Gujarat Board GSEB Solutions Class 7 Hindi पुनरावर्तन 1 Sem 2 Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.
Gujarat Board Textbook Solutions Class 7 Hindi पुनरावर्तन 1 Sem 2
GSEB Solutions Class 7 Hindi पुनरावर्तन 1 Sem 2 Textbook Questions and Answers
1. प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
मनुष्य क्या-क्या कर सकता है?
उत्तर :
मनुष्य पहाड़ों को तोड़ सकता है। वह नदियों के बहाव की दिशा मोड़ सकता है। वह मिट्टी से अमृत निकाल सकता है। वह धरती और आकाश को एक कर सकता है। इस प्रकार मनुष्य असंभव लगनेवाले काम भी कर सकता है।
प्रश्न 2.
बेटी की क्या-क्या तमन्ना है?
उत्तर :
बेटी तारा बनना चाहती है। वह धरती पर चाँद की तरह चमकना चाहती है। उसकी इच्छा दुनियारूपी बाग में खिलनेवाला फूल बनने की है। वह तितली बनकर हवा को चूमना चाहती है। इस तरह बेटी के दिल में कई तरह की तमन्नाएँ हैं।
प्रश्न 3.
राज-काज का काम कैसे अच्छी तरह से चल सकता है?
उत्तर :
हजरत अली राजकाज के लिए राज की मोमबत्ती जलाते थे। अपना काम करने के लिए वे राज की मोमबत्ती बुझाकर अपनी मोमबत्ती जलाते थे। निजी काम के लिए राज की मोमबत्ती जलाना उनकी नजर में चोरी और हरामखोरी थी।
यदि हजरत अली जैसी प्रामाणिकता रखी जाए तो ही राजकाज अच्छी तरह चल सकता है।
प्रश्न 4.
चौथी स्त्री का बेटा सचमुच हीरा था? क्यों?
उत्तर :
चौथी स्त्री का बेटा बहुत ही सीधा-सादा और सरल स्वभाव का था। उसने देखा कि माँ सिर पर पानी से भरा घड़ा उठाए आ रही है तो उसने अनदेखा नहीं किया। वह माँ के पास गया और घड़े को उसके सिर से उतारकर अपने सिर पर रख लिया।
घड़ा लेकर वह घर की तरफ चल पड़ा। इस तरह अपनी माँ के प्रति सच्चा सेवाभाव दिखाकर उसने खुद को सच्चा हीरा साबित कर दिया।
प्रश्न 5.
आप माता-पिता को कौन-कौन से काम में मदद करते हैं?
उत्तर :
मैं माँ के कहने पर बाजार से चीजें ले आता हूँ। इन चीजों में शाक सब्जी, दवाएँ, फल तथा अन्य वस्तुएँ होती हैं। मैं घर की साफ-सफाई में भी माँ की मदद करता हूँ। पिताजी के लिखे पत्र डाकखाने की पत्र-पेटी में डाल आता हूँ। धोबी के यहाँ से उनके कपड़े ले आता हूँ।
उनके कहने के अनुसार खाने-पीने की चीजें लाता हूँ। इस प्रकार घर में मैं अनेक कामों में अपने माता-पिता की मदद करता हूँ।
प्रश्न 6.
डॉ. कलाम ने ई-मेल से हमें क्या सीख दी है?
उत्तर :
डॉ. कलाम कहते हैं कि हम सरकार चुनने के लिए मतदान कर निश्चिंत न हो जाएँ। हम ऐसा न सोचें कि अब हमारी सारी जिम्मेदारियाँ चुनी हुई सरकार उठाएगी। हमारे सारे काम सरकार करेगी और हमें कागज भी कूड़ेदान में डालने की तकलीफ नहीं उठानी है।
सामाजिक समस्याओं के बारे में भी हमें अपना स्वार्थ नहीं देखना है। बाहर से दहेज का विरोध कर चुपके से दहेज ले लेना बहुत ही गलत बात है। इस प्रकार ई-मेईल से डॉ. कलाम ने हमें एक सच्चे नागरिक के रूप में अपनी जिम्मेदारियाँ निभाने की सीख दी है।
2. रूपरेखा के आधार पर कहानी लिखिए :
एक चरवाहा – जंगल में बकरियाँ चराने जाना – एक बकरी का दूर चले जाना – भेड़िए का आना – बकरी को खाने की इच्छा – बकरी को गाना गाने की इच्छा – में-में करना – आवाज सुनकर चरवाहे का लाठी लेकर आना – भेड़िए का भाग जाना – बकरी की जान बचना – सीख। कहानी को उचित शीर्षक दीजिए।
उत्तर :
बकरी की चतुराई
एक चरवाहा था। वह रोज बकरियाँ चराने के लिए जंगल में जाता था।
एक दिन एक बकरी घास चरते-चरते कुछ दूर निकल गई। उसने किसी के गुर्राने की आवाज़ सुनी। उसने सिर उठाकर देखा तो सामने एक भेड़िया खड़ा था।
भेड़िया बोला, “मुझे बड़ी भूख लगी है। अच्छा हुआ तू यहाँ आ गई। अब मैं तुझे खाऊँगा।” बकरी पहले तो बहुत घबराई। फिर उसने हिम्मत से काम लिया। वह बोली, “आप मुझे खाना चाहते हैं तो कोई बात नहीं, परंतु पहले आप मेरा एक गाना सुन लीजिए।’ भेड़िया बोला, “चलो ठीक है, सुना तू अपना गाना।”
बकरी जोर-जोर से ‘में-में’ करने लगी। आवाज़ सुनकर चरवाहा लाठी लेकर वहाँ आ पहुँचा। उसे आता देखकर भेड़िया भाग गया और बकरी की जान बच गई।
सीख : मुसीबत आने पर घबराना नहीं चाहिए। हिम्मत और युक्ति से काम लेने पर मुसीबत दूर हो सकती है।
3. अपने विद्यालय में मनाए गए प्रजासत्ताक दिन के बारे में जानकारी देता हुआ पत्र अपने मित्र को लिखिए।
उत्तर :
23, विजयनगर सोसायटी,
राजकोट।
28 – 01 – 2013
प्रिय मित्र सुभाष,
जयहिंद।
पिछले सप्ताह मैं प्रजासत्ताक दिन के कार्यक्रमों की तैयारी में व्यस्त रहा। इसलिए तुम्हारे पत्र का उत्तर देने में देरी हो गई है।
इस बार हमारे विद्यालय में 26 जनवरी के कार्यक्रम बहुत शानदार रहे। विद्यालय का प्रांगण चारों ओर से सजाया गया था। पुलिस कमिश्नर श्री दत्ताजी को विशेष आमंत्रित के रूप में बुलाया गया था। उन्होंने ही कार्यक्रम की अध्यक्षता की थी।
सुबह साढ़े सात बजे दत्ताजी ने राष्ट्रध्वज फहराया। राष्ट्रगीत के बाद अध्यक्ष महोदय ने अपने संक्षिप्त भाषण में हमें ‘प्रजासत्ताक’ शब्द का अर्थ और इसका महत्त्व बताया। उन्होंने कहा कि सच्चे और जागरूक नागरिक ही प्रजासत्ताक को सफल बना सकते हैं।
इसके बाद विद्यार्थियों ने कई सुंदर कार्यक्रम पेश किए। ‘हम भारत के लाल’ कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने शहीद देशभक्तों को बहुत अच्छी तरह से पेश किया। इसमें मैं भगतसिंह बना था। राष्ट्रीय गीतों की गीत-स्पर्धा में भी मुझे प्रथम पुरस्कार मिला। संगीत का कार्यक्रम भी खूब जमा।
अंत में हमारे आचार्य महोदय ने अध्यक्ष के प्रति आभार व्यक्त किया। ‘वंदे मातरम्’ के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ।
तुम्हारा मित्र,
जवाहर।
4. शब्दकोश की सहायता से निम्नलिखित शब्दों के तुरंत पहले और तुरंत बाद में आनेवाले शब्द लिखिए :
(1) ………………………. गाँव ……………………….
(2) ………………………. कसाई ……………………….
(3) ………………………. हास्य ……………………….
(4) ………………………. अभ्यस्त ……………………….
(5) ………………………. समुदाय ……………………….
उत्तर :
(1) गांभीर्य गाँव गाँवटी
(2) कसा कसाई कसाकस
(3) हासिल हास्य हास्यास्पद
(4) असित अभ्यस्त अभ्यक्षित
(5) समुदय समुदाय समुदित
5. निम्नलिखित शब्दों को संज्ञा, सर्वनाम और विशेषण में वर्गीकृत कीजिए :
[नर्मदा, क्या, भय, थोड़ा, जिसको, सेना, हम, ज्यादा, सुन्दर, अग्नि, सातवाँ, मनुष्यता, कई, तीनों, यह, मोटा]
उत्तर :
- संज्ञा : नर्मदा, भय, सेना, अग्नि, मनुष्यता
- सर्वनाम : क्या, जिसको, हम, यह
- विशेषण : थोड़ा, ज्यादा, सुन्दर, सातवाँ, कई, तीनों, मोटा
6. निम्नलिखित काव्यपंक्तियों का भावार्थ लिखिए :
प्रश्न 1.
धरती-सा धीर, तू है अग्नि सा वीर,
तू जो चाहे तो काल को भी थाम ले,
उत्तर :
हे मनुष्य, तुझमें धरती जैसा धीरज है। तुझमें अग्नि जैसी शक्ति है। तू चाहे तो काल को भी रोक सकता है।
प्रश्न 2.
निज को तू जान, जरा शक्ति पहचान,
तेरी वाणी में युग का आह्वान है रे।
उत्तर :
तू अपनी शक्ति को पहचान। तेरी वाणी में युग की ललकार है – तेरी आवाज सारे युग की आवाज है।