GSEB Solutions Class 10 Social Science Chapter 8 प्राकृतिक संसाधन

Gujarat Board GSEB Textbook Solutions Class 10 Social Science Chapter 8 प्राकृतिक संसाधन Textbook Exercise Important Questions and Answers.

प्राकृतिक संसाधन Class 10 GSEB Solutions Social Science Chapter 8

GSEB Class 10 Social Science प्राकृतिक संसाधन Textbook Questions and Answers

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए:

प्रश्न 1.
संसाधन अर्थात् क्या ? उनके उपयोग का वर्णन करो ।
उत्तर:
संसाधन – जिस वस्तु पर मनुष्य आश्रित या निर्भर हो, जिससे मनुष्य की आवश्यकताएँ पूरी होती हो और मनुष्य के पास उसका उपभोग करने की शारीरिक और मानसिक (बौद्धिक) क्षमता हो । इस प्रकार कोई भी वस्तु मानव की आवश्यकताएँ पूरी करने में काम में ली जाये तो वह संसाधन बन जाती है । प्रकृति, मानव और संस्कृति इन तीनों की परस्पर प्रक्रिया द्वारा ही संसाधन बनते है ।

संसाधनों के उपयोग:
संसाधन हमारे लिए विविध रूपो से उपयोगी होते है । कृषि प्रवृत्ति से लेकर सभी मानव की प्रवृत्तियों में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर रहना पड़ता है ।
1. संसाधन – खुराक के रूप में – मनुष्य की भोजन संबंधी सभी आवश्यकताएँ संसाधनों से ही पूरी होती है । कृषि, फलों द्वारा बननेवाले विविध खाद्य पदार्थों, पालतु प्राणियों द्वारा प्राप्त होनेवाला दूध और उसकी वानगियाँ, माँस, जलाशयों की मछलियाँ और अन्य जीवन, मधुमखी का शहद आदि चीजें खाद्य सामग्री के रूप में काम में ली जाती है ।

2. संसाधन कच्चे माल के स्रोत – वनों से प्राप्त होनेवाली विविध वस्तुएँ, कृषि द्वारा उपलब्ध होनेवाली सामग्री, पालतु प्राणियों से प्राप्त होनेवाली ऊन, चमड़ा और माँस, खनिज अयस्क आदि चीजें उद्योगों में कच्चे माल के रूप में उपयोग होती है ।

3. संसाधन – शक्ति संसाधन के रूप में – कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस का उपयोग ईंधन के रूप में उद्योगों और घरों में होता है । सूर्यप्रकाश पवन, समुद्री लहरें, ज्वार और जल प्रपात आदि से भी ऊर्जा प्राप्त होती है ।

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प्रश्न 2.
भूमि संरक्षण अर्थात क्या ? भूमि संरक्षण के उपाय बताइए ।
उत्तर:
भूमि संरक्षण : भूमि संरक्षण अर्थात् मिट्टी का कटाव रोककर मिट्टी की गुणवत्ता को बनाए रखना । भूमि संरक्षण का सीधा संबंध मिट्टी कणों अपनी ही मूल जगह बनाए रखने के साथ है ।
भूमि संरक्षण के उपाय:

  • वनों के आच्छादन के कारण उसके मूल कणों को जकड़कर रखती है ।
  • नदी की खाईयों और पहाड़ी ढलानों पर वृक्षारोपण करना ।
  • रेगिस्तान के नजदीकी क्षेत्रों में पवनों को रोकने हेतु वृक्षों का घेराव लगाना चाहिए । वे रेगिस्तान को आगे बढ़ने से रोकते है ।
  • नदियों के बाढ़ को अन्य नदियों में ढालकर सूखी नदियों को भरकर अंकुश में ला सकते हैं ।
  • अनियंत्रित चरागाह से पर्वतीय जमीन का स्तर कमजोर पड़ता है उसे रोकना चाहिए ।
  • क्षितिज समांतर कृषि, सीढ़ीदार खेत जैसी पद्धतियाँ अपनानी चाहिए ।
  • ऊपजाऊपन खो बेठी जमीन में पुन: सेन्द्रीय पदार्थों को मिलाना चाहिए ।

उपरोक्त उपाय करने से जमीन का संरक्षण किया जा सकता है ।

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर मुद्दासर दीजिए:

प्रश्न 1.
जमीन निर्माण की प्रक्रिया का वर्णन करके उसके प्रकार किसके आधार पर वर्गीकृत किये गये है ? यह समझाइए ।
उत्तर:
जमीन (मिट्टी) निर्माण : सामान्य रूप से भू-पटल का ऊपरी भाग जिस पर वनस्पति उगती है उसे हम जमीन के रूप में जानते है । भूमि भूपटल पर अनेक कणों से बनी एक पतली परत होती है । जिसमें खनिज, नमी, ह्युमस तथा हवा आदि मिश्रित होते है । मिट्टी के नीचे उसकी मल चट्टान स्तर होते है । जमीन का निर्माण मूल चट्टानों के घिसाव और कटाव से मिलनेवाले पदार्थों से होता है । जिनमें जैविक अवशेष नमी और हवा मिलती है । अन्य रूप से कहे तो जमीन खनीजों और जैविक तत्त्वों का मिश्रण है जिसमें वनस्पति वृद्धि और विकास करने की क्षमता होती है ।
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जमीन की उत्पत्ति के संदर्भ में समयांतर की जलवायु प्रभाव डालती है । किसी निश्चित जलवायुवाले प्रदेश की जलवायु के कारण लंबे समय तक मिट्टी एक ही प्रकार की होती है । इस प्रकार मातृ चट्टानों से भिन्न-भिन्न जलवायु से बननेवाली जमीन भिन्नभिन्न प्रकार की होती है । जमीन के प्रकार उसके रंग, जलवायु, मातृचट्टानों, कणरचना और उपजाऊपन जैसी बातों को ध्यान में रखकर किये गये है ।

प्रश्न 2.
कांप की जमीन की जानकारी दीजिए ।
उत्तर:
भारत के कुल क्षेत्रफल के 43% भाग पर काँप मिट्टी है ।

  • पूर्व में ब्रह्मपुत्र की घाटी से लेकर पश्चिम में सतलुज नदी तक के उत्तर भारत का मेदान, दक्षिण भारत में नर्मदा, तापी, महानदी,
  • गोदावरी, कृष्णा और कावेरी घाटी के प्रदेश में और इस प्रकार की जमीन पायी जाती है ।
  • कांप की जमीन का निर्माण नदियों के निषेपित कांप की आभारी है ।
  • इस जमीन में पोटाश, फोस्फरिक एसिड और चूने की मात्रा अधिक होती है ।
  • नाइट्रोजन और ह्युमस की मात्रा कम होती है ।
  • यदि इस मिट्टी में दलहनों की फसल ली जाये तो उसमें नाइट्रोजन की स्थिरता की मात्रा बढ़ाई जा सकती है ।
  • इस प्रकार की मिट्टी में गेहूँ, चावल, गन्ना, शन, कपास, मकई, तिलहने आदि फसलें ली जाती है ।

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प्रश्न 3.
काली मिट्टी के विषय में टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर:
काली (रेंगूर) मिट्टी भारत के कुल क्षेत्रफल के 15% भाग में फैली है ।

  • इस जमीन का निर्माण दक्षिण के लावा के फैलने से हुआ है ।
  • समग्र महाराष्ट्र, पश्चिम मध्य प्रदेश, कर्णाटक और आंध्रप्रदेश के कुछ भागों में पायी जाती है ।
  • गुजरात में सूरत, भरूच, बड़ोदरा, नर्मदा, तापी और डाँग जिलों में पायी जाती है ।
  • इस जमीन का निर्माण लावा की चट्टानों जलवायु की आभारी है ।
  • लोहा, चूना, केल्शियम, पोटाश, एल्युमिनियम और मेग्नेशियम, कार्बोनेट की मात्रा अधिक पायी जाती है ।
  • यह जमीन अधिक उपजाऊ होती है । इस जमीन में नमी धारण करने की शक्ति अधिक होती है ।
  • इस जमीन में कपास, अलसी, मूंगफली, तम्बाकू और उड़द जैसी दलहने आदि फसलें ली जाती है ।
  • कपास की फसल के लिए अनुकूल होने से इसे कपास की फसल भी कहते हैं ।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षिप्त में दीजिए:

प्रश्न 1.
जमीन के कटाव को रोकने के उपाय लिखिए ।
उत्तर:
जमीन पर चरागाह प्रवृत्तियों को नियंत्रण में लाना ।

  • ढालू भूमि पर समोच्चरेखीय सीढ़ीनुमा खेत बनाकर फसले लेनी चाहिए ।
  • बंजर भूमि पर वृक्षारोपण करना चाहिए ।
  • जहाँ पानी का बहाव हो वहाँ छोटे-बड़े बाँध बनाने चाहिए ।
  • पानी का वेग धीमा करने के लिए ढालवाले खेतों में गहरी बुवाई करनी चाहिए ।
  • रेगिस्तान को आगे बढ़ने से रोकने के लिए कंटीली वनस्पति लगानी चाहिए ।

प्रश्न 2.
पर्वतीय जमीन किसे कहते हैं ?
उत्तर:
हिमालय की घाटियों और ढलानवाले क्षेत्रों में 2700 मीटर से 3000 मीटर की ऊँचाई के बीच पायी जानेवाली मिट्टी पर्वतीय मिट्टी है । इसका स्तर पतला अपरिपक्व होता है । यह जमीन असम, दार्जिलिंग, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश और कश्मीर में पायी जाती है ।

प्रश्न 3.
रेगिस्तानी (रेतीली) मिट्टी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखो ।
उत्तर:
यह मिट्टी शुष्क और अर्द्धशुष्क जलवायुवाली परिस्थिति में पायी जाती है ।

  • यह जमीन रेतीली और कम उपजाऊ होती है । इसमें क्षार तत्त्वों की मात्रा अधिक होती है ।
  • इस प्रकार की जमीन राजस्थान, हरियाणा और दक्षिण पंजाब के कुछ क्षेत्रों में पायी जाती है ।
  • गुजरात में यह मिट्टी कच्छ और उत्तरी गुजरात के कुछ क्षेत्रों में पायी जाती है ।
  • सिंचाई सुविधा से बाजरी, ज्वार की फसल ली जा सकती है ।

4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए:

प्रश्न 1.
दुनिया के एक या दो स्थानों पर प्राप्त होनेवाला संसाधन ………………………..
(A) सर्व सुलभ संसाधन
(B) सामान्य सुलभ संसाधन
(C) विरल संसाधन
(D) एकल संसाधन
उत्तर:
(D) एकल संसाधन

प्रश्न 2.
जमीन का निर्माण मूल चट्टानों के …………………………. मिलनेवाले पदार्थों से होता है ।
(A) कटाव और घिसाव से
(B) स्थलांतर और स्थगितता से
(C) अनुक्रम और विक्रम से
(D) उर्ध्व और शीर्ष से
उत्तर:
(A) कटाव और घिसाव से

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प्रश्न 3.
पड़खाऊ जमीन का अन्य नाम क्या है ?
(A) कांप की जमीन
(B) लेटेराईट जमीन
(C) काली जमीन
(D) लाल जमीन
उत्तर:
(B) लेटेराईट जमीन

प्रश्न 4.
वर्तमान में भारतीय कृषि संशोधन परिषद द्वारा भारत की मिट्टी को मुख्य ……………………….. प्रकारों में बाँटा गया है ।
(A) सात
(B) सोलह
(C) पाँच
(D) आठ
उत्तर:
(D) आठ

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