Gujarat Board GSEB Std 10 Hindi Textbook Solutions Chapter 7 जन्मभूमि Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.
GSEB Std 10 Hindi Textbook Solutions Chapter 7 जन्मभूमि
GSEB Class 10 Hindi Solutions जन्मभूमि Textbook Questions and Answers
स्वाध्याय
1. निम्नलिखित प्रश्नों के नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
जननी जन्मभूमि ………. से महान है ।
(अ) पृथ्वी
(ब) आकाश
(क) स्वर्ग
(ड) नर्क
उत्तर :
(क) स्वर्ग
प्रश्न 2.
‘भारत का भाल’ ………. है ।
(अ) हिमाचल
(ब) विंध्याचल
(क) माउन्ट आबू
(ड) गिरनार
उत्तर :
(अ) हिमाचल
प्रश्न 3.
गीता का गान करनेवाले ………. थे ।।
(अ) वाल्मिकी
(ब) द्रोणाचार्य
(क) अर्जुन
(ड) कृष्ण
उत्तर :
(ड) कृष्ण
2. निम्नलिखित प्रश्नों के एक-एक वाक्य में उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
जन-जन के हृदय में कौन-सी नदियाँ बसी हैं ?
उत्तर :
जन-जन के हृदय में गंगा-यमुना जैसी नदियाँ बसी हैं।
प्रश्न 2.
कृष्ण ने किस ग्रंथ की रचना की ?
उत्तर :
कृष्ण ने ‘भगवद्गीता’ ग्रंथ की रचना की।
प्रश्न 3.
‘जन्मभूमि’ में भारत की किन नारियों की बात बताई गई है ?
उत्तर :
‘जन्मभूमि’ काव्य में सावित्री और राधा जैसी महान नारियों की एवम् तपस्विनी अहल्या की बात बताई गई है।
प्रश्न 4.
शांतिनिकेतन क्या है ?
उत्तर :
शांतिनिकेतन एक तपोवन है, जहाँ ज्ञानी ऋषि-मुनि ध्यानमग्न होकर ज्ञानरूपी नभमंडल में विचरण करते है।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
हिमालय के बारे में जन्मभूमि कविता में क्या कहा है ?
उत्तर :
पर्वतराज हिमालय हमारे देश का गौरव है। यह संसार के सब पर्वतों से बड़ा और ऊंचा है। कविता में इसे भारत का गौरवशाली भाल (कपाल) कहा गया है।
प्रश्न 2.
कवि ने धरती के गुनगान कैसे गाये हैं ?
उत्तर :
कवि ने भारत की धरती को सुनहरी कहा है। कवि ने कहा है कि हमारी धरती सदा प्रफुल्लित और पुलकित रहती है। इस धरती को राम, लक्ष्मण और सीता अपने पैरों की धूल से पवित्र बना गए हैं।
प्रश्न 3.
शांति, सत्य, अहिंसा का प्रचार करनेवाले ‘भारतीय महापुरुषों’ के नाम बताइए ।
उत्तर :
शांति, सत्य और अहिंसा का प्रचार करनेवाले भारतीय महापुरुषों के नाम हैं- गौतम बुद्ध, महावीर एवं महात्मा गांधी।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के चार-पाँच वाक्यों में उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
कवि ने जन्मभूमि को स्वर्ग से महान क्यों बताया है ?
उत्तर :
मनुष्य को अपनी जन्मभूमि से बहुत लगाव होता है। वह कहीं भी रहे, पर उसका मन अपनी जन्मभूमि में पहुंचने के लिए लालायित रहता है। अपनी जन्मभूमि की धरा, नदियाँ, पर्वत, महापुरुष, महान नारियाँ, परंपराएं, रीति-रिवाज उसे बाँधे रहते हैं। वह अपनी जन्मभूमि के लिए अपना सर्वस्व त्याग करने के लिए तैयार रहता है। इस तरह कवि ने जन्मभूमि को स्वर्ग से महान बताया है।
प्रश्न 2.
‘जन्मभूमि’ में भारत भूमि की क्या-क्या विशेषताएँ बताई गई है ?
उत्तर :
कवि ने भारतभूमि को स्वर्ग से भी महान बताया है। कवि ने हिमालय को भारतभूमि का भाल बताया है। यहाँ गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदियाँ हैं। भारत की धरती सुनहरी और हरी-भरी है। राम-लक्ष्मण-सीता ने इसे अपने चरण-रज से पवित्र किया है। भगवान कृष्ण ने इस धरती पर ‘भगवद्गीता’ की रचना की थी। सावित्री, राधा तथा अहल्या जैसी महान नारियों की आभा से मानव-जाति आलोकित है। ऋषि-मुनियों ने ध्यान, तपस्या से अदभुत ज्ञान प्राप्त किए हैं। भारत जग में धातृ-भावना और ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ के प्रसार की दिशा में कार्यरत है।
प्रश्न 3.
कविता के आधार पर भारतीय नारी की महानता का वर्णन कीजिए ।
उत्तर :
भारत में अनेक महान नारियां हुई हैं। सौता, सावित्री और अहल्या की गणना महान नारियों में की जाती है। सीताजी अपने पति राम के साथ 14 वर्ष वन में रहीं। इस दौरान उन्हें तरह-तरह के कष्ट सहने पड़े पर वे अपने पतिव्रत धर्म पर सदा अडिग रहीं और उनका जीवन भारतीय नारी के लिए आदर्श बन गया। सावित्री महान पतिव्रता नारी थीं। उन्होंने यम से अपने पति का प्राण छुड़वाया था। अहल्या गौतम ऋषि की पत्नी थीं। पति के शाप के कारण वे शिला बन गई थीं। श्रीराम के चरण-स्पर्श से अहल्या का उद्धार हुआ था। सीता, सावित्री और अहल्या हमारे देश की महान नारियाँ थीं।
प्रश्न 4.
भारत ‘विश्व शांतिदूत’ क्यों कहलाता है ?
उत्तर :
भारत एक शांतिप्रिय देश है। सत्य, अहिंसा हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्श सिद्धांत थे। हमारा देश इस आदर्श का अक्षरशः पालन करता है। जब भी कभी विश्व में किसी देश में शांति भंग होती है, तो भारत सबसे पहले आगे आकर शांति स्थापित करने की दिशा में पहल करता है। भारत की शांति-सेना राष्ट्रसंघ के तत्वावधान में शांति स्थापित करने का कार्य करती है। शांति स्थापित करने में सदा अग्रणी रहने के कारण भारत को ‘विश्व शांतिदूत’ कहा जाता है।
5. निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए :
प्रश्न 1.
जिसका गौरव भाल हिमालय।’
उत्तर :
मनुष्य के शरीर में उसका भाल यानी कपाल सबसे महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। हिमालय संसार में सबसे बड़ा और सबसे ऊँचा पहाड़ है। इसे भारत का सिर कहा जाता है। इस तरह हिमालय भारत का गौरव है।
प्रश्न 2.
जड़ता बनी चेतना सरसी।’
उत्तर :
गौतम ऋषि की पत्नी तपस्विनी अहल्या पति के शाप के कारण शिला के रूप में परिवर्तित हो गई थी। एक जीती-जागती नारी चेतन से जड़ बन गई। वर्षों बाद राम के चरण-स्पर्श से वह पुनः चेतनावस्था में आई थी।
प्रश्न 3.
वह वसुधैव बना कुटुंबकम्।’
उत्तर :
आज चारों ओर युद्ध का माहौल है। पर भारत मानवजाति को युद्ध से छुटकारा दिलाने के लिए मंत्रोच्चार (सुझाव) के द्वारा विश्व में शांति का प्रचार करने में लगा है। वह पृथ्वी पर रहनेवाले सभी लोगों को परिवार की तरह मिल-जुलकर रहने की सीख दे रहा है।
6. निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द दीजिए :
प्रश्न 1.
- जननी
- ज्योति
- शिला
- विचरण
- गौरव
- पुनीत
उत्तर :
- जननी – माता
- ज्योति – प्रकाश
- शिला – पत्थर
- विचरण – घूमना
- गौरव – बड़प्पन
- पुनीत – पवित्र
Hindi Digest Std 10 GSEB जन्मभूमि Important Questions and Answers
सही वाक्यांश चुनकर निम्नलिखित विधान पूर्ण कीजिए:
प्रश्न 1.
कवि हमारी जन्मभूमि भारत का गुणगान करते हुए कहते हैं कि …
(अ) हमारी जन्मभूमि भारतमाता माता से भी अधिक श्रेष्ठ है।
(ब) हमारी जन्मभूमि भारतमाता विश्व से भी अधिक श्रेष्ठ है।
(क) हमारी जन्मभूमि भारतमाता स्वर्ग से भी अधिक श्रेष्ठ है।
उत्तर :
कवि हमारी जन्मभूमि भारत का गुणगान करते हुए कहते है कि हमारी जन्मभूमि भारतमाता स्वर्ग से भी अधिक श्रेष्ठ है।
प्रश्न 2.
हमारे देश में सावित्री और राधा जैसी महान नारियाँ हुई थीं …
(अ) जिनकी आभा सुनहरी है।
(ब) जिनकी आभा से मानव-जाति आलोकित है।
(क) जिनका बहुत प्रभाव है।
उत्तर :
हमारे देश में सावित्री और राधा जैसी महान नारियाँ हुई थी जिनकी आभा से मानव-जाति आलोकित है।
प्रश्न 3.
कवि का कहना है कि आज समस्त विश्व के लोगों का जीवन ….
(अ) अत्यंत सुखमय है।
(ब) अत्यंत प्रकाशमय और पुलकित है।
(क) युद्ध की विभीषिका से त्रस्त और जर्जर हो चुका है।
उत्तर :
कवि का कहना है कि आज समस्त विश्व के लोगों का जीवन युद्ध की विभीषिका से त्रस्त और जर्जर हो चुका है।
सही विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
प्रश्न 1.
- गंगा-यमुना नदियों का जल ……….. से ग्रथित है। (पवित्रता, ज्योति)
- जन-जन के हृदय में ………… बसी है। (जन्मभूमि, तपोभूमि) इ
- तापस सुकुमारी ………. बनीं। (शिला, अहल्या)
- युद्ध से जनजीवन ………. बन गया है। (जर्जर, बर्बर) है
- जननी, जन्मभूमि ………. से भी महान है। (स्वर्ग, आकाश)
- भारतवर्ष का भाल ……….. है। (कश्मीर, हिमालय)
उत्तर :
- ज्योति
- जन्मभूमि
- शिला
- जर्जर
- स्वर्ग
- हिमालय
निम्नलिखित प्रश्नों के नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखिए ।
प्रश्न 1.
जन-जन के हृदय में कौन-सी नदियां बसी हैं?
A. नर्मदा तथा साबरमती
B. कृष्णा तथा कावेरी
C. गंगा तथा यमुना
D. झेलम तथा ब्रह्मपुत्रा
उत्तर :
C. गंगा तथा यमुना
प्रश्न 2.
कृष्ण ने किस ग्रंथ की रचना की है?
A. महाभारत
B. भगवद्गीता
C. रामायण
D. स्कंदपुराण
उत्तर :
B. भगवद्गीता
प्रश्न 3.
‘जन्मभूमि’ काव्य में भारत की किन नारियों की बात बताई गई है?
A. कल्पना तथा सुनीता की
B. सावित्री, गार्गी की
C. सीता, राधा, अहल्या की
D. जीजाबाई, पुतलीबाई की
उत्तर :
C. सीता, राधा, अहल्या की
प्रश्न 4.
शांतिनिकेतन क्या है?
A. शांति न पाने की जगह
B. शांति का कोई अवकाश न हो, ऐसी जगह
C. शांतियुक्त या शांतिदायक गृह
D. जहाँ शांति नहीं मिल सकती है
उत्तर :
C. शांतियुक्त या शांतिदायक गृह
प्रश्न 5.
‘जन्मभूमि’ काव्य के रचयिता ………….. है।
A. रामधारी सिंह
B. बालकृष्ण शर्मा
C. सुमित्रानंदन पंत
D. रांगेय राघव
उत्तर :
C. सुमित्रानंदन पंत
व्याकरण
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए :
प्रश्न 1.
- भाल – ………….
- हिम – ………….
- नारी – ………….
- नभ – ………….
- जग – ………….
- धूलि – ………….
उत्तर :
- भाल – मस्तक
- हिम – बर्फ
- नारी – स्त्री
- नभ – गगन
- जग – संसार
- धूलि – धूल
निम्नलिखित संधि को छोडिए :
प्रश्न 1.
- तपोवन
- मंत्रोच्चारण
- वसुधैव
उत्तर :
- तपोवन = तपः + वन
- मंत्रोच्चारण = मंत्र + उच्चारण
- वसुधैव = वसुधा + एव
निम्नलिखित शब्दसमूह के लिए एक शब्द लिखिए :
प्रश्न 1.
- वह स्थान (या देश) जहाँ किसी का जन्म हुआ हो
- बर्फ से ढका पर्वत
- भारत में सबसे पवित्र मानी जानेवाली नदी
- शाप के कारण अहल्या को मिला रूप
- जन्म देनेवाली
- देवताओं का लोक
- सत्यवान की पत्नी
- तप करने के लिए वन
उत्तर :
- जन्मभूमि
- हिमाचल
- गंगा
- शिला
- जननी
- स्वर्ग
- सावित्री
- तपोवन
निम्नलिखित शब्दों की विशेषण संज्ञा लिखिए :
प्रश्न 1.
- स्वर्ग
- जर्जर
- शान
- विचरण
- धूल
- प्रकृति
उत्तर :
- स्वर्गीय
- जर्जरित
- शानदार
- विचरित
- धूमिल
- प्राकृतिक
निम्नलिखित समास को पहचानिए :
प्रश्न 1.
- जन्मभूमि
- मंत्रोच्चारण
- गंगा-यमुन
- ज्योतिग्रथित
- राम-लक्ष्मण
- पदधूलि
- तपोवन
- ध्यानावस्थित
- युद्ध-जर्जर
उत्तर :
- तत्पुरुष
- तत्पुरुष
- द्वन्द्व
- तत्पुरुष
- द्वन्द्व
- तत्पुरुष
- तत्पुरुष
- तत्पुरुष
- तत्पुरुष
जन्मभूमि Summary in Hindi
विषय-प्रवेश :
प्रस्तुत कविता में कवि ने हमारी जन्मभूमि भारत की महत्ता का वर्णन किया है। कवि ने देश के गौरव पर्वतराज हिमालय; गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदियों; राम, लक्ष्मण, श्रीकृष्ण जैसे महापुरुषों तथा सीता, सावित्री एवं अहल्या जैसी महान नारियों व ध्यान, जान, मंत्र तथा ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना का महत्त्व दर्शाते हुए जन्मभूमि को स्वर्ग से अधिक श्रेष्ठ बताया है।
कविता का सार :
- हमारी जन्मभूमि गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदियों के जल से गूंथी हुई है। इसका मस्तक हिमालय है। हमारे देश की धरती सदा प्रफुल्लित रहती है।
- हमारौ जन्मभूमि राम, लक्ष्मण और सीता माता के चरणों की धूल से पवित्र है। भगवान श्रीकृष्ण ने ‘भगवद्गीता’ का उपदेश यहीं दिया था।
- हमारी जन्मभूमि सीता, सावित्री, राधा और अहल्या जैसी महान नारियों की धरती है।
- हमारी जन्मभूमि उन ज्ञानी ऋषि-मुनियों का देश है, जो ध्यानावस्थित होकर शांतिनिकेतन तपोवन में तपस्या करते हैं और ज्ञान रूपी नभमंडल में विचरण करते हैं।
- समूचे विश्व पर युद्ध की छाया मंडरा रही है। इस स्थिति में हमारा देश अपने मंत्रोच्चार से विश्व को शांति और ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ का संदेश देगा।
कविता का सरल अर्थ :
जननी जन्मभूमि ……… हृदय में बसी।
कवि हमारी जन्मभूमि भारत का गुणगान करते हुए कहते हैं कि हमारी जन्मभूमि भारतमाता स्वर्ग से भी अधिक श्रेष्ठ है। हमारी मातृभूमि का मस्तक हिमालय है, जो देश का गौरव बढ़ा रहा है। हमारे देश की सुनहरी धरती सदा प्रफुल्लित और पुलकित रहती है। हमारी मातृभूमि गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदियों के निर्मल जल से गूंथी हुई है। ये नदियाँ हमारे देश के प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में बसी हुई हैं।
जिसे राम-लक्ष्मण …… प्राणों में वंशी।
कवि कहते हैं कि हमारी मातृभूमि भारत वह भूमि है, जो मर्यादा पुरुषोत्तम राम, उनके भ्राता लक्ष्मण और सीता माता के चरणों की धूल से पवित्र है। इस भूमि पर भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी बंसी की धुन से जन-जन के हृदय पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है और उन्होंने ‘भगवदगीता’ जैसे अमर काव्य की रचना कर लोगों को ज्ञान का उपदेश दिया है।
सावित्री, राधा ……… चेतना सरसी।
हमारे देश में सावित्री और राधा जैसी महान नारियाँ हुई थीं, जिनकी आभा से मानव-जाति आलोकित है। सुकुमारी नारी तपस्विनी अहल्या शापवश शिला बन गई और एक जीतीजागती नारी चेतन से जड़ अर्थात् निष्प्राण हो गई।
शांतिनिकेतन ………… किरणें बरसीं।
हमारी जन्मभूमि की महिमा निराली है। यहाँ शांतिनिकेतन जैसा तपोवन है, जहाँ ज्ञानी ऋषि-मुनि ध्यानमग्न होकर जान रूपी नभमंडल में विचरण करते (गोता लगाते) हैं। हमारा देश सत्य के प्रकाश से आलोकित है अर्थात् यहाँ सत्य का बोलबाला है।
आज युद्ध ……….. गरीयसी।
कवि कहते हैं कि आज समस्त विश्व के लोगों का जीवन युद्ध की विभौषिका से त्रस्त और जर्जर हो चुका है। हमारा देश मानव-जाति को युद्ध से छुटकारा दिलाने के लिए आज फिर मंत्रोच्चार कर समूचे विश्व में शांति का प्रचार करेगा। वह पृथ्वी पर रहनेवाले सभी लोगों को एक साथ मिल-जुलकर रहनेवाले एक विश्व-परिवार की भावना का प्रचारक बन गया है। उसके मुख पर नई चमक है। कवि कहते हैं कि हमारी प्रिय जन्मभूमि भारतमाता स्वर्ग से भी अधिक श्रेष्ठ है।
ગુજરાતી ભાવાર્થ :
કવિ આપણી જન્મભૂમિ ભારતનાં ગુણગાન ગાતાં કહે છે કે આપણી જન્મભૂમિ ભારતમાતા સ્વર્ગથી પણ વધારે શ્રેષ્ઠ છે. આપણી માતૃભૂમિનું મસ્તક હિમાલય છે, જે દેશનું ગૌરવ વધારી રહ્યો છે. આપણા દેશની સોનેરી ધરતી હંમેશાં પ્રફુલ્લિત અને પુલકિત રહે છે. આપણી માતૃભૂમિ ગંગા-યમુના જેવી પવિત્ર નદીઓના નિર્મળ જળથી ગૂંથાયેલી છે, આ નદીઓ આપણા દેશની પ્રત્યેક વ્યક્તિના હૃદયમાં વસેલી છે.
विमापी मातृभूमि भारतनी ते भूमि छ, જે મર્યાદા પુરુષોત્તમ રામ, તેમના ભાઈ લક્ષ્મણ અને સીતામાતાનાં ચરણોની ધૂળથી પવિત્ર થઈ છે. આ ભૂમિ પર ભગવાન શ્રીકૃષ્ણ પોતાની મોરલીની ધૂનથી પ્રત્યેક મનુષ્યના હૃદય પર પોતાની અમીટ છાપ છોડી છે અને તેમણે ભગવદ્ગીતા જેવા અમર કાવ્યની રચના કરી લોકોને શાનનો ઉપદેશ આપ્યો છે.
माता शमां सावित्री बने । हेवी महान नारीमा થઈ છે, જેમણે પોતાના પ્રકાશથી માનવજાતિને ઉજ્વળ કરી છે.
સુકુમારી તપસ્વિની નારી અહલ્યા શાપવશ શિલા બની ગઈ અને એક જીવતીજાગતી નારી ચેતનમાંથી જડ અથાત્ નિમ્રાલ થઈ ગઈ.
आप सन्मभूमिनो महिमा निराणो छ. महा શાંતિનિકેતન જેવું તપોવન છે, જ્યાં જ્ઞાની ઋષિમુનિઓ ધ્યાનમગ્ન થઈ જ્ઞાનરૂપી નભોમંડળમાં વિચરણ કરે છે. આપણો દેશ સત્યના પ્રકાશથી ખાલોકિત છે અર્થાત્ અહીં સત્યનો ખૂબ મહિમા છે.
विमा समस्त विश्वासानु वन युद्धनी ભયંકરતાથી ત્રસ્ત અને જીર્ણ થઈ ગયું છે. આપણો દેશ માનવજાતિને યુદ્ધથી મુક્તિ અપાવવા માટે આજે ફરીથી મંત્રોચ્ચાર કરીને સમસ્ત વિશ્વમાં શાંતિનો પ્રચાર કરશે. તે પૃથ્વી પર રહેનારા સૌ લોકોની એકસાથે હળીમળીને એક વિશ્વ-પરિવારની ભાવનાનો પ્રચારક બની ગયો છે. એના મુખ પર નૂતન ચમક છે. કવિ કહે છે કે આપણી પ્રિય જન્મભૂમિ સ્વર્ગથી પણ વધારે श्रेष्ठ छ!
शब्दार्थ :
- जननी – माता।
- जन्मभूमि – वह स्थान (या देश) जहाँ किसी का जन्म हुआ हो।
- स्वर्गादपि – स्वर्ग से भी।
- चिर – बहुत।
- गरीयसी – श्रेष्ठ।
- गौरव – महत्त्व, बड़प्पन।
- भाल – मस्तक ।
- धरा – पृथ्वी।
- श्यामल – सांवला, कुछ-कुछ काला।
- ज्योतिग्रथित – ज्योति से गूंथा हुआ।
- बसी – बहुत प्रिय होने के कारण ध्यान में बनी रहना।
- पदधूलि – पैरों की धूल।
- पुनीता – पवित्र।
- गीता – भगवद्गीता।
- अमर – जिसका कभी अंत या क्षय न हो।
- बंशी – मुरली।
- आधा – प्रकाश।
- शिला – पत्थर।
- तापस – तपस्या करनेवाली, तपस्विनी।
- सुकुमारी – कोमल अंगोवाली।
- जड़ता – प्राण न होने का भाव।
- चेतना – प्राणयुक्त।
- तपोवन – तपस्या करने का वन।
- ध्यानावस्थित – ध्यान में लगा हुआ, ध्यान में मग्न।
- मुनिगण – मुनियों का समूह।
- चिद – चैतन्य, ज्ञान।
- युद्ध-जर्जर – युद्ध से कमजोर।
- मंत्रोच्चारण – मंत्रों का उच्चारण करना।
- वसुधैव – पृथ्वी की तरह।
- कुटुंबकम् – परिवार।
- ज्योति – प्रकाश।
- नवल – नवीन, नई।