Gujarat Board GSEB Hindi Textbook Std 11 Solutions पूरक वाचन Chapter 3 इसे जगाओ Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.
GSEB Std 11 Hindi Textbook Solutions Purak Vachan Chapter 3 इसे जगाओ
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
कवि सूरज, पवन और पक्षी का आह्वान क्यों करते हैं?
उत्तर :
सूरज अपने समय पर उदित हो गया है। पवन भी अपने सही समय पर बहने लगा है। पक्षी भी सही समय पर जग गए हैं। किंतु मनुष्य समय के महत्त्व को नहीं जानता वह सपनों में सोया हुआ है। इसलिए उसे सचेत या जाग्रत करने के लिए कवि सूरज, पवन और पक्षी का आहवान करते हैं।
प्रश्न 2.
कवि के अनुसार भागने और क्षिप्र (तेज) गति में क्या अंतर है?
उत्तर :
कवि कहते हैं कि क्षिप्र (तेज) वह है जो सही (उचित) समय पर सजग हो गया है। वह समय नष्ट न करके आगे बढ़ता है।
भागता वह है जो समय पर सचेत नहीं होता और समय निकल जाने के बाद हड़बड़ाकर भागता है। वह बेतहाशा दौड़कर अपने से आगे निकल जानेवालों की बराबरी करने का प्रयत्न करता है। इस प्रकार भागने और क्षिप्र गति में बहुत अंतर है।
प्रश्न 3.
‘इसे जगाओ’ कविता में कवि ने क्या संदेश दिया है?
उत्तर :
‘इसे जगाओ’ कविता में कवि ने सूरज, पवन और पंछी का उदाहरण देकर मनुष्य को सही समय पर सचेत होने के लिए कहा है। वे कहते हैं कि सही समय पर चेतनेवाले व्यक्ति को ही जीवन में सफलता मिलती है। उचित समय गंवा देने के बाद जागनेवाला (सचेत होनेवाला) व्यक्ति जीवन की दौड़ में पिछड़ जाता है। मनुष्य को सूरज, पवन और पंछी से समय पर सचेत होने की प्रेरणा लेनी चाहिए।
इसे जगाओ Summary in Hindi
विषय-प्रवेश :
इस कविता में कवि मनुष्य को सही समय पर सचेत होने के लिए कहता है। वह कहता है कि सही समय पर चेतनेवाले व्यक्ति को ही जीवन में सफलता मिलती है। उचित समय गवा देने के पश्चात जागनेवाला (सचेत होनेवाला) व्यक्ति जीवन की दौड़ में पिछड़ जाता है। इसलिए कवि सूरज, पवन और पक्षी का आहवान करता है कि वे मनुष्य को इस सच्चाई से परिचित कराएँ और उसे सजग करें।
कविता का सरल अर्थ :
कवि कहते हैं कि हे सूरज! यह आदमी सोया पड़ा है। इसे जगा दो और सचेत करो। वे हवा से उसे हिलाने के लिए कहते है। वे कहते हैं कि वह आदमौ समय के महत्त्व की सच्चाई से अनजान है। वह सपनों में खोया हुआ है। उसे सचेत कर दो।
वे पंछी से कहते हैं कि जाओ, सोनेवाले व्यक्ति के कानों पर शोर मचाओ, चिल्लाओ, ताकि वह सचेत हो जाए। हे सूरज, जरा इस आदमी को वक्त पर जगा दो। वरना उसे जाग्रत होने में देर हो जाएगी।
यदि उसे (समय पर) नहीं जगाओगे तो वह उचित समय निकल जाने के बाद हड़बड़ा कर जागेगा। जागने पर जब वह देखेगा कि लोग
उससे आगे निकल गए हैं, तो वह उन्हें पाने के लिए घबरा कर भागेगा। ताकि वह उनकी बराबरी कर सके।
कवि कहते हैं, ‘तेज गति’ और ‘तेज’ दोनों में अंतर है। ‘तेज’ तो वह है, जो सही (उचित) समय पर सजग हुआ है। इसलिए हे सूरज, सोए हुए आदमी को तुम जगा दो। हे पवन, तुम उसे जगाओ। हे पंछी तुम उसके कानों पर चीखो, चिल्लाओ, ताकि वह समय पर जाग्रत होकर प्रगति पथ पर अग्रसर हो सके।
इसे जगाओ शब्दार्थ :
- हिलाना – चंचल करना।
- बेखबर – अनजान।
- पंछी – चिड़िया।
- बेवक्त – असमय।
- क्षिप्र – तेज।
- क्षिप्र गति – तेज गति।
- सजग – जगा हुआ, सचेत।