GSEB Solutions Class 7 Hindi Chapter 4 देश के नाम संदेश

Gujarat Board GSEB Solutions Class 7 Hindi Chapter 4 देश के नाम संदेश Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.

Gujarat Board Textbook Solutions Class 7 Hindi Chapter 4 देश के नाम संदेश

GSEB Solutions Class 7 Hindi देश के नाम संदेश Textbook Questions and Answers

देश के नाम संदेश अभ्यास

1. प्रश्नों के मौखिक उत्तर दीजिए :

प्रश्न 1.
यह पत्र किसने किसको लिखा है?
उत्तर :
यह पत्र किरण ने अपने मित्र हर्ष को लिखा है।

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प्रश्न 2.
पत्र लिखने वाले का पता क्या है?
उत्तर :
पत्र लिखनेवाले का पता : मातृछाया, ऊँची शेरी, गाँव – मेसपुरा, तहसील – भाभर, जिला – बनासकांठा.

प्रश्न 3.
पत्र में क्या वर्णन किया है?
उत्तर :
पत्र में भारतीय नागरिकों की अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही और सरकार के प्रति उनके शिकायती रवैए का वर्णन किया गया है।

प्रश्न 4.
पत्र के अंत में किरण ने हर्ष के परिवारजनों को क्या कहा है?
उत्तर :
पत्र के अंत में किरण ने हर्ष के परिवारजनों को प्रणाम कहा है।

2. प्रश्नों के मौखिक उत्तर दीजिए :

प्रश्न 1.
हम दूसरे देशों में उनके कायदे-कानून का पालन करते हैं, लेकिन अपने देश में क्यों नहीं?
उत्तर :
हम में अपने राष्ट्र के प्रति गर्व और सम्मान की पर्याप्त भावना नहीं है। हम अपने देश की व्यवस्था को उचित महत्त्व नहीं देते। हमारे यहाँ का शासन भी सख्ती से काम नहीं लेता। दूसरे देश अपने देश की व्यवस्था को बनाए रखना चाहते हैं। वे उसमें गर्व महसूस करते हैं।

हम भी उनसे प्रभावित होते हैं। इसलिए हम दूसरे देशों में उनके कायदे-कानून का पालन करते हैं, लेकिन अपने देश में नहीं करते।

प्रश्न 2.
हमारे देश की स्वच्छता की जिम्मेदारी किसकी है?
उत्तर :
हमारे देश की स्वच्छता की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन अर्थात् ग्रामपंचायतों, नगरपालिकाओं एवं महानगरपालिकाओं की है।

प्रश्न 3.
हमारे देश के विकास में कौन-कौन सी समस्याएँ बाधक हैं?
उत्तर :
हमारे देशवासी अपने यहाँ के कायदे-कानूनों का चुस्ती से पालन नहीं करते। लोग हर खराबी के लिए सरकार को दोष देते हैं। वे अपने राष्ट्रीय कर्तव्य निभाने में रुचि नहीं लेते। अधिकारी लोग भ्रष्टाचार करने में नहीं हिचकते। ये सारी समस्याएँ हमारे देश के विकास में बाधक हैं।

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प्रश्न 4.
देश के प्रति हमारा क्या फ़र्ज है?
उत्तर :
देश के प्रति हमारा फर्ज है कि हम अपने यहाँ के कायदे-कानून का पालन करें। देश की व्यवस्था हम ऐसी बनाएँ जिस पर हमें गर्व हो। हम सरकार और स्थानीय प्रशासन को उनके कार्यों में सहयोग दें। हम ऐसा कोई भी कार्य न करें, जिससे देश की प्रतिष्ठा पर आँच आए।

3. शब्दो को उचित क्रम में रखकर अर्थपूर्ण वाक्य बनाइए :

प्रश्न 1.
में – सफ़ाई – खुदाई – है।
उत्तर :
सफाई में खुदाई है।

प्रश्न 2.
मेरा – महान – भारत।
उत्तर :
मेरा भारत महान।

प्रश्न 3.
लेना – और – दहेज – पाप – देना – है।
उत्तर :
दहेज लेना और देना पाप है।

प्रश्न 4.
आदर्श – भारत को – आओ – बनाएँ – मिलकर – राष्ट्र।
उत्तर :
आओ, मिलकर भारत को आदर्श राष्ट्र बनाएँ।।

4. ऐसे व्यवहार की चर्चा कीजिए जिससे हम देश में अव्यवस्था खड़ी करते हैं एवं देश के विकास में बाधा डालते हैं।
उत्तर :
हमारे देश में कभी-कभी सांप्रदायिक दंगे भड़क उठते हैं। इसी तरह कभी-कभी भाषावाद भी हिंसक बन जाता हैं। ऐसे मौकों पर कट्टरवादी लोग तोड़ फोड़ करते हैं। सरकारी संपत्ति की बहुत हानि होती है। ऐसा वर्ताव देश में अव्यवस्था खड़ी करता है। अशांति के कारण देश के विकास में बाधा पड़ती है।

5. ‘दहेज एक दूषण’ इस विषय पर कारण सहित अपना मत दीजिए।
उत्तर :
दहेज की प्रथा समाज के लिए अभिशाप बन गई है। दहेज के कारण योग्य, शिक्षित कन्याओं का उचित समय पर विवाह नहीं हो पाता। यदि विवाह हो भी जाता है, तो दहेज न लाने अथवा कम लाने के कारण नई वधू को ताने और व्यंग्य सुनने पड़ते हैं।

इतना ही नहीं, उसे शारीरिक और मानसिक यातना भी दी जाती है। कुछ दहेज-लोभी तो वधू को आत्महत्या के लिए मजबूर कर देते हैं या जला भी देते हैं। जिस दहेज के कारण ऐसे दर्दनाक और शर्मनाक कांड होते हों, वह सचमुच समाज का दूषण है। उसका कभी समर्थन नहीं किया जा सकता।

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6. हम स्वयं कैसे अपने कर्तव्य का पालन करके आदर्श नागरिक बन सकते हैं एवं भारत को आदर्श राष्ट्र बनाने में योगदान दे सकते हैं, इस विषय पर दिए गए प्रारूप के आधार पर अपने मित्र को पत्र लिखकर अपने विचार बताएँ।
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उत्तर :
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देश के नाम संदेश स्वाध्याय

1. प्रश्नों के उत्तर लिखिए :

प्रश्न 1.
डॉ. कलाम ने इस ई-मेल से हमें क्या सीख दी है?
उत्तर :
डॉ. कलाम कहते हैं कि हम सरकार चुनने के लिए मतदान करके निश्चिंत न हो जाएँ। हम ऐसा न सोचें की अब हमारी सारी जिम्मेदारियाँ चुनी हुई सरकार उठाएगी। हमारे सारे काम सरकार करेगी। हमें रद्दी कागज भी कूड़ेदान में डालने की तकलीफ नहीं उठानी है।

सामाजिक समस्याओं के बारे में भी हम अपना स्वार्थ ही देखते हैं। बाहर से दहेज का विरोध कर चुपके से दहेज ले लेना बहुत ही गलत बात है। इस प्रकार इस ई-मेईल से डॉ. कलाम ने हमें एक सच्चे नागरिक के रूप में अपनी जिम्मेदारियाँ निभाने की सीख दी है।

प्रश्न 2.
दूसरे देशों में और अपने देश में हम जो व्यवहार करते हैं, उसमें क्या अंतर है?
उत्तर :
दूसरे देशों में जाकर हम उनकी व्यवस्था का आदर करते हैं और उसका पालन करते हैं, जबकि अपने देश में हम यहाँ की व्यवस्था की अनदेखी करते हैं। दूसरे देशों में हम उनके स्वच्छता-संबंधी नियमों का पालन करते हैं। गाड़ी उन देशों के नियमों के अनुसार चलाते हैं।

उन देशों में बेईमानी करने की हिम्मत नहीं करते। परंतु अपने देश में हम न स्वच्छता का ध्यान रखते हैं, न गाड़ी की गति का और न ईमानदारी का। इस प्रकार दूसरे देशों में और अपने देश में हम जो व्यवहार करते हैं, उसमें बहुत अंतर है।

प्रश्न 3.
दूसरे देशों में लोग स्वच्छता के प्रति कैसे जागरूक हैं?
उत्तर :
दूसरे देशों में लोग स्वच्छता को बहुत महत्त्व देते हैं। वे सड़कों पर थूकते नहीं है। कागज के टुकड़े यहाँ-वहाँ न फेंककर कूड़ादान में डालते हैं। सिगरेट के टुकड़े सड़क पर नहीं फेंकते। कुत्तों के मालिक अपने कुत्तों को सड़क गंदी नहीं करने देते।

समुद्र-तटों पर लोग खाली नारियल इधर-उधर नहीं डालते। वे अपने रेलवे स्टेशनों को साफ-सुथरा रखते हैं। इस प्रकार दूसरे देशों के लोग स्वच्छता के प्रति बहुत जागरूक हैं।

प्रश्न 4.
अपने देश की व्यवस्था को हम कैसे सुधार सकते हैं?
उत्तर :
अपने देश की व्यवस्था को सुधारना है, तो हमें स्वयं उसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। अपनी जिम्मेदारी हमें दूसरों पर नहीं डालनी चाहिए। अपने यहाँ की अव्यवस्था से हम भागे नहीं, बल्कि उसे दुरुस्त करने में सरकार को सहयोग दें।

इस तरह अपने सकारात्मक योगदान से ही हम अपने देश की व्यवस्था को सुधार सकते हैं।

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2. जीवन में सफाई का महत्त्व समझाते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए।
उत्तर :
9, मानवमंदिर,
आशापुरा रोड,
नडियाद।
25-9-2013
प्रिय मित्र कैलाश,
नमस्ते।

मैं यहाँ कुशलपूर्वक हूँ। परंतु तुम्हारे यहाँ कई तरह की बीमारियाँ फैलने की खबर जानकर दुःख हुआ।

ये बीमारियाँ गंदगी से फैलती हैं। हमारे यहाँ के लोग स्वच्छता का महत्त्व पूरी तरह नहीं जानते। वास्तव में स्वच्छता आरोग्य की माता है। जहाँ साफ-सफाई रहती है, वहाँ रोगों को पैदा करनेवाले मक्खी-मच्छर जैसे जीव-जंतु नहीं होते।

शरीर को साफ-सुथरा रखने से खाज-खुजली जैसी त्वचा की बीमारियाँ नहीं होतीं। सिर के बालों को साफ रखने से उनमें जूं नहीं पड़ती। दाँतों को स्वच्छ रखने से पायरिया नहीं होता। इस प्रकार साफ-सफाई रखना बहुत जरूरी है। कहते हैं जहाँ सफाई रहती है, वहाँ भगवान का वास होता है।

पत्र लिखना। घर के बड़ों को प्रणाम और छोटों को प्यार।

तुम्हारा मित्र,
अतुल शाह।

3. निम्नलिखित वाक्यों के काल पहचानिए :

प्रश्न:
(1) मैं क्रिकेट खेलता हूँ।
(2) मैं कल अंबाजी गया था।
(3) कोई गाना गा रहा है।
(4) आज ठंड ज्यादा होगी।
(5) कल हम स्कूल से प्रवास जा रहे हैं।
(6) परसों कश्मीर में हिम वर्षा हुई।
उत्तर :
(1) (सामान्य) वर्तमानकाल
(2) (पूर्ण) भूतकाल
(3) (अपूर्ण) वर्तमानकाल
(4) (सामान्य) भविष्यकाल
(5) (अपूर्ण) वर्तमानकाल
(6) (सामान्य) भूतकाल

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4. काल परिवर्तन कीजिए :

प्रश्न:
(1) मैं बाजार गया। (भविष्यकाल)
(2) मंदिर में पूजा होगी। (भूतकाल)
(3) सिमला में हिम वर्षा हुई। (भविष्यकाल)
(4) मैंने पढ़ाई की। (वर्तमानकाल)
उत्तर :
(1) मैं बाजार जाऊँगा।
(2) मंदिर में पूजा हुई।
(3) सिमला में हिमवर्षा होगी।
(4) मैं पढ़ाई करता हूँ।

देश के नाम संदेश भाषा-सज्जता

पढ़िए और समझिए:

(1) एक म्यान में दो तलवार नहीं समा सकती : एक वस्तु के दो समान अधिकारी नहीं हो सकते। यदि दो महत्त्वाकांक्षी लीडर एक पार्टी में रहेंगे, तो सदा टकराव की स्थिति रहेगी क्योंकि एक म्यान में दो तलवार नहीं समा सकती।
(2) खोदा पहाड़ निकली चूहिया : अधिक मेहनत, लाभ कम।
ज्यादा मुनाफ़े के लिए उसने बड़ी होटल बनाई थी। पर पूरे साल में उसको नाममात्र का ही मुनाफ़ा हुआ। इसी को कहते हैं – खोदा पहाड़ निकली चूहिया ।
(3) जिसकी लाठी उसकी भैंस : शक्तिशाली की ही जीत होती है।
सेठ जी ने अपने निर्दोष नौकर पर चोरी का इल्जाम लगाकर उसे दो साल के लिए जेल भिजवा दिया। किसी ने ठीक ही कहा है – जिसकी लाठी उसकी भैंस।

उपर्युक्त अभ्यास के आधार पर निम्नलिखित कहावतों के अर्थ देकर वाक्य में समझाइए :

प्रश्न 1.
चाँद पर थूका मुँह पर गिरा।
उत्तर :
एक पत्रकार ने एक संत की निंदा की। उसने उनके बारे में कई उल्टी-सीधी बातें लिखकर छपवाई। लोगों ने उसे समझाया, पर वह नहीं माना और संत को बदनाम करता रहा। एक दिन वह संत के कट्टर अनुयायियों के हाथ पड़ गया। उन्होंने उसकी अच्छी धुलाई की। तब वहाँ खड़े एक व्यक्ति ने कहा अरे भाई, चाँद पर थूका मुँह पर गिरा।

प्रश्न 2.
छोटा मुँह बड़ी बात।
उत्तर :
मुनीम को लड़की की शादी करनी थी। उसने एक शानदार हॉल में शादी रखी और पंचसितारा होटल में भोज रखा। उसके मुँह से इन सारे आयोजनों की बात सुनकर सेठ बोले, भाई, यह तो छोटे मुँह बड़ी बात है।

प्रश्न 3.
दूर के ढोल सुहावने।
उत्तर :
एक सुंदर और स्वस्थ युवक अमेरिका से आया था। एक सज्जन ने उसे देखा और उससे बातें कीं। वे उसकी बातों से बहुत प्रभावित हुए और उसे अपनी लड़की दिखाई। युवक को लड़की पसंद आई। लड़की भी युवक से विवाह करने को राजी हो गई।

विवाह के बाद जब लड़की अमेरिका पहुँची तो पता लगा कि उसका पति वहाँ के एक होटल का बेयरा था और छोटी-सी जगह में रहता था। लड़की को बहुत पछतावा हुआ और उसने मन-ही-मन कहा कि सचमुच दूर के ढोल सुहावने लगते हैं।

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प्रश्न 4.
दोनों हाथों में लड्डू।
उत्तर :
बाबर के पास सिर्फ बारह हजार सैनिक थे। उसे इब्राहिम लोदी के एक लाख सैनिकों से लड़ना था। बाबर के सैनिक घबरा रहे थे। उनकी लड़ने की हिम्मत नहीं हो रही थी। उनको हताश होते देखकर बाबर ने कहा – वीरो, हम युद्ध में जीतते हैं, तो हमें विजय मिलेगी और हारते हैं, तो जन्नत मिलेगा। इस तरह हमारे दोनों हाथों में लड्डू हैं।

प्रश्न 5.
साँप भी मरे लाठी भी न टूटे।
उत्तर :
एक सद्गृहस्थ को अपनी जमीन पर बनी अतिक्रमणवाली झोपड़पट्टी की जगह पर वृद्धाश्रम बनवाना था। उसे पता था कि लोग आसानी से जगह छोड़ेगे नहीं। अतः उसने अतिक्रमण अधिकारी से इस बात की शिकायत की। झोंपड़पट्टीवाले सभी बी.पी.एल. के लोग थे।

इसलिए अधिकारी ने ‘सरकारी आवास योजना’ के अंतर्गत सभी लोगों के लिए आवास की व्यवस्था की और झोंपड़पट्टी खाली करवाई। यह देखकर सद्गृहस्थ खुश होते हुए मन-ही-मन बड़बड़ाया – “साँप भी मर गया और लाठी भी न टूटी।”

Hindi Digest Std 7 GSEB देश के नाम संदेश Important Questions and Answers

देश के नाम संदेश विशेष प्रश्नोत्तर

1. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए :

प्रश्न 1.
दुनिया का सर्वश्रेष्ठ हवाई अड्डा कौन-सा है?
A. लंदन का
B. न्यू यॉर्क का
C. कोलंबो का
D. सिंगापुर का
उत्तर :
D. सिंगापुर का

प्रश्न 2.
यहाँ आप 55 मील प्रतिघंटा से अधिक गाड़ी नहीं चला सकते।
A. दुबई
B. वोशिंगटन
C. पेरिस
D. मोस्को
उत्तर :
B. वोशिंगटन

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प्रश्न 3.
रमजान के दिनों में आप सार्वजनिक रूप से यहाँ कुछ नहीं खा सकते।
A. दुबई में
B. कराँची में
C. पेशावर में
D. तेहरान में
उत्तर :
A. दुबई में

प्रश्न 4.
कहाँ आप सड़क पर पान की पीक नहीं थूक सकते?
A. पेरिस
B. इस्तंबूल
C. टोकियो
D. रंगून
उत्तर :
C. टोकियो

प्रश्न 5.
हम जाली प्रमाणपत्र कहाँ नहीं खरीद सकते?
A. जेहाद में
B. काबुल में
C. बोस्टन में
D. बर्लिन में
उत्तर :
C. बोस्टन में

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2. कोष्ठक में से उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए: (कलाम, मेसपुरा, तिनायकर, नगरपालिका, कानून, निकम्मी)

(1) लोग कहते हैं कि हमारी सरकार ………………………………………… हैं।
(2) लोगों की शिकायत है कि हमारे ………………………………………… पुराने पड़ गए हैं।
(3) लोगों का कहना है कि ………………………………………… कचरा नहीं उठाती।
(4) ………………………………………… मुंबई महानगरपालिका के पूर्व आयुक्त थे।
(5) डॉ. ………………………………………… भारत के पूर्व राष्ट्रपति थे।
(6) किरण के गाँव का नाम ………………………………………… है।
उत्तर :
(1) लोग कहते हैं कि हमारी सरकार निकम्मी हैं।
(2) लोगों की शिकायत है कि हमारे कानून पुराने पड़ गए हैं।
(3) लोगों का कहना है कि नगरपालिका कचरा नहीं उठाती।
(4) तिनायकर मुंबई महानगरपालिका के पूर्व आयुक्त थे।
(5) डॉ. कलाम भारत के पूर्व राष्ट्रपति थे।
(6) किरण के गाँव का नाम मेसपुरा है।

3. सही वाक्यांश चुनकर पूरा वाक्य फिर से लिखिए :

प्रश्न 1.
सिंगापुर में आप …
(अ) सिगरेट नहीं पी सकते।
(ब) सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट नहीं पी सकते।
(क) सिगरेट का टुकड़ा सड़क पर नहीं फेंक सकते।
उत्तर :
सिंगापुर में आप सिगरेट का टुकड़ा सड़क पर नहीं फेंक सकते।

प्रश्न 2.
आस्ट्रेलिया और न्यू जीलैंड के समुद्र-तटों पर …
(अ) आप स्नान नहीं कर सकते।
(ब) जूते पहनकर घूम नहीं सकते।
(क) लोग खाली नारियल हवा में नहीं उछाल सकते।
उत्तर :
आस्ट्रेलिया और न्यू जीलैंड के समुद्र-तटों पर लोग खाली नारियल हवा में नहीं उछाल सकते।

प्रश्न 3.
डॉ. कलाम चाहते हैं कि …
(अ) हम विदेशों में जाकर सैर न करें।
(ब) हम अपने देश के श्रेष्ठ नागरिक बनें।
(क) हम कुत्ते पालना बंद कर दें।
उत्तर :
डॉ. कलाम चाहते हैं कि हम अपने देश के श्रेष्ठ नागरिक बनें।

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4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए :

प्रश्न 1.
पत्र लिखनेवाले का हर्ष से क्या संबंध है?
उत्तर :
पत्र लिखनेवाला हर्ष का मित्र है।

प्रश्न 2.
नगरवासियों को नगरपालिका से क्या शिकायत है?
उत्तर :
नगरवासियों को नगरपालिका से यह शिकायत है कि वह नियमित रूप से कचरा नहीं उठाती।

प्रश्न 3.
अपनी एयरलाइन के बारे में भारतीयों की क्या राय है?
उत्तर :
अपनी एयरलाइन के बारे में भारतीयों की राय है कि वह दुनिया की सबसे खराब एयरलाइन है।

प्रश्न 4.
डॉ. कलाम के मत से हमारी सोच कैसी है?
उत्तर :
डॉ. कलाम के मत से हमारी सोच सकारात्मक न होकर, नकारात्मक है।

प्रश्न 5.
हम विदेशों में अच्छा व्यवहार क्यों करते हैं?
उत्तर :
हम विदेशों में अच्छा व्यवहार करते हैं, क्योंकि वहाँ हम प्रशंसनीय नागरिक कहलाना चाहते हैं।

प्रश्न 6.
दहेज का विरोध करनेवाला क्या सोचकर दहेज लेता है?
उत्तर :
दहेज का विरोध करनेवाला यह सोचकर दहेज लेता है कि जब पूरी व्यवस्था ही खराब है तो उसके दहेज लेने से क्या फर्क पड़ जाएगा?

प्रश्न 7.
डॉ. कलाम ने अपने ई-मेईल द्वारा भारतवासियों से क्या अपील की हैं?
उत्तर :
डॉ. कलाम ने अपने ई-मेईल द्वारा भारतवासियों से श्रेष्ठ नागरिक ब नने की अपील की है।

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5. निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए : डॉ. कलाम के मत से हमारी सोच कैसी है?
उत्तर :
डॉ. कलाम के मत से हमारी सोच गैरजिम्मेदार लोगों जैसी है। हम खुद कुछ करना नहीं चाहते, सिर्फ अपने यहाँ की व्यवस्था को कोसना जानते हैं। हमें अपना नहीं, केवल सरकार का निकम्मापन दिखाई देता है। हमें अपने पुराने पड़ गए कानूनों से शिकायत है।

हमें अपनी नगरपालिका, अपना टेलीफोन विभाग, रेलवेतंत्र और विमानसेवा में लापरवाही-ही-लापरवाही नजर आती है। इस प्रकार हमारी सोच केवल दोष देखने की है, दोषों को दूर करने में सहयोग देने की नहीं है।

देश के नाम संदेश प्रवृत्तियाँ

(1) ई-मेईल से संदेश भेजने के बारे में जानकारी प्राप्त कीजिए।
(2) एक बूढ़ी स्त्री को पत्र देते हुए डाकिए का चित्र बनाइए।
(3) ऐसे पाँच सार्वजनिक स्थानों के नाम लिखिए जहाँ व्यवस्था होना बहुत जरूरी है।
उत्तर :

  • रेलवे स्टेशन
  • बैंक
  • बाजार
  • डाकघर
  • मंदिर

(4) अपनी कॉपी में पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम’ का चित्र चिपकाकर उनके बारे में पाँच वाक्य लिखिए।

देश के नाम संदेश Summary in Gujarati

દેશના નામે સંદેશ

માતૃછાયા, ઊંચી શેરી,
ગામ: મેસપુરા,
તાલુકો : ભાભર,
જિલ્લો: બનાસકાંઠા,
તારીખ : 24-12-2011
પ્રિય મિત્ર હર્ષ,
નમસ્તે.
હું અહીં કુશળ છું. આશા છે કે ત્યાં સૌ કુશળ હશે.

તારો પત્ર મળ્યો, વાંચીને આનંદ થયો. મેં ડૉ. અબ્દુલ કલામનો દેશવાસીઓને મોકલેલો એક ઈ-મેઇલ વાંચ્યો, તે જ તારા માટે મોકલી રહ્યો છું.

ડૉ. કલામ પોતાના સંદેશની શરૂઆતમાં જ પૂછે છે, શું તમારી પાસે પોતાના દેશ માટે દસ મિનિટનો સમય છે? જો હા, તો આ વાંચો, નહિ તો તમારી મરજી.

એ પછી તેઓ દેશના લોકોની વિચારધારા બતાવતા કહે છે –

તમે કહો છો – આપણી સરકાર નકામી છે. તમે કહો છો –

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આપણા કાયદા જૂના થઈ ગયા છે. તમે કહો છો –

નગરપાલિકા કચરો ઉપાડતી નથી.

તમે કહો છો – ફોન કામ કરતા નથી, રેલવે મજાક બની ગઈ છે, દુનિયામાં આપણી જ એયરલાઇન સૌથી ખરાબ છે, પત્ર તેમના સરનામે પહોંચતા નથી.

તમે કહો છો, કહેતા રહો છો અને કહેતા જ રહો છો. તમે આ બાબતમાં શું કર્યું?

પછી રાષ્ટ્રપતિએ કહ્યું માની લો કે એક માણસ સિંગાપુર જઈ રહ્યો છે. તેને તમારું નામ આપો, તેને તમારો ચહેરો પણ આપી દો.

તમે દુનિયાના સર્વશ્રેષ્ઠ વિમાનમથક પર ઊતરો છો, સિંગાપુરમાં તમે પોતાની સિગારેટનો ટુકડો સડકો પર ફેંક્તા નથી અને સ્ટોરમાં ખાતા પણ નથી.

તમને તેના ભૂમિગત સંપર્કો પ્રત્યે ઈર્ષ્યા થાય છે.

તમે સાંજે પાંચથી આઠ વાગ્યા વચ્ચે આચર્ડ રોડ પર કાર ચલાવવાનો ટૉલટેક્સ પ્રાયઃ સાઠ રૂપિયા ભરો છો.

જો પાર્કિંગમાં તમે નિર્ધારિત સમય કરતાં વધારે સમય ગાડી ઊભી રાખી હોય તો ટિકિટ પંચ કરાવો છો, પરંતુ તમે સિંગાપુરમાં કશું કહેતા નથી, કહો છો?

દુબઈમાં તમે રમજાનના દિવસોમાં સાર્વજનિકરૂપે કશું પણ ખાવાનું સાહસ કરતા નથી. જેહાદમાં માથું ઢાંક્યા વગર બહાર નીકળતા નથી.

વૉશિંગ્ટનમાં તમે કલાકે પંચાવન માઇલની ઝડપ કરતાં વધારે ઝડપથી ગાડી ચલાવવાની મૂર્ખતા કરતા નથી અને પાછા ફરીને પોલીસને એમ પણ કહેતા નથી કે જાણે છે હું કોણ છું? હું અમુક છું અને અમુક મારો બાપ છે.

ઑસ્ટ્રેલિયા અને ન્યૂ ઝીલૅન્ડના સમુદ્ર તટ પર તમે ખાલી નાળિયેર હવામાં ઊછાળતા નથી.

ટૉકિયોમાં તમે સડક પર પાનની પિચકારી કેમ મારતા નથી? બૉસ્ટનમાં તમે નકલી યોગ્યતા પ્રમાણપત્ર કેમ ખરીદતા નથી?

(ડૉ. કલામ વચ્ચે યાદ આપે છે) હું તમારા વિશે જ વાત કરી રહ્યો છું, ફકત તમારા વિશે જ.

ડૉ. કલામ કહે છે તમે બીજા દેશોની વ્યવસ્થાનાં આદર અને પાલન કરી શકો છો, પરંતુ પોતાની વ્યવસ્થાનો નહિ. – ભારતની ધરતી પર પગ મૂકતાં જ તમે સિગારેટનો ટુકડો ગમે ત્યાં ફેંકો છો. કાગળના ટુકડા ઊછાળો છો. જો તમે પારકા દેશમાં પ્રશંસનીય નાગરિક થઈ શકો છો, તો અહીં ભારતમાં આપ એવા કેમ થઈ શકતા નથી?

ડૉ. કલામે મુંબઈની મહાનગરપાલિકાના પૂર્વ કમિશનર તિનાયકરને ટાંકીને કહ્યું : ધનવાન લોકો પોતાના કૂતરાઓને સડકો પર ફેરવવા નીકળે છે અને જ્યાં ત્યાં ગંદકી વેરીને ચાલ્યા જાય છે અને પછી તે જ લોકો સડકો પર ગંદકી માટે પ્રશાસનને દોષ દે છે.

શું તેઓ આશા રાખે છે કે તેઓ જ્યારે પણ બહાર નીકળે તો એક અધિકારી ઝાડુ લઈને એમની પાછળ પાછળ ચાલશે અને તેમના કૂતરાને હાજત લાગશે ત્યારે તે એક કટોરો એની પાછળ બાંધશે.

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રાષ્ટ્રપતિએ ઉદાહરણ આપ્યું કે અમેરિકા અને જાપાનમાં કૂતરાના માલિકને તેણે કરેલી ગંદકી સાફ કરવી પડે છે. પછી શાસન વ્યવસ્થા વિશે ડૉ. કલામે કહ્યું કે આપણે સરકાર ચૂંટવા માટે વૉટ આપવા જઈએ છીએ અને આપણી સર્વ જવાબદારીઓ પણ ત્યાં મૂકતા આવીએ છીએ.

આપણે આરામથી બેસીને વિચારીએ છીએ કે આપણા નાજનખરા સહન કરવામાં આવશે. આપણે વિચારીએ છીએ કે આપણું બધું કામ સરકાર કરશે અને આપણે જમીન પર પડેલો રદી કાગળ પણ કચરાપેટીમાં નાખવાની તકલીફ પણ નહિ લઈએ.

રેલવે આપણા માટે સ્વચ્છ-સાફ બાથરૂમ આપશે અને આપણે તેને યોગ્ય રીતે વાપરતાં પણ નહિ શીખીએ. ડૉ. કલામે કહ્યું કે સમાજની સળગતી સમસ્યાઓ વિશે પણ આપણે આવું જ વલણ હોય છે. આપણે દિવાનખાનામાં બેસીને દહેજની વિરુદ્ધ ગળું ફાડીએ છીએ અને પોતાના ઘરમાં એનાથી ઊલટું આચરણ કરીએ છીએ!

અને બહાનું જુઓ – પૂરેપૂરી વ્યવસ્થા જ ખરાબ છે. જો હું મારા દીકરાના લગ્નમાં દહેજ ન લઉં તો તેનાથી શો મોટો ફરક પડી જશે?

રાષ્ટ્રપતિએ આ સંદેશમાં પૂછ્યું – આ વ્યવસ્થાને બદલશે કોણ? આ વ્યવસ્થા છે કોની? આપ સહેલાઈથી કહી દેશો – આ વ્યવસ્થામાં મળેલા છે આપણા પડોશી, આસપાસનાં ઘર, બીજાં શહેર, અન્ય સમુદાય અને સરકાર. પણ હું અને તમે બિલકુલ નહિ.

જ્યારે કંઈક સારું કરવાનો આપણો વારો આવે છે, ત્યારે આપણે આપણા પરિવારને સુરક્ષિત કવચમાં ઘેરી લઈએ છીએ. બીજા દેશો તરફ જોઈએ છીએ અને પ્રતીક્ષા કરીએ છીએ કે કોઈ મિસ્ટર ક્લીન આવશે, પોતાના જાદુઈ હાથથી ચમત્કાર કરશે અને આવું ન થાય તો તમે દેશ છોડીને જ ચાલી નીકળશો. તેમણે કહ્યું – આપણે આપણા ભયથી ભાગીને અમેરિકા જઈશું. એમના ગૌરવનાં ગુણગાન કરીશું.

વ્યવસ્થાની પ્રશંસા કરીશું અને જ્યારે ન્યૂ યૉર્ક અસુરક્ષિત થઈ જશે ત્યારે તમે ઇંગ્લેન્ડ રવાના થઈ જશો. ઇંગ્લેન્ડમાં બેકારી વ્યાપશે તો અખાતના દેશોમાં ચાલ્યા જઈશું અને અખાતના દેશોમાં યુદ્ધ ફાટી નીકળશે તો આપણે માગણી કરીશું કે ભારત સરકાર અમને બચાવીને ઘેર લઈ જાય.

દરેક વ્યક્તિ દેશને ગાળ દેવા માટે તૈયાર છે, પરંતુ વ્યવસ્થામાં સકારાત્મક યોગદાન આપવા માટે વિચારતું નથી. શું આપણે આપણા આત્માને પૈસા ખાતર ગીરવી મૂકી દીધો છે? ડૉ. કલામ વ્યવસ્થામાં નાગરિકોના સકારાત્મક યોગદાન માટે દેશવાસીઓને ઢંઢોળે છે.

શ્રેષ્ઠ નાગરિક બનવાની શરૂઆત કરવાની અપીલ કરતાં સંદેશમાં કહેવામાં આવ્યું છે કે તમે ખરેખર આ સંદેશ સાથે સહમત હો તો આ સંદેશને પોતાના દસ સાથીઓને ઈ-મેઇલથી મોકલો.

પરિવારના સૌ વડીલોને મારા પ્રણામ.
તારો મિત્ર,
કિરણ

GSEB Solutions Class 7 Hindi Chapter 4 देश के नाम संदेश

देश के नाम संदेश विषय-प्रवेश

हमारे देश के लोग हर खराबी के लिए सरकार को दोष देते हैं। वे यह नहीं सोचते कि एक सार्वभौम स्वाधीन देश के नागरिक होने के कारण उनके भी कुछ कर्तव्य हैं। इस पाठ में भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ने देश के लोगों को देश के प्रति उनके कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने का आग्रह किया है।

देश के नाम संदेश शब्दार्थ

  • प्रेषित करना – भेजना
  • मरजी- इच्छा
  • निकम्मी – जो किसी काम की न हो, बेकार
  • मंजिल – लक्ष्य
  • शक्ल – चेहरा
  • सर्वश्रेष्ठ – सबसे अच्छा
  • भूमिगत – अज्ञात
  • संपर्क – मेल-जोल
  • रश्क – ईर्ष्या महसूस
  • होना – अनुभव होना भुगतान
  • करना – देना
  • र्धारित – निश्चित टिकट पंच
  • करना – टिकट को पंच कराना और उसके अनुसार अधिक पैसे देना
  • जेहाद – यह मुसलमानों का एक मजहबी कर्तव्य है।
  • हिमाकत – मूर्खता
  • टोकियो- जापान की राजधानी और सबसे बड़ा
  • नगर पीक-पान का थूक बोस्टन – संयुक्त राज्य अमेरिका के मैसाचूसिट्स राज्य की राजधानी
  • जाली – नकली, बनावटी
  • व्यवस्था – प्रबंध, इंतजाम
  • पुर्जा – टुकड़ा
  • पराया – दूसरा, अन्य
  • प्रशंसनीय – तारीफ करने लायक
  • आयुक्त – कमिश्नर
  • उम्मीद – आशा
  • हाजत – मल-विसर्जन
  • मिसाल – उदाहरण
  • फर्श – जमीन
  • कूड़ादान – कचरे का डिब्बा
  • जेहमत- तकलीफ
  • इस्तेमाल – उपयोग
  • ज्वलंत – मुख्य GSEB Solutions Class 7 Hindi Chapter 4 देश के नाम संदेश
  • रवैया – परिपाटी
  • दहेज – विवाह के अवसर पर
  • कन्या-पक्ष की ओर से
  • वर-पक्ष को दिया जानेवाला धन और सामान
  • खिलाफ – विरुद्ध
  • फर्क- अंतर
  • अन्य – दूसरा
  • समुदाय – समूह
  • कतई – बिल्कुल
  • कवच – रक्षा करने का साधन
  • निहारना – देखना इंतजार
  • करना – राह देखना
  • असरक्षित – जहाँ सरक्षा न हो
  • बेरोजगारी – बेकारी, लोगों के पास
  • नौकरी-धंधा न होना
  • सकारात्मक – स्वीकृति का सूचक (Positive)
  • योगदान – सहयोग
  • झकझोरना – पकड़कर जोर से हिलाना
  • वाकई – सचमुच, वास्तव में

देश के नाम संदेश मुहावरे-अर्थ और वाक्य-प्रयोग

  • रश्क महसूस होना – ईर्ष्या करना, मन में जलन होना वाक्य : पड़ोसी को हमारी नई गाड़ी देखकर रश्क महसूस होता है।
  • कदम रखना – पहुँचना। वाक्य : चाँद पर कदम रखना अब कोई बड़ी बात नहीं है। GSEB Solutions Class 7 Hindi Chapter 4 देश के नाम संदेश
  • दोष मढ़ना-आरोप लगाना, इल्जाम लगाना वाक्य : गलती आप करें और दोष मुझ पर मढ़ें, यह कहाँ का न्याय है?
  • नाज-नखरे उठाना – खुशामद करना वाक्य : मतदाता सोचता है कि अब उसके नाज-नखरे नई सरकार उठाएगी।
  • गला फाड़ना – जोर-जोर से बोलना वाक्य : एक नेताजी मँहगाई के खिलाफ गला फाड़ रहे थे।

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