Gujarat Board GSEB Solutions Class 6 Hindi Chapter 4 पुस्तक – हमारी मित्र Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.
Gujarat Board Textbook Solutions Class 6 Hindi Chapter 4 पुस्तक – हमारी मित्र
GSEB Solutions Class 6 Hindi पुस्तक – हमारी मित्र Textbook Questions and Answers
पुस्तक – हमारी मित्र अभ्यास
प्रश्न 1.
अगर आप किसी को चिट्ठी लिख रहे हैं तो पता किस क्रम में लिखेंगे? नीचे दी गई जगह में लिखिए:
गली / मोहल्ले का नाम, घर का नंबर, राज्य का नाम, खंड का नाम, कस्बे / शहर / गाँव का नाम, पिनकोड़ नंबर
…………………………………………………………………………
…………………………………………………………………………
…………………………………………………………………………
…………………………………………………………………………
आपने इस क्रम में ही क्यों लिखा? चर्चा कीजिए।
उतर :
घर का नंबर : 1201
गली / मोहल्ले का नाम : गोळ गली
गाँव / कस्बे / शहर का नाम : पाटण
खंड का नाम (जिला) : पाटण जिला
राज्य का नाम : गुजरात
पिनकोड नंबर : 384 265
आपने इस क्रम में ही क्यों लिखा? चर्चा कीजिए।
विद्यार्थी – गुरुजी, ऊपर दी गई जानकारी आपने इसी क्रम में क्यों लिखी है? ‘पिनकोड’ का अर्थ क्या है?
शिक्षक – पता ऊपर दिए गए तरीके से लिखा होगा तो डाकविभाग को उसे सही पते पर पहुँचाने में आसानी होगी। “पिन’ शब्द Postal Index Number (PIN) का संक्षिप्त रूप है। यह नंबर अंकों में होता है। इसके हर अंक का एक खास स्थानीय अर्थ है। यह लिखने से पत्र राज्य और शहर के संबंधित डाकखाने तक सरलता से पहुँच जाता है।
प्रश्न 2.
प्रारूप के आधार पर मित्र को ‘जन्मदिन बधाई’ के संदर्भ में पत्र लिखिए :
उतर :
35, ‘इन्द्रधनुष’
अंकुर सोसायटी,
मणिनगर,
अहमदाबाद -380009
30 अक्तूबर, 2013
प्रिय सुधांशु,
नमस्ते।
आज अचानक केलेंडर पर ध्यान गया तो याद आया कि 28 दिसंबर को तुम्हारी बारहवीं सालगिरह है। इस पत्र द्वारा मैं तुम्हें बधाई भेज रहा हूँ। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि वह तुम्हें दीर्घायु, सुंदर स्वास्थ्य और सुयश प्रदान करे।
यहाँ सब कुशल हैं। आशा है, आप सब भी कुशल होंगे।
परिवार में बड़ों को प्रणाम। छोटी माधवी को बहुत-बहुत प्यार।
तुम्हारा मित्र,
रत्नाकर।
प्रश्न 3.
अपने मित्र को चिट्ठी भेजना चाहते हो, तो ठीक से अपनी जगह पर पहुंचे ऐसा पता लिखिए:
उत्तर :
विनोदभाई ए. शाह M.A.
801, मेहता कॉर्ट,
13, गिल्डर लेन,
लेमिंग्टन रोड,
मुंबई – 400 008
प्रश्न 4.
चित्र देखिए और जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रश्न पूछिए :
उत्तर :
- लड़का कहाँ से सड़क पार कर रहा है?
- लड़के को सड़क के बदले कहाँ चलना चाहिए?
- लड़के और लड़की को कहाँ से सड़क पार करनी चाहिए?
- सड़क पर वाहन क्यों रुके हुए हैं?
- आदमी और औरत (पति और पत्नी) कहाँ घूम रहे हैं?
- साइकिलवाला लड़का अपना दाहिना हाथ क्यों दिखा रहा है?
प्रश्न 5.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए :
दुनिया साहसी लोगों के लिए है। कायर हमेशा सोचते रहते हैं और बैठे-बैठे सपना देखा करते हैं, पर साहसी विजयी हो जाते हैं। साहस के बिना योग्यता व्यर्थ है।
आलसी आदमी तो मन के लड्डू ही खाते हैं। मगर जो कर्मवीर हैं, वे सफलता प्राप्त कर लेते हैं। कायर भय के सामने काँपने लगता है। साहसी का लहू भय को देखकर जोश से भर जाता है। साहस के बिना बड़ा डील-डौल किस काम का? दुनिया का इतिहास साहसी पुरुषों और स्त्रियों की कहानियों से भरा पड़ा है।
अब इस गद्यांश के आधार पर अपने साथियों से पूछने के लिए प्रश्न बनाइए।
उत्तर :
- यह दुनिया किनके लिए है?
- कायर और साहसी में क्या फर्क है?
- किसके बिना योग्यता व्यर्थ है?
- किसके बिना बड़ा डील-डौल व्यर्थ है?
- दुनिया का इतिहास किनकी कहानियों से भरा पड़ा है?
पुस्तक – हमारी मित्र स्वाध्याय
1. प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
पत्र कब और कहाँ से लिखा गया है?
उत्तर :
पत्र 4 अगस्त, 2011 को 195, उमियानगर सोसायटी, मुंदरा (जिला – कच्छ) से लिखा गया है।
प्रश्न 2.
पत्र किसने किसको लिखा है?
उत्तर :
पत्र पूजन ने मित्र मनोज को लिखा है।
प्रश्न 3.
पत्र किस विषय के बारे में लिखा गया है?
उत्तर :
पत्र पुस्तकों के महत्त्व के बारे में लिखा गया है।
2. अपने घर कोई पुराना या नया पत्र ढूंढ़िए और उसे देखकर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
पत्र किसने लिखा है?
उत्तर :
यह पत्र रोहित पटेल ने लिखा है।
प्रश्न 2.
पत्र क्यों लिखा गया है?
उत्तर :
पत्र स्वस्थ रहने के उपाय बताने के लिए लिखा गया है।
प्रश्न 3.
पत्र कौन-से दिनांक को लिखा गया है?
उत्तर :
पत्र 13 अगस्त, 2008 को लिखा गया है।
3. पत्र भेजने के लिए आम तौर पर पोस्टकार्ड, अंतर्देशीय पत्र या लिफ़ाफ़ा इस्तेमाल किया जाता है।
डाकघर जाकर इनका मूल्य पता कीजिए। यह भी पता कीजिए कि इनमें क्या अंतर होता है :
(1) पोस्टकार्ड : ……………………………….
(2) अंतर्देशीय पत्र : ……………………………
(3) लिफ़ाफ़ा : ……………………………….
उत्तर :
(1) पोस्टकार्ड : पोस्टकार्ड खुला होता है। इसमें लिखने के लिए अधिक जगह नहीं होती। इसका मूल्य 50 पैसे हैं।
(2) अंतर्देशीय पत्र : इसे लिखने के बाद तीन ओर से मोडकर बंद किया जा सकता है। इसका उपयोग केवल अपने देश में ही हो सकता है। इसका मूल्य 2.50 रुपए हैं।
(3) लिफ़ाफ़ा : अलग कागज पर पत्र लिखकर और उसे मोडकर लिफ़ाफ़े में रखा जाता है। इसमें पत्र सुरक्षित रहता है। लिफ़ाफ़े पत्र के अलावा प्रायः बहनें अपने दूर रहनेवाले भाइयों को राखी भेजती हैं। इसका मूल्य 5 रुपए हैं।
4. अपने आस-पास की किसी भी घटना का वर्णन करते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए :
जैसे कि – नदी में बाढ़ आना।
उत्तर :
29, किशोरकुंज,
गोमतीपुर,
अहमदाबाद -380021
19 दिसंबर, 2013
प्रिय मित्र कमलेश,
सप्रेम नमस्ते।
तुम्हारा पत्र मिला। तुम्हारी बहन की बीमारी की बात जानकर दुःख हुआ। उसे खाने-पीने में सावधानी रखनी चाहिए। मुझे विश्वास है कि वह जल्दी ही अच्छी हो जाएगी।
कल रात हमारे मुहल्ले में शोर्ट-सर्किट के कारण एक मकान में आग लग गई। शुरू में किसी को कुछ पता न चला। घर के लोग सोए हुए थे। अचानक धुआँ उठने लगा और बदबू आने लगी तो लोग जाग गए। कुछ ही देर में काफी लोग वहाँ जमा हो गए। मैं भी वहाँ पहँच गया।
यह तो अच्छा हआ कि फायर ब्रिगेड की गाड़ी जल्दी आ गई और कुछ ही देर में आग बुझ गई। मामूली नुकसान के सिवा कोई बड़ी हानि नहीं हुई। सचमुच, ऐसी घटनाएँ बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण होती हैं।
बाकी सब कुशल हैं। तुम्हारे माता-पिता को मेरा प्रणाम।
तुम्हारा मित्र,
राजेश
पुस्तक – हमारी मित्र इतना जानिए
पेशेवाले लोग :
(1) કાછિયો
(2) તંબોળી (પાનવાળો)
(૩) કંદોઈ
(4) વેપારી
(5) ઘડિયાળી
(6) બુકબાઇન્ડર
(7) ગાંધી
(8) ખાટલો ભરનાર
(9) કાપડિયો
(10) સંઘાડિયો
उत्तर :
(1) કાછિયો – कुँजड़ा – vegetable-vendor
(2) તંબોળી (પાનવાળો) – तंमोली – maker of leaf quid
(૩) કંદોઈ – हलवाई – confectioner
(4) વેપારી – सौदागर – merchant
(5) ઘડિયાળી – घड़ीसाज – dealer or repairer of clocks and watches
(6) બુકબાઇન્ડર – जिल्दसाज – book-binder
(7) ગાંધી – पंसारी – grocer
(8) ખાટલો ભરનાર – खटबुना – cot filler
(9) કાપડિયો – बज़ाज़ – clothmerchant
(10) સંઘાડિયો – खरादी – worker on a lathe, turner
- भारतीय डाक : यह चित्र भारतीय डाक को सूचित करता है।
- डाक बोक्स : पत्र डालने के लिए ऐसे बोक्स रखे जाते हैं। फिर डाक कर्मचारी ये पत्र निकालकर डाकघर ले जाता है।
- यह चित्र मोबाइल फोन का उपयोग निषेध सूचित करता है।
- यह चित्र कार का जाना मना सूचित करता है।
पिनकोड़ नंबर के संदर्भ में –
- – पिनकोड की शुरुआत 15 अगस्त 1972 को डाक-तार विभाग ने पोस्टल नंबर योजना के नाम से की है।
- – पिन शब्द पोस्टल इंडेक्स नंबर [Postal Index Number] का छोटा रूप है।
- – पिनकोड़ नंबर 6 अंकों का होता है। हर अंक का एक खास स्थानीय अर्थ है।
उदाहरण के लिए :
एन.सी.ई.आर.टी.ई. को भेजे गये लिफ़ाफ़े पर लिखा अंक है – 110016 – यहाँ पहले स्थान का अंक यह बताता है कि पिन कोड दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब या जम्मूकश्मीर का है। अगले दो अंक 10 यह तय करते हैं कि यह दिल्ली (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) के उपक्षेत्र दिल्ली का कोड़ है। अगले तीन अंक 016 दिल्ली उपक्षेत्र के हैं। ऐसे बनता है डाकघर का कोड़। जिससे डाक बाँटने में सुविधा होती है।
– अब तुम्हारा स्कूल जहाँ पर है; उस इलाके का पिनकोड़ पता कीजिए।
पुस्तक – हमारी मित्र योग्यता विस्तार
चिट्ठी का संदेश
चिट्ठी में है मन का प्यार,
चिट्ठी है घर का अखबार।
छोटा-सा कागज़ बिन पैर,
करता दुनिया भर की सैर।
नए-नए संदेश सुनाकर,
जोड़ रहा है दिल के तार।
प्रश्न 1.
डाकघर की मुलाकात कीजिए और इसके बारे में आठ-दस वाक्य लिखिए।
उत्तर :
पिछले गुरुवार को हमारी शाला में छुट्टी थी। पिताजी ने मुझे एक पत्र डाकखाने की पत्र-पेटी में डालने के लिए दिया।
डाकघर हमारे घर से थोड़ी दूरी पर है। उसके बाहर ही पत्र-पेटी है। मैंने उसमें पत्र डाल दिया। उत्सुकतावश में डाकघर के भीतर गया। वहाँ अलग-अलग खिड़कियों पर बैठे कर्मचारी अपने-अपने काम में व्यस्त थे। कुछ लोग पोस्टकार्ड, अंतर्देशीय पत्र, लिफ़ाफ़े और डाक टिकट खरीद रहे थे।
मनीऑर्डर (धनादेश) करनेवालों की अलग कतार थी। रजिस्ट्री और पार्सल की खिड़की के सामने भी कुछ लोग खड़े थे। मैंने वहाँ लोगों के तार करते हुए भी देखा। कुछ लोग बचत-बैंक में पैसे जमा करवाने आए थे। एक कोने में डाकिए पत्र-पेटियों के पत्र लाकर जमा कर रहे थे।
कुछ डाकिये थैले लेकर पत्र बाँटने के लिए बाहर निकल रहे थे।
इस प्रकार, मैंने डाकघर की मुलाकात ली। डाकघर सचमुच हमारी बड़ी सेवा करता है।
प्रश्न 2.
प्रकल्प कार्य – डाक टिकिटों का संग्रह कीजिए।
प्रश्न 3.
आकाशवाणी, दूरदर्शन के कार्यक्रमों को सुनकर कार्यक्रम के बारे में प्रतिभाव देने के लिए खत लिखिए।
उत्तर :
30, लताकुंज,
गुरुनिवास सोसायटी,
खोडियार रोड,
सूरत।
दिनांक : 15 नवंबर, 2013
प्रिय मित्र नंदन,
अभी-अभी मैंने रेडियो पर एक सुंदर नाटक सुना और तुम्हें पत्र लिखने का मन हो गया।
रेडियो और दूरदर्शन दोनों हमारे जीवन के अंग बन गए हैं। रेडियो पर हम समाचार और गाने सुनते हैं। साथ ही इसमें महिलाओं, बच्चों, किसानों आदि के लिए उपयोगी कार्यक्रम भी आते हैं। दूरदर्शन तो आज घर-घर की शोभा बन गया है। यह हमें चित्रों के साथ घटनाओं की खबरें देता है।
इसके अलग-अलग चैनलों पर आनेवाले धारावाहिक देखने के लिए लोग उत्सुक रहते हैं। सचमुच, दूरदर्शन ज्ञान, मनोरंजन और जानकारी का अनूठा माध्यम है। परंतु इसके सभी कार्यक्रमों के बीच आनेवाले विज्ञापनों की झड़ी कार्यक्रम देखने का सारा मज़ा किरकिरा कर देती है।
यदि विज्ञापनों की इस भरमार पर कुछ अंकुश लगाया जाए तो दूरदर्शन पर अपने पसंद का कार्यक्रम या धारावाहिक देखने का सही आनंद मिल सकता है।
इस संबंध में तुम्हारा क्या मत है? अवश्य लिखकर भेजना। शेष सब कुशल है।
तुम्हारा मित्र,
साहिल शाह।
पुस्तक – हमारी मित्र भाषा-सज्जता
- यह एक उद्यान है।
- बच्चे झूला झूल रहे हैं।
- माली पौधों को पानी दे रहा है।
- कुछ व्यक्ति आपस में बात-चीत कर रहे हैं।
- बच्ची दौड़ रही है।
इन वाक्यों में कहीं कुछ कार्य हो रहा है। जो पद किसी कार्य के करने या होने का बोध करवाए, वह ‘क्रिया’ कहलाता है।
‘लिखना’, ‘पढ़ना’, ‘चलना’, ‘दौड़ना’, ‘खाना’, ‘पीना’, ‘खेलना’, ‘देखना’ आदि शब्द ‘क्रियाएँ हैं।
आप जो क्रियाएँ करते हैं, उनकी सूची बनाइए।
Hindi Digest Std 6 GSEB पुस्तक – हमारी मित्र Important Questions and Answers
पुस्तक – हमारी मित्र भाषा-सज्जता क्रिया
ऊपर दिए हुए चित्र देखिए।
पहले चित्र में लड़का दौड़ता है।
दूसरे चित्र में लड़की गाती है।
तीसरे चित्र में पिताजी खाते हैं।
इस प्रकार, इन चित्रों में दौड़ना, गाना और खाना – ये क्रियाएँ दिखाई गई हैं।
निम्नलिखित वाक्य पढ़िए :
(1) रमेश खेलता है।
(2) मछली तैरती है।
(3) कबूतर उड़ता है।
(4) कुत्ता भौंकता है।
(5) बंदर कूदता है।
(6) बिल्ली सोती है।
रमेश क्या करता है? …………………………… खेलता है।
मछली क्या करती है? …………………………… तैरती है।
कबूतर क्या करता है? …………………………… उड़ता है।
कुत्ता क्या करता है? …………………………… भौंकता है।
बंदर क्या करता है? …………………………… कदता है।
बिल्ली क्या करती है? …………………………… सोती है।
इन वाक्यों में खेलना, तैरना, उड़ना, भौंकना, कूदना और सोना – ये पद क्रियाएँ हैं।
आप जो क्रियाएँ करते हैं, उनकी सूची बनाइए :
उत्तर :
खेलना, सोना, खाना, पढ़ना, दौड़ना, लिखना, कूदना, देना, सुनना, देखना, घूमना आदि।
पुस्तक – हमारी मित्र विशेष प्रश्नोत्तर
1. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए :
प्रश्न 1.
उमियानगर सोसायटी किस शहर में है?
A. मुंदरा में
B. सूरत में
C. बड़ौदा में
D. अहमदाबाद में
उत्तर :
A. मुंदरा में
प्रश्न 2.
मन का मैल कौन दूर करता है?
A. संत
B. संगीत
C. भजन
D. पुस्तकें
उत्तर :
D. पुस्तकें
प्रश्न 3.
ज्ञान प्राप्त करने की उत्सुकता क्या कहलाती है?
A. कामना
B. अभिलाषा
C. जिज्ञासा
D. अकुलाहट
उत्तर :
C. जिज्ञासा
प्रश्न 4.
पुस्तकें पढ़कर क्या करने की हमारी जिम्मेदारी हैं?
A. ज्ञान-वितरण
B. ज्ञान-अर्जन
C. ज्ञान-मंथन
D. नव-जागरण
उत्तर :
B. ज्ञान-अर्जन
2. कोष्ठक में से उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (साबुन, स्रोत, वांचे गुजरात, जीवन, जिज्ञासा, पुस्तक)
(1) तुम भी ………………………………… अभियान में सम्मिलित हुए होंगे।
(2) जो ………………………………… के मित्र, वो मेरे भी मित्र।
(3) पुस्तकें मन के मैल के लिए ………………………………… का कार्य करती हैं।
(4) किताबें ज्ञान का ………………………………… हैं।
(5) किताबों से हमारी ………………………………… पूर्ण होती है।
(6) हमें किताबें पढ़कर ………………………………… को सजाना और सँवारना है।
उत्तर :
(1) तुम भी ‘वांचे गुजरात’ अभियान में सम्मिलित हुए होंगे।
(2) जो पुस्तक के मित्र, वो मेरे भी मित्र।
(3) पुस्तकें मन के मैल के लिए साबुन का कार्य करती हैं।
(4) किताबें ज्ञान का स्रोत हैं।
(5) किताबों से हमारी जिज्ञासा पूर्ण होती है।
(6) हमें किताबें पढ़कर जीवन को सजाना और सँवारना है।
3. सही वाक्यांश चुनकर पूरा वाक्य फिर से लिखिए :
प्रश्न 1.
ताबें हमें भले-बुरे का …
(अ) महत्त्व बताती हैं।
(ब) स्रोत बताती हैं।
(क) फर्क बताती हैं।
उत्तर :
किताबें हमें भले-बुरे का फर्क बताती है।
प्रश्न 2.
किताबें मन का अंधकार मिटाकर …
(अ) प्रेम का संचार करती हैं।
(ब) ज्ञान का संचार करती हैं।
(क) प्रकाश का संचार करती हैं।
उत्तर :
किताबें मन का अंधकार मिटाकर ज्ञान का संचार करती हैं।
प्रश्न 3.
हमें जन्मदिन के अवसर पर भेंट में …
(अ) पुस्तकें देनी चाहिए।
(ब) गुलदस्ता देना चाहिए।
(क) कोई उपयोगी चीज देनी चाहिए।
उत्तर :
हमें जन्मदिन के अवसर पर भेंट में पुस्तकें देनी चाहिए।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए :
प्रश्न 1.
जन कई दिनों से क्या विचार कर रहा था?
उत्तर :
पूजन कई दिनों से मनोज को पत्र लिखने का विचार कर रहा था।
प्रश्न 2.
‘वांचे अभियान’ के संदर्भ में राज्य सरकार ने कौन-सा सूत्र घोषित किया था?
उत्तर :
‘वांचे गुजरात’ के संदर्भ में राज्य सरकार ने यह सूत्र घोषित किया था : ‘जो पुस्तक के मित्र, वो मेरे भी मित्र’।
प्रश्न 3.
पुस्तकों के बारे में गाँधीजी ने क्या कहा था?
उत्तर :
पुस्तकों के बारे में गाँधीजी ने कहा था कि ‘पुस्तकें हमारे मन के लिए साबुन का कार्य करती हैं।’
प्रश्न 4.
पूजन मनोज से क्या आशा करता है?
उत्तर :
पूजन मनोज से यह आशा करता है कि वह किसी अच्छी किताब का कम-से-कम एक पन्ना हररोज पढ़े।
5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
पूजन ने मनोज को कई दिन बाद पत्र क्यों लिखा?
उत्तर :
पूजन की पाठशाला में ‘वांचे गुजरात’ अभियान शुरू किया गया था। इसके अंतर्गत कई प्रवृत्तियाँ आरंभ की गई थीं। पूजन ने भी इन प्रवृत्तियों में भाग लिया था। इसलिए उसने मनोज को कई दिन बाद पत्र लिखा।
प्रश्न 2.
किताबों का महत्त्व क्या है?
अथवा
हमें पुस्तके क्यों पढ़नी चाहिए?
उत्तर :
पुस्तकें हमें ज्ञान देती हैं। वे हमें अच्छे-बुरे की पहचान कराती हैं। किताबों से हमारी जिज्ञासा की पूर्ति होती है। ज्ञान-विज्ञान को गतिमान रखने का काम पुस्तकें ही करती हैं। पुस्तकों से सच्ची मित्रता का लाभ अवश्य मिलता है। इस तरह हमारे जीवन में पुस्तकों का बहुत महत्त्व है।
पुस्तक – हमारी मित्र प्रवृत्तियाँ
(1) आपके पाठ्यक्रम में जो पुस्तकें हैं, उनके नाम लिखिए।
(2) गुजराती में निकलनेवाले बालमासिक पत्रों के नाम लिखिए।
(3) अपनी पढ़ी हुई कहानियों की पुस्तकों में से किन्हीं दो के नाम बताइए।
(4) अपने पिताजी से उनकी प्रिय पुस्तक का नाम पूछिए। यह भी जानिए कि उन्हें वह पुस्तक क्यों अच्छी लगती हैं।
(5) पाँच धार्मिक पुस्तकों के नाम लिखिए :
उत्तर :
(1) रामायण
(2) भगवद्गीता
(3) गुरुग्रंथसाहिब
(4) कुरान
(5) बाइबिल
पुस्तक – हमारी मित्र Summary in Gujarati
પુસ્તક- આપણું મિત્ર
195, ઉમિયાનગર સોસાયટી,
મુંદરા,
જિલ્લો : કચ્છ
તારીખ : 4-8-2011
પ્રિય મનોજ,
નમસ્તે.
હું અહીં કુશળ છું. આશા છે કે ત્યાં સૌ કુશળ હશે. કેટલાય દિવસોથી તને પત્ર લખવાનું વિચારતો હતો, પરંતુ અમારી સ્કૂલમાં ‘વાંચે ગુજરાત’ અભિયાન અંતર્ગત અનેક પ્રવૃત્તિઓ ચાલી રહી હતી, એમાં હું સામેલ થઈ ગયો હતો. મિત્ર, તું પણ “વાંચે ગુજરાત’ અભિયાનમાં જોડાયો હોઈશ. અભિયાનના સંદર્ભમાં રાજ્ય સરકારે પણ આ સૂત્રની ઘોષણા કરી હતી, “જે પુસ્તકના મિત્ર – તે મારા પણ મિત્ર.”
હું આજે તને પત્ર દ્વારા પુસ્તકોના મહત્વ વિશે લખી રહ્યો છું. પુસ્તકો આપણા સૌનાં મિત્રો છે. એ આપણને નવું જ્ઞાન આપે છે અને સારા-ખરાબનો ભેદ દર્શાવે છે. પૂજ્ય ગાંધીજીએ કહ્યું હતું કે, “પુસ્તકો મનને માટે સાબુનું કામ કરે છે.” મનમાં જે અજ્ઞાન હોય, અંધકાર હોય, તેનો નાશ કરીને જ્ઞાનનો સંચાર કરે છે.
પુસ્તકો જ્ઞાનનો સ્ત્રોત છે. જેનાથી જિજ્ઞાસા પૂરી થાય છે. એટલું જ નહીં, તે જ્ઞાન અને વિજ્ઞાનને ગતિમાન રાખે છે. પુસ્તકો મૂલ્યવાન છે. આપણે તે વાંચીને આપણા જીવનને સજાવવાનું અને ઉજાળવાનું છે. મિત્ર, હું એમ કહેવા માગું છું કે મારે પૈસા નહિ પુસ્તકો જોઈએ છે.
આપણે જન્મદિવસના અવસરે ફૂલોનો ગુલદસ્તો નહીં, પરંતુ પુસ્તકોની ભેટ આપવી જોઈએ. પુસ્તકો આપણા મિત્ર છે અને રહેશે. એમને વાંચીને જ્ઞાન મેળવવાની જવાબદારી આપણા સૌની છે. મેં દરરોજ સારા પુસ્તકનું એક પાનું વાંચવાનું શરૂ કરી દીધું છે. મને આશા છે કે તું પણ એવું જ કરીશ.
ચાલો, આજથી સંકલ્પ કરીએ કે મિત્રોના જન્મદવિસે અથવા શુભપ્રસંગે આપણે શુભકામનાની સાથે સાથે પુસ્તકોની મૂલ્યવાન ભેટ આપીશું. હવે અમને બુકે નહિ પણ બુક જોઈએ.
કુટુંબના સૌ વડીલોને મારા પ્રણામ.
તારો મિત્ર,
પૂજન
पुस्तक – हमारी मित्र Summary in English
A Book – Our Friend
195, Umiyanagar Society,
Mundara,
District : Kutch
Date : 4 – 8 – 2011
Dear Manoj,
Namaste.
I am happy here and hope you all will be happy there. I was thinking of writing a letter to you for many days, but many activities were being performed in our school related to the movement.
‘Vanche Gujarať and I was engrossed in it. Friend, you also might have joined the movement Vanche Gujarat’. In reference to this movement the state government also has announced the slogan, “Those who are book’s friends, are also my friends.”
Today I am writing to you about the importance of books. Books are our friends. They give us new knowledge and show the difference between the good and the bad. Mahatma Gandhiji once said, “Books do work of soap for our mind.” They destroy the darkness of ignorance and spread the light of knowledge.
Books are the source of knowledge by which our curiosity is fulfilled. Not only that, they keep our knowledge and science motivative. Books are valuable. We have to decorate and enlighten our life by reading them.
Friend, I want you to say that I desire books, not money. On the day of birthday celebration we should give books as gift instead of a bouquet. Books are our friends and will remain friends for ever.
It is our responsibility to get knowledge by reading them. I have begun to read one page of a good book every day. I hope you will also do the same.
Let’s take a vow that on our friends’ birthday or any auspicious occasion, with good wishes we shall give valuable books as gift. Now we want ‘a book, not a bouquet’.
Convey my regards to elders of your family.
Your Friend,
Poojan
पुस्तक-हमारी मित्र विषय-प्रवेश
पुस्तकें हमें ज्ञान देती हैं। उनको पढ़ने से हमारा मानसिक विकास होता है। उनको पढ़कर हम आगे बढ़ते हैं। यह पाठ एक पत्र के रूप में है। इसमें पुस्तकों का महत्त्व बताया गया है।
पुस्तक-हमारी मित्र शब्दार्थ
- सकुशल – खैरियत से; happy
- अभियान – कोई अच्छी प्रवृत्ति; activitiy, movement
- अंतर्गत – शामिल; related
- सम्मिलित होना – शामिल होना, जुड़ जाना; to join
- संदर्भ – प्रसंग, संबंध; reference, relation
- सूत्र – नारा; slogan
- फर्क – अंतर; difference
- संचार करना – फैलाना; to spread
- स्रोत – उत्पत्ति, जन्मस्थान; source
- जिज्ञासा – ज्ञान प्राप्त करने या कुछ जानने की उत्सुकता; curiosity
- गतिमान रखना- आगे बढ़ाना; to motivate, to progress
- मूल्यवान – कीमती; valuable