Gujarat Board GSEB Textbook Solutions Class 10 Social Science Chapter 15 आर्थिक विकास Textbook Exercise Important Questions and Answers.
आर्थिक विकास Class 10 GSEB Solutions Social Science Chapter 15
GSEB Class 10 Social Science आर्थिक विकास Textbook Questions and Answers
1. निम्न प्रश्नों का उत्तर विस्तार से लिखिए:
प्रश्न 1.
विकासशील अर्थतंत्र के कोई भी पाँच लक्षणों की चर्चा कीजिए ।
उत्तर:
विकासशील अर्थतंत्र के लक्षण निम्न प्रकार है :
नीची प्रति व्यक्ति आय : विकासशील देशों की राष्ट्रीय आय नीची होती है, जबकि जनसंख्या वृद्धि दर अधिक होने से प्रतिव्यक्ति आय नीची रहती है । प्रति व्यक्ति आय कम होने जीवन स्तर नीचा रहता है ।
जनसंख्या वृद्धि : विकासशील राष्ट्रों में जनसंख्या वृद्धि अधिक पायी जाती है । ऐसे देशों में जनसंख्या वृद्धि दर 2% से भी : अधिक होती है।
कृषिक्षेत्र पर निर्भरता : विकासशील राष्ट्रों में कृषि मुख्य आर्थिक प्रवृत्ति होती है और देश के 60% से अधिक लोग रोजगारी के लिए कृषि पर आधारित होती है । देश की राष्ट्रीय आय में भी कृषि का योगदान 25% होता है ।
आय का असमान वितरण : विकासशील राष्ट्रों में आय तथा उत्पादन साधनों का बँटवारा असमान होता है । यह असमानता ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में होता है । विकासशील राष्ट्रों में आय और संपत्ति का केन्द्रीकरण धनिक लोगों में होता है ।
बेरोजगारी : बेरोजगारी विकासशील देशों का महत्त्वपूर्ण लक्षण है । इन देशों में बेरोजगारी की मात्रा कूल श्रमिकों का 3% से अधिक होता है । मौसमी बेरोजगारी, छुपी बेरोजगारी, औद्योगिक बेरोजगारी आदि पायी जाती है, जो लम्बे समय की बेरोजगारी होती है ।
गरीबी : गरीबी विकासशील राष्ट्र का लक्षण है, जो लोग अपनी प्राथमिक आवश्यकताएँ जैसे अनाज, कपड़ा, आवास, शिक्षण और स्वास्थ्य आदि संतुष्ट नहीं कर सकते उन्हें गरीब माना जाता है । विकासशील देशों में ऐसे लोगों का अनुपात लगभग कुल
तीसरा भाग है ।
द्विमुखी अर्थतंत्र : विकासशील देशों में अर्थतंत्र द्विमुखी होता है । एकतरफ ग्रामीण क्षेत्रों में पिछड़ी कृषि पद्धति, पुरानी यंत्र सामग्री, रूढ़िचुस्त सामाजिक ढाँचा, कम उत्पादन पाया जाता है । दूसरी तरफ शहरी क्षेत्र में आधुनिक उद्योग, नयी उत्पादन पद्धति, आधुनिक यंत्र तथा विलासी जीवन पद्धति पायी जाती है ।
मूलभूत ढाँचागत सुविधाओं अपर्याप्त : विकास के लिए अनिवार्य मूलभूत सुविधाएँ जैसे शिक्षा, परिवहन, संचार, बीजली, स्वास्थ्य, बैंकिंग आदि का कम विकास पाया जाता है ।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का स्वरूप : विकासशील देशों में विदेशी व्यापार का स्वरूप और ढाँचा अलग पाया जाता है । ऐसे देशों में मुख्यत: कृषि उत्पादों और बागायती पेदाईशों तथा कच्ची धातुओं का निर्यात करते है । इन निर्यातों की माँग कम होने से मूल्य कम होता है । आयातों में औद्योगिक उत्पादों, यंत्र सामग्री की मात्रा अधिक होती हैं, ऐसी वस्तुओं के मूल्य अधिक होने
से आयात खर्च अधिक होता है । इस प्रकार विकासशील राष्ट्रों के लिए विदेशी व्यापार की शर्ते प्रतिकूल रहने से देश पर विदेशी कर्ज बढ़ता है ।
प्रश्न 2.
मनुष्य की आवश्यकताएँ अमर्यादित होती है । समझाइए ।
उत्तर:
मनुष्य की आवश्यकताएँ अमर्यादित और असंख्य होती है ।
- एक आवश्यकता से दूसरी अनेक आवश्यकताएँ उद्भव होती है ।
- कई आवश्यकताएँ बारबार संतुष्ट करनी पड़ती है तो कुछ विज्ञान और टेक्नोलॉजी के कारण भी उद्भव हुई है ।
- इस प्रकार अनेक कारणे से आवश्यकताएँ अमर्यादित हुई है, इसलिए इन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पसंदगी करनी पड़ती है।
प्रश्न 3.
बाजारतंत्र की मर्यादाओं की जानकारी दीजिए ।
उत्तर:
बाजार पद्धति की अनेक कमियाँ हैं जो इस प्रकार है :
- लाभ को ध्यान में रखकर उत्पादन होने से मोजशोख की वस्तुओं का उत्पादन बढ़ता है तथा आवश्यक प्राथमिक वस्तुओं का उत्पादन घटता है ।
- राज्य की कोई नीति विषयक भूमिका न होने से प्राकृतिक संपत्ति का अपव्यय होता है ।
- ग्राहकों की बाजार के प्रति अज्ञानता होने से उनका शोषण होता है ।
- संपत्ति और आय का केन्द्रीकरण होने से आय की असमानता बढ़ती है ।
- निरंकुशता (मनमर्जी), आर्थिक अस्थिरता, मजदूरों का शोषण आदि का भय रहता है ।
प्रश्न 4.
मिश्र अर्थतंत्र में साधनों के वितरण की जानकारी दीजिए ।
उत्तर:
मिश्र अर्थतंत्र अर्थात् ऐसी आर्थिक पद्धति जिसमें सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्र एकदूसरे के प्रतिस्पर्धी नहीं परंतु पूरक बनकर काम करते है ।
- इस पद्धति में कृषि, व्यापार, छोटे-बड़े से माल के उद्योगों आदि की मालिकी व्यक्तिगत (निजी) होती है ।
- जबकि भारी उद्योग, संरक्षण सामग्री के कारखाने, रेलवे, बीजली, मार्ग, सिंचाई आदि आधारभूत, चाबीरूप क्षेत्रों की मालिकी राज्य की होती है ।
- इस पद्धति में बाजार संपूर्ण स्वतंत्र नहीं होती । सरकार द्वारा भिन्न भिन्न रूप से अंकुश लगाया जाता है । इसी तरह पिछड़े क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना के लिए राज्य द्वारा सबसीडी, कर में राहत आदि प्रोत्साहन दिया जाता है ।
- इस प्रकार मिश्र अर्थतंत्र एक ऐसी आर्थिक पद्धति है जिसमें आर्थिक निर्णयों की प्रक्रिया में आर्थिक आयोजन को मुख्य स्थान दिया जाता है । इसके लिए सार्वजनिक और निजी साहसों का सह-अस्तित्व स्वीकारा जाता है ।
- इस पद्धति में अंकुश और नियंत्रण होने से ‘नियंत्रित आर्थिक पद्धति’ के रूप में पहचाना जाता है । भारत, फ्रांस आदि देशों में मिश्र अर्थतंत्र पाया जाता है ।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर मुद्दासर दीजिए:
प्रश्न 1.
उत्पादन के साधन के रूप में जमीन ।
उत्तर:
सामान्य अर्थ में जमीन हम पृथ्वी के धरातल पर ऊपर की परत को जमीन कहते हैं ।
- अर्थशास्त्र की परिभाषा में जमीन अर्थात् सभी प्रकार की प्राकृतिक संपत्ति । जिसमें पृथ्वी के धरातल पर आये वन, नदियाँ, पर्वत, पृथ्वी के गर्भ में आये खनिजों, धातुओं आदि का समावेश होता है ।
- इस प्रकार जमीन उत्पादन का प्राकृतिक साधन है ।
प्रश्न 2.
समाजवादी पद्धति की कमियाँ बताइए ।
उत्तर:
समान वितरण और सामाजिक कल्याण के उद्देश्य से अस्तित्व में आयी साम्यवादी पद्धति की निम्नलिखित कमियाँ है :
- उत्पादन के साधनों की मालिकी राज्य की होने से उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन नहीं मिलता है ।
- स्पर्धा के अभाव के कारण अर्थतंत्र में संशोधन को वेग नहीं मिलता ।
- इस पद्धति में व्यक्तिगत स्वतंत्रता नहीं रहती ।
- राज्य के संपूर्ण हस्तक्षेप के कारण लालफीताशाही का भय बना रहता है ।
प्रश्न 3.
आर्थिक वृद्धि और आर्थिक विकास के बीच अंतर लिखिए ।
उत्तर:
सामान्य रूप से आर्थिक वृद्धि और आर्थिक विकास में अंतर निम्नानुसार पाया जाता है :
- विकास की प्रक्रिया के आधार पर: आर्थिक विकास गुणात्मक और आर्थिक वृद्धि परिमाणात्मक है । आर्थिक विकास प्रथम अवस्था है जबकि आर्थिक वृद्धि आर्थिक विकास के बाद की अवस्था है ।
- अर्थतंत्र में होनेवाले परिवर्तनों के आधार पर : अर्थतंत्र में होनेवाले नये संशोधनों के आधार पर उत्पादन में होती वृद्धि आर्थिक विकास है । उदाहरण – कृषि क्षेत्र में गेहूँ, धान जैसी फसलों में नये विचारों की खोज होने से उत्पादन में कई गुना वृद्धि हुई । यही बात आर्थिक विकास दर्शाती है । दूसरी बुवाई लायक जमीन में वृद्धि होने से कृषिलायक उत्पादन में वृद्धि होती है उसे
आर्थिक वृद्धि कहते हैं । - विकसित और विकासशील देशों के संदर्भ में : विकसित और विकासशील देशों के संदर्भ में दोनों में अंतर पाया जाता है । विकसीत देशों की राष्ट्रीय आय में होता विकास आर्थिक विकास कहलाता है, जबकि विकासशील देशों की राष्ट्रीय आयों में । होती वृद्धि आर्थिक विकास कहलाया ।
प्रश्न 4.
प्राथमिक क्षेत्र पर टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर:
अर्थतंत्र के इस विभाग में कृषि तथा कृषि के साथ संलग्न प्रवृत्ति जैसे कि पशुपालन, पशु संवर्धन, मत्स्य उद्योग, मुर्गा-बतक उच्छेर, वन, कच्ची धातुओं की खुदाई का समावेश प्राथमिक क्षेत्र में होता है । प्राथमिक क्षेत्र का विकासशील देशों में राष्ट्रीय रोजगारी और राष्ट्रीय आय में हिस्सा अधिक होता है ।
प्रश्न 5.
अंतर स्पष्ट कीजिए : आर्थिक प्रवृत्ति और बिनआर्थिक प्रवृत्ति
उत्तर:
आर्थिक प्रवृत्ति |
बिनआर्थिक प्रवृत्त |
आय प्राप्त करने और खर्च करने के उद्देश्य से की । जानेवाली प्रवृत्ति को आर्थिक प्रवृत्ति कहते हैं । | जो प्रवृत्ति लाभ या खर्च प्राप्त करने के उद्देश्य न की गयी हो उसे बिनआर्थिक प्रवृत्ति कहते हैं । |
किसान, कारीगर, व्यापारी, शिक्षक आदि प्रवृत्ति का आर्थिक प्रवृत्ति में समावेश होता है । | उदाहरण : माता अपने बालकों का लालनपालन करती व्यक्ति का समाज सेवा कार्य आदि । |
3. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त में उत्तर दीजिए:
प्रश्न 1.
आर्थिक विकास अर्थात् क्या ?
उत्तर:
आर्थिक विकास किसी भी देश की राष्ट्रीय आय में होनेवाली सतत वृद्धि को दर्शाता है ।
आर्थिक विकास अर्थात् :
- देश की राष्ट्रीय आय में होती सतत वृद्धि ।
- देश की प्रतिव्यक्ति आय में वृद्धि ।
- लोगों के जीवन स्तर में सुधार होना ।
प्रश्न 2.
उत्पादन के मुख्य साधन कौन-कौन से है ? समझाइए ।
उत्तर:
प्राकृतिक संपत्ति और श्रम की सहायता से चीजवस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन किया जाता है । यह उत्पादन करने के लिए अनेक साधनों का उपयोग किया जाता है । उत्पादन के अनेक साधन है परंतु अध्ययन के लिए इन्हें चार भागों में बाँटा गया
- जमीन
- पूँजी
- श्रम
- नियोजक ।
प्रश्न 3.
आर्थिक प्रवृत्ति अर्थात् क्या ?
उत्तर:
आय प्राप्त करने या खर्च करने के उद्देश्य से की जानेवाली प्रवृत्ति को आर्थिक प्रवृत्ति कहते हैं ।
उदाहरण:
किसान, कारीगर, व्यापारी, शिक्षक आदि की प्रवृत्ति आर्थिक प्रवृत्ति है ।
प्रश्न 4.
भारत ने कौन-सी आर्थिक पद्धति अपनायी है ?
उत्तर:
भारत ने मिश्र आर्थिक पद्धति अपनाई है ।
प्रश्न 5.
साधनों का वैकल्पिक उपयोग अर्थात् क्या ?
उत्तर:
आवश्यकताओं को संतुष्ट करने के साधन सीमित होते है परंतु उनके उपयोग वैकल्पिक होते है । उत्पादन का कोई भी साधन एक से अधिक उपयोग में आता हो तो वह साधन अनेक उपयोग रखता है । इस साधन का एक ही समय एक ही उपयोग हो सकता है, इसलिए यह उपयोग वैकल्पिक है । जैसे जमीन पर गेहूँ बोया जाये तो उसका उपयोग बाजरी या चावल बोने के लिए उस समय नहीं हो सकता ।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए:
प्रश्न 1.
आर्थिक रूप से भारत कैसा देश है ?
(A) विकसित
(B) पिछड़ा
(C) विकासशील
(D) गरीब
उत्तर:
(C) विकासशील
प्रश्न 2.
विश्व बैंक 2004 के लेख के अनुसार कितने डॉलर से कम प्रति व्यक्ति आयवाले लोग विकासशील देश कहलाते है ?
(A) 480 $
(B) 520 $
(C) 7358
(D) 250 $
उत्तर:
(C) 7358
प्रश्न 3.
किस पद्धति को मुक्त अर्थतंत्र कहते हैं ?
(A) समाजवादी पद्धति
(B) मिश्र अर्थतंत्र
(C) बाजार पद्धति
(D) एक भी नहीं
उत्तर:
(C) बाजार पद्धति
प्रश्न 4.
पशुपालन व्यवसाय का समावेश अर्थतंत्र के किस विभाग में किया जाता है ?
(A) माध्यमिक
(B) प्राथमिक
(C) सेवा क्षेत्र
(D) ये तीनों ही
उत्तर:
(B) प्राथमिक