Gujarat Board GSEB Hindi Textbook Std 9 Solutions Chapter 15 दाज्यू Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.
GSEB Std 9 Hindi Textbook Solutions Chapter 15 दाज्यू
Std 9 GSEB Hindi Solutions दाज्यू Textbook Questions and Answers
स्वाध्याय
1. सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
मदन का गाँव किस पहाड़ी क्षेत्र में था?
(अ) मसूरी
(ब) शिमला
(क) दार्जिलिंग
(क) अल्मोड़ा
उत्तर :
(क) अल्मोड़ा
प्रश्न 2.
कहानी के अंत में नए ग्राहक हेमंत को मदन ने अपना नाम क्या बताया?
(अ) मदन
(ब) पहाड़ो
(क) बाँप
(ड) बेयश
उत्तर :
(क) बाँप
2. निम्नलिखित प्रश्नों के एक-एक वाक्य में उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
मदन का गाँव किस पहाड़ी क्षेत्र में था?
उत्तर :
मदन का गाँव अल्मोड़ा के पहाड़ी क्षेत्र में था।
प्रश्न 2.
नए ग्राहक हेमंत को मदन ने अपना नाम क्या बताया?
उत्तर :
नए ग्राहक हेमंत को मदन ने अपना नाम ‘बॉय’ बताया।
प्रश्न 3.
जगदीशबाबू के व्यवहार से मदन को चोट क्यों लगी?
उत्तर :
जगदीशबाबू के व्यवहार से मदन को चोट पहुंची, क्योंकि अपने प्रति उसके अपनत्व पर प्रहार किया था।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के सविस्तार उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
जगदीशबाबू को पहले-पहले नए शहर आकर कैसा लगता था?
उत्तर :
जगदीशबाबू अपने गांव से बहुत दूर के शहर में आए थे। वे अकेले थे। यहाँ का वातावरण उनके गांव के वातावरण से बिल्कुल भिन्न था। गाँव में यहाँ के चौक जैसी चहलपहल नहीं थी। वहाँ कैफे के जैसा शोरगुल नहीं था। उन्हें लगता था जैसे वे अपनेपन की सीमा से बहुत दूर आ गए हैं। इस तरह जगदीशबाबू को पहले-पहले नए शहर में आकर बहुत अकेलापन लगता था।
प्रश्न 2.
प्रारंभ में जगदीशबाबू का व्यवहार मदन के प्रति कैसा था?
उत्तर :
कैफे में मदन से परिचय होने पर जगदीशबाबू इस नए शहर में अपना अकेलापन भूल गए थे। दो-चार दिनों में मदन उन्हें ‘दाज्यू’ कहकर पुकारता और वे भी उससे स्नेह से पेश आते। उन दोनों में मौसम संबंधी बातें होती। मदन उनसे उनके कम खाने की शिकायत करता। मदन को वे अपने दाज्यू (बड़ा भाई) जैसे ही लगते थे। इस तरह प्रारंभ में जगदीशबाबू का मदन के प्रति व्यवहार बहुत स्नेहपूर्ण और अपनत्व से भरा-भरा था।
प्रश्न 3.
जगदीशबाबू ने मदन को ‘दाज्यू’ कहने पर क्यों डाँटा?
उत्तर :
आरंभ में मदन को अपने क्षेत्र का लड़का समझकर जगदीशबाबू को बहुत अच्छा लगा था। वह उन्हें ‘दाज्यू’ (बड़ा भाई) कहकर संबोधित करता था। लेकिन आखिरकार मदन कैफे का एक ‘बॉय’ था, जब कि जगदीशबाबू मध्यमवर्ग के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति थे। मदन कैफे में सबके सामने उन्हें ‘दाज्यू’ कहता था। यह जगदीशबाबू को पसंद नहीं आया। इससे उनकी प्रतिष्ठा को धक्का पहुँचता था। इसलिए उन्होंने ‘दाज्यू’ कहने पर मदन को डॉटा।
प्रश्न 4.
‘दाज्यू’ कहानी में बाल-मन की संवेदना का मार्मिक चित्रण हुआ है- समझाइए।
उत्तर :
‘दाज्यू’ कहानी का मुख्य पात्र मदन नौ-दस वर्ष का बालमजदूर है। कैफे में आए जगदीशबाबू से परिचय होने पर उसे बहुत खुशी हुई थी। वे उसके गाँव के पड़ोसी गांव के थे जहाँ बड़े भाई को ‘दाज्यू’ कहते हैं। कोमल मन के मदन को ऐसा लगा था जैसे उसे उसका बड़ा भाई ही मिल गया हो। दोनों के संबंध में बड़ी निकटता आ गई थी। लेकिन एक दिन ‘दाज्यू’ कहने पर जब जगदीशबाबू ने उसे डॉटा तो उसके कोमल मन पर गहरी चोट लगी। जिसे वह ‘बड़ा भाई’ मानता था, उसका बुरी तरह डॉटना वह सहन न कर सका। मैनेजर से सिरदर्द का बहाना करके वह सिसकियाँ भर-भरके रोया। इसके बाद जगदीशबाबू उसके ‘दाज्यू’ नहीं रहे। वह उनके लिए सिर्फ ‘बाय’ रह गया।
GSEB Solutions Class 9 Hindi दाज्यू Important Questions and Answers
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पाँच-छ: वाक्यों में लिखिए :
प्रश्न 1.
लेखक ने मनुष्य की भावनाओं को विचित्र क्यों बताया है?
उत्तर :
मनुष्य के मन को समझ पाना बहुत मुश्किल है। कभीकभी जब उसके साथ कोई नहीं होता तब निर्जन एकांत में भी वह स्वयं को अकेला अनुभव नहीं करता। उस एकाकीपन में भी उसे अपनेपन की अनुभूति होती है। इसके विपरीत कभी-कभी सैकड़ों लोगों के बीच होकर भी वह सूनापन महसूस करता है। उसे सबकुछ पराया, अपनत्वहीन लगता है। मनुष्य-मन की इन्हीं अटपटी स्थितियों के कारण लेखक ने उसकी भावनाओं को विचित्र बताया है।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में लिखिए :
प्रश्न 1.
जगदीशबाबू ने अपनी शंका का समाधान कैसे कर लिया?
उत्तर :
कैफे में बॉय मदन को देखकर उन्हें लगा था कि शायद यह उन्हीं के यहाँ का लड़का है। बाद में मदन से वार्तालाप करके उन्होंने जान लिया कि उनकी शंका सच थी। इस तरह उन्होंने अपनी शंका का समाधान कर लिया।
प्रश्न 2.
मदन अपने गांव का नाम बताने में संकोच क्यों अनुभव कर रहा था?
उत्तर :
मदन के गाँव का नाम ‘डोट्यालगों’ था। अपने गांव की निराली संज्ञा के कारण उसे उसका नाम बताने में संकोच हो रहा था।
प्रश्न 3.
जगदीशबाबू के चेहरे पर पुती एकाकीपन की स्याही कैसे दूर हो गई?
उत्तर :
जगदीशबाबू कैफे में आने से पहले बहुत एकाकीपन महसूस कर रहे थे। परंतु मदन से बातचीत होने पर उन्हें मालूम हुआ कि वह उनके गांव के पड़ोसी गाँव का लड़का है। इस प्रकार मदन के प्रति अपनेपन का भाव आने पर जगदीशबाबू के चेहरे पर पुती एकाकीपन की स्याही दूर हो गई।
प्रश्न 4.
मदन जगदीशबाबू को ‘दाज्यू’ कहकर क्यों संबोधित करने लगा?
उत्तर :
जगदीशबाबू और मदन एक ही क्षेत्र के रहनेवाले थे। उस क्षेत्र में बड़े भाई को ‘दाज्यू’ कहते हैं। जगदीशबाबू को अपने बड़े भाई के रूप में देखने के कारण मदन उन्हें ‘दाज्यू’ कहकर संबोधित करने लगा।
प्रश्न 5.
मदन के ‘दाज्यू’ शब्द की आवृत्ति पर जगदीशबाबू को क्रोध क्यों आया?
अथवा
जगदीशबाबू को मदन का ‘दाज्यू’ बनना क्यों पसंद नहीं आया?
उत्तर :
मदन कैफे का एक साधारण ‘बॉय’ था जबकि जगदीशबाबू मध्यमवर्ग के व्यक्ति थे। सबके सामने मदन का बार-बार ‘दाज्यू’ कहना उन्हें अपनी प्रतिष्ठा के अनुकूल नहीं लगा। इसलिए मदन के ‘दाज्यू’ शब्द की आवृत्ति पर जगदीशबाबू को क्रोध आया।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए :
प्रश्न 1.
मदन को जगदीशबाबू के रूप में किसकी छाया निकट जान पड़ी?
उत्तर :
मदन को जगदीशबाबू के रूप में ‘दाज्यू’ (बड़े भाई) की छाया निकट जान पड़ी।
प्रश्न 2.
जगदीशबाबू का अकेलापन कैसे दूर हो गया?
उत्तर :
अपने ही क्षेत्र के कैफे ‘बॉय’ मदन के मिल जाने से जगदीशबाबू का अकेलापन दूर हो गया।
प्रश्न 3.
जगदीशबाबू को क्या अच्छा नहीं लगता था?
उत्तर :
मदन का बार-बार ‘दाज्यू’ कहकर संबोधित करना जगदीशबाबू को पसंद नहीं था।
प्रश्न 4.
जगदीशबाबू कैसे संस्कारों के व्यक्ति थे?
उत्तर :
जगदीशबाबू मध्यमवर्गीय संस्कारों के व्यक्ति थे।
प्रश्न 5.
अल्मोड़ा के पहाड़ी क्षेत्र में मां को क्या कहते हैं?
उत्तर :
अल्मोड़ा के पहाड़ी क्षेत्र में मां को ‘ईजा’ कहते हैं।
प्रश्न 6.
मदन जगदीशबाबू को क्या कहकर संबोधित करने लगा था?
उत्तर :
मदन जगदीशबाबू को ‘दाज्यू’ कहकर संबोधित करने लगा था।
प्रश्न 7.
‘दाज्यू’ का अर्थ क्या है?
उत्तर :
‘दाज्यू’ का अर्थ ‘बड़ा भाई’ होता है।
प्रश्न 8.
मदन को किसका भेद मालूम हो गया?
उत्तर :
मदन को पहाड़ और जिले का भेद मालूम हो गया।
प्रश्न 9.
मदन के मन की व्यथा कैसे दूर हो गई?
उत्तर :
सिसकियाँ भरकर रो लेने से मदन के मन की व्यथा दूर हो गई।
सही विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
प्रश्न 1.
- मदन का गांव ………. के पहाड़ी क्षेत्र में था। (शिमला, अल्मोड़ा)
- मदन …….. बताने में संकोच कर रहा था। (अपना नाम, गाँव का नाम)
- हेमंत जगदीशबाबू का ……….. था। (सहपाठी, अतिथि)
- अपनत्व की पतली डोर ……. की तेज धार के आगे न टिक सकी। (प्रेम, अहं)
- अल्मोड़ा के पहाड़ी क्षेत्र में माँ को ……… कहते हैं। (ईजा, लौजा)
उत्तर :
- अल्मोड़ा
- गाँव का नाम
- सहपाठी
- अहं
- ईजा
निम्नलिखित विधान ‘सही’ हैं या ‘गलत’ यह बताइए :
प्रश्न 1.
- कैफे में ‘बॉय’ का काम करनेवाले लड़के का नाम बदन था।
- मदन जगदीशबाबू को ‘ईजा’ कहकर बुलाता था।
- हेमंत जगदीशबाबू का रिश्तेदार था।
- जगदीशबाबू के उच्चवर्गीय संस्कार जाग उठे।
- लेखक पहाड़ी लड़के से प्रभावित हुए। .
- लड़के को ऐसा लगा, उसे अपना बड़ा भाई मिल गया।
- जगदीशबाबू के गुस्से के कारण मदन के दिल को चोट पहुंची।
उत्तर :
- गलत
- गलत
- गलत
- गलत
- सही
- सही
- सही
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक शब्द में लिखिए :
प्रश्न 1.
- ‘दाज्यू’ शब्द सुनते ही कौन क्रोधित हो उठा?
- मदन को जगदीशबाबू के रूप में किसकी छाया निकट जान पड़ी?
- जगदीशबाबू कैसे संस्कारों के व्यक्ति थे?
- पहाड़ी लड़का कैफे में क्या काम करता था?
- किसके कारण जगदीशबाबू का एकाकीपन दूर हो गया?
उत्तर :
- जगदीशबाबू
- ‘दाज्यू’ की
- मध्यमवर्गीय
- ‘बॉय’ का
- मदन के कारण
निम्नलिखित प्रश्नों के साथ दिए गए विकल्पों से सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखिए
प्रश्न 1.
अल्मोड़ा के पहाड़ी क्षेत्र में माँ को क्या कहते हैं?
A. तीजा
B. गीजा
C. लीजा
D. ईजा
उत्तर :
D. ईजा
प्रश्न 2.
हेमंत जगदीशबाबू का कौन था?
A. पड़ोसी
B. मित्र
C. सहपाठी
D. रिश्तेदार
उत्तर :
C. सहपाठी
प्रश्न 3.
कैफे का सारा ‘मीनू’ किसमें समाहित था?
A. लड़के की फुर्ती में
B. लड़के के मौन में
C. लड़के की मस्ती में
D. लड़के की आँखों में
उत्तर :
B. लड़के के मौन में
प्रश्न 4.
मदन को किसका भेद मालूम हो गया?
A. देश और विदेश का
B. पहाड़ और मैदान का
C. मैदान और पठार का
D. पहाड़ और जिले का
उत्तर :
D. पहाड़ और जिले का
प्रश्न 5.
मदन क्या बताने में संकोच कर रहा था?
A. जिले का नाम
B. गाँव का नाम
C. पिता का नाम
D. मुहल्ले का नाम
उत्तर :
B. गाँव का नाम
प्रश्न 6.
जगदीशबाबू की आँखें किस पर झुकी रह गई?
A. टेबल पर रखी राखदानी पर
B. खाने की प्लेट पर
C. मित्र हेमंत पर
D. चाय की प्याली पर
उत्तर :
D. चाय की प्याली पर
प्रश्न 7.
अपनत्व की पतली डोर ………. की तेज धार के आगे न टिक सकी।
A. क्रोध
B. प्रेम
C. अहं
D. अभिमान
उत्तर :
C. अहं
प्रश्न 8.
‘दाज्यू’ शब्द की आवृत्ति पर जगदीशबाबू के …
A. मन को चोट-सी लगी।
B. मध्यमवर्गीय संस्कार जाग उठे।
C. अतीत का एक पृष्ठ खुल गया। .
D. भीतर का अहं जाग उठा।
उत्तर :
B. मध्यमवर्गीय संस्कार जाग उठे।
प्रश्न 9.
मदन की आँखों के सामने …
A. अंधेरा-सा छा गया।
B. जगदीशबाबू का तमतमाया चेहरा था।
C. विगत स्मृतियां घूमने लगीं।
D. ‘दाज्यू’ की छवि टूट गई।
उत्तर :
C. विगत स्मृतियां घूमने लगीं।
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए :
प्रश्न 1.
- अनुमान
- निर्जन
- जनरल
- विरक्ति
- हिम
- रिकाता
- शिथिलता
- अहं
- वेदना
उत्तर :
- अंदाज़
- सुनसान
- कोलाहल
- उदासीनता
- बर्फ
- खालीपन
- आलस्य
- अहंकार
- पीड़ा
निम्नलिखित शब्दों के विरोधी शब्द लिखिए :
प्रश्न 1.
- थोड़ा
- चंचल
- सामने
- अपना
- दूर
- स्मृति
उत्तर :
- बहुत
- स्थिर
- पीछे
- पराया
- निकट
- विस्मृति
निम्नलिखित प्रत्येक वाक्य में से भाववाचक संज्ञा पहचानकर लिखिए :
प्रश्न 1.
- उसके चेहरे से एकाकीपन की स्याही दूर हो गई।
- मदन और जगदीशबाबू के बीच की अजनबीपन की खाई दूर हो गई।
- आया दाज्यू’, शब्द को उतनी ही आतुरता और लगन से वह दुहराता।
- जगदीशबाबू का मुंह क्रोध के कारण तमतमा गया।
- अचानक उसकी भेंट बचपन के सहपाठी हेमंत से हो गई।
उत्तर :
- एकाकीपन
- अजनबीपन, खाई
- आतुरता, लगन
- क्रोध
- बचपन
निम्नलिखित प्रत्येक वाक्य में से विशेषण पहचानकर लिखिए :
प्रश्न 1.
- अधजले सिगरेट का एक लम्बा कश खींचते हुए उसने प्रवेश किया।
- मनुष्य की भावनाएं बड़ी विचित्र होती हैं।
- मदन एक पहाड़ी बालक था, जो हॉटेल में काम करता था।
- शायद अपने गांव की निराली संज्ञा के कारण उसे संकोच हुआ था।
उत्तर :
- अधजले, एक, लम्बा
- बड़ी, विचित्र
- एक, पहाड़ी
- निराली
निम्नलिखित शब्दसमूह के लिए एक शब्द लिखिए :
प्रश्न 1.
- किसी का साथ न होना
- बिना किसी प्रयास के
- लोगों के आने-जाने की ध्वनि
- जहाँ कोई न हो ऐसा स्थान
उत्तर :
- निस्संग
- अनायास
- जनरव
- निर्जन
निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ देकर वाक्य में प्रयोग कीजिए :
- अजनबीपन की खाई दूर होना – अच्छी तरह परिचय होना वाक्य : दो-चार मुलाकातों में हमारी अजनबीपन की खाई दूर हो गई।
- अपनेपन के रंग में रंगना – बहुत घनिष्ठता हो जाना वाक्य : बुआजी ने बहुत जल्दी हमें अपनेपन के रंग में रंग लिया।
- मुंह तमतमाना – क्रोध से चेहरा लाल हो जाना वाक्य : अपना अपमान होते देख ठाकुर का मुंह तमतमा उठा।
- ज्वालामुखी-सा फटना – अत्यंत क्रोध में बोलना वाक्य : देर से घर आने पर मां का क्रोधपूर्ण चेहरा देखकर लगा जैसे वे
- ज्वालामुखी-सा फटने लगेंगी।
निम्नलिखित शब्दों के उपसर्ग पहचानकर लिखिए :
प्रश्न 1.
- अपरिचित
- प्रतिक्रिया
- प्रभाव
- संबोधित
- स्वच्छ
- विरक्ति
- स्वभाव
- निर्जन
- अनुभूति
- प्रतिष्ठा
- विदेश
- सहपाठी
- अभिमान
- विस्मृति
- निस्संग
- अनायास
- प्रत्यायन
- प्रतीक्षा
उत्तर :
- अपरिचित – अ + परिचित
- प्रतिक्रिया – प्रति + क्रिया
- प्रभाव – प्र + भाव
- संबोधित – सम् + बोधित
- स्वच्छ – सु + अच्छ
- विरक्ति – वि + रक्ति
- स्वभाव – स्व + भाव
- निर्जन – नि: + जन
- अनुभूति – अनु + भूति
- प्रतिष्ठा – प्रति + स्था
- विदेश – वि + देश
- सहपाठी – सह + पाठी
- अभिमान – अभि + मान
- विस्मृति – वि + स्मृति
- निस्संग – नि: + संग
- अनायास – अन + आयास
- प्रत्यायन – प्रति + आयन
- प्रतीक्षा – प्रति + इक्षा
निम्नलिखित शब्दों के प्रत्यय पहचानकर लिखिए :
प्रश्न 1.
- अपनत्व
- अकेलापन
- प्रभावित
- संबोधित
- अजीवपन
- क्रोधित
- शिथिलता
- कोलाहलपूर्ण
- विरक्ति
- खालीपन
- रिक्तता
- स्वाभाविक
- अहंकार
- ज्वालामुखी
- सूनापन
- अनुभूति
- संबंधी
- लेखक
- राखदानी
- असरकारक
उत्तर :
- अपनत्व – अपना + त्व
- अकेलापन – अकेला + पन
- प्रभावित – प्रभाव + इत
- संबोधित – संबोधन + इत
- अजीबपन – अजीब + पन
- क्रोधित – क्रोध + इत
- शिथिलता – शिथिल + ता
- कोलाहलपूर्ण – कोलाहल + पूर्ण
- विरक्ति – विरक्त + ई
- खालीपन – खाली + पन
- रिक्तता – रिक्त + ता
- स्वाभाविक – स्वभाव + इक
- अहंकार – अहम् + कार
- ज्वालामुखी – ज्वालामुख + ई
- सूनापन – सूना + पन
- अनुभूति – अनुभूत + इ
- संबंधी – संबंध +ई
- लेखक – लेख + क
- राखदानी – राख+दानी
- असरकारक – असर + कारक
दाज्यू Summary in Gujarati
ગુજરાતી ભાવાર્થ :
હૉટલમાં કામ કરતો છોકરો (બૉય) નવ-દસ વર્ષનો એક પહાડી છોકરો હૉટલમાં ‘બૉય’ તરીકે કામ કરે છે. જગદીશબાબુ ચા પીવા એ હૉટલમાં આવે છે. તેઓ તે પહાડી છોકરાથી પ્રભાવિત થાય છે. છોકરો તેમને જોઈને સ્મિત કરે છે. છોકરો તેમને પૂછે છે ‘ચા સાહેબ!’ છોકરાના આ બે શબ્દો સાંભળીને તેમને પોતાનું એકાકીપણું દૂર થઈ ગયેલું લાગે છે.
પરિચય છોકરાની સાથે વાતચીત થાય છે. તે પોતાનું નામ મદન કહે છે. તે તેના ગામનું નામ પણ કહે છે. જગદીશબાબુ પણ પોતાના ગામની પડોશના ગામના છે તે જાણીને છોકરો ખૂબ ખુશ થાય છે. તેને એમ લાગે છે કે જાણે તેને પોતાના મોટા ભાઈ મળી ગયા હોય. તે તેમને મોટા ભાઈ’ કહીને સંબોધે છે.
પોતાપણું બે-ચાર દિવસમાં બંનેનું અજાણ્યાપણું દૂર થઈ જાય છે. જગદીશબાબુ જ્યારે પણ હૉટલમાં આવે છે, મદન તેમને “મોટા ભાઈ’ કહીને સંબોધે છે. “મોટા ભાઈ ગઈ કાલે આપે ખૂબ ઓછું ખાધું.” બંને વચ્ચે આવી આત્મીયતા ભરેલી વાતો થાય છે.
મોટા ભાઈ કહેવડાવવું પસંદ નથી મદનના પરિચયથી જગદીશબાબુનું એકલાપણું દૂર થઈ ગયું હતું. પરંતુ તેમને વારંવાર મોટા ભાઈ’ સંબોધન પસંદ નથી.
પોતાની પ્રતિષ્ઠા પર આઘાત એક દિવસ જગદીશબાબુએ મદનને બોલાવ્યો. મદન “આવ્યો મોટા ભાઈ’ કહીને પહોંચી ગયો. મોટા ભાઈ’ શબ્દ સાંભળી તેઓ ગુસ્સે થઈ ગયા. મદને પૂછ્યું, “મોટા ભાઈ ચા લઈ આવું?” પરંતુ જગદીશબાબુએ કહ્યું, “ચા નહિ, વારંવાર ‘મોટા ભાઈ’ને નામે શા માટે બોલતો રહે છે. કોઈની પ્રતિષ્ઠાનો પણ તને ખ્યાલ નથી કે શું?’
મદનના દિલને આઘાત લાગ્યોઃ જગદીશબાબુનો ચહેરો રોષથી લાલ થઈ ગયો હતો. મદન ‘પ્રેસ્ટિજ’ શબ્દનો અર્થ સમજ્યા વિના બધું સમજી ગયો. મૅનેજર પાસે માથું દુઃખવાનું બહાનું કાઢીને તે કલાકો સુધી રડતો રહ્યો. રડ્યા પછી તેના અંતરની વ્યથા શાંત થઈ ગઈ. તેણે કંઈક નિશ્ચય કર્યો અને ફરીથી પોતાના કામમાં લાગી ગયો.
સાહેબ, મને બૉય’ કહે છેબીજે દિવસે પોતાના બાળપણના મિત્ર હેમંત સાથે જગદીશબાબુ હૉટલમાં ચા પીવા આવ્યા. જગદીશબાબુએ મદનને બોલાવ્યો ત્યારે પહેલાં જેવી તત્પરતાથી તે તેમની પાસે ન ગયો. તેમણે બીજી વાર બોલાવ્યો ત્યારે આવ્યો. આજે તેના મુખ પર પહેલાં જેવું સ્મિત નહોતું અને “મોટા ભાઈ શું લઈ આવું” એ શબ્દો તેના મુખ પર નહોતા. હેમંતે મદનને તેનું નામ પૂછ્યું, તે ચૂપ રહ્યો. જગદીશબાબુએ તેના તરફ જોયું, તો તેમને લાગ્યું કે એ હમણાં જ્વાળામુખીની જેમ ફૂટી પડશે.
હેમંતે બીજી વાર નામ પૂછ્યું તો “સાહેબ મને ‘બૉય’ કહે છે” એમ કહીને મદન પાછો ફરી ગયો.
दाज्यू Summary in English
The boy, working in a hotel : The boy about nine-ten years old works in a hotel as a hotel boy. Jagadishbabu comes to the hotel to take tea. He is inpressed by the mountain boy. The boy smiles at him.
The boy asks him : tea … sir !’ Hearing the two sweet words he feels that his lonliness has been disappeared.
Introduction : Jagadishbabu talks with the boy. The boy says that his name is Madan. He also says him his village’s name. The boy is pleased to know that Jagadishbabu belongs to his neighbouring village. He feels that he has got his elder brother’. He addresses him saying ‘Mota Bhal’.
Individuality : In two or four days both’s unfamiliarity is removed. Whenever Jagadishbabu comes to the hotel. Madan calls him addressing ‘Mota Bhai’. “Mota Bhai yesterday you ate a little.” They have such intimate talking between them.
Does not like the address ‘Mota Bhai’: Lonliness of Jagadishbabu had been removed by Madan’s introduction. But he did not like the address “Mota Bhai’ often.
Shock on own prestige : One day Jagadishbabu called Madan. ‘Yes, Mota Bhal’, Hearing the word he got angry. Then Madan asked, “May I bring tea for you, ‘Mota Bhal?” Jagadishbabu said, “No tea please, why are you often calling me saying “Mota Bhai’? Don’t you know anything about anybody’s prestige ?
Madan was shocked : Jagadishbabu’s face had become red with anger. Madan did not know the meaning of the word ‘prestige’ but he understood everything. He went out saying that he had a headache to the manager and cried for hours. Then he became calm. He made up his mind to do something and again began to do his work.
Saheb addresses me ‘Boy’: The next day Jagadishbabu came to the hotel with his childhood’s friend Hemant to take tea. When Jagadishbabu called Madan, he went to him but he had no so much eagerness as before. Jagadishbabu called him again.
Today he (Madan) had smile as before and there were no words “Mota Bhal, what can I bring for you?” in his mouth. Hemant asked Madan his name, but he kept quiet. When Jagadishbabu looked at him he felt that he (Madan) would burst out like a volcano. When Hemant again asked his name, he said, Saheb address me ‘Boy’ and then he returned.
दाज्यू Summary in Hindi
विषय-प्रवेश :
अपनत्वभरे दो शब्द अपरिचित व्यक्तियों को निकट ला देते हैं और तिरस्कारभरी वाणी परिचितों को भी अपरिचित बना देती है। प्रस्तुत कहानी के बालक मदन और जगदीशबाबू के बीच अपनत्व और तिरस्कार का ऐसा ही विपरीत संबंध बन जाता है। जिसे हम अपना समझने लगते हैं, वही जब दिल तोड़ देता है तो उसकी क्या प्रतिक्रिया होती है, यही ‘दाज्यू’ कहानी का केन्द्रबिंदु है।
पाठ का सार :
कैफे का बांय : नौ-दस वर्ष का एक पहाड़ी लड़का एक कैफे में ‘बॉय’ का काम करता है। जगदीशबाबू चाय पीने के लिए उसी कैफे में आते हैं। वे उस पहाड़ी लड़के से प्रभावित होते हैं। लड़का उन्हें देखकर मुस्कराता है। लड़का उनसे पूछता है, “चाय साब!’ लड़के के ये दो शब्द सुनकर लगता है, जैसे उनका अकेलापन दूर हो गया है।
परिचय : लड़के से बातचीत होती है। वह अपना नाम मदन बताता है। वह अपने गांव का नाम भी बताता है। लड़का यह जानकर बहुत खुश होता है, जब उसे मालूम पड़ता है कि जगदीशबाबू भी उसके गांव के पड़ोसवाले गांव के हैं। उसे ऐसा लगता है जैसे उसे अपना बड़ा भाई मिल गया है। वह उन्हें ‘दाज्यू’ (बड़ा भाई) कहकर संबोधित करने लगता है।
अपनापन : दो-चार दिनों में दोनों का अजनबीपन बिल्कुल दूर हो जाता है। जगदीशबाबू जब भी कैफे में आते हैं, मदन उन्हें ‘दाज्यू’ कहकर संबोधित करता है। “दाज्यू, कल आपने बहुत कम खाना खाया।” दोनों में इस तरह की अपनेपन से भरी बातें होती हैं।
‘दाज्यू’ कहलाना पसंद नहीं : मदन से हुए परिचय द्वारा जगदीशबाबू का अकेलापन दूर हो गया था। परंतु वे उसके द्वारा बार-बार कहे जानेवाले ‘दाज्यू’ संबोधन को पसंद नहीं करते थे।
प्रंस्टिज (प्रतिष्ठा) पर आघात : एक दिन जगदीशबाबू ने मदन को बुलाया। मदन “आया दाज्यू” कहकर पहुंच गया। ‘दाज्यू’ शब्द सुनते ही वे क्रोधित हो उठे। मदन ने पूछा, “दाज्यू, चाय लाऊ?” जगदीशबाबू बोले, “चाय नहीं, लेकिन यह ‘दाज्यू-दाज्यू’ क्या चिल्लाते रहते हो? किसीकी प्रेस्टिज का ख्याल भी नहीं हैं तुम्हे?”
मदन के दिल को चोट लगी : जगदीशबाबू का चेहरा क्रोध से तमतमा उठा था। मदन ‘प्रस्टिज’ शब्द का अर्थ समझे बिना ही सबकुछ समझ गया। मैनेजर से सिरदर्द का बहाना करके वह घंटों सिसकियाँ भरकर रोता रहा। रो लेने पर उसके अंतर की व्यथा शांत हो गई। उसने कुछ निश्चय किया और फिर अपने काम में लग गया।
‘बाय’ कहते है सा’ब मुझे : दूसरे दिन अपने बचपन के साथी हेमंत के साथ जगदीशबाबू कैफे में चाय पीने गए। जगदीशबाबू के बुलाने पर वह पहले जैसी तत्परता से उनके पास नहीं आया। उनके दुबारा बुलाने पर ही आया। आज उसके मुंह पर न पहले जैसी मुस्कान थी और न उसने ‘दाज्यू क्या लाऊँ?’ कहा। हेमंत ने मदन से उसका नाम पूछा तो वह चुप रहा। जगदीशबाबू ने आँखें उठाकर मदन की ओर देखा तो उन्हें लगा जैसे अभी वह ज्वालामुखी-सा फूट पड़ेगा।
हेमंत ने दुबारा नाम पूछा तो “बॉय कहते हैं सा’ब मुझे” कहकर मदन मुड़ गया।
दाज्यू शब्दार्थ :
- शफ़ाफ़ – अति स्वच्छ, निर्मल, उजला।
- शिथिलता – सुस्ती, आलस्य।
- अनुमान – अंदाज।
- निर्जन – सुनसान।
- निस्संग – किसौका साथ न होना।
- एकाकी – अकेलापन।
- जनरवमय – कोलाहलपूर्ण।
- विरक्ति – विराग, उदासीनता।
- मूल – जड़।
- अभ्यस्त होना – आदत पड़ जाना।
- अनायास – अपनेआप, बिना प्रवास के।
- रिक्तता – खालीपन।
- हिम – बर्फ।
- अहं – अहंकार।
- प्रेस्टिज – प्रतिष्ठा।
- स्वाभाविक – सहज।
- वेदना – पीड़ा, व्यथा।