Gujarat Board GSEB Std 12 Hindi Textbook Solutions Chapter 12 रेडियम की आत्मकथा Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.
GSEB Std 12 Hindi Textbook Solutions Chapter 12 रेडियम की आत्मकथा
GSEB Std 12 Hindi Digest रेडियम की आत्मकथा Textbook Questions and Answers
स्वाध्याय
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उनके नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनकर दीजिए :
प्रश्न 1.
अग्निकुंड सिकुड़कर क्या बन गया?
(क) रेडियम
(ख) युरेनियम
(ग) पृथ्वी
(घ) कुछ भी नहीं
उत्तर :
(ग) पृथ्वी
प्रश्न 2.
रेडियम की मित्रता किससे होती है?
(क) खनिज धातुओं से
(ख) पानी से
(ग) हवा से
(घ) पृथ्वी के जीवों से
उत्तर :
(क) खनिज धातुओं से
प्रश्न 3.
आयोनियम रेडियम के बीच क्या रिश्ता है?
(क) भाई-भाई का
(ख) मित्र-मित्र का
(ग) पिता-पुत्र का
(घ) पुत्र – पिता का
उत्तर :
(ग) पिता-पुत्र का
प्रश्न 4.
रेडियम किस प्रजा से दुखी है?
(क) अमरीकी
(ख) भारतवासी
(ग) जापानी
(घ) चीनी
उत्तर :
(ख) भारतवासी
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए :
प्रश्न 1.
‘रेडियम’ कहाँ रहना नहीं चाहता था?
उत्तर :
रेडियम पृथ्वी के ऊपरी भाग पर नहीं रहना चाहता था।
प्रश्न 2.
वैज्ञानिकों ने रेडियम के साथ कैसा व्यवहार किया?
उत्तर :
वैज्ञानिकों ने रेडियम को उसके अन्य सहचर चिरसंगी धातुओं से अलग कर दिया और मनुष्यों के सामने उपस्थित कर दिया।
प्रश्न 3.
रेडियम की उत्पत्ति किस पदार्थ से हुई?
उत्तर :
रेडियम की उत्पत्ति ‘विच ब्लेडी’ नामक खनिज पदार्थ से हुई है।
प्रश्न 4.
रेडियम का सहोदर कौन है?
उत्तर :
रेडियम का सहोदर ‘हिलियम’ धातु है।
प्रश्न 5.
रेडियम के एक कण के बदले किस धातु के ढेर मिलते हैं ?
उत्तर :
रेडियम के एक कण के बदले सोने और प्लेटिनम धातु के ढेर मिलते हैं।
प्रश्न 6.
रेडियम के दो कण कहाँ संग्रहित हैं?
उत्तर :
रेडियम के दो कण लंदन के मिडल सेक्स अस्पताल में संगृहीत हैं।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-दो वाक्यों में लिखिए :
प्रश्न 1.
अनंत शून्य में रेडियम की स्थिति क्या थी?
उत्तर :
रेडियम अनंत शून्य में अकेला और निराधार था। वह अनंत शून्य में बहुत वर्षों तक इधर-उधर घूमता रहा।
प्रश्न 2.
खनिज तत्त्वों के वियोग पर रेडियम की क्या प्रतिक्रिया थी?
उत्तर :
खनिज तत्त्वों के साथ रेडियम की बड़ी गाढ़ी मित्रता थी। रेडियम के कथनानुसार वियोग का फल कड़वा होता है। वह चाहता तो वैज्ञानिकों और मनुष्यों को वियोग का फल चखा सकता था, पर उसने ऐसा नहीं किया, क्योंकि मनुष्यों ने उसे उच्च स्थान पर बैठाया था।
प्रश्न 3.
रेडियम अपने सम्मान की समानता किससे बताता है?
उत्तर :
रेडियम अपने सम्मान की समानता पशुओं में सिंह, देवताओं में इंद्र और कंकड़ों में रन से बताता है।
प्रश्न 4.
पारस पत्थर का कार्य क्या है?
उत्तर :
पारस पत्थर का नाम प्रसिद्ध है। पारस पत्थर अपने स्पर्श से लोहे को सोने में और जस्ते को चाँदी में परिवर्तित कर देता है।
प्रश्न 5.
रेडियम से कितने प्रकार की किरणें निकलती हैं? कौन-सी?
उत्तर :
रेडियम से तीन प्रकार की किरणें निकलती हैं। इनके नाम हैं- आल्फा, बीटा और गामा।
प्रश्न 6.
घाव पर रेडियम किस प्रकार उपयोगी होता है ?
उत्तर :
नासूर के रोगियों की चिकित्सा में रेडियम बहुत उपयोगी है। घाव के निकट जाते ही रेडियम की प्रकाश-किरण घाव पर पड़कर उसके विष को दूर कर देती है।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पाँच-छ वाक्यों में उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
रेडियम की उत्पत्ति का सविस्तार वर्णन करें।
उत्तर :
रेडियम की उत्पत्ति ब्रह्मांड के अनंत अकल्पनीय गृह में हुई थी। वह उस अनंत शून्य में न जाने कितने काल तक इधर-उधर घूमता रहा। फिर वह वायव्य सागर का एक अंश बनकर कई युगों तक वहाँ रहा। इसके बाद वह कई अरब वर्षों तक अत्यंत जलती हुई वस्तु का अंश बना रहा। लगभग चार संसारों में भटकते हुए पृथ्वी के नीचे की तह में अनेक धातुओं के साथ पड़ा रहा। वहाँ से न जाने कितने करोड़, पद्म वर्ष बाद वह पृथ्वी पर वैज्ञानिकों के हाथ लगा। इस प्रकार कल्पनातीत रेडियम की उत्पत्ति भी कल्पनातीत ढंग से हुई।
प्रश्न 2.
भारत के पास कौन-सी अमूल्य विरासत थी? वह अन्यों के पास कैसे चली गयी?
उत्तर :
भारत के पास पारस पत्थर नामक अमूल्य विरासत थी। ऐसा मानते हैं कि उसके स्पर्श से लोहा सोना बन जाता था और जस्ता चादी में बदल जाता था। यह पत्थर भारतीयों के पास था या वे निम्न श्रेणी की धातु को उच्च श्रेणी की धातु में बदलना जानते थे। पश्चिम के वैज्ञानिक भारतीयों की इस विरासत पर विश्वास नहीं करते थे।
लेकिन अब उनकी समझ में यह बात आने लगी है कि जैसे इठरानियम से रेडियम और रेडियम से हिलियम धातु बनती है, उसी प्रकार अन्य धातुएं भी एक-दूसरे का रूपांतरण ग्रहण कर सकती है। इस प्रकार भारतीयों की विरासत पश्चिमी वैज्ञानिकों के पास चली गई।
प्रश्न 3.
रेडियम की उपयोगिता के बारे में अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
रेडियम एक अनमोल धातु है। अनमोल होने के साथ ही तर मानत हित में भी अदभत कार्य करती है। रेडियम से नासर के रोगियों की चिकित्सा की जाती है। घाव के निकट आते ही रेडियम की प्रकाश-किरण घाव पर पड़ती है और उसका विष दूर कर देती है। रेडियम के नाम से बनी कृत्रिम वस्तु का उपयोग घड़ी की सुइयों में किया जाता है। ये सुइयाँ अंधेरे में भी चमकती हैं और समय का ज्ञान कराती हैं। इस प्रकार रेडियम अत्यन्त उपयोगी धातु है।
प्रश्न 4.
खुद की कृत्रिम रचना के बारे में रेडियम के उद्गार को स्पष्ट करें।
उत्तर :
रेडियम का कहना है कि मेरा ही नाम धारणकर एक कृत्रिम वस्तु चल निकली है। इसे घड़ियों में लगा देने से वह अंधेरे में स्वयं चमकने लगती है। इस तरह मैं सारे ब्रह्मांड का चक्कर लगाकर तुम्हारी कलाई की घड़ी में मौजूद हूँ। इतनी यात्रा के बाद भी तुम यह मत समझ लेना कि यहाँ आकर मेरी यात्रा पूरी हो गई। मैं अभी और यात्रा करूंगा और करता रहूंगा। – इस प्रकार रेडियम को भविष्य में अपनी अधिक से अधिक उपयोगिता पर विश्वास है।
5. आशय स्पष्ट कीजिए :
प्रश्न 1.
वियोग का फल कड़वा होता है।
उत्तर :
मिलन और वियोग दो विपरीत स्थितियां हैं। मिलन में आनंद होता है जब कि वियोग में एक-दूसरे से अलग होने का दुःख होता है। कभी-कभी यह दुःख असह्य रूप धारण कर लेता है और उसकी व्याकुलता बढ़ जाती है। किसी भी तरह मन को चैन नहीं मिलता। प्रिय की याद निरंतर मन को बेचैन किए रहती है। इस तरह वियोग का फल कड़वा होता है।
प्रश्न 2.
देवताओं में इन्द्र और कंकड़ में रत्न समान होना ।
उत्तर :
महत्त्वाकांक्षा का कभी कोई अंत नहीं होता। रेडियम भी सर्वश्रेष्ठ धातु बनने की महत्त्वाकांक्षा रखता था। उसकी इच्छा थी कि जैसे देवताओं में इंद्र का स्थान सबसे ऊंचा और कंकड़ों में हीरा जैसा रत्न सर्वश्रेष्ठ है, उसी तरह धातुओं में मुझे भी इनके समान ही श्रेष्ठ स्थान मिले।
GSEB Solutions Class 12 Hindi रेडियम की आत्मकथा Important Questions and Answers
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में लिखिए :
प्रश्न 1.
रेडियम को छूने से क्या होता है?
उत्तर :
रेडियम को छूना खतरनाक होता है। इसे छूने पर हाथ में बड़े-बड़े फफोले पड़ जाते हैं और उनमें असह्य दर्द होता है।
व्याकरण
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची (समानार्थी) शब्द लिखिए :
- सामर्थ्य = शक्ति
- उत्पत्ति = जन्म
- ज्योर्तिमय = प्रकाशवाली
- अवस्था = दशा
- उत्तम = श्रेष्ठ
- यात्रा = सफर
- सहचर = साथी
- विद्यमान = उपस्थित
- सहानुभूति = हमदर्दी
- वियोग = विछोह, विरह
- धाक = दबदबा
- श्रेणी = दर्जा
- अनुमान = अंदाज़
- चिकित्सा = इलाज
- तत्काल = फौरन, तुरंत
- करामात = अजूबे
- विलक्षण = अद्भुत
- कृत्रिम = नकली
- दास = सेवक
निम्नलिखित शब्दों के विलोम (विरुद्धार्थी) शब्द लिखिए :
- सामर्थ्य × असामर्थ्य
- निराधार × साधार
- सहा × असह्य
- जीवित × मृत
- सुशोभित × अशोभित
- विस्तार × संक्षेप
- निर्जल × सजल
- मरुभमि × मैदान. मधवन
- आवश्यक × अनावश्यक
- निद्रा × जागृति
- मित्रता × शत्रुता
- उपस्थित × अनुपस्थित
- वियोग × संयोग
- कड़वा × मीठा
- मंजूर × नामंजूर
- सम्मानित × अपमानित
- उच्च × निम्न
- सत्यता × असत्यता
- समस्या × समाधान
- बहुमूल्य × मूल्यहीन
- सुरक्षित × असुरक्षित
- उपयोगिता × अनुपयोगिता
- प्रकाश × अंधकार
- रोगी × निरोगी
- निकट × दूर
- विष × अमृत
- शीघ्र × विलंब
- कृत्रिम × असली, वास्तविक
- मौजूद × गैरमौजूद
- आदर × निरादर
- अधिकार × कर्तव्य
- दास × स्वामी
निम्नलिखित तद्भव शब्दों के तत्सम रूप लिखिए :
- हाथ – हस्त
- चक्कर – चक्र
- हंसी – हास्य
निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय अलग कीजिए:
- अकेला = एक + एला (प्रत्यय)
- ज्योर्तिमय = ज्योतिः + मय (प्रत्यय)
- खनिज = खान + इज (प्रत्यय)
- परिचित = परिचय + इत (प्रत्यय)
- गुलाबी = गुलाब + ई (प्रत्यय)
निम्नलिखित शब्दों में से उपसर्ग अलग कीजिए :
- अनंत = अन् (उपसर्ग) + अंत
- अपरिचित = अ (उपसर्ग) + परिचित
- निराधार = निर् (उपसर्ग) + आधार
- अत्यंत = अति (उपसर्ग) + अंत
- निर्जल = निः (उपसर्ग) + जल्ल
- निमग्न = निः (उपसर्ग) + मग्न
निम्नलिखित शब्दसमूहों के लिए एक-एक शब्द लिखिए :
- संपूर्ण विश्व – ब्रह्मांड
- जिसका अंत नहीं है – अनंत
- जिससे परिचय नहीं है – अपरिचित
- जिसका आधार नहीं है – निराधार
- ज्योति से पूर्ण – ज्योर्तिमय
- पश्चिम और उत्तर के बीच की दिशा – वायव्य
- जो सहा न जाए – असह्य
- जहाँ जल नहीं है – निर्जल
- विशाल रेतीला क्षेत्र – मरुभूमि
- वह समय जब सबकुछ नष्ट हो जाता है – प्रलय
- कुछ समय बाद – कालांतर
- पूरी तरह डूबा हुआ – निमग्न
- खान से उत्पन्न – खनिज
- अधिक समय तक साथ देनेवाला – चिरसंगी
- विज्ञान का पंडित – वैज्ञानिक
- जो किसी की अनुकृति न हो – मौलिक
- देवताओं का राजा – इंद्र
- वह पत्थर जिसके स्पर्श से लोहा सोना बन जाता है – पारस
- बहुत मूल्यवाली – बहुमूल्य
- काम में आने लायक – उपयोगी
- वह घाव जिससे मवाद निकलता रहता हो – नासूर
- उसी समय – तत्काल
- जो कद्र करता है – कद्रदान
निम्नलिखित अशुद्ध वाक्यों को शुद्ध करके फिर से लिखिए :
प्रश्न 1.
- मुझे मिलाकर पानी में रख दो।
- तुम मुजे अच्छी तरह समझ लो।
- माँ को झुट से नफरत है।
- मैं बहोत थक गया हूँ।
- पृथ्वी एक गृह है।
उत्तर :
- मुझे पानी में मिलाकर रख दो।
- तुम मुझे अच्छी तरह समझ लो।
- मां को झूठ से नफरत है।
- मैं बहुत थक गया हूँ।
- पृथ्वी एक ग्रह है।
निम्नलिखित मुहावरे का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए :
गुल खिलाना- कोई अचम्भे की बात करना
वाक्य : कुछ दिनों के बाद श्याम ने ऐसा गुल खिलाया कि आफिस के लोग चकित रह गए।
रेडियम की आत्मकथा Summary in Hindi
विषय-प्रवेश :
रेडियम एक बहुमूल्य एवं उपयोगी पदार्थ है। इसका मूल्य सोने और प्लेटिनम से कहीं ज्यादा होता है। चिकित्सा के क्षेत्र में इसका बहुत महत्त्व है और इसका उपयोग असाध्य बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। प्रस्तुत निबंध में रेडियम के आविष्कार एवं उसके वर्तमान अवस्था में पहुँचने की कठिन यात्रा का आत्मकथनात्मक शैली में सरल ढंग से रोचक एवं जानकारीपूर्ण वर्णन किया गया है।
पाठ का सार :
रेडियम की उत्पत्ति : रेडियम की उत्पत्ति ब्रह्मांड के अनंत अकल्पनीय गृह में हुई थी। वह उस अनंत शून्य में जाने कितने काल तक इधर-उधर घूमता रहा। फिर वह वायव्य सागर का एक अंश बनकर कई युगों तक वहाँ रहा। इसके बाद वह कई अरब वर्षों तक अत्यंत जलती हुई वस्तु का अंश बना रहा।।
पृथ्वी पर : रेडियम एक संसार से दूसरे संसार में, दूसरे से तीसरे और तीसरे से चौथे आदि अनेक ब्रह्मांडों की यात्रा करते हुए उस अग्निकुंड में गिरा, जो सिकुड़ते-सिकुड़ते पृथ्वी बन गया था। यह पृथ्वी के नीचे की तह में अपने सहचर धातुओं के साथ पड़ा रहा। यहाँ वह जाने कितने करोड़, पद्म वर्ष तक यों ही पड़ा रहा।
वैज्ञानिकों के हाथ : धरती के ऊपरी भाग के कट-कटकर समुद्र में डूबते जाने से रेडियम हजारों वर्षों में ऊपर की ओर निकलता गया। अंत में वह वैज्ञानिकों के हाथ लग गया और उन्होंने इसे मनुष्यों के सामने उपस्थित कर दिया।
रेडियम का निर्माण : रेडियम का निर्माण ‘विच ब्लेंडी’ नामक खनिज पदार्थ से हुआ था। इसके पितामह ‘इउरानियम’ थे और ‘आयोनियम’ इसके पिता हैं। इठरानियम को कुछ देर यों ही रख दिया जाए, तो इससे वह ‘आयोनियम’ और आयोनियम से ‘रेडियम’ बन जाता है।
पारस पत्थर : पारस वह पत्थर है, जिसके स्पर्श से लोहा भी सोना बन जाता है। जस्ता चाँदी में बदल जाता है। यह पत्थर भारतीयों के पास था या वे निम्न श्रेणी की धातु को भी उच्च श्रेणी की धातु में बदलना जानते थे। पर पश्चिम के वैज्ञानिकों ने इसे नहीं माना। अब उनकी समझ में यह बात आने लगी है कि जैसे इउरानियम से रेडियम और रेडियम से हिलियम धातु बनती है, उसी प्रकार अन्य धातुएँ भी एक-दूसरे का रूपांतर ग्रहण कर सकती हैं।
रेडियम का मूल्य : रेडियम बहुत मूल्यवान होता है। रेडियम के एक कण के दाम में सोना और प्लेटिनम हेर-के-हेर मिल सकते हैं। आलपीन के सिरे के बराबर रेडियम के छोटे से टुकड़े का दाम पचहत्तर हजार रुपया होता है। लंदन के मिडल सेक्स अस्पताल में रेडियम के दो ऐसे छोटे कण हैं, जिन्हें खुर्दबीन से भी नहीं देखा जा सकता। इनकी कीमत तीस हजार रुपए है।
रेडियम की उपयोगिता : रेडियम से नासूर के रोगियों की चिकित्सा की जाती है। घाव के निकट जाते ही रेडियम की प्रकाश-किरण घाव पर पड़ती है और उसका विष दूर कर देती है। रेडियम भविष्य में बड़ीबड़ी करामाते दिखाएगा। रेडियम के नाम से बनी कृत्रिम वस्तु घड़ियों में लगी होती है, जो अंधेरे में चमकती है।
रेडियम को छूना खतरनाक : रेडियम को छूना खतरनाक होता है। इसे छूने पर हाथ में बड़े-बड़े फफोले पड़ जाते हैं और उनमें असह्य दर्द होता है।
भारत की अनेक खानों में : रेडियम भारत की अनेक खानों में विद्यमान है। इन्हें खोदकर निकालने की पहल करने की आवश्यकता है।
रेडियम की आत्मकथा शब्दार्थ :
- गेह – घर, मकान।
- सामर्थ्य – योग्यता, कुछ कर पाने की शक्ति।
- अपरिच्छिन्न – असीम, जिसका आरपार न हो।
- वायव्य – उत्तर-पश्चिम की दिशा।
- ज्योतिर्मय – जगमगाता हुआ, चमकता हुआ।
- महाप्रलय – वह प्रलय, जिसमें सारी सृष्टि का विनाश हो जाता है।
- कालांतर – समय बीत जाना।
- चिरसंगी – बहुत दिनों के साथी।
- विकीर्ण करना – बिखेरना, फैलाना।
- वियोग – किसी से बिछड़ने या दूर होने की क्रिया।
- कपोलकल्पित – मनगढ़त।
- पारस पत्थर – एक कल्पित पत्थर (कहते हैं यदि लोहा इससे छू जाए, तो सोना हो जाता है।), उपयोगी वस्तु।
- नासूर – पुराना घाव।
- तापक्रम – उष्णतामान।
- उपयोगिता – काम में आने की योग्यता।
- विलक्षण – अद्भुत, अनोखा।