Gujarat Board GSEB Hindi Textbook Std 9 Solutions Vyakaran समास Questions and Answers, Notes Pdf.
GSEB Std 9 Hindi Vyakaran समास
स्वाध्याय
भाषा में समास का बहुत महत्व है। समास के प्रयोग से भाषा चुस्त और सुंदर बनती है।
निम्नलिखित अव्ययीभाव समास का विग्रह कीजिए :
- निर्भय – भव के बिना
- निर्विवाद – विवाद के बिना
- अनुरूप – रूप के अनुसार
- बेरहम – बिना रहम के
- बेकायदा – बिना कायदा के
- अनजाने – बिना जाने
- यथारुचि – रुचि के अनुसार
- प्रत्येक – एक-एक करके
- घड़ी-घड़ी – हर घड़ी
- प्रतिमास – प्रत्येक मास
- यथार्थ – अर्थ के अनुसार
- बेफायदा – बिना फायदा के
- अकारण – कारण के बिना
- निर्विकार – विकार के बिना
- अध्यात्म – आत्मा से संबंधित
- यावज्जीवन – जौवन तक
निम्नलिखित कर्मधारय समास का विग्रह कीजिए :
- दुरात्मा – दुष्ट आत्मा
- क्रोधाग्नि – क्रोध रूपी अग्नि
- नौलकमल – नीला कमल
- नीलांबर – नीला अंबर
- कापुरुष – कायर पुरुष
- नीलकंठ – नीला कंठ
- नीलगगन – नीला गगन
- चंद्रमुख – चंद्र जैसा मुख
- चरणकमल – कमल जैसा चरण
- मीनाक्षी – मीन जैसी आँखें
- वज्रांग – वज जैसा अंग
- मधुमादन – मधु जैसा मादन
निम्नलिखित द्विगु समास का विग्रह कीजिए :
- नवरत्न – नव रत्नों का समूह
- पंचवटी – पाँच वटों का समूह
- पंचप्रमाण – पाँच प्रमाणों का समूह
- त्रिभुवन – तीन भुवों का समूह
- नवरस – नव रसों का समूह
- दोपहर – दो पहरों का समूह
- अठवाड़ा – आठ वाड़ा (वारों) का समूह
- त्रिलोकी – तीन लोकों का स्वामी
- अठन्नी – आठ आनों का समूह
- द्विगु – दो गायों का समूह
- अठलोना – आठ लोनों का समूह
- छमाही – छ: मासों का समूह
- त्रिकोना – तीन कोनों का समूह
- अष्टधातु – आठ धातुओं का समूह
- षडरस – छ: रसों का समूह
- पंचवदन – पाँच बदनों का समूह
निम्नलिखित द्वंद्व समास का विग्रह कीजिए :
- अपना-पराया – अपना या पराया – वैकल्पिक द्वंद
- गंगा-यमुना – गंगा और यमुना – इतरेतर द्वंद
- स्त्री-पुरुष – स्त्री और पुरुष – इतरेतर द्वंद्व
- स्वर्ग-नरक – स्वर्ग और नरक – इतरेतर द्वंद्व
- हानि-लाभ – हानि या लाभ – वैकल्पिक द्वंद्व
- कर्तव्या-कर्तव्य – कर्तव्य या अकर्तव्य – वैकल्पिक द्वंद
- जीव-जन्तु – जीव, जन्तु आदि- समाहार द्वंद्व
- अमीर-गरीब – अमीर या गरीब – बैकल्पिक बंद
- लव-कुश – लव और कुश – इतरेतर द्वंद्व
- यश-अपयश – यश और अपयश – वैकल्पिक द्वंद्व
- मान-सम्मान – मान, सम्मान आदि – समाहार द्वंद्व
- रुपया-पैसा – रुपया, पैसा आदि – समाहार बंद
- देश-विदेश – देश और विदेश – इतरेतर द्वंद्
- देवासुर – देव और असुर – इतरेतर द्वंद्व