Gujarat Board GSEB Hindi Textbook Std 11 Solutions Chapter 20 दो लघु-कथाएँ Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.
GSEB Std 11 Hindi Textbook Solutions Chapter 20 दो लघु-कथाएँ
GSEB Std 11 Hindi Digest दो लघु-कथाएँ Textbook Questions and Answers
स्वाध्याय
1. निम्नलिखित दिए गए विकल्पों में से सही विकल्पों चुनकर प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
कौन-से त्यौहार के दिन कथा-नायक भारत-पाकिस्तान सीमारेखा देखने के लिए गए ?
(क) मोहरम
(ख) रमजान
(ग) ईद
(घ) बकरीद
उत्तर :
ईद के त्योहार के दिन कथा-नायक भारत-पाकिस्तान सीमारेखा देखने के लिए गए।
प्रश्न 2.
कथा-नायक किसके साथ भारत और पाक के बीच की सीमारेखा देखने गया था ?
(क) परिवार
(ख) पत्नी
(ग) बहन
(घ) मित्रों
उत्तर :
कथा-नायक पत्नी के साथ भारत और पाक के बीच की सीमारेखा देखने गए थे।
प्रश्न 3.
पाकिस्तान की ओर से भारत की सीमा में किसका दल घुस आया ?
(क) गायों का दल
(ख) बकरियों का दल
(ग) घोड़ों का दल
(घ) खच्चरों का दल
उत्तर :
पाकिस्तान की ओर से भारत की सीमा में बकरियों का दल घुस आया।
प्रश्न 4.
पठान सैनिक देखने में कैसे थे ?
(क) रोबीले
(ख) रसीले
(ग) मृदु
(घ) जोशीले
उत्तर :
पठान सैनिक देखने में रोबीले थे।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के एक-एक वाक्य में उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
पठान सैनिकों ने कथा-नायक के साथ कैसा बर्ताव किया ?
उत्तर :
पठान सैनिकों ने कथा-नायक के साथ मित्रतापूर्ण बर्ताव किया।
प्रश्न 2.
नींद में लेखक के मुँह पर क्या गिरा ?
उत्तर :
नींद में लेखक के मुंह पर मैना पक्षी का एक बदसूरत चूजा गिरा।
प्रश्न 3.
कथा नायक के बेटे की मृत्यु कैसे हुई थी ?
उत्तर :
कथा-नायक के बेटे की मृत्यु साँप के काटने से हुई थी।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के दो-दो वाक्यों में उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
भारत-पाक एक दूसरे के प्रति शंकालु क्यों थे ?
उत्तर :
भारत-पाक दोनों कभी एक ही देश थे। बंटवारे के बाद दोनों पराए हो गए थे। इसलिए दोनों का एक-दूसरे पर उतना विश्वास नहीं रह गया था। इसलिए दोनों देश एक-दूसरे के प्रति शंकालु थे।
प्रश्न 2.
भारतीय कमांडर ने कथा-नायक के कान में क्या कहा ?
उत्तर :
कथा-नायक के साथ सीमा के पास भारत के अठारह सशस्त्र सैनिक और कमांडर थे। कमांडर ने उसके कान में कहा कि उधर के सैनिक उसे चाय के लिए बुला सकते हैं, पर वह वहाँ जाए नहीं। पता नहीं क्या हो जाए। क्योंकि अभी हाल में हमने उनके तस्कर भी मारे हैं।
प्रश्न 3.
मैनों का झुण्ड क्यों आर्तनाद करने लगा ?
उत्तर :
एक दिन वह बिस्तर पर लेटा था और उसके मुंह पर मैना का एक चूजा आ गिरा। उसने उसे उठाकर आंगन में फेंक दिया, जिसे पास बैठी बिल्ली लेकर भाग गई। यह देखकर मैनों का झुंड आर्तनाद करने लगा।
प्रश्न 4.
कथा-नायक की पत्नी मूर्छित होकर क्यों गिर पड़ी ?
उत्तर :
कथा-नायक का इकलौता और आँखों का तारा बेटा साँप के काटने से मर गया था। घर में रोना-पीटना शुरू हो गया। कथा-नायक की पत्नी को इससे बहुत सदमा लगा और वह मूर्छित होकर गिर पड़ी।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के पाँच-छ: पंक्तियों में उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
पाकिस्तान पठान सैनिक के निमंत्रण को सुनकर कथा-नायक ने क्या कहा ?
उत्तर :
पाकिस्तानी पठान सैनिक ने कथा-नायक को अपनी सीमा में चाय पीने के लिए निमंत्रण दिया। भारतीय कमांडर कथा-नायक को पाकिस्तान की सीमा में न जाने की चेतावनी दे चुका था। उसी को ध्यान में रखकर कथा-नायक ने पठान सैनिक का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि उसे उसके साथ चाय पीकर बहत खुशी होती, लेकिन उसे आज ही वापस लौटना पड़ेगा। वक्त की कमी है, इसलिए वह माफी चाहता है।
प्रश्न 2.
मनुष्य की अपेक्षा परिंदे क्यों बेहतर होते हैं ?
उत्तर :
धर्म और राष्ट्रीयता के नाम पर मनुष्य एक-दूसरे से भेदभाव और शंका-अविश्वास करता है। परिंदों में मनुष्य जैसी सोच नहीं होती। वे मंदिर और मस्जिद में फर्क करना नहीं जानते। वे जिस पर चाहते हैं, उस पर बैठ जाते हैं। उनके लिए सभी धर्म और देश समान हैं। धर्म और राष्ट्रीयता के नाम पर वे लड़ते-झगड़ते नहीं हैं। इसलिए मनुष्य की अपेक्षा परिदे बेहतर हैं।
प्रश्न 3.
कथा-नायक को किस पीड़ा ने भीतर तक झकझोर दिया ?
उत्तर :
चार-पांच साल पहले कथा-नायक ने मैना के चूज़े को आँगन में फेंक दिया था। वहां से बिल्ली उसे झपट ले गई थी। चूज़े के शोक में मैना पक्षियों ने देर तक आर्तनाद किया था। वर्षों के बाद साँप के काटने से कथा-नायक के प्रिय पुत्र की मृत्यु हो गई। घर में रोना-पीटना शुरू हो गया और माता होशहवास खो बैठी।
यह देखकर कथा-नायक को चिड़िया के उस बच्चे का ध्यान आया जिसे उसने आंगन में फेंक दिया था और बिल्ली उसे झपट ले गई थी। कथा-नायक के घर में सब उसी तरह हो रहा था। जैसा मैना पक्षियों तथा छौने की माता के झुंड का आर्तनाद था। उस पीड़ा की दर्दनाक स्मृति ने लेखक को भीतर तक हिला दिया।
5. आशय स्पष्ट कीजिए:
प्रश्न 1.
जी हाँ जनाब! हमारी हैं। जानवर हैं, फ़र्क करना नहीं जानते।
उत्तर :
भारतीय सीमा से बकरियों का एक दल पाक सीमा में । चला गया था। वह दल कुछ समय बाद कुलाचे भरता हुआ भारतीय सीमा में वापस आ गया। इस पर पाक सीमा का सैनिक भारतीय सीमा के सैनिक से पूछता है कि क्या बकरियाँ आपके देश की हैं। उसका आशय यह, था कि देखिए ये हमारे देश में आ गई थीं। इस पर भारतीय सैनिक विनम्रता से कहता है, हाँ हमारे देश की ही हैं। इनकी गलती नहीं हैं। ये जानवर हैं। इन्हें पता नहीं है कि आपकी ओर दूसरा देश है और हमारी ओर दूसरा देश।
प्रश्न 2.
मुझे आप इतना मूर्ख कैसे समझते हैं? मैं इनसान हूँ, अपने-पराए में भेद करना मैं जानता हूँ। इतना विवेक मुझमें है।
उत्तर :
सीमारेखा को देखने आए उस व्यक्ति से भारतीय सीमा का सैनिक कहता है कि पाक सेना के सैनिक आपको चाय पीने के लिए बुलाएं, तो आप उस ओर मत जाइएगा। क्योंकि वहाँ कुछ भी हो सकता है। इस पर वह आदमी उसे जवाब देता है कि वह एक इनसान है। इनसान को अपने-पराए में भेद करना आता है। इतना विवेक उसमें है। अर्थात् पराए इनसान से होशियार रहना उसे अच्छी तरह आता है। जो लोग ऐसा नहीं करते, वे मूर्ख हैं।
GSEB Solutions Class 11 Hindi दो लघु-कथाएँ Important Questions and Answers
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए :
प्रश्न 1.
इनसान होने के कारण कथा-नायक क्या जानता था?
उत्तर :
इनसान होने के कारण कथा-नायक अपने-पराए में भेद करना जानता था।
व्याकरण
समानार्थी शब्द लिखिए :
- तस्कर = चोर
- मुबारकबाद = बधाई, अभिनंदन
- तशरीफ = इज्जत, महत्त्व
- कुत्सित = घृणोत्पादक
- आर्तनाद = रोना
- अचानक = एकाएक
- मूर्छित = बेहोश
- निस्तब्ध = शांत, जड़वत्
- घृणा = नफरत
विरुद्धार्थी शब्द लिखिए :
- इच्छा × अनिच्छा
- अधिकार × कर्तव्य
- मूर्ख × बुद्धिमान
- विनम्रता × उद्दण्डता
- बदसूरत × खूबसूरत
- घृणा × प्रेम
- आर्तनाद × हर्षनाद
- अपना × पराया
शब्दों में से उपसर्ग अलग कीजिए :
- बदसूरत – बद
- असहाय – अ
- अनकहा – अन
- अविश्वास – अ
- नि:स्तब्ध – निः
- बेसहारा – बे
शब्दों में से प्रत्यय अलग कीजिए :
- शंकालु – लु
- अकेला – ला
- रोबीला – ला
- विनम्रता – ता
- मुसकराहट – आहट
- मूर्छित – इत
दो लघु-कथाएँ Summary in Gujarati
ભાવાત્મક અનુવાદ :
સરહદ પર તે ભારત-પાકની સરહદ જોવા ગયો હતો. તે પોતાની પત્ની અને ભારતીય સૈનિકો તથા કમાંડરની સાથે સરહદની વચ્ચે જેના પર કોઈનો અધિકાર નહોતો તે જમીન પર ઊભો હતો.
કમાંડરની ચેતવણી : ભારતીય કમાંડરે તેને કાનમાં કહ્યું કે પાક સૈનિકો તેને પોતાની સરહદમાં ચા પીવા બોલાવી શકે, પરંતુ તે જાય નહીં, કારણ કે કંઈ પણ થઈ શકે છે.
પાક સૈનિકોનો પ્રસ્તાવ તે વખતે પાક સૈનિકો ત્યાં આવી પહોંચે છે અને સાચેસાચ તેને પોતાની સરહદમાં આવીને ચા પીવાનું આમંત્રણ આપે છે, પરંતુ તે ખૂબ નમ્રતાથી આભાર માનીને સમયના અભાવનું કારણ આપે છે.
બકરીઓનો સમૂહ. ત્યારે બકરીઓનો એક સમૂહ પાક સરહદ તરફી ભારતીય સરહદમાં દાખલ થાય છે. પાક સૈનિક ભારતીય સૈનિકને પૂછે છે કે આ બકરીઓ આપની છે. તે સૈનિક ‘હા’માં ઉત્તર આપે છે અને કહે છે કે જાનવર છે, તેમને ભેદભાવ કરતાં આવતો નથી. ત્યારે તેને એક શેર યાદ આવે છે, જેમાં કહેવામાં આવ્યું છે કે મનુષ્ય કરતાં પક્ષીઓ સારાં છે; જેઓ પરસ્પર લડતાં નથી. તેઓ મંદિરમાં જઈને બેસે છે અને ક્યારેક મસ્જિદમાં પણ બેસે છે.
આત્મ-મંથન :
મેનાનું બચ્ચું તેઓ બપોરે બિછાના પર સૂતા હતા કે તેમના મુખ પર એક વસ્તુ આવીને પડે છે. તે મેનાનું એક કદરૂપું બચ્યું હતું. તેઓ તે બચ્ચાને ઉપાડીને આંગણામાં ફેંકી દે છે. ત્યાં પાસે બેઠેલી એક બિલાડી તેને ઝપટીને ઉપાડી લે છે. તેથી મેનાનું ઝુંડ આર્તનાદ કરવા લાગે છે. પછી તેઓ સૂઈ જાય છે.
પાંચ વર્ષ પછી આ ઘટનાને પાંચ વર્ષ વીતી ગયા છે. અચાનક એક દિવસ તેમનો એકનો એક પુત્ર સચિન સાપ કરડવાથી મરી જાય છે અને તેમના ઘરમાં રડારોળ શરૂ થઈ જાય છે, તેમની પત્ની આ ધટનાથી હોશ ખોઈ બેસે છે અને બેભાન થઈને પડી જાય છે. બાળકને સ્મશાન લઈ જવાની તૈયારી થવા લાગે છે.
ચકલીના બચ્ચાનું સ્મરણ તે જ વખતે તેને ચકલીના બચ્ચાનું સ્મરણ થયું. બચ્ચાને તેણે આંગણામાં ફેંકી દ્યધું હતું અને જેને બિલાડી ઝપટીને ઉપાડી ગઈ હતી. જેવી રીતે મેનાના ઝુંડનો આર્તનાદ થયો હતો તેવું જ તેના ઘરમાં થઈ રહ્યું હતું. સહસા વણકહ્યા સંકેતે તેના હૃદયને હચમચાવી મૂક્યું.
दो लघु-कथाएँ Summary in Hindi
विषय-प्रवेश :
फ़र्क बँटवारे के बाद भारत और पाकिस्तान के लोगों के मन में एकदूसरे के प्रति अविश्वास और डर व्याप्त है। सीमा पर तैनात दोनों देशों के सैनिकों के माध्यम से यह बात इस कथा में रेखांकित की गई है। साथ ही यह भी बताया गया है कि यह फ़र्क सिर्फ मनुष्य में ही है, पक्षु-पक्षी इस तरह का फर्क करना नहीं जानते।
आत्म-मंथन :
मनुष्य निरीह और मूक पशु-पक्षियों के साथ क्रूरतम व्यवहार करने से नहीं चूकता। इसका कारण यह है कि वह उनकी पीड़ा को समझने की कोशिश नहीं करता, किंतु जब उसे स्वयं उस पीड़ा से गुजरना पड़ता है, तो उसे इस पीड़ा का अनुभव होता है। कथा-नायक को अपने बेटे की मृत्यु के दुःख के बाद पता चलता है कि पक्षी के चूजे की मृत्यु पर पक्षियों की दर्दभरी आवाज कितनी दु:खदायी थी।
पाठ का सार :
फ़र्क :
सीमारेखा पर : वह भारत-पाक सीमारेखा देखने गया था। वह पत्नी और भारतीय सैनिकों तथा कमांडर के साथ सीमारेखा के बीच उस जमीन पर खड़ा था, जिस पर किसी का अधिकार नहीं था।
कमांडर की चेतावनी : भारतीय कमांडर ने उसके कान में कहा कि पाक सैनिक उसे अपनी सीमा में चाय पीने के लिए बुला सकते हैं, पर वह जाए नहीं। क्योंकि कुछ भी हो सकता है।
पाक सैनिकों का प्रस्ताव : तभी पाक सैनिक वहाँ आ पहुंचते हैं और सचमुच वे उसे अपनी सीमा में आकर चाय पीने का प्रस्ताव करते हैं। पर वह बड़ी शालीनता से शुक्रिया कह कर समयाभाव का बहाना बना लेता है।
बकरियों का दल : तभी बकरियों का एक दल पाक सीमा की ओर से भारतीय सीमा में दाखिल हो जाता है। पाक सैनिक भारतीय सैनिक से पूछता है कि ये आपकी हैं? वह सैनिक ‘हो’ में जवाब देता है और कहता है कि जानवर हैं, फर्क करना नहीं जानते। तभी उसे एक शेर याद आता है, जिसमें कहा गया है कि आदमी से तो अच्छे परिदे है, जो आपस में नहीं लड़ते। वे मंदिर पर भी जाकर बैठ जाते, हैं और मस्जिद पर भी!
आत्म-मंथन :
मैना का चूजा : वह दोपहर को सोने के लिए बिस्तर पर लेटा था कि उसके मुंह पर एक चीज आ गिरती है। वह था मैना पक्षी का एक बदसूरत चूजा। वह उस चूजे को उठाकर आंगन में फेंक देता है, जहाँ पास बैठी एक बिल्ली उसे झपट लेती है। इस पर मैनों का झंड आर्तनाद करने लगता है। इसके बाद वह सो जाता है।
पांच साल बाद : इस घटना को हुए पांच साल बीत चुके हैं। अचानक एक दिन उस का इकलौता बेटा सचिन साँप के काटने से मर। जाता है और उसके घर में रोना-पीटना शुरू हो जाता है। उसकी पत्नी इस घटना से होशोहवास खो बैठती है और वह मूर्छित होकर गिर पड़ती है। बच्चे को श्मशान ले जाने की तैयारी होने लगती है।
चिड़िया के बच्चे का ध्यान : उसी वक्त उसे उस चिड़िया के बच्चे का ध्यान आता है, जिसे उसने आँगन में फेंक दिया था और उसे बिल्ली ने झपट लिया था। उसके घर में सब कुछ उसी तरह हो रहा था जैसा मैनों के झुंड का आर्तनाद था। सहसा एक अनकहा इशारा उसे अंदर तक हिला देता है।
दो लघु-कथाएँ शब्दार्थ :
- शंकालु – शंका करनेवाला।
- तस्कर – विदेशों से चोरी-छिपे माल ले आने या वहाँ पहुँचानेवाला।
- तपाक से – तेजी से।
- मुबारकबाद – बधाई, शुभकामना।
- गरमजोशी – उत्साह, उल्लास।
- शुक्रिया – कृतज्ञता ज्ञापन, धन्यवाद।
- शिष्टाचार – सदाचार।
- कुलाचे – छलाँग, चौकड़ी।
- कुत्सित – निंदित।
- बीभत्स – घृणित।
- इंतजारी – राह देखना।
- आर्तनाद – दर्दभरी ऊँची आवाज।
- हाहाकार – भय, पीड़ा के कारण जोर-जोर से रोना-चिल्लाना।
- निस्तब्ध – विशेष रूप से स्तब्ध, निश्चेष्ट।
- असहाय – जिसका कोई साथी – सहायक न हो, बेसहारा।
- छौना – बच्चा, शिशु।
- अनकहे – बिना कहे गए।