Gujarat Board GSEB Hindi Textbook Std 9 Solutions Chapter 23 जब मैंने पहली पुस्तक खरीदी Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.
GSEB Std 9 Hindi Textbook Solutions Chapter 23 जब मैंने पहली पुस्तक खरीदी
Std 9 GSEB Hindi Solutions जब मैंने पहली पुस्तक खरीदी Textbook Questions and Answers
स्वाध्याय
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
माँ की स्कूली पढ़ाई पर जोर देने से लेखक की पढ़ाई पर क्या असर हुआ?
उत्तर :
बालक भारती बाहर की पुस्तकें और पत्र-पत्रिकाएं ही ज्यादा पढ़ते थे। मां को चिन्ता रहती कि बिना कक्षा की किताबें पढ़े लड़का पास कैसे होगा? एक दिन पिता ने पुत्र से वादा कराया कि वह पाठ्यक्रम की किताबें भी ध्यान से पढ़ेगा और माँ की चिन्ता दूर करेगा। बालक भारती पर इसका असर हुआ। उन्होंने जो-तोड़ परिश्रम किया, जिससे तीसरी और चौथी कक्षा में उनके अच्छे अंक आए। पांचवीं कक्षा में वे फर्स्ट आए तो माँ की आँखों में आंसू आ गए उसने बेटे को गले से लगा लिया। इस प्रकार स्कूली पढ़ाई पर माँ के जोर देने से बालक भारती पाठ्यक्रम की पुस्तकें भी ध्यान से पढ़ने लगे और उन्होंने माँ की चिन्ता दूर की।
प्रश्न 2.
लेखक की प्रिय पुस्तक कौन-सी थी? वे किन बातों से सम्बन्धित थी?
उत्तर :
लेखक की प्रिय पुस्तक स्वामी दयानंद सरस्वती की जीवनी ‘सत्यार्थ प्रकाश’ थी। उसमें ऐसी ऐसी घटनाएँ थीं, जिनमें तत्कालीन पाखंडों का विरोध करने में स्वामीजी ने अदम्य साहस दिखाया था। स्वामीजी मूर्ति-पूजा के विरोधी थे। ईश्वर और सत्य की खोज में वे तीर्थों, जंगलों में खूब भटके थे और उन्होंने साधुओं का संग किया था। वे रूढ़ियों का खंडन करते थे। उन्होंने अपने हत्यारे को क्षमा कर दिया था। इस तरह दयानंदजी से सम्बन्ध रखनेवाली अनेक बातें बड़ी रोचक शैली में उनकी जीवनी में दी गई हैं।
प्रश्न 3.
माँ के दिये हुए रुपयों का लेखक ने क्या किया? क्यों?
उत्तर :
माँ ने भारतीजी को पिक्चर देखने के लिए दो रुपये दिये थे। मां चाहती थी कि इन रुपयों से टिकट लेकर लेखक अपना मनोरंजन करे। लेकिन लेखक ने ऐसा नहीं किया। उसने मां के दिए हुए रुपयों से ‘देवदास’ नाम की पुस्तक खरीद ली। इसका कारण यह है कि लेखक के मन में किताबें इकट्ठा करने की धून सवार हो गई थी।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-दो वाक्यों में लिखिए :
प्रश्न 1.
बचपन में लेखक के घर में कौन-कौन सी पत्रिकाएँ आती थी?
उत्तर :
लेखक के घर में ‘आयमित्र’, ‘साप्ताहिक’, ‘वेदोदय’, ‘सरस्वती और गृहिणी’ ये पत्रिकाएँ आती थीं। इनके अलावा ‘बालसखा’ और ‘चमचम’ ये दो बालपत्रिकाएं खास लेखक के लिए आती थीं।
प्रश्न 2.
बचपन में लेखक को स्वामी दयानन्दजी की जीवनी क्यों पसंद थी?
उत्तर :
स्वामी दयानंदजी की जीवनी रोचक शैली में लिखी हुई थी और अनेक चित्रों से सुसज्जित थी। उसमें स्वामीजी के जीवन की अनेक रोमांचक घटनाएं थीं, जो लेखक को प्रभावित करती थीं। इसलिए बचपन में लेखक को स्वामी दयानंदजी की जीवनी अधिक पसंद थी।
प्रश्न 3.
लेखक को अंग्रेजी में सबसे अधिक अंक पाने के बाद उपहार में कौन सी दो पुस्तकें मिली थी और उनसे लेखक को क्या जानकारी प्राप्त हुई?
उत्तर :
अंग्रेज़ी में सबसे अधिक अंक पाने पर लेखक को उपहार में दो अंग्रेजी पुस्तकें मिली थीं। पहली पुस्तक से लेखक को पक्षियों की जातियों, उनकी बोलियों और आदतों के बारे में जानकारी मिली। दूसरी पुस्तक ‘ट्रस्टी द रग’ थी, जिससे लेखक को जहाज के प्रकारों तथा नाविकों और मछलियों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई।
प्रश्न 4.
लेखक की माँ ने लेखक को कितने रुपये दिये? क्यों?
उत्तर :
लेखक की माँ ने लेखक को पिक्चर देखने के लिए दो रुपये दिए थे, लेकिन लेखक पुस्तक की दुकान से दस आने की ‘देवदास’ नाम की पुस्तक खरीदते हैं।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए :
प्रश्न 1.
लेखक को बचपन से क्या शौक था?
उत्तर :
लेखक को बचपन में पाठ्यक्रम से बाहर की पत्रिकाएं, पुस्तकें आदि पढ़ने का शौक था।
प्रश्न 2.
लेखक के पिता कहाँ के प्रधान थे?
उत्तर :
लेखक के पिता रानीमंडी स्थित आर्यसमाज संस्था के प्रधान थे।
प्रश्न 3.
लेखक की प्रिय पुस्तक कौन सी थी?
उत्तर :
लेखक की प्रिय पुस्तक स्वामी दयानंद सरस्वती की जीवनी ‘सत्यार्थ प्रकाश’ थी।
प्रश्न 4.
लेखक कौन-सी फिल्म देखने गये ?
उत्तर :
माँ ने फिल्म देखने के लिए दो रुपये दिये थे, लेकिन लेखक ने ‘देवदास’ नाम की पुस्तक खरीद ली, फिल्म नहीं देखी।
प्रश्न 5.
लेखक की माँ की आँखों में आँसू क्यों आ गए?
उत्तर :
कल्पना न होने पर भी भारतीजी पांचवीं कक्षा में फर्स्ट आए तो मारे खुशी के मां की आंखों में आंसू आ गए।
निम्नलिखित शब्दों के हिन्दी शब्द लिखिए :
प्रश्न 1.
- लाइब्रेरी
- थियेटर
- पिक्चर
- इंडिया
- लाइब्रेरियन
उत्तर :
- लाइब्रेरी – ग्रंथालय
- थियेटर – चलचित्र-घर
- पिक्चर – चित्र
- इंडिया – भारत
- लाइब्रेरियन – ग्रंथपाल
निम्नलिखित शब्दों के विरुद्धार्थी शब्द लिखिए :
प्रश्न 1.
- आरम्भ × ………
- आनंद × ………
- जीवन × ………
- छोटा × ………
- दुःख × ………
उत्तर :
- आरम्भ × अंत
- आनंद × शोक
- जीवन × मृत्यु
- छोटा × बड़ा
- दुःख × सुख
6. निम्नलिखित वाक्यों में से साधारण, संयुक्त तथा मिश्रित वाक्यों को पहचान कर नाम लिखिए :
प्रश्न 1.
- मेरे पिता आर्यसमाज रानीमंडी के प्रधान थे और माँ ने स्त्री-शिक्षा के लिए आदर्श कन्या पाठशाला की स्थापना की थी।
- माँ स्कूली पढ़ाई पर जोर देती थी।
- जल्दी जल्दी घर लौट आया और दो रुपये में से एक रुपये छह आना माँ के हाथ में रख दिया।
- उनका आशीर्वाद था या मेरा जी तोड़ परिश्रम कि तीसरे चौधे में मेरे अच्छे नम्बर आए और पाँच दर्जे में तो मैं प्रथम आया।
- उस साल इण्टरमीडिएट पास किया था।
उत्तर :
- संयुक्त वाक्य
- साधारण वाक्य
- संयुक्त वाक्य
- मिश्रित वाक्य
- साधारण वाक्य
7. संधि विग्रह कीजिए :
प्रश्न 1.
- वीरोचित
- रमेश
- देवोचित
- सुरेश
उत्तर :
- वीरोचित = वीर + उचित
- रमेश = रमा + ईश
- देवोचित = देव + उचित
- सुरेश = सुर + ईश
GSEB Solutions Class 9 Hindi जब मैंने पहली पुस्तक खरीदी Important Questions and Answers
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पाँच-छ: वाक्यों में लिखिए :
प्रश्न 1.
लेखक को इनाम में मिली पुस्तकों में किनकी जानकारी दी गई थी?
उत्तर :
पांचवीं कक्षा में प्रथम आने पर लेखक को दो अंग्रेज़ी पुस्तकें इनाम में मिली थीं। पहली पुस्तक में पक्षियों की जातियों, उनकी बोलियों और आदतों की जानकारी दी गई थी। दूसरी पुस्तक ‘ट्रस्टी द रग’ में पानी से संबंधित कथाएँ थीं। उसमें बताया गया था कि जहाज कितने प्रकार के होते हैं, वे कौन-कौन सा माल लादकर लाते हैं और कहाँ ले जाते हैं। इसके अतिरिक्त उसमें यह भी बताया गया था कि नाविकों का जीवन कैसा होता है, पानी में कैसे-कैसे जीव होते हैं, कहाँ व्हेल होती है और कहाँ शाक। इस प्रकार दोनों पुस्तकों में विविध प्रकार की जानकारी दी गई थी।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में लिखिए :
प्रश्न 1.
पिता ने लेखक से क्या वादा कराया?
उत्तर :
लेखक स्कूल की किताबों के बदले बाहर की पुस्तकें ज्यादा पढ़ा करते थे। इसलिए पिताजी ने लेखक से वादा कराया कि, वह पाठ्यक्रम की पुस्तकें भी पूरे ध्यान से पढ़ेगा और माँ की चिन्ता दूर करेगा।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए :
प्रश्न 1.
लेखक की मां क्यों चिन्तित रहती थी?
उत्तर :
लेखक की माँ चिन्तित रहती थी, क्योंकि वे पाठ्यक्रम की पुस्तकें न पढ़कर बाहर की पुस्तकें और पत्र-पत्रिकाएं अधिक पढ़ते थे।
प्रश्न 2.
लेखक को शुरू की पढ़ाई घर पर ही क्यों कराई गई?
उत्तर :
लेखक को शुरू की पढ़ाई घर पर ही कराई गई, क्योंकि पिता नहीं चाहते थे कि बच्चा नासमझ उम्र में गलत संगति में पड़कर बुरे संस्कार सीखे।
प्रश्न 3.
किस विषय में लेखक के नंबर सबसे ज्यादा थे?
उत्तर :
अंग्रेजी विषय में लेखक के नंबर सबसे ज्यादा थे।
प्रश्न 4.
लेखक किस कक्षा में फर्स्ट आए?
उत्तर :
लेखक पांचवीं कक्षा में फर्स्ट आए।
सही विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
प्रश्न 1.
- धर्मवीर भारती ने …….. जैसे प्रतिष्ठित साप्ताहिक का सम्पादन कार्य किया। (धर्मयुग, आयमित्र)
- भारतीजी के पिता ने ……… के आहवान पर सरकारी नौकरी छोड़ दी। (स्वामी दयानंद, गांधीजी)
- माँ ने पिक्चर देखने के लिए दिए हुए दो रूपये में से उन्होंने …………. नाम की पुस्तक खरीदी। (देवदास, सत्यार्थ प्रकाश)
उत्तर :
- धर्मयुग
- गांधीजी
- देवदास
निम्नलिखित विधान ‘सही’ हैं या ‘गलत’ यह बताइए :
प्रश्न 1.
- लेखक के पिता ‘आर्यसमाज’ रानीमंडी के प्रधान थे।
- बर्मा रोड़ में लेखक के पिता ने अच्छी कमाई की थी।
- भारतीजी की प्रिय पुस्तक ‘सत्यार्थ प्रकाश’ थी।
- पांचवें दर्जे में भारतीजी प्रथम आए।
- एक छोटी लाइब्रेरी भारतीजी के मुहल्ले के हरिभवन में नहीं थी।
- लेखक को बचपन में बाहर की पत्रिकाएं, पुस्तकें आदि पड़ने का शौक था।
उत्तर :
- सही
- सही
- सही
- सही
- गलत
- सही
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक शब्द में लिखिए :
प्रश्न 1.
- ‘बालसखा’ और ‘चमचम’ पत्रिकाएँ किसके लिए मंगाई जाती थीं?
- भारतीजी किसके व्यक्तित्व और जीवन पटनाओं से प्रभावित
- धर्मवीर भारती की प्रिय पुस्तक कौन-सी थी?
- ‘ट्रस्टी द रग’ किताब में किसकी कथाएं थीं?
उत्तर :
- धर्मवीर भारती के लिए
- स्वामी दयानंद सरस्वती के
- स्वामी दयानंद सरस्वती की जीवनी ‘सत्यार्थ प्रकाश’
- पानी की
सही वाक्यांश चुनकर निम्नलिखित विधान पूर्ण कीजिए :
प्रश्न 1.
भारतीजी के पिता ने तब बहुत कमाया था जब…
(अ) आर्यसमाज का सुधारवादी आन्दोलन जोरों पर था।
(ब) बर्मा रोड बन रही थी।
(क) आदर्श कन्याशाला की स्थापना हो रही थी।
उत्तर :
भारतीजी के पिता ने तब बहुत कमाया था जब बर्मा रोड बन रही थी।
प्रश्न 2.
भारतीजी के पिता ने सरकारी नौकरी छोड़ दी, क्योंकि …
(अ) वे कांग्रेस के स्वयंसेवक बन गए थे।
(ब) सरकारी नौकरी करना आर्यसमाज के सिद्धान्तों के विरुद्ध था।
(क) गांधीजी ने इसके लिए आहवान किया था।
उत्तर :
भारतीजी के पिता ने सरकारी नौकरी छोड़ दी, क्योंकि गांधीजी ने इसके लिए आहवान किया था।
प्रश्न 3.
लोकनाथ की दुकान पर पिता ने बालक भारती को …
(अ) ताजा अनार का शरबत पिलाया।
(ब) छोले-भटूरे खिलाए।
(क) खुशबूदार ठंडाई पिलाई।
उत्तर :
लोकनाथ की दुकान पर पिता ने बालक भारती को ताजा अनार का शरबत पिलाया।
प्रश्न 4.
भारतीजी की मां को चिन्ता रहती कि …
(अ) लड़का आर्यसमाज में भर्ती न हो जाए।
(ब) लड़का कहीं स्कूल की पढ़ाई छोड़ न दे।
(क) लड़का कहीं साधु बनकर भाग न जाए।
उत्तर :
भारतीजी की माँ को चिन्ता रहती कि लड़का कहीं साधु बनकर भाग न जाए।
प्रश्न 5.
भारतीजी के पिता ने अपनी अलमारी में से कुछ चीजें हटा दी ताकि ..
(अ) पत्नी वहाँ कन्याशाला का रजिस्टर रख सके।
(ब) पुत्र वहाँ अपनी लाइब्रेरी बना सके।
(क) अलमारी की सफाई आसानी से हो सके।
उत्तर :
भारतीजी के पिता ने अपनी अलमारी में से कुछ चीजें हटा दी ताकि पुत्र वहां अपनी लाइब्रेरी बना सके।
निम्नलिखित प्रश्नों के साथ दिए गए विकल्पों से सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
लेखक के मुहल्ले में कौन-सी लाइब्रेरी थी?
A. हरिभवन
B. मोहनमंदिर
C. शारदाभवन
D. सरस्वतीभवन
उत्तर :
A. हरिभवन
प्रश्न 2.
लेखक को बचपन में क्या शौक था?
A. तरह-तरह के खेल खेलने का
B. चित्र बनाने का
C. पाठ्यक्रम से बाहर की पत्रिकाएं पढ़ने का
D. संगीत का
उत्तर :
C. पाठ्यक्रम से बाहर की पत्रिकाएं पढ़ने का
प्रश्न 3.
लेखक के पिता कहाँ के प्रधान थे?
A. छात्रावास के
B. पाठशाला के
C. व्यायामशाला के
D. आर्यसमाज संस्था के
उत्तर :
D. आर्यसमाज संस्था के
प्रश्न 4.
स्कूल छूटते ही लेखक कहाँ पहुंच जाते थे?
A. खेल के मैदान में
B. हरिभवन लाइब्रेरी में
C. बाजार में
D. फिल्म देखने
उत्तर :
B. हरिभवन लाइब्रेरी में
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए :
प्रश्न 1.
- रोमांचित
- रोचक
- खण्डन
- सहमति
- आहवान
- प्रधान
- जीवनी
- पाखंड
उत्तर :
- पुलकित
- रुचिकर
- विभाजन
- अनुमोदन
- पुकार
- मुखिया
- जीवनचरित्र
- आडम्बर
निम्नलिखित शब्दों का संधि-विग्रह करके लिखिए :
प्रश्न 1.
- विद्यार्थी
- दयानंद
उत्तर :
- विद्यार्थी = विद्या + अर्थी
- दयानंद = दया + आनंद
निम्नलिखित प्रत्येक वाक्य में से भाववाचक संज्ञा पहचानकर लिखिए :
प्रश्न 1.
- मेरे जन्म से पहले ही गांधीजी के आहवान पर उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ दी थी।
- ‘सत्यार्थ प्रकाश’ पूरा समझ में नहीं आता था, पर पढ़ने में मज़ा आता था।
- मा स्कूली पढ़ाई पर ज्यादा जोर देती थी।
- उनके आशीर्वाद से पांचवें दर्जे में मैं प्रथम आया।
उत्तर :
- आहवान
- मज़ा
- पढ़ाई
- आशीर्वाद
सूचना अनुसार कीजिए :
प्रश्न अ.
निम्नलिखित अव्ययीभाव समास का विग्रह कीजिए :
- निर्भय
- बेरहम
- यथारुचि
- प्रतिमास
- अकारण
- यथार्थ
उत्तर :
- भय के बिना
- बिना रहम के
- रुचि के अनुसार
- प्रत्येक मास
- कारण के बिना
- अर्थ के अनुसार
प्रश्न ब.
निम्नलिखित कर्मधारय समास का विग्रह कीजिए :
- दुरात्मा
- क्रोधाग्नि
- नीलकमल
- कापुरुष
- चंद्रमुख
- मीनाक्षी
उत्तर :
- दुष्ट आत्मा
- क्रोध रूपी अग्नि
- नीला कमल
- कायर पुरुष
- चंद्र जैसा मुख
- मीन जैसी आँखें
प्रश्न क.
निम्नलिखित द्विगु समास का विग्रह कीजिए :
- पंचवटी
- पंचप्रमाण
- दोपहर
- अठवाड़ा
- द्विगु
- त्रिकोना
उत्तर :
- पाँच वटों का समूह
- पाँच प्रमाणों का समूह
- दो पहरों का समूह
- आठ वाड़ा (वारों) का समूह
- दो गायों का समूह
- तीन कोनों का समूह
प्रश्न ड.
निम्नलिखित द्वन्द्व समास का विग्रह कीजिए :
- अपना-पराया
- गंगा-यमुना
- जीव-जन्तु
- मान-सम्मान
- देश-विदेश
- देवासुर
उत्तर :
- अपना या पराया
- गंगा और यमुना
- जीव, जन्तु आदि
- मान, सम्मान आदि
- देश और विदेश
- देव और असुर
निम्नलिखित शब्दसमूह के लिए एक शब्द लिखिए :
प्रश्न 1.
- जो दबाया न जा सके
- जिससे रोयें खड़े हो जाए
- किसी के जीवन का चरित्र
- मिट्टी का लोटे जैसा छोटा वर्तन
उत्तर :
- अदम्य
- रोमांचक
- जीवनी
- कुल्हड़
निम्नलिखित शब्दों के उपसर्ग पहचानकर लिखिए :
प्रश्न 1.
- नासमझ
- अनुमोदन
- अनेक
- उपहार
- सहमति
- विभाजन
- बेईमानी
- बेरहम
- अकारण
- यथारुचि
- यथार्थ
- प्रतिमास
- विदेश
- अदम्य
उत्तर :
- नासमझ – ना + समझ
- अनुमोदन – अनु + मोदन
- अनेक – अन् + एक
- उपहार – उप + हार
- सहमति – सह + मति
- विभाजन – वि + भाजन
- बेईमानी – बे + ईमानी
- बेरहम – बे + रहम
- अकारण – अ + कारण
- यथारुचि – यथा + रुचि
- यथार्थं – यथा + अर्थ
- प्रतिमास – प्रति + मास
- विदेश – वि + देश
- अदम्य – अ + दम्य
निम्नलिखित शब्दों के प्रत्यय पहचानकर लिखिए :
प्रश्न 1.
- शौकीन
- साहित्यकार
- बचपन
- आर्थिक
- पत्रिका
- साप्ताहिक
- प्रभावित
- संस्थापक
- स्कूली
- भारती
- मुखिया
- नाविक
- गृहिणी
- पुस्तकें
- पत्रिकाएं
- चिन्तित
- पढ़ाई
- सुधारवादी
- खुश्बूदार
- जीवनी
- रुचिकर
- रोमांचित
- बेईमानी
- मिश्रित
- प्रकाशक
उत्तर :
- शौकीन – शौक + इन
- साहित्यकार – साहित्य + कार
- बचपन – बच्चा + पन
- आर्थिक – अर्थ + इक
- पत्रिका – पत्र + इका
- साप्ताहिक – सप्ताह + इक
- प्रभावित – प्रभाव + इत
- संस्थापक – संस्थाप(न) + क
- स्कूली – स्कूल + ई
- भारती – भारत + ई
- मुखिया – मुख + इया
- नाविक – नाव + इक
- गृहिणी – गृह + इनी(णी)
- पुस्तकें – पुस्तक + ए
- पत्रिकाएँ – पत्रिका + एं
- चिन्तित – चिन्ता + इत
- पढ़ाई – पढ़ + आई
- सुधारवादी – सुधार + वादी
- खुश्बूदार – खुश्बू + दार
- जीवनी – जीवन + ई
- रुचिकर – रुचि + कर
- रोमांचित – रोमांच + इत
- बेईमानी – बेईमान + ई
- मिश्रित – मिश्र + इत
- प्रकाशक – प्रकाश + क
जब मैंने पहली पुस्तक खरीदी Summary in Gujarati
ગુજરાતી ભાવાર્થ :
માતા-પિતા : ભારતીજીના પિતા પહેલાં સરકારી નોકરી કરતા હતા. તેમાં તેઓ ખૂબ પૈસા કમાયા હતા. પછી ગાંધીજીનું આહ્વાન સાંભળી તેમણે નોકરી છોડી દીધી હતી. ભારતીજીની માતા એક કન્યા વિદ્યાલયનું સંચાલન કરતાં હતાં. પિતા આર્યસમાજ રાનીમંડીના પ્રધાન હતા.
ઘણાં બધાં પત્ર-પત્રિકાઓઃ પરિવારની આર્થિક સ્થિતિ સારી નહોતી, પરંતુ ઘરમાં આ પત્ર-પત્રિકાઓ નિયમિત આવતાં હતાં: ‘આર્યમિત્ર’, ‘સાપ્તાહિક’, ‘વેદોદય’, “સરસ્વતી’, ‘ગૃહિણી’ અને બે બાળપત્રિકાઓ – ‘બાલસખા’ અને ‘ચમચમ’ એ ખાસ ભારતીજી માટે આવતી હતી.
પ્રિય પુસ્તક: ભારતીજીનું પ્રિય પુસ્તક આર્યસમાજના સંસ્થાપક સ્વામી દયાનંદનું જીવનચરિત્ર ‘સત્યાર્થ પ્રકાશ’ હતું. સ્વામી દયાનંદના વ્યક્તિત્વ અને તેમના જીવનની ઘટનાઓથી લેખક ખૂબ પ્રભાવિત થયા હતા.
માતાની ચિંતાઃ ભારતીજીની માતાને એ વાતની ચિંતા હતી કે દીકરો સ્કૂલનાં પુસ્તકો ન વાંચીને બહારનાં પુસ્તકો વાંચતો રહે છે. ભારતીજીએ બીજા ધોરણ સુધીનું ભણતર ઘર પર જ કર્યું હતું. પિતા ઇચ્છતા નહોતા કે નાદાન અવસ્થામાં છોકરો ખોટી સંગતમાં પડી જાય એટલે તેમણે તેને ત્રીજા ધોરણમાં સ્કૂલમાં ભરતી કરાવ્યો હતો.
તે દિવસની સાંજ : જે દિવસે ભારતીજી સ્કૂલમાં ઘખલ થયા તે દિવસે સાંજે પિતાએ તેમને દાડમનું શરબત પીવડાવ્યું અને એ વાયદો કરાવ્યો કે પાઠ્યક્રમનાં પુસ્તકો તેઓ ધ્યાનથી વાંચશે અને માની ચિંતા દૂર કરશે.
ઇનામમાં બે પુસ્તકો: પાંચમા ધોરણમાં ભારતીજી પહેલા નંબરે આવ્યા. અંગ્રેજીમાં તેમને સૌથી વધુ માર્ક્સ મળ્યા હતા એટલે ઇનામમાં બે અંગ્રેજી પુસ્તકો મળ્યાં. એક પુસ્તકમાં બાળકો પક્ષીના માળાઓની શોધમાં બાગ-બગીચાઓમાં ભટકે છે. બીજું પુસ્તક હતું ‘ટ્રસ્ટી દરગ’ – એમાં નાવિકો અને માછલીઓ વિશે રોચક માહિતી આપવામાં આવી હતી.
ઘરમાં પોતાની લાઈબ્રેરીઃ પિતાએ પોતાના કબાટનો એક ભાગ ભારતીજીને આપી દીધો, જેથી તેઓ ત્યાં પોતાનાં પુસ્તકો મૂકી શકે. ઇનામમાં મળેલાં બે પુસ્તકોથી ભારતીજીની લાઇબ્રેરીની શરૂઆત થઈ.
અલાહાબાદનાં ત્રણ પુસ્તકાલયઃ અલાહાબાદમાં બે પુસ્તકાલય હતાં. ઈસ્ટ ઇન્ડિયા કંપની દ્વારા સ્થાપિત પબ્લિક લાઇબ્રેરી અને મહામના મદનમોહન દ્વારા સ્થાપિત ભારતીભવન. એક નાનકડી લાઇબ્રેરી લેખકના મોહલ્લાના હરિભવનમાં હતી. સ્કૂલેથી છૂટીને લેખક ત્યાં પહોંચી જતા.
जब मैंने पहली पुस्तक खरीदी Summary in English
Father-Mother : Bharatiji’s father was a government servant. He earned a lot of money in it. Then after hearing invitation of Gandhiji, he left the service. Bharatijr’s mother was running a school. Father was the president of Aryasamaj of Ranimandi.
Many newspapers – Magazines : The financial condition of the family was not good. but many newspapers and magazines would be bought at home. They were Aryamitra’, “Weekly’, ‘Vedoday’, ‘Saraswati and ‘Gruhint’. Two children magazines- ‘Balsakha’ and ‘Chamcham’ were also bought especially for Bharatiji.
The favourite book : ‘Satyarth Prakash the autobiography of Swami Dayanand, the founder of Aryasamaj was Bharatiji’s favourite book. The writer was much impressed by the personality of Dayanand and the incidents happened in his life.
Mother’s worry : Bharatiji’s mother was worried that his son read other books instead of reading school books. Bharatiji studied at home till standard two because his father worried that that innocent child might have bad company at that age in the school. So he was admitted to school in standard three.
That day’s evening: On the day when Bharatiji was admitted to school, his father gave him juice of pomegranate in the evening and got promise that he would read his textbooks attentively and remove his mother’s worry.
Two books in prize : Bharatiji stood first in standard five. He had highest marks in English so he got two English books in prize. In one book there was a story of a boy who wandered in parks to find out the nests of birds. The other book was Trusty the Rug (Rogue)’. In this book interesting information of boatmen and fishes was given.
Own library in the house : Father alloted on part of his cupboard to Bharatiji. so that he night keep his books there. Bharatiji’s library began there with the two books which he had recelved in prize.
Three libraries in Allahabad: There were two libraries in Allahabad – Public library established by East India Company and Bharatibhavan established by Madanmohan of Maham. There was a small library in Haribhavan of the writer’s street. The writer would go straight there after school.
जब मैंने पहली पुस्तक खरीदी Summary in Hindi
विषय-प्रवेश :
लेखक और साहित्यकार बननेवाले व्यक्ति को बचपन से ही पढ़ने का शौक होता है। धर्मवीर भारती को भी भविष्य में साहित्यकार बनना था। इसलिए बचपन से ही उन्हें पढ़ने का शौक था। प्रस्तुत संस्मरण में लेखक ने अपने उसी शौक की चर्चा की है।
पाठ का सार :
माता-पिता : भारतीजी के पिता पहले सरकारी नौकरी करते थे। उसमें उन्होंने अच्छा पैसा कमाया था। बाद में गांधीजी के आहवान पर उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी। भारतीजी की मां एक कन्या विद्यालय का संचालन करती थीं। पिता ‘आर्यसमाज’ रानीमंडी के प्रधान थे।
ढेर सारी पत्र-पत्रिकाएँ : परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, परंतु घर में ये पत्र-पत्रिकाएं नियमित आती थीं – ‘आयमित्र’, ‘साप्ताहिक’, ‘वेदोदय’, ‘सरस्वती’ और ‘गृहिणी’, दो बालपत्रिकाएँ ‘बालसखा’ और ‘चमचम’ ये खास भारतीजी के लिए आती थीं।
प्रिय पुस्तक : भारतीजी की प्रिय पुस्तक थी – आर्यसमाज संस्थापक स्वामी दयानंद की जीवनी ‘सत्यार्थ प्रकाश’। स्वामी दयानंद के व्यक्तित्व और उनके जीवन की घटनाओं से लेखक बहुत प्रभावित हुए थे।
माँ की चिन्ता : भारतीजी की मां को इस बात की चिन्ता रहती थी कि बेटा स्कूली पढ़ाई न कर बाहरी पुस्तकें ही पढ़ता रहता है। भारतीजी ने कक्षा दो तक पढ़ाई घर पर ही की थी। पिता नहीं चाहते थे कि नासमझ उम्र में लड़का गलत संगति में पड़ जाए। इसलिए उन्होंने तीसरे दर्जे में उसे स्कूल में भर्ती कर दिया था।
उस दिन की शाम : जिस दिन भारतीजी स्कूल में भर्ती हुए. उस दिन की शाम को पिता ने लड़के को अनार का शरबत पिलाया और यह वादा कराया कि पाठ्यक्रम की किताबें भी वे ध्यान से पढ़ेंगे और मां की चिन्ताएँ दूर करेंगे।
इनाम में दो पुस्तकें : पांचवें दर्जे में भारतीजी फर्स्ट आए। अंग्रेज़ी में उन्हें सबसे ज्यादा अंक मिले थे। इसलिए इनाम के रूप में उन्हें दो अंग्रेजी पुस्तकें मिलीं। एक पुस्तक में बच्चे घोंसलों की खोज में बागों और कुंजों में भटकते हैं।
दूसरी पुस्तक थी – ‘ट्रस्टी द रग’। इसमें नाविकों – और मछलियों के बारे में रोचक जानकारी दी गई थी।
घर में अपनी लाइबेरी : पिता ने अपनी अलमारी का एक भाग भारतीजी को दे दिया, जिससे वे वहाँ अपनी पुस्तकें रख सकें। इनाम में मिली इन दो पुस्तकों से भारतीजी की लाइब्रेरी शुरू हुई।
इलाहाबाद के तीन पुस्तकालय : इलाहाबाद में दो पुस्तकालय थे – ईस्ट इंडिया कम्पनी द्वारा स्थापित पब्लिक लाइब्रेरी और महामना मदनमोहन द्वारा स्थापित भारतीभवन। एक छोटी लाइब्रेरी लेखक के मुहल्ले के हरिभवन में थी। स्कूल से छूटते ही लेखक वहाँ पहुंच जाते थे।
जब मैंने पहली पुस्तक खरीदी शब्दार्थ :
- आर्यसमाज – स्वामी दयानंद द्वारा स्थापित एक संस्था, जो मूर्तिपूजा को नहीं मानती।
- प्रधान – मुखिया।
- आह्वान – बुलावा, पुकार।
- उपनिषद – वेदों के बाद की रचनाएँ।
- जीवनी – जीवनचरित्र।
- रोचक – दिलचस्प।
- सुसज्जित – अच्छी तरह सजी हुई।
- पाखंड – खौंग, आडम्बर।
- अदम्य – जो दबाया न जा सके।
- खंडन करना – पुरानी मान्यताओं का विरोध कर उन्हें गलत साबित करना।
- रोमांचित – जिसे रोमांच हो आया हो।
- कुल्हड़ – मिट्टी का छोटा बरतन।
- सहमति – अनुमोदन।