GSEB Class 11 Hindi परिशिष्ट

   

Gujarat Board GSEB Hindi Textbook Std 11 Solutions परिशिष्ट Questions and Answers, Notes Pdf.

GSEB Std 11 Hindi परिशिष्ट

निम्नलिखित कहावतों का अर्थ लिखिए :

प्रश्न 1.

  1. दूध का दूध, पानी का पानी
  2. खराब सिक्का अच्छे सिक्के को बाहर कर देता है
  3. भौंकते हुए कुत्ते काटा नहीं करते
  4. सन्मुख मरन वीर के सोभा
  5. सावन सूखे, न भादों भरे

उत्तर :

  1. दूध का दूध, पानी का पानी – सच्चा न्याय करना ।
  2. खराब सिक्का अच्छे सिक्के को बाहर कर देता है – जब समाज पर बुरे लोग हावी हो जाते हैं तब अच्छे व्यक्तियों का प्रभाव नष्ट हो जाता है।
  3. भौंकते हुए कुत्ते काटा नहीं करते – कोरी धमकी देनेवाले किसी का कुछ बिगाड़ नहीं सकते।
  4. सन्मुख मरन वीर के सोभा – शत्रु के सामने लड़ते हुए मरने में ही वीर शोभा (गौरव) पाता है, पीठ दिखाने में नहीं ।
  5. सावन सूखे, न भादों भरे – अच्छे-बुरे समय में एक-सा अपरिवर्तित रहना। परिस्थितियों के प्रभाव से मुक्त रहनेवाले के लिए इस कहावत का प्रयोग होता है।

GSEB Class 11 Hindi Rachana परिशिष्ट

प्रश्न 2.

  1. संयम सबका मुल
  2. आप सुखी तो जग सुखी
  3. मन सच्चा तो कठौते में गंगा
  4. जाके पाँव न फटी बिवाई, सो क्या जाने पीर पराई
  5. ऊँची दुकान, फीका पकवान

उत्तर :

  1. संयम सबका मूल – बिना संयम के कोई भी तप या साधना सिद्ध नहीं हो सकती।
  2. आप सुखी तो जग सुखी – व्यक्तिगत सुख को ही महत्त्व देना ।
  3. मन सच्चा तो कठौते में गंगा – यदि मन शुद्ध है तो घर में ही तीर्थाटन का फल मिल सकता है।
  4. जाके पाँव न फटी बिवाई, सो क्या जाने पीर पराई -जिस व्यक्ति पर कभी दु:ख नहीं पड़ा, वह दूसरों का दुःख नहीं समझ सकता।
  5. ऊंची दुकान, फीका पकवान – प्रसिद्धि के अनुसार योग्यता या गुण न होना।

प्रश्न 3.

  1. आप मुए पीछे डूब गई दुनिया
  2. बिना बिचारे जो करै, सो पाछे पछताय
  3. अपनी डफली अपना राग
  4. काले बादल में रहती चाँदी की रेखा
  5. करत-करत अभ्यास ते जड़मति होत सुजान

उत्तर :

  1. आप मुए पीछे डूब गई दुनिया – अपने जीने तक ही दुनिया से हमारा संबंध है।
  2. बिना बिचारे जो करै, सो पाछे पछताय – बिना समझे-बूझे काम करने पर बाद में पछताने की नौबत आ सकती है।
  3. अपनी डफली अपना राग – सबका मिलकर काम न करना ।
  4. काले बादल में रहती चांदी की रेखा – घोर निराशा में भी आशा की किरण छिपी रहती है।
  5. करत-करत अभ्यास ते जड़मति होत सुजान – किसी विषय का स्वाध्याय करते-करते मूर्ख व्यक्ति भी उसमें पारंगत हो जाता है।

GSEB Class 11 Hindi Rachana परिशिष्ट

प्रश्न 4.

  1. ते ते पाँव पसारिये जेती लांबी सौर
  2. मोर के पंख होते हैं, मोरनी के नहीं; शेर के बाल होते हैं, शेरनी के नहीं
  3. उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे
  4. बाप सेर है तो बेटा सवा सेर
  5. जो बीत गई सो बात गई

उत्तर :

  1. ते ते पाँव पसारिये जेती लांबी सौर – अपनी शक्ति का खयाल करके उसके अनुसार ही काम करना चाहिए।
  2. मोर के पंख होते हैं, मोरनी के नहीं; शेर के बाल होते हैं, शेरनी के नहीं – स्त्री की अपेक्षा पुरुष श्रेष्ठ होता है।
  3. उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे – अपना दोष या अपराध स्वीकार न करना और दोष या अपराध रोकनेवाले को धमकाना।
  4. बाप सेर है तो बेटा सवा सेर – बेटा बाप से बहुत आगे बढ़ गया है। जो कुछ पिता में है उससे अधिक पुत्र में आ गया है।
  5. जो बीत गई सो बात गई – बीती हुई बातों को याद करके दुःखी होने से कोई लाभ नहीं ।

प्रश्न 5.

  1. आँख के अंधे नाम नयनसुख
  2. नया नौ दिन, पुराना सौ दिन
  3. बीती ताहि बिसार दे
  4. दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय
  5. जैसी करनी, वैसी भरनी

उत्तर :

  1. आँख के अंधे नाम नयनसुख – गुण के विरुद्ध नाम होना।
  2. नया नौ दिन, पुराना सौ दिन – नयी की अपेक्षा पुरानी चीजें अधिक विश्वासपात्र होती है।
  3. बीती ताहि बिसार दे – बीती हुई दुःखद बातों को भूलकर भविष्य के बारे में सोचना चाहिए।
  4. दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय – प्रायः दु:ख आने पर ही लोग भगवान को याद करते हैं।
  5. जैसी करनी, वैसी भरनी – अच्छे कर्मों का फल अच्छा और बुरे कर्मों का फल बुरा ही मिलता हैं।

GSEB Class 11 Hindi Rachana परिशिष्ट

प्रश्न 6.

  1. दुविधा में दोनों गए, माया मिली न राम
  2. करेला और नीम चढ़ा
  3. जिसकी लाठी उसकी भस
  4. हीरे की परख जौहरी जाने
  5. घर की मुर्गी दाल बराबर

उत्तर :

  1. दुविधा में दोनों गए, माया मिली न राम – अस्थिर मन के मनुष्य को किसी भी प्रकार से फायदा नहीं मिलता।
  2. करेला और नीम चढ़ा – एक बुराई में संगत के कारण दुसरी बुराई मिलना।
  3. जिसकी लाठी उसकी भैंस – संसार में शक्तिशाली व्यक्ति का ही पक्ष बलवत्तर होता है।
  4. हीरे की परख जौहरी जाने – गुण की परीक्षा गुणीजन ही कर सकता है।
  5. घर की मुर्गी दाल बराबर – सरलता से प्राप्त वस्तु का कोई आदर नहीं करता।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *