Gujarat Board GSEB Std 12 Hindi Textbook Solutions Chapter 6 घर Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.
GSEB Std 12 Hindi Textbook Solutions Chapter 6 घर
GSEB Std 12 Hindi Digest घर Textbook Questions and Answers
स्वाध्याय
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दिए गए विकल्पों में से चुनकर लिखिए :
प्रश्न 1.
लेखक ने अपना कैसा घर बेचने का विचार किया?
(क) नया
(ख) पुश्तैनी
(ग) शहर का
(घ) बड़ा
उत्तर :
(ख) पुश्तैनी
प्रश्न 2.
बंद रहने के कारण पुराना घर कैसा होता जा रहा था?
(क) खंडर
(ख) पशु-पक्षी का निवास स्थान
(ग) जर्जरित
(घ) कोठी
उत्तर :
(ग) जर्जरित
प्रश्न 3.
लेखक के पिताजी घर बनाने के लिए कहाँ से चिकनी मिट्टी लाते थे?
(क) आँबा तालाब
(ख) सरोवर
(ग) नदी
(घ) हंस तालाब
उत्तर :
(क) आँबा तालाब
प्रश्न 4.
लेखक की माँ क्यों रोने लगी?
(क) घर बेचने के कारण
(ख) पिता का अवसान
(ग) खेत में नुकसान
(घ) अकेली रहने से
उत्तर :
(क) घर बेचने के कारण
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए :
प्रश्न 1.
गाँव का पुश्तैनी घर बंद क्यों रहता था?
उत्तर :
घर के सभी लोग गाँव से शहर में स्थायी हो गए थे। इसलिए गाँव का पुश्तैनी घर बंद रहता था।
प्रश्न 2.
लेखक ने किसी की अनुमति लेकर घर बेचने का विचार पक्का किया?
उत्तर :
लेखक ने अपनी बूढी माँ की अनुमति लेकर घर बेचने का विचार पक्का किया था।
प्रश्न 3.
लेखक के पिता ने यह घर कैसे बनाया था?
उत्तर :
लेखक के पिता ने मिट्टी के कमरे के स्थान पर बैलगाड़ी से ईंट लाकर और चिनाई के लिए गारा बनाने के लिए गाँव के तालाब से चिकनी मिट्टी लाकर ईंट का पक्का मकान बनाया था।
प्रश्न 4.
लेखक के सब भाइयों ने एक बार सपरिवार उस घर में साथ रहने को क्यों सोचा?
उत्तर :
गाँव के पुश्तैनी घर से लेखक और उसके भाइयों का भावनात्मक लगाव था। इसलिए जब घर बेचने का निर्णय लिया गया, तो सब लोगों ने घर बिकने के पहले एक बार परिवार के साथ उसमें एकसाथ रह लेने का निश्चय किया।
प्रश्न 5.
लेखक के छोटे भाई ने मकान खरीदने वाले को क्या कहा?
उत्तर :
लेखक के लोटे भाई ने समय लिया कि मां इस समय घर निकालने के पक्ष में नहीं है। इसलिए उसने घर खरीदनेवाले से कहा कि भाई, अभी कुछ दिन रुक जाओ। यह घर हम देंगे, तो तुमको ही देंगे।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में लिखिए :
प्रश्न 1.
तेखक ने पुराना पर बेच दो चा विचार बों किया?
उत्तर :
लेखक और उसके भाई के परिवार के सभी लोग शहर में स्थायी रूप से रहने लगे थे। मुहल्ले के पुराने पड़ोसी भी शहर में रहने लगे थे और उनमें से अधिकतर लोगों ने अपने-अपने घर बेच दिए थे। अब गांव में उनका कोई रहा नहीं था। इसलिए उस घर को रखने का अब कोई आकर्षण नहीं था। इसलिए लेखक ने पुराना घर बेच देने का विचार किया।
प्रश्न 2.
लेखक का पुराना घर कैसे बनाया गया था?
उत्तर :
लेखक का पुराना घर उनके पिता ने मिट्टी के कमरे के स्थान पर ईट-गारे से पक्का मकान बनाया था। मकान बनाने के लिए वे बैलगाड़ी से ईंटें लाए थे और गारे के लिए तालाब से चिकनी मिट्टी खुद खोद कर लाए थे। लेखक की मां ने शहतीर तक गारे के तसले चढ़ाए थे। इस तरह लेखक के माता-पिता ने गाँव के घर को स्वयं मेहनत करके अपने हाथों से बनाया था।
प्रश्न 3.
लेखक को क्यों लगा कि माँ का हृदय अभी जीवन्त है?
उत्तर :
लेखक की बूढी माँ को कम दिखाई देता था। लेखक को ऐसा नहीं लगता था कि वे अधिक दिन निकाल पाएंगी। लेखक के पिता के अवसान के समय भी वे रोई नहीं थी, पर आज घर बेचने की बात को लेकर वे रो रही थीं। इन सब बातों से लेखक को लगा कि उनकी मां को अभी अधिक दिन जीने की चाह है, अभी उनका हृदय जीवंत है तथा उन्हें जीवन और जगत में रुचि है।
प्रश्न 4.
घर न बेचने के निर्णय के बाद लेखक को कैसा अहसास हुआ?
उत्तर :
घर बेचने के निर्णय को लेकर लेखक की माँ के भावुक हो जाने के बाद घर अभी न बेचने का निर्णय किया गया। इस निर्णय से लेखक के परिवारवालों की छाती पर से जैसे पत्थर-सा हट गया। उसे ऐसा लगा मानो बरसात के बाद खुले आकाश जैसा मां का मुंह देखकर जर्जरित घर हंस रहा हो। सभी को अदृष्ट गृहदेवता की प्रसन्नता का स्पर्श हुआ।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पाँच-छ: वाक्यों में उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
लेखक के पुराने घर के साथ परिवार का क्या संबंध था?
उत्तर :
गांव के पुराने घर को लेखक के पिता ने पक्की ईंटों से बनवाया था। वे चिनाई के लिए गारा बनाने के लिए गांव के ‘आंबा तालाब’ से चिकनी मिट्टी लाए थे। घर बनाने में घर के प्रत्येक सदस्य ने सहयोग दिया था। उसी घर में लेखक के सभी भाई – बांधवों का जन्म हुआ था। वहीं उनके दांपत्य जीवन की शुरुआत हुई थी। लेखक की सभी संतानों का जन्म भी उसी घर में हुआ था। उसी घर में लेखक के भाइयों और बहनों के मंडप सजे थे। इस प्रकार पुराने घर के साथ परिवार का गहरा संबंध था।
प्रश्न 2.
घर बेचने से माँ को क्यों दुःख हो रहा था?
उत्तर :
गाँव के पुराने घर से मां का गहरा जुडाव था। उसके निर्माण में भी उन्होंने योग दिया था। उन्होंने उस घर की शहतीर तक ईंटें चढाई थीं। उन्होंने शहतीर तक गारे के तसले चढाए थे। उनकी संतानों का जन्म भी उसी पुराने घर में हुआ था। मां का अधिकांश जीवन उसी घर में बीता था। वह उनके जीवन में हुए अनेक अच्छे-बुरे प्रसंगों का साक्षी था। उसे बेचना उनके लिए अपने आत्मीय जन से बिछुड़ने के समान था। वे अपने जीते जी उसे बिकते नहीं देख सकती थीं। इसलिए घर बेचने से माँ को दुःख हो रहा था।
5. आशय स्पष्ट कीजिए
प्रश्न 1.
घर पैसे लेकर बेचा जा सकता है, परंतु घर? घर तो एक भावना है ।
उत्तर :
मकान मकान है और घर घर है। चार दीवारों और छप्परवाला घर बनवाया अथवा पैसों से खरीदा या बेचा जा सकता है। उससे किसी का कोई भावनात्मक लगाव नहीं होता। लेकिन पुश्तैनी घर घर होता है। उसमें रहनेवालों की भावनाएँ उससे जुडी होती हैं। उसके चप्पे-चप्पे में अच्छी या बुरौ घटनाएं हुई होती हैं। वे घर में रहनेवाले लोगों को बाँधे रहती हैं। उस घर को बेचने या किसी को देने का प्रश्न खड़ा होता है, तो ये यादें मनुष्य को कचोटने लगती है। मनुष्य चाहता है कि उसका पुश्तैनी घर उसके पास रहे, वह कैसी भी हालत में रहे, पर बना रहे।
प्रश्न 2.
घर की प्रत्येक दीवार मुझे उलाहना देने लगी ।।
उत्तर :
लेखक गांव में अपना पुश्तैनी घर बेचने से पहले अपने सभी भाइयों और परिवार के सभी लोगों के साथ उस घर में कुछ दिन रह लेने के लिए आए हैं। उन्हें घर में विभिन स्थानों पर पहले बिताए क्षण एवं विभिन्न घटनाएं याद आती हैं। घर की दीवारें इन घटनाओं की साक्षी रही हैं। लेखक को दीवारें इतने दिनों बाद घर में लौटने का उलाहना देती-सी लगती हैं। एक दीवार तो उन्हें यह कहती सी लगती है कि एक तो इतने दिनों बाद आए और अब बस हमेशा के लिए विदा …। और लेखक व्यग्र हो जाते हैं।
6. निम्नलिखित विधानों की पूर्ति के लिए दिए गए विकल्पों में से उचित विकल्प चुनकर वाक्य पूर्ण कीजिए:
प्रश्न 1.
घर को रखने का कोई आकर्षण नहीं था क्योंकि
(क) घर बेचने से बड़ी रकम मिल रही थी।
(ख) घर बंद रहने के कारण जर्जरित होता जा रहा था।
(ग) घर की देख भाल करने वाला कोई नहीं था।
(घ) पुराना घर खंडहर बन चुका था।
उत्तर :
घर को रखने का कोई आकर्षण नहीं था, क्योंकि घर बंद रहने के कारण जरित होता जा रहा था।
प्रश्न 2.
लेखक के छोटे भाई ने खरीदने वाले से कहा
(क) अब हमें घर बेचना नहीं है।
(ख) यह हमारा पुराना घर है।
(ग) यह घर देंगे तब, तुम को ही देंगे।
(घ) हम सस्ते में घर नहीं बेच सकते।
उत्तर :
लेखक के छोटे भाई ने खरीदनेवाले से कहा यह घर देंगे तब, तुमको ही देंगे।
प्रश्न 3.
माँ ने रोते हुए कहा कि
(क) यह घर अब जर्जरित हो गया है।
(ख) यह घर बेच देना चाहिए।
(ग) मुझे अब घर की जरूरत नहीं।
(घ) यह घर, मैं जी रही हूँ तब तक मत निकालो।
उत्तर :
माँ ने रोते हुए कहा कि यह घर में जी रही हूँ तब तक मत निकालो।
GSEB Solutions Class 12 Hindi घर Important Questions and Answers
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सविस्तार (पाँच-छ: वाक्यों में) लिखिए :
प्रश्न 1.
गांव का पुश्तैनी घर बेचने से पहले लेखक के मन में क्या-क्या विचार आए?
उत्तर :
लेखक ने गाँव का पुश्तैनी घर बेचने का निश्चय कर लिया था, परंतु बाद में उसका मन उद्विग्न हो गया। उसे लगा कि आखिर वह पुश्तैनी घर क्यों बेचा जाए। कितनी मेहनत से उसके पिता और मां ने उस घर को बनाया था। उसी घर के आंगन में वे खेले थे। वहीं रहकर उन्होंने शिक्षा पाई थी। उसी घर में उसकी बहनों और भाइयों के विवाह-मंडप सजे थे। पड़ोसियों से झगड़े हुए थे। वही उनके पशु बाँधे जाते थे। उनके दादा, दादी और पिता की मृत्यु भी उसी घर में हुई थी। इस प्रकार गांव का पुश्तैनी घर बेचने से पहले लेखक के मन में तरह-तरह के भावनापूर्ण विचार आए।
प्रश्न 2.
लेखक ने गांव का घर बेचने का क्यों निश्चय किया?
उत्तर :
लेखक, उनके सभी भाई, सभी के परिवार और उनकी मां शहर में रहने लगे थे। गांव में लेखक का पुश्तैनी घर था जिसे उनके दिवंगत पिता तथा माँ ने बड़े परिश्रम से बनाया था। वह बहुत समय से बंद पड़ा था और जर्जर होता जा रहा था। गांव के अधिकांश लोगों ने शहर में स्थायी हो जाने पर अपने-अपने घर बेच दिए थे। अब उनमें नए लोग आ गए थे, जिनसे लेखक का कोई संबंध नहीं था। उस घर का खरीदार भी अच्छा मिल रहा था। इसलिए लेखक ने अपनी बूढी माँ की अनुमति से गाँव के घर को बेच देन का निश्चय किया।
प्रश्न 3.
घर बेचने से पहले परिवार ने क्या किया?
उत्तर :
गांव का पुराना घर बेचने से पहले परिवार ने एक बार फिर वहाँ साथ रहने का निर्णय किया। एक लंबे समय के बाद घर खुला। देखते ही देखते छोटे-बड़े परिवारजनों से वह सूना घर फिर गूंजने लगा। पुराने दिन वापस लौट। आए पति की मृत्य के बाद लेखक की माँ लगभग उदास रहती थीं। घर के सामाजिक प्रसंगों में रुचि नहीं लेती थीं। पुराने घर में आकर वे प्रसन्न रहने लगीं। वहाँ के वातावरण में उन्हें आत्मीयता की अनुभूति होती थी। इस प्रकार घर बेचने से पहले परिवार ने एक बार फिर उसमें रहने के आनंद का अनुभव किया।
प्रश्न 4.
गाँव के पुराने घर में बैठे लेखक कैसी व्यग्रता अनुभव करते हैं?
उत्तर :
गांव के पुराने घर में बैठे लेखक का मन अनेक पुरानी स्मृतियों से घिर जाता है। उस घर के दालान में ही उसने वर्णमाला सीखी थी और उच्च शिक्षा के ग्रंथ पढ़े थे। लेखक आंगन में खाट बिछाकर लेट जाते हैं। आज भी वहाँ नोंद थी और खटे थे। लेखक को लगता है जैसे पहले वहाँ बाँधे जानेवाले पशु रंभा रहे हो। लेखक का ध्यान उस खपरैल पर पड़ जाता है जहाँ चौमासों में वे इसका संगीत सनते थे। उन्हें वह तोरण याद आता है, जिसके नीचे उनकी बहनों के विवाह-मंडप सजे थे। उन्हें लगता है जैसे घर की दीवारें उनसे कह रही हों कि इतने दिन बाद तो आए हो और अब दूसरों को बेचकर चले जाना चाहते हो। इस प्रकार गांव के पुराने घर में बैठे हुए लेखक गहरी व्यग्रता अनुभव करते हैं।
व्याकरण
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची (समानार्थी) शब्द लिखिए :
- स्थायी = कायमी, टिकाऊ
- बेढंगा = अजीच, विचित्र
- नाता = रिश्ता
- आगंतुक = अजनबी
- जर्जरित = जीर्ण
- अनुमति = आज्ञा
- भरोसेमंद = विश्वासपात्र
- व्यग्र = बेचैन
- भावुक = भावनाशील
- बिरादरी = भाईचारा
- साक्षी = गवाह
- सूना = निर्जन
- दालान = बरामदा
- निर्णय = फैसला
- रुचि = दिलचस्पी
- उलाहना = शिकायत, उपालंभ
- खाट = चारपाई
- राग = प्रेम, मोह
- कसक = टीस
- नजाकत = सुकुमारता
- इकरारनामा = करारपत्र
निम्नलिखित शब्दों के विलोम (विरुद्धार्थी) शब्द लिखिए :
- स्थायी × अस्थायी
- ढंग × बेढंग
- आकर्षण × विकर्षण
- पक्का × कच्चा
- जन्म × मरण
- निकट × दूर
- कुंवारा × विवाहित
- स्थापित × विस्थापित
- मित्र × शत्रु
- उदास × प्रफुल्लित
- उच्च × निम्न
- आंसू × मुस्कान
- विशेष × सामान्य
- जीवंत × मृत
- रुचि × अरुचि
- राग × द्वेष
- सुविधा × असुविधा
- समय × असमय
- नजाकत × सख्ती
- अदृष्ट × दृष्ट
निम्नलिखित तद्भव शब्दों के तत्सम रूप लिखिए :
- गोव – ग्राम
- पुराना – प्राचीन
- सूना – शून्य
- आँसू – अश्रु
- व्याकुल – व्य
निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय अलग कीजिए :
- जर्जरित = जर्जर + इत (प्रत्यय)
- दाम्पत्य = दंपती + य (प्रत्यय)
- भावुकता = भावुक + ता (प्रत्यय)
- प्रसन्नता = प्रसन्न + ता (प्रत्यय)
निम्नलिखित शब्दों में से उपसर्ग अलग कीजिए :
- निर्णय = निस (उपसर्ग) + नय
- सपरिवार = स (उपसर्ग) + परिवार
निम्नलिखित वाक्यों में से विशेषण पहचानिए :
प्रश्न 1.
- पुराना घर जर्जरित होता जा रहा था।
- माँ अकेली बैठी है।
उत्तर :
- पुराना – गुणवाचक विशेषण
- अकेली – गुणवाचक विशेषण
निम्नलिखित शब्दसमूहों के लिए एक-एक शब्द लिखिए :
- अधिक समय तक टिकने वाली – स्थायी
- जो कई पीढ़ियों से चला आता हो – पुश्तैनी
- जो ढंग का न हो – बेढंगा
- वर्षा के चार महीने – चौमासा
- किसी का कोई काम करने के लिए दूसरे से कहना – सिफारिश
- जिस पर भरोसा हो – भरोसेमंद
- वेतन पर निर्वाह करनेवाला – वेतनभोगी
- दूसरा गाँव – परगांव
- पेट का आगे की ओर बढ़ा हुआ भाग – तोंद
- गाय आदि की बोली – भाना
- दरवाजे पर बौधी गई हरे पत्तों और फूलों की माला – तोरण
- परिवार के साथ – सपरिवार
- जिसमें जीवन हो – जीवंत
- जो दिखाई न देता हो – अदृष्ट
निम्नलिखित अशुद्ध वाक्यों को शुद्ध करके फिर से लिखिए :
प्रश्न 1.
- यह हमारे पुराने पड़ोसी है।
- हम माँ की अनुमति ली।
- आंगन में हमने खेलता थे।
- यहीं काशी बुआ रहता था।
- वह सूना घर फेर गूंजने लगा।
- माँ एकली बैठी हैं।
- में खाट पर बैठा गया।
- पुराना दिन वापस लौट आए था।
उत्तर :
- ये हमारे पुराने पड़ोसी हैं।
- हमने माँ की अनुमति ली।
- आंगन में हम खेलते थे।
- यहीं काशी बुआ रहती थीं।
- वह सूना घर फिर गूंजने लगा।
- माँ अकेली बैठी हैं।
- मैं खाट पर बैठ गया।
- पुराने दिन वापस लौट आए थे।
निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए :
नाता बंधना – संबंध जुड़ना
वाक्य : हम सालों से एक ही मंजिल पर रहते हैं, पर हमारे पड़ोसी
से आज तक हमारा नाता नहीं बंध पाया।
रोजी-रोटी कमाना – जीविका की व्यवस्था करना
वाक्य : पढ़े-लिखे लोगों को भी रोजी-रोटी कमाने के लिए दर-दर भटकना पड़ता है।
कुछ दिनों का मेहमान होना – मृत्यु के करीब होना
वाक्य : मनीष की वृद्धा माँ अब कुछ दिनों की मेहमान हैं।
जीवन जगत में रुचि होना – जीने की इच्छा होना
वाक्य : असाध्य बीमारी से ग्रसित होने के बावजूद मरीज की जीवन जगत में रुचि बनी हुई है।
छाती पर से पत्थर हटना – भार उतर जाना
वाक्य : बैंक से लिए गए पैसों की आखिरी किस्त अदा कर देने पर फ्लैटमालिक के छाती पर से पत्थर हट गया।
घर Summary in Hindi
विषय-प्रवेश :
घर घर होता है। वह कैसा भी हो और किसी भी हालत में क्यों न हो, उसमें रहनेवालों का उससे भावनात्मक लगाव होता है। यदि उसे अपने हाथों से रच-रचकर बनाया गया हो, तो फिर कहना ही क्या है। उसमें रहनेवालों का मोह उससे कभी जाता नहीं। प्रस्तुत निबंध में लेखक शहर में स्थायी हो जाने के बाद गांव के अपने पुराने और जर्जर घर को बेचने का निश्चय करते हैं, पर अंत में अपनी बूढ़ी माँ के आग्रह के कारण उन्हें अपना निर्णय बदल देना पड़ता है।
पाठ का सार :
लेखक और उनका पुश्तैनी घर : लेखक, उनके सभी भाई, सभी के परिवार तथा उनकी मां शहर में स्थायी हो गए हैं। गांव में लेखक का पुश्तैनी घर है, जिसे उनके दिवंगत पिता तथा उनकी मां ने खुद परिश्रम से बनाया था। वह घर अरसे से बंद रहता है और जर्जर होता जा रहा है।
घर बेचने का निश्चय : गाँव के अधिकांश लोगों ने शहर में स्थायी हो जाने के कारण अपने-अपने घर बेच दिए हैं। अब उनमें नए लोग आ गए हैं, जिनसे लेखक का कोई संबंध नहीं बना है। इसलिए लेखक भी अपनी बूढी माँ की अनुमति से गाँव का घर बेच देने का निश्चय करते हैं।
ऊहापोह की स्थिति : घर बेचने का निश्चय करने के बाद लेखक का मन उद्विग्न होता है। मन में विचार आता है कि पुश्तैनी मकान क्यों बेचा जाए। कितनी मेहनत से उनके पिताजी और माताजी ने उस घर को बनाया था।
पुरानी यादें : लेखक को घर से जुड़ी पुरानी बातें याद आती हैं – आगन में खेलना, दूर गांव पढ़ने जाना, बहनों-भाइयों के विवाहमंडप, पड़ोसियों से झगड़े, पशुओं के बाँधने की जगहें, दादा-दादी की मृत्यु, पिता की मृत्यु आदि-आदि।
घर घर है : लेखक सोचते हैं, यह घर केवल चार दीवारों से घिरा कोई मकान नहीं, जिसे बेच दिया जाए। इस घर से लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। फिर वे सोचते हैं यह भावुकता है, जब गाँव जाना ही नहीं है, तो उस घर को रखने से क्या फायदा। अंत में घर निकाल देने का ही निर्णय लिया जाता है।
बेचने के पहले : घर बेचने के पहले लेखक और उनके सभी भाई एक बार सपरिवार अपने उस गाँव के घर में कुछ दिन एकसाथ रहने का निश्चय करते हैं। फिर लंबे अरसे बाद वह घर खुलता है और परिवारजनों से सूना घर गुलजार होता है।
माँ की प्रसन्नता : पुराने घर में आने पर सबसे ज्यादा प्रसन्न लेखक की मां थीं। लेखक के पिता की मृत्यु के बाद वे लगभग उदास ही रहती थीं। वे वहाँ आकर सबके बीच प्रसन्न थीं।
लेखक की व्यग्रता : लेखक को इस घर में बिताई पुरानी बातें याद आती हैं और वे उन्हें व्यग्र करती हैं। उन्हें लगता है जैसे घर की दीवारें उनसे कह रही हो कि एक तो इतने दिन बाद आए और अब हमेशा क लिए इसे दूसरों को देकर चले जाना चाहते हो।
माँ का रोना : लेखक घर में विभिन्न स्थानों पर जाते-जाते दालान में जाते हैं। वे वहाँ अपनी माँ को रोते हुए देखते हैं। वे माँ से रोने का कारण पूछते हैं, तो वे केवल इतना कहती हैं, ‘जब तक मैं जी रही हूँ, तब तक यह घर मत निकालो।’
मकान खरीदनेवाले का आना : लेखक के छोटे भाई के साथ वह आदमी आता है, जो मकान खरीदनेवाला था। मां छोटे भाई से भी तब तक यह मकान न बेचने के लिए कहती हैं, जब तक वे जिंदा हैं। छोटे भाई का जवाब : छोटा भाई मां की भावनाएं समझ जाता है और वह मकान खरीदनेवाले आदमी से कहता है- ‘भाई, कुछ समय रुक जाओ। हम यह घर देंगे, तो तुमको ही देंगे।’
सबकी छाती से पत्थर उतरा : इस निर्णय से घर के सभी लोगों की छाती पर से जैसे एक पत्थर-सा हट गया। अब सभी प्रसन्न थे।
घर शब्दार्थ :
- स्थायी – कायमी, टिकाऊ।
- पुश्तैनी – पीढ़ियों से चला आया हुआ।
- सामाजिक – समाज का।
- बेढंगा – अटपटा।
- आगंतुक – अचानक आनेवाला, अजनबी।
- आकर्षण – खिचाव, लगाव।
- जर्जरित – जो जीर्ण हो गया हो।
- चौमासा – बरसात का मौसम।
- दालान – बैठका।
- अनुमति – इजाजत।
- व्यवहार कुशल – लेन-देन में कुशल।
- सिफारिश – किसी का कोई काम करने के लिए दूसरे से कहना।
- भरोसेमंद – जिस पर विश्वास किया जा सके।
- टीस – कसक, रह-रहकर उठनेवाली पीड़ा।
- व्यग्र – व्याकुल, परेशान।
- पीढ़ी – वंश-परंपरा की कड़ी।
- शहतीर – पाटन के नीचे दी जानेवाली बड़ी कड़ी, धरन।
- तसले – बड़े कटोरे की शक्ल का लोहे का बड़ा बरतन।
- अलाव – तापने के लिए जलाई हुई आग, कौड़ा।
- जीर्ण – पुराना।
- भावुकता – भावुक होने का भाव।
- गूंजना – आवाज का टकराकर लौटना।
- उलाहना – किसी व्यवहार, बर्ताव की शिकायत।
- ककहरा – क से ह तक के अक्षर – वर्णमाला।
- नाद – पशुओं को चारा खिलाने का पात्र।
- ढोर-डंगर – पशु।
- रंभाना – गाय, बैल का बोलना।
- कोठियाँ – अनाज रखने का मिट्टी का बड़ा बरतन, डेहरी।
- रई – खैलर, मधनी।
- अवसान – मृत्यु, निधन।
- जीवन्त – जिन्दा।
- कसक – टीस, पीड़ा।
- सहमति – राय।
- इकरारनामा – करारपत्र।
- उमंग – उल्लास, जोश।
- नज़ाकत – सुकुमारता।
- अदृष्ट – लुप्त।