Gujarat Board GSEB Solutions Class 7 Hindi Chapter 6 मालवजी फौजदार Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.
Gujarat Board Textbook Solutions Class 7 Hindi Chapter 6 मालवजी फौजदार
GSEB Solutions Class 7 Hindi मालवजी फौजदार Textbook Questions and Answers
मालवजी फौजदार अभ्यास
1. निम्नलिखित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दीजिए:
प्रश्न 1.
मालवजी शिवाजी का वध करने के लिए क्यों तैयार हो गया?
उत्तर :
मालवजी के पिता शिवाजी की सेना में सिपाही थे। उन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण दे दिए थे। उनको मरे दो वर्ष हो गए। तब से मालवजी और उसकी माँ ने किसी तरह अपना गुजारा किया। परंतु पिछले तीन महीनों से उन्हें पेट – भर अन्न मिलना मुश्किल हो गया था।
मालवजी अपनी इसी बुरी दशा के बारे में सोच रहा था। उसी समय एक सैनिक ने आकर मालवजी से कहा कि यदि तुम शिवाजी का वध कर दो तो मैं तुम्हें धन दूंगा। उसी धन के लालच में मालवजी शिवाजी का वध करने के लिए तैयार हो गया।
प्रश्न 2.
अपनी हत्या के बारे में शिवाजी ने कौन-कौन सी शंकाएँ व्यक्त की?
उत्तर :
शिवाजी जानना चाहते थे कि मालवजी उनका वध क्यों करना चाहता था। क्या वह उन्हें मारकर मराठा साम्राज्य का मालिक बनना चाहता था? क्या उन्होंने उसे कभी हानि पहुँचाने की कोशिश की थी? क्या उन्होंने कभी राष्ट्र की प्रतिष्ठा पर धब्बा लगाया था?
इस प्रकार अपनी हत्या के बारे में शिवाजी ने भिन्न – भिन्न शंकाएँ व्यक्त की।
प्रश्न 3.
तुम इस एकांकी को और कौन-सा शीर्षक देना चाहोगे?
उत्तर :
मैं इस एकांकी को ‘शिवाजी की क्षमाशीलता’ शीर्षक देना चाहूँगा।
प्रश्न 4.
शिवाजी बालक को सेना में क्यों भर्ती करना चाहते थे?
उत्तर :
बालक अपनी चाल – ढाल और बातों से वीर – पुत्र और सत्यवादी लगता था। वह बहुत निडर था। उसमें वीरता फूट – फूटकर भरी थी। वह अपनी माता का भक्त था। शिवाजी को विश्वास हो गया कि मातृभूमि की सेवा में यह बालक कोई कसर नहीं रखेगा।
बालक के ऐसे ही गुणों से प्रभावित होकर शिवाजी उसे अपनी सेना में भर्ती करना चाहते थे।
प्रश्न 5.
बालक अपनी माँ का पालन-पोषण करने की जिम्मेदारी शिवाजी को क्यों सौंपता है?
उत्तर :
शिवाजी ने दिखावटी क्रोध कर बालक को जेलखाने में बंद करने का आदेश दिया था। उन्होंने अगले दिन उसे मृत्युदंड देने की बात की थी। बालक यही समझता था कि उसके अपराध के लिए शिवाजी उसे मृत्युदंड अवश्य देंगे। उसकी मृत्यु के बाद उसकी माँ अकेली और बेसहारा हो जाएगी।
इसलिए वह अपनी माँ का पालन – पोषण करने की जिम्मेदारी शिवाजी को सौंपता है।
2. अंदाज अपना-अपना :
देश की रक्षा के लिए लड़नेवाला सैनिक युद्ध में आहत हुआ है, वह अंतिम साँसें ले रहा है – वह क्या सोचता होगा? बताइए।
उत्तर :
देश की रक्षा के लिए युद्ध में घायल होकर अंतिम साँसें लेता हुआ सैनिक अपने आपको धन्य मानता होगा कि उसका जीवन देश के लिए काम आया। साथ ही उसे अपने परिवार का भी ख्याल आया होगा।
वह सोचता होगा कि उसके शहीद हो जाने के बाद पता नहीं उसके बूढ़े माता – पिता, पत्नी और बच्चों की क्या दशा होगी। सरकार उनकी मदद करेगी या नहीं।
3. नीचे दिए गए शब्द इकाई के जिन-जिन वाक्यों में प्रयोग हुआ हो, उन वाक्यों को पढ़िए
(1) दृष्टि
(2) सत्यवादी
(3) प्रतिष्ठा
(4) न्योछावर
(5) दर्शन
(6) झूठ
(7) विश्वास
(8) मुग्ध
(9) चिंता
(10) हदूंगा
उत्तर :
(1) दृष्टि : शिवाजी प्रेमभरी दृष्टि से तानाजी की ओर देखते हैं।
(2) सत्यवादी : तुम वीर – पुत्र हो, सत्यवादी हो।
(3) प्रतिष्ठा : क्या मैंने कभी राष्ट्र की प्रतिष्ठा पर धब्बा लगाया है?
(4) न्योछावर : उन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
(5) दर्शन : मरने से पहले मैं अपनी पूजनीय माता के एक बार दर्शन करना चाहता हूँ।
(6) झूठ : झूठ बोलकर मृत्यु से बचना नहीं चाहता।
(7) विश्वास : मेरा विश्वास है कि मातृभूमि की सेवा में यह बालक कोई कसर नहीं रखेगा।
(8) मुग्ध : मैं तो इसकी वीरता और साहस पर मुग्ध हूँ।
(9) चिंता : रात – दिन मैं इसी चिंता में रहता हूँ कि किस प्रकार भारतमाता का दु:ख दूर करूँ।
(10) हटूंगा : मैं कभी मातृभूमि की सेवा से पीछे न हटूंगा।
4. इस एकांकी का नाट्यीकरण कीजिए।
उत्तर :
छात्रों में से चुने हुए छात्रों को विविध पात्र बनाया जाए। संभव हो तो उचित वेशभूषा पहनाई जाए और इस एकांकी को नाटक के रूप में पेश किया जाए।
मालवजी फौजदार स्वाध्याय
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
मालवजी शिवाजी का वध करने के कौन से दो कारण बताता है?
उत्तर :
मालवजी शिवाजी का वध करने का पहला कारण यह बताता है कि युद्ध में उसके पिता के मरने के बाद उन्होंने उसके परिवार के भरण – पोषण की परवाह नहीं की। दूसरा कारण यह था कि धन के अभाव में वह और उसकी माँ भूखे मर रहे थे।
उसी समय एक सैनिक ने उसे शिवाजी की हत्या करने पर धन देने का लालच दिया।
प्रश्न 2.
कष्ट होने पर भी मालवजी शिवाजी के पास क्यों नहीं गये?
उत्तर :
मालवजी के पिता शिवाजी की सेना में सिपाही थे। युद्ध में लड़ते हुए उनकी मृत्यु हो गई थी। मालवजी मानते थे कि जिस वीर सैनिक ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण दिए, उसके परिवार की चिंता करना शिवाजी का कर्तव्य था। यही सोचकर कष्ट होने पर भी मालवजी शिवाजी के पास नहीं गए।
प्रश्न 3.
मृत्युदंड के पहले बालक ने कौन-सी भीख माँगी?
उत्तर :
मृत्युदंड के पहले बालक ने अपनी पूजनीय माता के दर्शन करने की शिवाजी से भीख माँगी।
प्रश्न 4.
शिवाजी बालक की परीक्षा लेने के बाद क्या करना चाहते थे?
उत्तर :
शिवाजी बालक की परीक्षा लेने के बाद उसे मृत्युदंड से मुक्त कर अपनी सेना में भर्ती करना चाहते थे।
2. निम्नलिखित उक्ति कौन, किसे कहता है – लिखिए :
(1) ‘जब तुम्हें इतना कष्ट था, तब तुम मेरे पास क्यों नहीं आये?’
उत्तर :
शिवाजी मालवजी से कहते हैं।
(2) ‘मरने से पहले मैं अपनी पूजनीय माता का एक बार दर्शन करना चाहता हूँ।’
उत्तर :
मालवजी शिवाजी से कहता है।
(3) ‘मैं तो इसकी वीरता और साहस पर मुग्ध हूँ।’
उत्तर :
तानाजी शिवाजी से कहते हैं।
(4) ‘तुम्हारे ही जैसे सेनानायकों पर भारत माता गर्व करती है।’
उत्तर :
शिवाजी तानाजी से कहते हैं।
(5) ‘महाराज, एक बालक आप से मिलना चाहता है।’
उत्तर :
दरबान शिवाजी से कहता है।
(6) ‘मैं तुमसे यही आशा करता हूँ।’
उत्तर :
शिवाजी मालवजी से कहते हैं।
(7) ‘महाराज, यह शरीर आपका है।’
उत्तर :
मालवजी शिवाजी से कहता है।
3. निम्नलिखित परिच्छेद का मातृभाषा में अनुवाद कीजिए :
पुत्र, जिस प्रकार तुम अपनी माता के दुःख से दु:खी होकर व्याकुल हो रहे हो, उसी प्रकार मैं भी दुःखी हूँ। रात-दिन मैं इसी चिंता में रहता हूँ कि किस प्रकार भारतमाता का दु:ख दूर करे।
महाराज, यह शरीर आपका है। मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि जब तक इस शरीर में जान है, मैं कभी मातृभूमि की सेवा से पीछे न हदूँगा।
ઉત્તર :
પુત્ર, જે રીતે તું તારી માતાના દુઃખથી દુઃખી થઈને વ્યાકુળ થઈ રહ્યો છે, તેવી રીતે હું પણ દુઃખી છું. રાતદિવસ હું એ જ ચિંતામાં રહું છું કે કેવી રીતે ભારતમાતાનાં દુઃખ દૂર કરું?
મહારાજ, આ શરીર તમારું છે. હું પ્રતિજ્ઞા કરું છું કે જ્યાં સુધી આ શરીરમાં પ્રાણ છે, હું કદી માતૃભૂમિની સેવામાં પાછો પડીશ નહિ.
4. उदाहरण आधारित नीचे दिए गए शब्दों को उचित क्रम में रखकर अर्थपूर्ण वाक्य बनाइए:
उदाहरण : छोड़कर, पीसने, अपना, बापू, लगे, काम, आटा
वाक्य : बापू अपना काम छोड़कर आटा पीसने लगे।
(1) देखते, दृष्टि, से, प्रेम, शिवाजी, और, उसकी, रहे।
(2) बात, सत्य है, जो, उसे, अवश्य, बता, मैं, दूंगा।
(3) क्या, तुम्हारे, फिर, मन में, बात, थी?
(4) प्राण, न्योछावर, अपने, देश की, लिए, रक्षा के, उन्होंने, कर, दिए।
उत्तर :
वाक्य :
(1) शिवाजी उसकी ओर प्रेमदृष्टि से देखते रहे।
(2) जो बात सत्य है, उसे मैं अवश्य बता दूंगा।
(3) फिर तुम्हारे मन में क्या बात थी?
(4) उन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
5. निम्नलिखित वाक्यों में से विशेषण छाँटकर उनके भेद लिखिए :
(1) परिश्रमी छात्र कभी असफल नहीं होते।
(2) अब्दुल बीस किलो आटा लाया।
(3) राम ने पाँच मीटर कपड़ा खरीदा।
(4) पचीस छात्रों ने सही उत्तर दिए।
(5) दीपावली पर हमने बहुत मिठाई खरीदी।
(6) रेश्मा के पास तीन किताबें हैं।
(7) कुछ लड़के बगीचे में खेल रहे हैं।
(8) माँ ने चाय में थोड़ा दूध डाला।
(9) वे लड़के शोर मचा रहे हैं।
(10) आप किस आदमी की बात कर रहे हैं?
उत्तर :
(1) परिश्रमी – गुणवाचक विशेषण
(2) बीस किलो – परिमाणवाचक विशेषण
(3) पाँच मीटर – परिमाणवाचक विशेषण
(4) पचीस – संख्यावाचक विशेषण सही – गुणवाचक विशेषण
(5) बहुत – परिमाणवाचक विशेषण
(6) तीन – संख्यावाचक विशेषण
(7) कुछ – अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
(8) थोड़ा – परिमाणवाचक विशेषण
(9) वे – सार्वनामिक विशेषण
(10) किस – सार्वनामिक विशेषण
मालवजी फौजदार योग्यता विस्तार
- देश के स्वातंत्र्य संग्राम में अपना योगदान देनेवाले कम से कम दस देशभक्तों का परिचय प्राप्त कीजिए।
- गाँधी जी, सरदार पटेल और शहीद भगतसिंह जैसे देशनेताओं के जीवन पर आधारित फिल्म या धारावाहिक देखिए।
Hindi Digest Std 7 GSEB मालवजी फौजदार Important Questions and Answers
मालवजी फौजदार विशेष प्रश्नोत्तर
1. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए :
प्रश्न 1.
शिवाजी के कमरे में किसका चित्र था?
A. लक्ष्मी का
B. सरस्वती का
C. भवानी का
D. अंबाजी का
उत्तर :
C. भवानी का
प्रश्न 2.
मालवजी के पिता को मरे कितने वर्ष हुए थे?
A. दो
B. तीन
C. चार
D. पाँच
उत्तर :
A. दो
प्रश्न 3.
तानाजी ने अपने आपको शिवाजी का क्या बताया?
A. मित्र
B. भाई
C. स्वामी
D. दास
उत्तर :
D. दास
प्रश्न 4.
तानाजी कौन थे?
A. पहरेदार
B. सेनानायक
C. सैनिक
D. सेवक
उत्तर :
B. सेनानायक
प्रश्न 5.
शिवाजी के नाम से कौन काँपता था?
A. मुगलसेना
B. नामी डाकू
C. राजपूत सरदार
D. अंग्रेज
उत्तर :
A. मुगलसेना
2. कोष्ठक में से उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए : (लाज, वीरता, परीक्षा, रक्षा, मृत्यु, घातक, दूभर, मृत्युदंड)
(1) हम दोनों को पेट – भर अन्न मिलना ………………………………. हो गया है।
(2) कल इसे ………………………………. दिया जाएगा।
(3) मैं झूठ बोलकर ………………………………. से बचना नहीं चाहता।
(4) ऐसे ही बालक माता – पिता की ………………………………. रखते हैं।
(5) ………………………………. के साथ इतनी दया! धन्य है!
(6) मैं उसकी ………………………………. पर मुग्ध हूँ।
(7) स्वामी की ………………………………. करना दास का कर्तव्य है।
(8) अब तक मैं तुम्हारी ………………………………. ले रहा था।
उत्तर :
(1) हम दोनों को पेट – भर अन्न मिलना दूभर हो गया है।
(2) कल इसे मृत्युदंड दिया जाएगा।
(3) मैं झूठ बोलकर मृत्यु से बचना नहीं चाहता।
(4) ऐसे ही बालक माता – पिता की लाज रखते हैं।
(5) घातक के साथ इतनी दया! धन्य है!
(6) मैं उसकी वीरता पर मुग्ध हूँ।
(7) स्वामी की रक्षा करना दास का कर्तव्य है।
(8) अब तक मैं तुम्हारी परीक्षा ले रहा था।
3. सही वाक्यांश चुनकर पूरा वाक्य फिर से लिखिए :
प्रश्न 1.
मनुष्य सब कुछ सहन कर लेता है, परंतु …
(अ) अपना अपमान सहन नहीं कर सकता।
(ब) छल – कपट सहन नहीं कर सकता।
(क) पेट की भूख सहन नहीं कर सकता।
उत्तर :
मनुष्य सब कुछ सहन कर लेता है, परंतु पेट की भूख सहन नहीं कर सकता।
प्रश्न 2.
मालवजी शिवाजी का वध न कर सका, क्योंकि …
(अ) उसके हाथ से तलवार गिर पड़ी।
(ब) तानाजी ने उसका हाथ पकड़ लिया।
(क) वह अपनी हिम्मत खो बैठा।
उत्तर :
मालवजी शिवाजी का वध न कर सका, क्योंकि तानाजी ने उसका हाथ पकड़ लिया।
प्रश्न 3.
मालवजी झूठ बोलकर मृत्यु से बचना नहीं चाहता था, क्योंकि …
(अ) वह वीर – पुत्र था।
(ब) उसे झूठ बोलना नहीं आता था।
(क) शिवाजी उसे मृत्युदंड देने की घोषणा कर चुके थे।
उत्तर :
मालवजी झूठ बोलकर मृत्यु से बचना नहीं चाहता था, क्योंकि वह वीर – पुत्र था।
प्रश्न 4.
मारनेवाले से…
(अ) बचानेवाला डरता है।
(ब) बचाना बहुत कठिन होता है।
(क) बचानेवाले में अधिक शक्ति होती है।
उत्तर :
मारनेवाले से बचानेवाले में अधिक शक्ति होती है।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक – एक वाक्य में दीजिए :
प्रश्न 1.
मालवजी कौन था?
उत्तर :
मालवजी शिवाजी की सेना के एक सिपाही का पुत्र था।
प्रश्न 2.
मालवजी शिवाजी का वध क्यों करना चाहता था?
उत्तर :
मालवजी धन के लालच में शिवाजी का वध करना चाहता था।
प्रश्न 3.
मालवजी को धन का लालच किसने दिया था?
उत्तर :
मालवजी को धन का लालच एक सैनिक ने दिया था।
प्रश्न 4.
शिवाजी ने मालवजी की कौन – सी इच्छा पूरी की?
उत्तर :
अपनी माँ के दर्शन करने की मालवजी की इच्छा शिवाजी ने पूरी की।
प्रश्न 5.
शिवाजी ने तानाजी का आभार क्यों माना?
उत्तर :
शिवाजी ने तानाजी का आभार माना, क्योंकि उन्होंने शिवाजी की जान बचाई थी।
प्रश्न 6.
शिवाजी के अनुसार भारतमाता किन पर गर्व करती है?
उत्तर :
शिवाजी के अनुसार भारतमाता तानाजी जैसे सेनानायकों पर गर्व करती है।
प्रश्न 7.
मालवजी के बारे में तानाजी की क्या राय थी?
उत्तर :
तानाजी मालवजी की वीरता और साहस पर मुग्ध थे।
प्रश्न 8.
तानाजी ने शिवाजी के किस गुण पर आश्चर्य प्रकट किया?
उत्तर :
घातक के प्रति दया दिखाने के शिवाजी के गुण पर तानाजी ने आश्चर्य प्रकट किया।
प्रश्न 9.
मालवजी ने माँ को क्या नहीं बताया?
उत्तर :
मालवजी ने अपने को मिलनेवाले मृत्युदंड की बात माँ को नहीं बताई।
प्रश्न 10.
अंत में मालवजी ने कौन – सी प्रतिज्ञा की?
उत्तर :
अंत में मालवजी ने यह प्रतिज्ञा की कि शरीर में जान रहने तक वह मातृभूमि की सेवा से पीछे नहीं हटेगा।
5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
शिवाजी मालवजी से किस तरह प्रभावित हुए?
उत्तर :
मालवजी शिवाजी का वध करना चाहता था। वध की इच्छा का कारण जानकर शिवाजी उसके प्रति क्षमाशील हो गए थे। उनके हृदय में मालवजी के प्रति प्रेम उमड़ रहा था। जब तक वह अपनी माँ के दर्शन कर नहीं लौटा, तब तक वे उसी बालक के बारे में सोचते रहे।
जिस शिवाजी के नाम से मुगलसेना काँपती थी, उसके सामने मालवजी वीरता, निडरता और साहस से पेश आया। इस तरह शिवाजी मालवजी से बहुत प्रभावित हुए।
प्रश्न 2.
शिवाजी ने मालवजी की कौन – सी इच्छा पूरी की? क्यों?
उत्तर :
मृत्युदंड पाने से पहले मालवजी ने अपनी माँ का दर्शन करने की इच्छा प्रकट की थी। शिवाजी ने घर जाने की अनुमति देकर उसकी यह इच्छा पूरी की।
मालवजी ने प्रतिज्ञा की थी कि वह अपनी माता के दर्शन कर अवश्य लौट आएगा। शिवाजी उसकी सत्यवादिता और साहस की परीक्षा लेना चाहते थे। उन्होंने सोचा कि माँ को देखने की अनुमति देने के बहाने मालवजी की परीक्षा हो जाएगी।
इसलिए माँ के दर्शन करने की मालवजी की इच्छा शिवाजी ने पूरी की।
प्रश्न 3.
शिवाजी ने मालवजी की परीक्षा कैसे ली?
उत्तर :
शिवाजी ने मालवजी को मृत्युदंड देने का दिखावटी भय दिखाया। मालवजी ने मृत्युदंड पाने से पहले अपनी माँ का दर्शन करने की अनुमति माँगी। उसने प्रतिज्ञा की कि वह माँ के दर्शन कर अवश्य जल्दी लौट आएगा।
शिवाजी उसकी परीक्षा लेना चाहते थे। उन्होंने उसे घर जाने की अनुमति दे दी। मालवजी माँ से मिलकर लौट आया। इस प्रकार शिवाजी ने मालवजी की परीक्षा ली।
प्रश्न 4.
शिवाजी मालवजी को अपनी सेना में क्यों भर्ती करना चाहते थे?
उत्तर :
मालवजी क्षत्रिय – पुत्र था। उसमें वीरता और साहस फूट – फूटकर भरे थे। वह सत्यवादी और अपने वचन का पक्का था। वह अपनी माता का भक्त था। शिवाजी का विश्वास था कि यह बालक मातृभूमि की सेवा में कोई कसर नहीं रखेगा।
इसलिए शिवाजी मालवजी को अपनी सेना में भर्ती करना चाहते थे।
मालवजी फौजदार Summary in Gujarati
માલવજી – તે શું?
શિવાજી – તારી વાતો અને રીતભાત પરથી જણાય છે કે તું વીરપુત્ર છે, સત્યવાદી છે. એથી મને આશા છે કે તું ખોટું નહિ બોલે.
માલવજી – જે વાત સત્ય છે, તે હું અવશ્ય કહી દઈશ. એમાં છુપાવવાની શી જરૂર છે?
શિવાજી – યુવક, મને મારીને તું મરાઠા સામ્રાજ્યનો માલિક બનવા ઇચ્છતો હતો?
માલવજી – ના. શિવાજી – શું મેં તને કશું નુકસાન પહોંચાડવાનો પ્રયત્ન કર્યો હતો? શું મેં કદી રાષ્ટ્રની પ્રતિષ્ઠા પર કલંક લગાડ્યું છે?
માલવજી – મહારાજ, એવું કશું નથી.
શિવાજી – તો પછી તારા મનમાં શી વાત હતી?
માલવજી – જો આપ પૂછો જ છો, તો સાંભળો. મારા પિતા તમારી સેનામાં સૈનિક હતા. તેમણે દેશના રક્ષણ માટે પોતાના પ્રાણ અર્પણ કરી દીધા. આજે તેમને મરી ગયે બે વર્ષ થઈ ગયા. આ સમયે ઘરમાં હું અને મારી માતા, કેવળ બે પ્રાણી છીએ.
આજે ત્રણ મહિનાથી અમને બંનેને પેટભર અન્ન મળવું મુશ્કેલ થઈ ગયું છે. આ સંસારમાં મનુષ્ય બધું જ સહન કરી લે છે, પરંતુ પેટની ભૂખ સહન કરી શકતો નથી. હું આવા વિચારમાં બેઠો હતો કે એક સૈનિકે આવીને મને કહ્યું કે જો તું શિવાજીનો વધ કરી દઈશ તો હું તને ધન આપીશ.
મહારાજ, આ લાલચમાં પડીને હું આપની હત્યા કરવા માટે અહીં આવ્યો હતો, પરંતુ અચાનક એ જ વખતે આપની આંખો ખૂલી ગઈ.
શિવાજી – જ્યારે તને આટલું દુઃખ હતું, ત્યારે તું મારી પાસે કેમ ન આવ્યો?
માલવજી – મહારાજ ! મારા આવવાની શી જરૂર હતી? જે વીર સૈનિકે દેશના રક્ષણ માટે પોતાના પ્રાણ તજી દીધા તેના પરિવારના પાલન – પોષણની ચિંતા કરવી એ આપનું જ કર્તવ્ય હતું.
(બાળકની નીડરતાની મનમાં પ્રશંસા કરતાં બનાવટી ગુસ્સાથી)
શિવાજી – તાનાજી, આ બાળકને લઈ જઈને કેદખાનામાં બંધ કરી દો. કાલે તેને મૃત્યુદંડ આપવામાં આવશે.
માલવજી – મૃત્યુદંડ પામતાં પહેલાં એક વાતની ભિક્ષા માગું છું.
શિવાજી – તે શું?
માલવજી – મરતાં પહેલાં હું મારી પૂજનીય માતાનાં એક વાર દર્શન કરવા ઇચ્છું છું.
શિવાજી – જો તું તારી માતાનાં દર્શન કરીને પાછો ન ફરે તો?
માલવજી – હું વીરપુત્ર છું. ખોટું બોલીને મૃત્યુથી બચવા ઇચ્છતો નથી. હું પ્રતિજ્ઞા કરું છું કે હું માતાનાં દર્શન કરીને અવશ્ય જલદીથી પાછો આવીશ.
શિવાજી – (બાળકની વીરતાની મનમાં પ્રશંસા કરતાં) ભલે જા. એ જ જોવું છે.
(માલવજીનું પ્રસ્થાન)
શિવાજી – અરે ! આ બાળકમાં વીરતા ઠાંસી – ઠાંસીને ભરી છે. સાથે જ તે પોતાની માતાનો ભક્ત પણ છે. આવાં જ બાળકો પોતાનાં માતાપિતાની લાજ રાખે છે. તાનાજી, તમારો શો મત છે?
તાનાજી – મહારાજ, તમે શું કહો છો? હું તો આની વીરતા અને સાહસ પર મુગ્ધ છું.
શિવાજી – તાનાજી ! જાણો છો, હું આ બાળકની સાથે શો વ્યવહાર કરીશ?
તાનાજી – ના, મહારાજ. શિવાજી – હું આની પરીક્ષા લીધા પછી એને મૃત્યુદંડમાંથી મુક્ત કરી આપણી સેનામાં ભરતી કરીશ. મારો વિશ્વાસ છે કે માતૃભૂમિની સેવામાં આ બાળક જરા પણ કસર નહિ રાખે.
તાનાજી – ઘાતકની સાથે આટલી દયા ! ધન્ય છે !
શિવાજી – તાનાજી, મારનાર કરતાં બચાવનારમાં વધારે શક્તિ હોય છે. આજે તેં અમારો જીવ બચાવ્યો. એટલે હું તારો આભારી રહીશ.
તાનાજી – મહારાજ, તમે આ શું કહો છો? હું તો આપનો સેવક છું. સ્વામીનું રક્ષણ કરવું એ સેવકનું કર્તવ્ય છે. એમાં આભારી થવાની શી વાત છે?
શિવાજી – તાનાજી, તમે ધન્ય છો ! તારા જેવા સેનાપતિઓ પર ભારતમાતા ગર્વ કરે છે. ભલે, થોડી વાર આરામ કરો.
તાનાજી – (પ્રણામ કરે છે) જેવી આજ્ઞા મહારાજ ! (પ્રસ્થાન)
બીજું દશ્ય
(સ્થળઃ શિવાજીના કિલ્લાનો ઓરડો. બપોરનો સમય)
શિવાજી – તાનાજી તરફ મોં ફેરવીને) તાનાજી, કોણ જાણે કેમ મારા હૃદયમાં એ બાળક પ્રત્યે અગાધ સ્નેહ ઊભરાઈ રહ્યો છે. જ્યારથી તે મારી સામેથી ગયો છે, ત્યારથી હું તેના વિશે જ વિચાર કરી રહ્યો છું.
તાનાજી – મહારાજ, આ તેની વીરતા અને સાહસનું પરિણામ છે.
શિવાજી – તું સાચું કહે છે. હું તેની વીરતા પર મુગ્ધ છું. આટલી નાની ઉંમર અને આટલું સાહસ ! જે શિવાજીના નામથી મોગલ સેના થરથરે છે તેની સામે એક બાળકનું આટલું સાહસ !
તાનાજી – તેમાં પણ કોઈ શંકા છે?
દરવાન – (દાખલ થઈને) મહારાજ, એક બાળક તમને મળવા ઇચ્છે છે.
શિવાજી – તેને બોલાવી લાવો.
(દરવાનની સાથે માલવજીનો પ્રવેશ)
માલવજી – મહારાજ, તમારો અપરાધી મૃત્યુદંડ માટે હાજર છે.
શિવાજી – વીરપુત્ર, તું આટલો જલદી કેવી રીતે આવી ગયો?
માલવજી – મહારાજ, તમારી વિદાય લઈને હું ઘેર પહોંચ્યો. માતા ખૂબ સમયથી મારી રાહ જોઈ રહી હતી. જોતાં જ તેણે મને છાતીસરસો ચાંપી દીધો. તે સમયે મેં વિચાર્યું કે હું તેને બધી વાત કહી દઉં, પરંતુ મારી હિંમત ન ચાલી. હવે હું આપની સેવામાં હાજર છું. આપ જે ઇચ્છો તે કરી શકો છો. પરંતુ મરતાં પહેલાં હું એક બીજી વાતની માગણી કરવા ઇચ્છું.
શિવાજી – કહે, એ કઈ વાત છે?
માલવજી – મારી માતાની સારસંભાળની બધી જ જવાબદારી તમે તમારી ઉપર લઈ લો.
શિવાજી – વીરપુત્ર, તું ખરેખર ક્ષત્રિય – પુત્ર છે. શિવાજી વીરોનો આદર કરે છે, તે એમની હત્યા નથી કરતા. અત્યાર સુધી હું તારી પરીક્ષા લઈ રહ્યો હતો. બાળક, તું મારી પરીક્ષામાં સફળ થયો. હું તારો અપરાધ ક્ષમા કરું છું.
માલવજી – (શિવાજીના પગમાં પડીને) તમે ધન્ય છો.
શિવાજી – (માલવજીને છાતીસરસો ચાંપીને) વીરપુત્ર, જે રીતે તું તારી માતાના દુઃખથી દુઃખી થઈને વ્યાકુળ થઈ રહ્યો છે, તેવી રીતે હું પણ દુઃખી છું. રાતદિવસ હું એ જ ચિંતામાં રહું છું કે કેવી રીતે ભારતમાતાનાં દુ:ખ દૂર કરું?
માલવજી – મહારાજ, આ શરીર તમારું છે. તમે મને જીવનદાન આપ્યું છે. હું પ્રતિજ્ઞા કરું છું કે જ્યાં સુધી આ શરીરમાં પ્રાણ છે, હું કદી માતૃભૂમિની સેવામાં પાછો પડીશ નહિ.
શિવાજી – વીરપુત્ર! હું તારી પાસે આ જ આશા રાખું છું.
मालवजी फौजदार विषय – प्रवेश
इस एकांकी में अपनी माता के प्रति मालवजी का प्रेम, स्वामी के प्रति तानाजी की कर्तव्यनिष्ठा और देश के प्रति शिवाजी की भक्ति हमें प्रभावित करती है। अपनी हत्या करने के लिए आए किशोर मालवजी के प्रति शिवाजी की क्षमाशीलता, उदारता और गुणग्राहकता उनकी महानता दर्शाती है।
मालवजी फौजदार शब्दार्थ
- तत्पर – तैयार
- भयानक – डरावना
- मलना – मसलना, रगड़ना
- वार – आक्रमण, हमला
- दृष्टि – नजर
- वत्स – बेटा, बालक
- गंभीर – गहरा
- स्वर – आवाज
- अपराध – गुनाह
- दंड – सजा
- भोगना – सहन करना
- निर्भयतापूर्वक – निडरता से
- चाल – ढाल – चलने का तरीका, व्यवहार
- सत्यवादी – सच बोलनेवाला
- अवश्य – जरूर
- हानि – नुकसान
- चेष्टा – प्रयत्न, कोशिश
- प्रतिष्ठा – सम्मान
- धब्बा – दाग, कलंक
- दूभर – कठिन, मुश्किल
- वध – हत्या
- कष्ट – दुःख, मुसीबत
- कर्तव्य – फर्ज
- सराहना – प्रशंसा
- दिखावटी – बनावटी
- रोष – क्रोध
- मृत्यु – दंड – फाँसी
- पूजनीय – पूजा के लायक, वंदनीय
- प्रस्थान – जाना
- राय – सलाह, विचार
- मुग्ध – मोहित
- दुर्ग – किला
- अगाध – अपार
- अवस्था – आयु
- संदेह – शंका
- प्रस्तुत – हाजिर
- प्रतीक्षा – इंतजार
- उपस्थित – हाजिर
- समस्त – संपूर्ण
- भार – जिम्मेदारी
- व्याकुल – बेचैन
मालवजी फौजदार मुहावरे – अर्थ और वाक्य – प्रयोग
- दंड भोगना – सजा पाना
वाक्य : चोरी के गुनाह के लिए युवक को दो वर्ष का दंड भोगना पड़ा। - प्राण न्योछावर करना – जीवन समर्पित करना.
वाक्य : भगतसिंह ने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। - वध करना – हत्या करना
वाक्य : कृष्ण ने कंस का वध किया। - आँखें खुलना – जाग जाना
वाक्य : आज ठीक सात बजे मेरी आँखें खुलीं।