाइडर। ये आवश्यकता के अनुसार सॉफ्टवेयर आदि तैयार करते हैं। ई-कामर्स की दुनिया में इनकी जरूरत रोजाना बढ़ती जा रही है।

3जी और 4जी फोन : इस समय 3जी यानी तीसरी पीढ़ी और 4जी अर्थात् चौथी पीढ़ी के मोबाइल फोन विकसित करने का काम तेजी से हो रहा हैं। इन फोनों में पीसी की तरह इंटरनेट देखने की व्यवस्था होगी। इससे मल्टीमीडिया संदेश भेजना सरल हो जाएगा और सूचना बहुत तीव्र गति से भेजी जा सकेगी। आज के मोबाइल दूसरी पीढ़ी के हैं।

वैप: वैप यानी वायरलेस एक्सेस प्रोटोकॉल। इससे मोबाइल उपकरणों पर इंटरनेट देखा जाता है। वैप की मदद से बिना चित्रोंवाला इंटरनेट देखा जा सकता है।

एस.एम.एस. और ई.एम.एस. : एस.एम.एस. का अर्थ है- शार्ट मैसेज सर्विस और ई.एम.एस. का अर्थ है – एक्सटेंडेड मैसेज सर्विस। एक मोबाइल से दूसरे मोबाइल पर भेजे जानेवाले छोटे-छोटे लिखित संदेशों को एस.एम.एस. कहते हैं। इनकी सीमा बढ़ाने के लिए ई.एम.एस. पर काम हो रहा है। इससे लंबे संदेश, चित्र, संगीत की फाइल भेजे जा सकेंगे।

इंटरनेट टेलीफोनी : इंटरनेट की दुनिया की अगली क्रांति इंटरनेट टेलीफोनी होगी। इसके माध्यम से इंटरनेट का उपयोग टेलीफोन की तरह किया जा सकता है। इसमें वायस ऑन इंटरनेट तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।

सर्वर : सर्वर किसी नेटवर्क का ऐसा कम्प्यूटर होता है, जो सारे नेटवर्क के लिए किसी विशेष काम की जिम्मेदारी संभालता है। जैसे प्रिंट सर्वर नेटवर्क के सभी कम्प्यूटरों के प्रिंट निकालने संबंधी काम की देखरेख करेगा।

फैक्स : इसे फैक्सीमाइल भी कहते हैं। इससे रेडियो तरंगों या टेलीफोन लाइनों के द्वारा लिखित जानकारी को एक जगह से दूसरी जगह उसी रूप में भेजा या प्राप्त किया जा सकता है। साधारण फैक्स मशीन से सूचना भेजी जाती है, तो यह उसे स्कैन कर लेती है और टेलीफोन नेटवर्क से दूसरी फैक्स मशीन तक भेज देती है। अब इंटरनेट से भी फैक्स भेजा जा सकता है।

मोडेम : डिजिटल डेटा भेजने के लिए मोडेम का उपयोग किया जाता है। टेलीफोन लाइन से कम्प्यूटर को इंटरनेट से जोड़ने का काम भी मोडेम से लिया जाता है। मोडेम डिजिटल डेटा को एनालाग सिगनल में बदलकर तरंगों के रूप में भेजता है।

GSEB Class 12 Hindi प्रयोजनमूलक हिन्दी सूचना प्राद्योगिकी

सूचना प्राद्योगिकी शब्दार्थ :

  • मूलतः – मूल रूप से।
  • जटिल – दुरूह, दुर्बोध।
  • निश्चितता – निश्चित होने का भाव।
  • प्रचलित – जो चलन या व्यवहार में हो।
  • विशिष्ट – असाधारण।
  • श्रृंखला – लड़ी, एक-दूसरे में पिरोई हुई कड़ियों का समूह।
  • स्मृति – याददाश्त।
  • आदान-प्रदान – लेना-देना, अदल-बदल।
  • नियंत्रण – नियमों में बंधा।
  • उपकरण – औजार या तत्त्व।
  • क्रांति – उलट-फेर।
  • विश्वव्यापी – सारे विश्व में फैला हुआ।
  • सामान्यतः – आम तौर पर।
  • व्यापक – चारों ओर दूर-दूर तक फैला हुआ।
  • वर्ल्ड वाइड – विश्वव्यापी।

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